Posts Tag: कहानी 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 54 Next Naval Pal Parbhakar 7 Feb 2017 · 15 min read जंगल में महासभा जंगल में महासभा आज जंगल में एक महासभा होने वाली है । जंगल के सभी जीव-जन्तु जंगल के सबसे ऊंचे टीले की तरफ भागे जा रहे हैं । इन जीवों... Hindi · कहानी 461 Share Naval Pal Parbhakar 6 Feb 2017 · 7 min read दूसरा जन्म दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और... Hindi · कहानी 534 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 6 Feb 2017 · 3 min read फॉर्मूला-ए-चुनावी शुभकामना चुनाव सम्पन्न होने के साथ ही राजनीति का बाजार गर्म हो जाता है. चुनाव के बाद किसी के किस्मत का दरवाजा खुल जाता है तो कोई एकदम बेकार हो जाता... Hindi · कहानी 1 877 Share Naval Pal Parbhakar 5 Feb 2017 · 4 min read मांग मांग कॉलेज के पिछे वाले ग्राऊंड में बहुत सारे पेड़ों के बीच एक लंबे-चौड़े छाया वाले पेड़ के नीचे सुमन किसी का इंतजार करते हुए बार-बार अपनी कलाई पर बंधी... Hindi · कहानी 530 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 2 min read ******पर्दे के पीछे का सच***** ***किसी ने क्या खूब कहा है*** *******कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती | *********लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती | -----आधुनिकता की चकाचौंध में इन पंक्तियों... Hindi · कहानी 814 Share धर्मेन्द्र राजमंगल 3 Feb 2017 · 9 min read कलंकी सुबह का समय था| सूरज निकला, उसकी स्वर्ण पीताभ किरणें मेरे मुंह पर आ रहीं थी| में बड़े आनंद से उनका अनुभव करते हुए नींद की गोद में सिमटने की... Hindi · कहानी 410 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 31 Jan 2017 · 1 min read मुझे खराब नहीं होना "मुझे खराब नहीं होना" (लघुकथा) ओजस्वदीप ,मूक-श्रोता और मूक-दृष्टा तो है ,पर ! कब समझदार हो गया ? ये पता ही नहीं चला | मैं सोचता था , कि ये... Hindi · कहानी 265 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 31 Jan 2017 · 3 min read उलझन (कहानी ) "उलझन" .............. शाम का समय ,आकाश में बादल छाये हुए थे, हवा तेज चल रही थी और मौसम भी जाड़े का ।लोग रजाई में दुबके पड़े गर्मचाय का आनन्द ले... Hindi · कहानी 1 1 352 Share Naval Pal Parbhakar 30 Jan 2017 · 4 min read बदलाव बदलाव वह औरत जिसका नाम कमला था । आज तो मुझे किसी भी किमत पर नही छोड़ने वाली थी । क्योंकि सुबह से ही हर किसी इंसान से या गली... Hindi · कहानी 504 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 3 min read माँ भारती की व्यथा " माँ भारती की व्यथा " सदियों से संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का अनूठा संगम लिए "माँ भारती" तिरंगे से बनी उज्ज्वल साड़ी में अपने बहुआयामी सौन्दर्य की अनुपमता के... Hindi · कहानी 386 Share Naval Pal Parbhakar 28 Jan 2017 · 9 min read पृथ्वी भ्रमण पृथ्वीभ्रमण नारायण-नारायण, महाराज विष्णु की जय हो। हे तीनों लोकों के स्वामी भगवान विष्णु आपकी जय हो। क्या बात है नारद मुनि, आपने बहुत दिनों बाद आज विष्णु लोक में... Hindi · कहानी 371 Share ila singh 26 Jan 2017 · 5 min read मेकिंगचार्ज *********** मेकिंगचार्ज *********** "टमाटर किस भाव? "बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया । "सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली... Hindi · कहानी 329 Share ओमप्रकाश क्षत्रिय 25 Jan 