Posts Tag: मुक्तक 11k posts List Grid Previous Page 229 Next Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक मेरा दूसरा मुक्तक- अन्याय हँसे खुलकर, ये न्याय अदालत है, निर्दोष सज़ा पाते, खूनी को' रियायत है। धृतराष्ट्र बने बैठे, संसद के' सभी आका, बस चोर डकैतों की , बेशर्म... Hindi · मुक्तक 1 468 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 12 Jun 2016 · 1 min read *पेड़* जीवन का श्रँगार पेड़ हैं संकट की पतवार पेड़ हैं बिन इनके है सब कुछ सूना हर सुख का आधार पेड़ हैं *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 297 Share Kavi DrPatel 12 Jun 2016 · 1 min read "कभी पागल बना देती , कभी काबिल बना दे वो " ************************************* मुहब्बत जाम है ऐसा , जिसे पीते नहीं थकते । सुहाने पल वो ऐसे हैं , जिसे जीते नहीं थकते । कभी पागल बना देती , कभी काबिल बना... Hindi · मुक्तक 641 Share Dr Archana Gupta 12 Jun 2016 · 1 min read मुहब्बत दिल से होती है मुहब्बत दिल से होती है खुदा की ये इबादत है मुहब्बत से ही तो दिखती, ये दुनिया खूबसूरत है मगर इंसान ये बिल्कुल,समझ पाया नहीं अब तक मुहब्बत की लिखी... Hindi · मुक्तक 1 504 Share Kavi DrPatel 11 Jun 2016 · 1 min read " तोड़ दो हाथ उनके , जो खतरा बनें " ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नव सृजन कुछ करो अब चमन के लिये । नवजवानों उठो ~~ अरि दमन के लिये । तोड़ दो हाथ उनके ~~ जो' खतरा बने । आज अपने वतन... Hindi · मुक्तक 405 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 11 Jun 2016 · 1 min read *सीख* ऐ सुमन मुरझा नहीँ तू मुस्कुराना सीख ले मन चमन घबरा नहीँ तू खिलखिलाना सीख ले प्रीत का पलड़ा रहा है हर घड़ी ही डोलता वैर को अपने सदा ही... Hindi · मुक्तक 1 289 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 11 Jun 2016 · 1 min read *रहमत* कदम तेरी चौखट पर जब सेरखा है आसमां से भी ऊंचा मेरा सर लगता है तेज आँधियाँ है, फिर भी मैं रोशनहूँ ये सिर्फ तेरी रहमतों का असर लगता है... Hindi · मुक्तक 550 Share Anuj Tiwari 11 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक :-- आसान लम्हे हो गये !! मुक्तक :-- आसान लम्हे हो गये !! अनुज तिवारी "इन्दवार" वक्त जब वश में हुआ आसान लम्हे हो गये ! और मुश्किल वक्त पर शैतान लम्हे हो गये ! वक्त... Hindi · मुक्तक 1 643 Share Kavi DrPatel 11 Jun 2016 · 1 min read "सबक गीता से कुछ लेकर , सजाता जिंदगी अपनी " ************************************* बहुत मैला हुआ है मन , जहर दिल में भरा है क्यूँ । तुम्हारें पाप सर चढ़कर , बुलाते हैं डरा है क्यूँ । सबक गीता से कुछ लेकर... Hindi · मुक्तक 262 Share Ashok Ashq 11 Jun 2016 · 1 min read अभी बाकी निशाँ तेरा अभी बाक़ी निशां तेरा हमारे दिल पे है हमदम बसी हो धड़कनों में तुम कि जैसे धूप में शबनम अदावत लाख करलो तुम मगर तुमको ही चाहेंगे तुझे चाहा तुझे... Hindi · मुक्तक 1 1 536 Share Kavi DrPatel 10 Jun 2016 · 1 min read " कलम की कोर से काजल , लगाता हूँ मैं कविता को " ****************************************** कलम की कोर से काजल , लगाता हूँ मैं कविता को । दिखा कर आइना दिल का , सजाता हूँ मैं कविता को । बहुत श्रद्धा सहित शब्दों ,... Hindi · मुक्तक 331 Share Deepak Goswami Chirag 9 Jun 2016 · 1 min read मेरी कलम बस लिख जाये................ चाहे गीत लिखूँ न माता रमणी के श्रृंगारों को चाहे वर्णन करूँ नहीं कुदरत के हसीं नजारों का सीमा पर जो हँस हँस गिरते भारत माँ की जय कहकर मेरी... Hindi · मुक्तक 1 433 Share Dr Archana Gupta 9 Jun 2016 · 1 min read सजन बन मेघ आओ तुम 1 जलाता सूर्य है हमको जरा घिर मेघ आओ तुम बहुत प्यासी धरा अपनी , बरस उसको बुझाओ तुम उदासी की घटायें हैं घिरी हरियाली के मुख पर सुना संगीत... Hindi · मुक्तक 1 473 Share Kavi DrPatel 9 Jun 2016 · 1 min read " बाँध लेना जुल्फ की जंजीर से " ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ छीन लेना बेवफा तकदीर से । बाँध लेना जुल्फ की जंजीर से । तुम चहकती ही रहो चाहत मेरी , मुस्कुराओ मत रहो गम्भीर से । ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ वीर पटेल... Hindi · मुक्तक 293 Share Rajeev 'Prakhar' 9 Jun 2016 · 1 min read विष राधा रानी कब तारेंगी, फिर वृक्षों की छांवों को l गोकुल-मथुरा-वृंदावन औ, बरसाने से गांवों को l विष से आहत माता जमुना, कातर होकर पूछे है , क्या फिर से... Hindi · मुक्तक 505 Share Dr Purnima Rai 9 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक मुक्तक निर्धन को सहयोग दें,मिटे मान-अभिमान। झोली भर लो प्रेम से,बढ़ जाएगी शान।। मिल जाए संतोष धन,दें निर्धन का साथ। जीवन उनका खिल उठे ,नभ में भरें उड़ान।। ...डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर। Hindi · मुक्तक 683 Share Ashok Ashq 9 Jun 2016 · 1 min read राहें माँ देख रही होगी चाहत में थोड़े पैसे की गाँव मैं छोड़ आया हूँ मिट्टी की सौंधी खुशबू से बंधने तोड़ आया हूँ राहें माँ देख रही होगी छाँव में बैठ पीपल के न... Hindi · मुक्तक 1 1 297 Share Lokendra Mudgal 9 Jun 2016 · 1 min read मोदी जी अमेरिका की संसद के श्रेष्ठतम सम्बोधन के लिए मेरे देश की शान आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर मोदी जी के सम्मान में आप सभी गुणीजनों को सादर समर्पित मुक्तक ।... Hindi · मुक्तक 576 Share Kavi DrPatel 9 Jun 2016 · 1 min read पायल की रुनझुन से मुझे जगाती है । ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ बेचैनी जब हद से उसे सताती है । अँगड़ाई ले चूड़ी तभी बजाती है । उठिये जी क्या ड्यूटी अभी नहीं जाना , पायल की रुनझुन से मुझे जगाती... Hindi · मुक्तक 1 557 Share Dr Archana Gupta 9 Jun 2016 · 1 min read पेड़ों का परिवार खूब बढ़ाना है हमें ,पेड़ों का परिवार इनसे ही खुशहाल है, ये सारा संसार अन्न फूल फल छाँव ये , देते हैं भरपूर करते रहते साथ में , प्राणवायु संचार... Hindi · मुक्तक 1 480 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 9 Jun 2016 · 1 min read *मानसून* आसमान में बादल छाए वसुधा मनहर राग सुनाए है झूम रहा खुशियों में मन बरखा के अब दिन हैं आए *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 322 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 8 Jun 2016 · 1 min read *आपा-धापी* दौलत की आपा-धापी में ईश्वर तो है भूल गया चहुंओर है झूठ का राज सच का पलड़ा झूल गया नैतिकता की सारी बातें सिर्फ किताबों में सिमटी नश्वर जग की... Hindi · मुक्तक 329 Share विनय "बाली" सिंह 8 Jun 2016 · 1 min read भारत की माता तरलता भी रहे मन में, जिगर फौलाद हो जाये । बने गाँधी मगर कुछ तो, भगत आजाद हो जाये। यही बस चाह रखती है, सभी भारत की मातायें- विवेकानन्द के... Hindi · मुक्तक 2 1 532 Share Kavi DrPatel 8 Jun 2016 · 1 min read न हो बेनूर ये कोहनूर बस इतनी कृपा करना ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ अधर हैं