Posts Tag: कविता 57k posts List Grid Previous Page 2 Next अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read जो पहले थी वो अब भी है...! बेरहम वही फिर ख़ामोशी... जो पहले थी वो अब भी है..! अंज़ाम वही फिर मायूसी... जो पहले थी वो अब भी है...! कितने पतझड़, कितने वसंत, कितने सावन आये, जाये..... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 1 11 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read मुलाकात ! अब न उनसे फिर मुलाकात होगी अब न दिन ढलेगा, न ख़त्म रात होगी अब न उन राहों पर फिर हम चलेंगे अब न गिले-शिकवों की तहकीकात होगी कभी भीड़... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 1 8 Share Sûrëkhâ Rãthí 8 May 2024 · 1 min read अधूरा प्रयास अधूरा प्रयास चलता रहेगा कारवां रोको नहीं कदम… उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होगी कम… कितनी मुसीबतें, तुम्हारी राह में आए… फिर भी कभी ना तुम्हारी चाह में आए… लड़कर... Poetry Writing Challenge-3 · उम्मीद · कविता · प्रयास · हिम्मत 1 7 Share Sûrëkhâ Rãthí 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी मां बूढ़ी मां जब सांसे मेरी चलती थी तो तेरा रवैया कुछ और था एक रोटी के टुकड़े के खातिर तूने दिया मुझे झंझोड़ था। एक गिलास पानी पिलाने के कारण... Poetry Writing Challenge-3 · ओ माँ · कविता · बुढ़ापा · समय का चक्र 1 6 Share Sûrëkhâ Rãthí 8 May 2024 · 1 min read चुप रहो चुप रहो मां हमेशा झड़कती थी…चुप रहो बच्ची ज्यादा नहीं बोलते। थोड़ी सी बड़ी हुई तो… थोड़ी सी बड़ी हुई तो मां फटकार लगाती चुप रहो बड़ी हो रही हो... Poetry Writing Challenge-3 · उम्र का पहिया · कविता · महिला सशक्तिकरण · महिलाओं की स्थिति 1 5 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read कम्बख्त सावन अभी-अभी तो तुमसे नजदीकियाँ परवान चढ़ ही रही थी अभी-अभी तो किसी की चाहत के अंकुर दिल में फूट ही रहे थे अभी-अभी तो समंदर की लहरें किनारों से दोस्ती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 10 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read मानव का मिजाज़ चलते चलते एक दिन मैंने पूछ ही लिया धूप से क्यों इतना गर्माती है क्यों मुसाफ़िर को झुलसाती है अपनी गर्मी पर क्यों इतना इतराती है आग उगलते लू के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 8 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read उनकी ही कमी खलती है नजरें क्या मिली उनकी पलकों में झूल गए उनकी गली में आकर इश्क क्या है भूल गए उनका ठिकाना बदला हम परेशान हो गए हमारी नई पड़ोसन बनी हैं हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 8 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *प्रेम नगरिया* *प्रेम नगरिया* धूप और छांव सा साथ हमारा वर्षा और बूंद सा एहसास हमारा निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा हो बिन शब्दों की अद्भुत भाषा हो कितना मधुर हो हम दोनों... Hindi · कविता · गीत 9 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read मेरे कॉलेज की वह लड़की मैं कदापि इनकार नहीं कर सकता कि वह लाखों में एक है वह लड़की जो है मेरे कॉलेज की है उसकी चुंबकीय मुस्कान मेरी नजरों को अपनी ओर आकर्षित कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू वासना का भोगी है तू धन का लालच कितना तुझमें अरे बड़ा फरेबी है तू मिथ्या अभिमान दिखावा खातिर कितना बड़ा ढोंगी है तू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read अपना उल्लू सीधा करना खाना पीना और खिलाना यही चलन ही यही जमाना भोलेपन का लाभ उठाना बल के आगे दुम हिलाना उसको भावे वही दिखाना