2017 · 5 min read बालकहानी- चतुराई धरी रहा गई. चतुराई धरी रह गई ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश" चतुरसिंह के पिता का देहांत हो चुका था. उस ने अपने छोटे भाई कोमलसिंह को बंटवारा करने के लिए बुलाया, “बंटवारे के पहले... Hindi · कहानी 459 Share आनन्द कुमार 24 Jan 2017 · 4 min read चल पड़ी जिस तरफ जिन्दगी वह पूरब की अंधेरी गलियों से होता हुआ, हमारे पश्चिमी मोहल्ले की गली मे उसने प्रवेश किया, जो बिजली की रोशनी से जगमगा रही थी । अचानक रोशनी युक्त गली... Hindi · कहानी 2 602 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 34 min read मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) कथाकार : महावीर उत्तरांचली "मोहन जी," ठीक मेरे पीछे से पुकारे गए किसी स्त्री स्वर ने मेरी तंद्रा भंग की। मैं पनवाड़ी की... Hindi · कहानी 1 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 16 min read नस्लें (प्रतिनिधि कहानी) "अरे भाई ये किसकी लाश है? हमारे बरामदे में क्यों रख रहे हो? हामिदा रोको इन्हें!" बुड्ढ़े गुलमुहम्मद ने अनजान बनते हुए कहा। हालाँकि कल रात को तार (Telegram) मिलने... Hindi · कहानी 1 568 Share yashwant viran 22 Jan 2017 · 7 min read जि़द....!! एक साधारण जिद्दी कहानी......"जिद...!!" नवाब साहब के एक हादसे में इंतकाल हो जाने के बाद रियासत वज़ीरनगर की बेगम हैं रज़िया परवीन। पचास-साठ की उम्रदराज़ एक जवान बेटे गुलफाम की... Hindi · कहानी 678 Share अजय कुमार मिश्र 21 Jan 2017 · 4 min read प्रेम का ज्वार-१ भाग-१- प्रेम का ज्वार ----------------- प्रीति बेलि जिनी अरुझे कोई,अरुझे मूए न छूटे सोई। प्रीति बेलि ऐसे तन बाढ़ा,पलुहत सुख बाढ़त दुःख बाढ़ा। प्रीति अकेली बेलि चढ़ जावा,दूजा बेलि न... Hindi · कहानी 531 Share आशीष त्रिवेदी 20 Jan 2017 · 3 min read जीवन धारा जब मि . गुप्ता ने कैफे में प्रवेश किया तब मि . खान और मसंद का ठहाका उनके कानों में पड़ा। उन्हें देखकर मि .खान बोले " आओ भाई सुभाष... Hindi · कहानी 280 Share ओमप्रकाश क्षत्रिय 18 Jan 2017 · 4 min read बालकहानी - घमंडी सियार घमंडी सियार ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश" काननवन में एक सियार रहता था. उस का नाम था सेमलू. वह अपने साथियों में सब से तेज व चालाकी से दौड़ता था. कोई उस... Hindi · कहानी 427 Share mohit kumar 14 Jan 2017 · 1 min read बेटियां एक बार घटित हुआ वो किस्सा फिर उसने शोर मचाया सबको जगाया जग जग मै चर्चित होकर थम सा गया ये किस्सा था बेटियों के जन्म मै मरण का जमाना... Hindi · कहानी 513 Share जयति जैन 'नूतन' 8 Jan 2017 · 5 min read गलती का एहसास- कहानी " रिश्ते-नाते तोड दीये" - मुकदमा एकसाल तक चला। आखिरकार करुण और समता में तलाक हो गया। तलाक के कारण बहुत मामूली थे। पर मामूली बातों को बड़ी घटना में... Hindi · कहानी 2 1k Share आशीष त्रिवेदी 7 Jan 2017 · 3 min read मान विभा के माथे पर सदैव सिंदूरी बिंदी सजी रहती थी. वह बड़े चाव से इसे लगाती थी. उसके लिए यह प्रतीक थी उसके सुखी वैवाहिक जीवन की. उसके प्रेम की... Hindi · कहानी 2 611 Share इंदु वर्मा 5 Jan 2017 · 2 min read दीयों में जल रहा बचपन "साहब साहब 10 के छः हैं ले लीजिये न एक दम पक्के हैं देखो तो सही ये देखो इस दीये पर रंगो से डिज़ाइन भी बना है... अच्छा ठीक है... Hindi · कहानी 1 414 Share Raju Gajbhiye 4 Jan 2017 · 3 min read **** प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश **** सर ! आपका संस्थान का प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश यह विज्ञापन पढ़ा है | आप प्रबंधन , फोटोग्राफी , मल्टीमीडिया , साफ्टवेअर , हार्डवेअर , पत्रकारिता , फैशन , कॉल... Hindi · कहानी 707 Share manisha joban desai 3 Jan 2017 · 5 min read ये मेरा दोष है? ये मेरा दोष है? अपने वार्डरोब से जल्दी से साड़ी निकालकर पहन ली और पर्स के साथ हॉस्पीटल चेकअप की फ़ाइल लिए हुए सुविधा ने रूम लोक किया ।