सूर्य सम तपते , सजन बन मेघ आओ तुम । झमाझम झूम कर बरसो , हरित चूनर उढ़ाओ तुम । न हो बेनूर ये कोहनूर बस इतनी... Hindi · मुक्तक 2 403 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *जीवन* उमंगों का त्यौहार है जीवन मधुरिम सा इक प्यार है जीवन जी भर इसको तुम जी लो ईश्वर का उपहार है जीवन *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 345 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *बेटी की विदाई* बसंती ओढ़ कर चूनर सजी ससुराल जाती है कली बन फूल गुलशन को सुगंधी से सजाती है सभी का मन लुभाती सी सुहानी हर अदा इसकी गमों का दौर जब... Hindi · मुक्तक 603 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 7 Jun 2016 · 1 min read *विधाता छंद*मापनी-1222 1222 1222 1222 ऐ सुमन मुरझा नहीँ तू मुस्कुराना सीख ले मन चमन घबरा नहीँ तू खिलखिलाना सीख ले प्रीत का पलड़ा रहा है हर घड़ी ही डोलता वैर को अपने सदा ही... Hindi · मुक्तक 1k Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 6 Jun 2016 · 1 min read *प्रेम रतन* जग में कायम शान रखिए खुद से भी पहचान रखिए प्रेम रतन को बाँट - बाँट सबसे दुआ सलाम रखिए *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 730 Share Dr Archana Gupta 6 Jun 2016 · 1 min read हरदम खेल दिखाये नए ज़िन्दगी देखो हमको हरदम खेल दिखाये अगर हँसाती हमें कभी तो ये ही हमें रुलाये एक मदारी है ईश्वर औ हम सब यहाँ जमूरे डोर उसी के हाथों में... Hindi · मुक्तक 362 Share Rashmi Shrivastav 5 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक बने बैठे थे पत्थर से , कभी जो खार मंज़र से , दिवाने बन के निकले हैं, मुहब्बत के समन्दर से.... Hindi · मुक्तक 316 Share Alok Mittal 5 Jun 2016 · 1 min read जोड़ना जोड़ना ही जोड़ना हमको घटाना ही नहीं। दुश्मन अपने तो कभी कही बनाना ही नहीं । घूमूँगा फिरूँगा भाषा सबकी समझूँगा मैं । पर उम्मीद किसी से ज्यादा लगाना ही... Hindi · मुक्तक 517 Share Alok Mittal 5 Jun 2016 · 1 min read छल फरेब टूटता साथ अब बनाना है ! दूरियाँ आज सब मिटाना है ! हो न अब छल फरेब आपस में ! आज विश्वास ये जमाना है !! आलोक मित्तल उदित रायपुर Hindi · मुक्तक 474 Share हरीश लोहुमी 4 Jun 2016 · 1 min read जुगनुओं के खेत में जुगनुओं के खेत में (मुक्तक) **************************************** साँझ होते देख हलचल उस चमकती रेत में, कुछ लगा हमको अलग सा उस नवल संकेत में, जब सुना हमने उजाला बँट रहा है... Hindi · मुक्तक 385 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 4 Jun 2016 · 1 min read *कलम से सिर कलम कर दो* जुबां से तुम वफा कर लो सुनो दिल के तरानों को भुला कर वैर तुम सारे मिटा डालो फसानों को वतन भी है तरसता सा हिफाज़त का नशा हो अब... Hindi · मुक्तक 1 669 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *विश्वास* जब विश्वास अटल होता उजला हर इक पल होता हर मुश्किल बनती आसां ज़ीवन ये सफल होता *धर्मेंद्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 527 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *रहमत* सहरा भी गुलज़ार हैं होते दरिया ग़म के पार हैं होते खुदा की होती जब है रहमत उन्नति के आसार हैं होते *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 589 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 3 Jun 2016 · 1 min read *प्रेरक* हर ग़म में जो मुस्काते हैं खुशियों के नगमे गाते हैं तोड़े मन के सारे बंधन इक नया सवेरा