चाहे उसका पानी भरना जैसे भी हो कैसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read जनसंख्या का भार आजाद भारत की आबादी होने को डेढ़ अरब के पार कब तक भारत सह सकेगा जनसंख्या का भार। समस्या यह छोटी नहीं है यह हमें समझना होगा राजनीति से ऊपर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read फेसबुक को पढ़ने वाले फेसबुक को पढ़ने वाले मिल जाएंगे आपको करोड़ों में पर साहित्य को पढ़ने वाले मिलेंगे हमें बस हजारों में । तो क्या साहित्य का मूल्य अब वह नहीं रह गया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read मैं एक नदी हूँ मैं एक नदी हूँ हाँ मैं वही नदी हूँ जिसे तुम माँ कहते हो जिसकी तुम पूजा करते हो। जिसका अपार वर्णन वेदों पुराणों में है। मैं मानव सभ्यता की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 May 2024 · 1 min read हे जीवन पथ के पंथी हे जीवन पथ के पंथी तू जा कहाँ रहा है यह पथ जरा कठिन है चलना जरा संभल के इस मार्ग में है रोड़े ,कांटों की चुभन है क्या सहन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share डॉ. एकान्त नेगी 8 May 2024 · 1 min read सफ़र का अंत तुमने कहा था कि तुम मुझसे बेइंतहा प्रेम करती हो तब तुम्हारी आंखें नम थी, गला भी भर आया था तुमने कहा था कि तुम मुझसे अनंत प्रेम करती हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share Neelam Sharma 8 May 2024 · 1 min read वोट कर! 1222 1222 अगर द़स्तार बदलेगा । तभी किरदार बदलेगा। हमारे ही तो वोटों से, दरो - दीवार बदलेगा । मुखौटा ग़र हटा दोगे, तभी अय्यार बदलेगा। समय पहले न जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · वोट कर 9 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्रभु गुण कहे न जाएं तिहारे प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे,प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे शेष शारदा कवि कोविद गण, वर्णित वर्णित हारे।। प्रभु ... देव दनुज नर नाग और किन्नर ,यक्ष ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read मैंने दी थीं मस्त बहारें हैं मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली जन्नत से धरती सौंपी थी, तुमने मैली कर डाली मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली मैंने बांटी प्रेम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्यार का ऐसा सर संधान रे प्यार का ऐसा सर संधान बीज नष्ट नफरत का हो सुरभित हो सकल जहांन मिट जाए आतंक जगत से हिंसा और अज्ञान प्यार का ऐसा सर संधान प्रेम पले नफरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read सोच समझ कर वोलो वाणी रे शब्द ब्रह्म संसार है वाणी सरस्वती का वरदान है वाणी वीणा का संगीत है वाणी ज्ञान और विज्ञान है वाणी अमृत वचनों का सार है वाणी ईश्वर का वरदान है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read धरती बोली प्रेम से जग में सुंदर एक है, एक ईश्वर का नाम कोई अल्लाह कहत है, कोई कहता है राम धरती बोली प्रेम से, सुन मानस के हंस सकल जगत में बस रहा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नहीं अन्न और जल होगा आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा जीवन पर संकट के बादल, संघर्ष यहां पल पल होगा नहीं मिलेगा पीने पानी , नहीं अन्न और फल होगा पर्यावरण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नित नई तलाश में छोड़ कर पल सुहाने, ढूंढ रहा कल सोच कर पल पुराने, हो रहा विकल पा न सका शांति, जीवन गया निकल संतोष बिना सुख के, मिलते नहीं हैं पल तृष्णा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Satish Srijan 8 May 2024 · 1 min read छोटे छोटे सपने अपने छोटे छोटे सपने, गांव गली में मिल जाते हैं। उनको ही पाकर के सृजन, मुरझाये दिल खिल जाते हैं। इक छत, कपड़ा दो जोड़ी भर, तीन जून का खाना।