इतने में... Hindi · कहानी 309 Share आशीष त्रिवेदी 27 Dec 2016 · 3 min read हवेली वृंदा जिस समय हवेली पहुँची वह दिन और रात के मिलन का काल था. उजाले और अंधेरे ने मिलकर हर एक वस्तु को धुंधलके की चादर से ढंक कर रहस्यमय... Hindi · कहानी 585 Share आशीष त्रिवेदी 26 Dec 2016 · 2 min read लकीर इन गलियों में रमन ने पहली बार कदम रखा था। मेकअप लगाये झरोखों से झांकते चहरे जो हाव भाव से उसे अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे थे। संभावित... Hindi · कहानी 338 Share आशीष त्रिवेदी 26 Dec 2016 · 2 min read वेलकम होम कार तेज़ी से अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी। कार की पिछली सीट पर रोहन उदास बैठा था। वह अपने दादा जी के घर जा रहा था। उन दादा... Hindi · कहानी 547 Share Kokila Agarwal 23 Dec 2016 · 1 min read बांझ सुमन गर्म कपड़ो का संदूक खोले कितनी देर से बैठी थी। बेटे का पुराना लाल स्वैटर झटककर पहन लिया था दूर से आई एक आवाज , मां कार बनाना इस... Hindi · कहानी 2 348 Share आशीष त्रिवेदी 22 Dec 2016 · 3 min read खुशियों का खजाना बात तकरीबन बीस वर्ष पुरानी है। यह मोहल्ला लोअर मिडिल क्लास लोगों का था। जिनकी आमदनी छोटी किन्तु ख्वाहिशें बड़ी थीं। मोहल्ले में एक चीज़ की चर्चा बड़े ज़ोरों पर... Hindi · कहानी 422 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 7 min read मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान मेरा आत्मसम्मान रात ऐसे मध्यम सी ढल रही थी । अपनी बाल्कनी से नीचे झाँकते हुअे, रितीमा विहार का इंतजार कर रही थी ।धीमी बारिश भी आ रही... Hindi · कहानी 339 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read मेरा विश्र्वास मेरा विश्र्वास यूॅंही माेल में घूमते हुए आठ बज चुके थे। मौनवी ने मोबाइल से नरीत को बताया , "मुझे थोड़ी देर लग जायेगी ,मै अपनी ड्रेसमेकर के यहाँ जाकर... Hindi · कहानी 357 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 4 min read शाम का साया शाम का साया तेज दौड़ती हुई ट्रेन की खिड़की के पास बैठी हुई तक्षवी, उड़ती हुई लटो को संभालती घड़ी में टाइम देख रही थी । बस, अब आधा घंटा... Hindi · कहानी 1 504 Share manisha joban desai 13 Dec 2016 · 9 min read समजौता समझौता अभी तो सुबह के ८- ३० हुए थे ।। जल्दी तैयार होकर नित्या एक्स्ट्रा क्लास के लिए अपनी कार लेकर निकल ही रही थी कि रीमा आंटी और उनकी... Hindi · कहानी 358 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 9 min read कुछ तूटा है दिलमें... कुछ टूटा है दिल में .... मानसी बहेेती नदी की लहरों को रेलिंग के पास खड़ी हुई एकटक देखे जा रही थी ।बस ,ये ज़िंदगी तो यूँही बहेती जा रही... Hindi · कहानी 1 1 506 Share manisha joban desai 12 Dec 2016 · 4 min read स्वरिता 'अरे ,चलो देर हो रही है 'कहते हुँऐ अंगना अपनी छोटी सी बेटी स्वरिता को हाथ खींचकर कार में बिठाने लगी । 