पाते हैं Hindi · मुक्तक 601 Share Dr Archana Gupta 3 Jun 2016 · 1 min read माँ तुम ही हो खड़ा हूँ मैं बुलंदी पर, मगर आधार तुम ही हो सुनो माँ मेरे जीवन का ,तो पूरा सार तुम ही हो ख़ुशी में मेरी हँसती हो ग़मों में मेरे रोती... Hindi · मुक्तक 661 Share Dr Archana Gupta 2 Jun 2016 · 1 min read जलाता सूर्य है हमको जलाता सूर्य है हमको जरा घिर मेघ आओ तुम बहुत प्यासी धरा अपनी , बरस उसको बुझाओ तुम उदासी की घटायें हैं घिरी हरियाली के मुख पर सुना संगीत बूंदों... Hindi · मुक्तक 285 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 1 Jun 2016 · 1 min read *मन मयूर* खुशियों का मौसम आया है सुखों का आलम छाया है मन मयूर ने चहक चहक कर इक मधुरिम राग सुनाया है *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 533 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *विरह वेदना* नयन मेरे निहारें पथ सुहाने गीत गाओ तुम खिलें फिर फूल गुलशन में लगन ऐसी लगाओ तुम सजा कर चाँदनी दिल में गये जाने कहाँ पर हो अधर हैं सूर्य... Hindi · मुक्तक 1 789 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *दोस्ती* दोस्ती का रिश्ता कभी पुराना नहीँ होता ख़त्म कभी भी ये अफ़साना नहीँ होता बड़ी पाकीज़गी है इसमें पाई, वरना आज हमारे लबों पर ये तराना नहीँ होता *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 1 1 750 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 31 May 2016 · 1 min read *प्रेरक* मायूस होके न यूँ साँझ की तरह ढलते रहिये भोर है ज़िंदगी सूरज की तरह निकलते रहिये पथ की सारी मुश्किलें हैं आसां बन जाती साथियों जीवन पथ पर हमेशा... Hindi · मुक्तक 1 1k Share Dr Archana Gupta 30 May 2016 · 1 min read अनगिनत चाहत हमारे दिल में रहती हैं , हमेशा अनगिनत चाहत न लेने चैन देती ये , करें हर पल हमें आहत न हर चाहा यहाँ मिलता , हमें मालूम है लेकिन... Hindi · मुक्तक 429 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 30 May 2016 · 1 min read मुक्तक अम्बर को चूमे है बेटी ग़म में भी झूमे है बेटी घर के सूने से आँगन में बन पुरवा घूमे है बेटी Hindi · मुक्तक 515 Share धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती" 30 May 2016 · 1 min read *नारी का सम्मान* नारी का सम्मान करो भूल से न अपमान करो मन से समझो तुम इसको मुख से मत गुणगान करो *धर्मेन्द्र अरोड़ा* Hindi · मुक्तक 470 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read लिपियाँ सूखे की ये जल विहीन धरा की लिपियाँ सूखे की निशानी कुंभ सिर, हाथ धर चली पीताम्बरी, भरने पानी तपती दोपहर, गर्मी का कहर , वृक्ष नदी न नहर खोजे जल रसोई... Hindi · मुक्तक 438 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read कर्म फल सपने ने मुझसे कहा पाने की सदा तमन्ना रख परिश्रम हर्ष से बोला, प्राणी! मन को न अनमना रख पुस्तक करे इशारा, देर-सवेर मिलेगा कर्म फल दिल भी तुरंत बोल... Hindi · मुक्तक 602 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read अमलतास हल्दी चढ़ी दुल्हन सरीखी सुशोभित डाल है चंदन सी सुनहरी मुस्कुराहट भी कमाल है पवन छू -छू कर करे शरारत गुलों से देखो ग्रीष्म में भी अमलतास का सौंदर्य मिसाल... Hindi · मुक्तक 1 421 Share Alok Mittal 26 May 2016 · 1 min read बचपन खेल में आज भी लगा है मन ! है अभी भी यही कही बचपन ! भूलते ही नहीं पुराने दिन ! है कही दिल में आज सूनापन !! आलोक मित्तल... Hindi · मुक्तक 652 Share Previous Page 229 Next