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Ghanshyam Poddar 7 May 2024 · 1 min read मतदान जागरूकता डम ! डम ! डम ! डम ! डम ! डम ! डमरू बजा बजाकर मुनादी सुनाने आया हूं जागरूकता फैलाने आया हूं. डम ! डम ! डम ! डम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share ★ IPS KAMAL THAKUR ★ 7 May 2024 · 1 min read ★डॉ देव आशीष राय सर ★ आदरणीय श्री डॉक्टर देव आशीष राय सर को कृषि विद्या में निरंतर समर्थन और सुझाव देने के लिए अर्पित । पौधों को रोगों से बचाने वाले डॉक्टर देव आशीष राय... Hindi · Teachers Day · Viral · कविता 6 Share Surinder blackpen 7 May 2024 · 1 min read जिंदगी पेड़ जैसी है जिंदगी पेड़ जैसी है ,कभी खिजां,कभी बहार। रंग बिरंगे रंगों से सजी,कभी नफरत,कभी प्यार। कभी ये हरी भरी फूलों से ,कभी है सूखा शज़र। देख कैसे फलेगी फूलेगी, थोड़ा इससे... Hindi · कविता 1 7 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 7 May 2024 · 2 min read सुहागन की अभिलाषा🙏 सुहागन की अभिलाषा🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 रंग रंगीली छैल छबीली बनी चित चकोरी नारी सुहागिन चाहत अनमोल देश दुलारी सपना अपना निज अभिलाषा लाल पधारो मोरे आंगना आस लगाए आतुर देख रही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 13 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम महाशक्ति ईश्वर की प्रेम है महाशक्ति ईश्वर की जो ब्रह्मांड चलाती है आकर्षण की डोर है यह रिश्तो में गूंथी जाती है प्रेम के हैं सब रिश्ते नाते प्रेम ही सदा निभाता है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 7 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 May 2024 · 1 min read आह और वाह आह और वाह क्या है , बस तकदीर का तमाशा है । किसी के दामन में सौगात , तो किसी के अश्क बेतहाशा है । हीरा हैं या पत्थर ,मालूम... Hindi · कविता 1 23 Share Mahima shukla 7 May 2024 · 1 min read 🌸साहस 🌸 -🌸साहस 🌸- ========= छोड़ दिया जाए हमें अपनी किस्मत पर अपनी दुनिया हमें खुद ही बसानी है नहीं सहना किसी के जुल्म और ज्यादा हमें हक़ अपने खुद ही लेने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Mahima shukla 7 May 2024 · 1 min read 11-🌸-उम्मीद 🌸 11- "🌸उम्मीद 🌸" ======== किसी तारीख- किसी जलसे की ख्वाहिश नहीं, सुबह-ओ- शाम हम अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं नज़र उठाये आगे बढ़ने की बस कोशिश की है मंज़िल दूर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read बड़े गुरुओं का एक ही कहना बड़े गुरुओं का एक ही कहना, माता पिता की सेवा करना । जीवन में यदि खुश है रहना, उनको एक पल दुःख ना देना , भाव हृदय मे अपने भरना।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 5 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 7 May 2024 · 1 min read जवान और किसान जय जवान और जय किसान का नारा सबसे प्यारा दोनों ही हम सबके रक्षक ऐसा हिंदुस्तान हमारा एक करे सरहद की रक्षा दूजा करे जीवन की रक्षा जवान को हिम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 7 Share Satish Srijan 7 May 2024 · 1 min read कलेवा लोहे की कड़ाही का, कलेवा खाना छोड़ा जबसे। तन को बीमारी ने, मनुज को लिया जोड़ा तबसे। सुबह की दातून छूटी, आपस में बातून छूटी। तांबे का लोटा छूटा, अनाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Satish Srijan 7 May 2024 · 1 min read ड़ माने कुछ नहीं ड़ माने कुछ नहीं ------------------ चलो लिखें एक कविता टेढ़ी, भले हो जाये पंगा। क ख ग घ बढ़िया हैं पर, व्यर्थ है अक्षर 'ड़'। व्यंजन के सारे अक्षर का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Dr. Priya Gupta 7 May 2024 · 1 min read *ट्रक का ज्ञान* *ट्रक का ज्ञान* हो रही थी कॉलेज की देर, सरपट स्कूटी दौड़ाई। सुबह उठकर भी कॉलेज, जल्दी पहुंच न पाई। जबरदस्त गर्मी संग, रास्ते में भीड़ और पाई। रेलवे ट्रैक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Awneesh kumar 7 May 2024 · 1 min read होके रुकसत होके रुकसत कहा जाओगे जहा भी जाओगे वहा की यादों में हमे ही पाओगे हर गली हर चौराहे पर हम दोनो ने यादों के बीज बोए है इतनी आसानी से... Hindi · Bewafa Shayari · Dard Shayari · Pyar · कविता 6 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बस करो, कितना गिरोगे... बस करो, कितना गिरोगे ? पाप कितने सिर धरोगे ? जुल्म ढाकर निर्बलों पर, कर रहे क्यों बात खोटी ? लट्ठ ले यम आ गया तो, खींच लेगा खाल मोटी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read सतगुरु से जब भेंट हुई सतगुरु से जब भेंट हुई तो, मन हृदय बदल गया, खुल गये चक्षु ज्ञान मेरा, जब अहंकार मिटा। सतगुरु से जब भेंट हई तो, कुछ भी ना गैर ना अपना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 9 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 7 May 2024 · 1 min read "अमरूद की महिमा..." स्रोत, विटामिन सी का अप्रतिम, लौह तत्व भरपूर। ख़ून बनाए, जोश बढ़ाए, अपच, क़ब्ज़, काफ़ूर।। भून, काट कर, नमक बुरक कर, खाना भी मशहूर। दूर भगाए, खाँसी-सर्दी, पर ना तनिक... Hindi · कविता 4 3 14 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read जय हो बाबा साँई बाबा जय हो बाबा साँई बाबा। जग में ना कोई तुझसे बड़ा है। तुझ सा ना कोई दुःख हर्ता है, तुझसे ना कोई छुपा हुआ है, तू ही है जग का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 6 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read हे मात जीवन दायिनी नर्मदे मैया हे मात जीवनदायिनी, तेरी करूं मैं बंदगी तेरे तटों पर ना हो मुझसे, भूलकर भी गंदगी नित्य सेवन दर्शन तुम्हारे, मैं सदा करता रहूं मैं सदा घाटों को तेरे, साफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read भिगो रहा जमकर सावन भिगो रहा जमकर सावन भीग रहा मन का आंगन मदमस्त फुहारें सावन की रितु ना आवन जावन की गीत पिया के प्रेम भरे मन मोह रहे श्रंगार हरे चहूंओर भरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 10 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read बदहवास सा भाग रहा बदहवास सा भाग रहा, हर कोई दिखा वेताब यहां कोई धन के पीछे भाग रहा,कोई तन के पीछे भाग रहा कोई मन के पीछे रहा, कोई तन मन धन मांग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read माटी के पुतले और न कर मनमानी माटी के पुतले और न कर नादानी माटी के पुतले और न कर मनमानी जल जंगल जमीन बचाओ, जिसमें सांस समानी माटी के पुतले और न कर नादानी घुट घुट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम बसा कण कण में मातृशक्ति का सौंदर्य धरा , प्रेम वसा कण कण में सृजन पालन पोषण करती ,मां वसी हुई जीवन में संभव नहीं प्रकृति विन जीवन, सौंदर्य नहीं जन मन में पोर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Dr.Pratibha Prakash 7 May 2024 · 1 min read तुम कौन हो ज्ञान शक्ति और विधा, अध्यात्म का आधार हैं पूजा भक्ति पाठ ग्रंथ, हवन यज्ञ मन्त्र सूत्रधार है अंतर्मन में झांक कर, कर रहा चिन्तन सदा ही साधना के पथ पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 2 54 Share Previous Page 2 Next