'नहीं आना हे मुझे आपके साथ मम्मा,मुझे यहाँ... Hindi · कहानी 355 Share हेमा तिवारी भट्ट 11 Dec 2016 · 4 min read फौजी परिवार वे दुःख भरे अनुभव फिर ताजा हो गये|मैं चार माह की गर्भवती थी,जब सियाचिन ग्लेशियर जैसे दुर्गम पोस्ट में इनकी तैनाती हुई|घर में पहली संतान की आमद होने को थी,घर... Hindi · कहानी 1 364 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 8 Dec 2016 · 3 min read थप्पड़.... एक छोटी सी कोशिश..।।।। थप्पड़.....।।। व्हील चेयर पर बैठी मनोरमा देवी सूई मे धागा लगाने की बार बार कोशिश कर रही थी पर उनकी बूढी आँखे उनका साथ नही दे... Hindi · कहानी 578 Share आशीष त्रिवेदी 6 Dec 2016 · 6 min read कागज़ की कश्ती आज कुछ बच्चों को कागज़ की नाव चलाते देख कर मुझे मेरा बचपन याद आ गया. मेरा गांव का घर और उसका आंगन. आंगन में भागता मैं और मुझे पकड़ने... Hindi · कहानी 395 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read क्या करे क्या करे---- खुशी , कैसी खुशी अर्जित कर रहा था अखिल जो किसी के आंसुओं से लिखी है, जबरन किसी की जड़ो को काटने से मिली है। सुमन देर तलक... Hindi · कहानी 3 357 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read अंतहीन यात्रा शरीर, क्या है, बस जन्म लेने का माध्यम या फिर एक सौभाग्य भी जन्म देने का। सुमन की थरथराती ऊंगलियां अपने ही शरीर को टटोलकर देखती रहीं बहुत देर तक।... Hindi · कहानी 3 1 328 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read नंगे पांव अंजिली आखिर कितनी देर आंसुओं से तन मन भिगोती , रात कब तक अपनी परछाई से उसकी आंखो में घुलती। शायद मंदिर के घण्टे ने तीन बजाये थे, आंखे बोझिल... Hindi · कहानी 4 476 Share आशीष त्रिवेदी 4 Dec 2016 · 3 min read कैसे कैसे रंग दरवाज़ा खोला तो सामने जो शख्स खड़ा था कुछ पहचाना सा लगा। याद करने का प्रयास कर ही रहा था की वही बोल पड़ा " क्या हुआ पहचाना नहीं मैं... Hindi · कहानी 486 Share आशीष त्रिवेदी 4 Dec 2016 · 4 min read सौर दिनेश को आज घर लौटने में देर हो गयी थी। जूते उतार कर वह पलंग पर लेट गया। वह बहुत थका हुआ था। आज का दिन अच्छा नहीं बीता था... Hindi · कहानी 314 Share Neeraj Chauhan 30 Nov 2016 · 4 min read कहानी : अनसुलझी पहेली "कल सुबह तुमसे मैट्रो पर मिलना है" किशन की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, जब उसने नव्या का ये मैसेज देखा। आखिर कितने दिनों के बाद नव्या ने किशन को... Hindi · कहानी 2 528 Share MridulC Srivastava 26 Nov 2016 · 1 min read नोटबन्दी बिना किसी बैकप के,इक्के के पीछे घोड़े को बान्ध कर दौड़ाने वाले मोदी जी भारत के पहले प्रधान सेवक हैं l 500 और 1000 के नोटों की कुल हिस्सेदारी भारत... Hindi · कहानी 437 Share manan singh 20 Nov 2016 · 1 min read चोर(लघु कथा) चोर(लघु कथा) ************ गाँव में चोरों का प्रकोप बढ़ रहा था। लोग परेशान थे।आये दिन किसी-न-किसी घर में चोरी हो जा रही थी। ग्राम प्रधान ने नई योजना बनाई। पूरा... Hindi · कहानी 1k Share आनन्द विश्वास 16 Nov 2016 · 10 min read चिड़िया फुर्र... अभी दो चार दिनों से देवम के घर के बरामदे में चिड़ियों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही हो गई थी। चिड़ियाँ तिनके ले कर आती, उन्हें ऊपर रखतीं और फिर... Hindi · कहानी 597 Share PRATIK JANGID 15 Nov 2016 · 2 min read मुझे याद हे मुझे याद हे जब तुम मेरा हाथ मांगने आये थे I थोडा घबराये और कितना शरमाये थे I बाते करने में भी तुम कितना हिचकाये थे जब में चाय की... Hindi · कहानी 390 Share Previous Page 54 Next