Tag: मुक्तक
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जल।
Phoolchandra Rajak
अपनी शालीनता बनाये रखना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खोल रखे हृदय वातायन
अशोक सोनी
मुक्तक
Bhartendra Sharma
तन्हाईयाँ मुझको मुबारक , उनको खुशियां
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पीर उनकी देख के , मन हमरो है दुखाय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पैगाम - ए - इबादत , सभी के दिलों का नूर हो जाए
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परवरिश मेरी कुछ इस मिजाज से करना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जानते हैं सभी --- अकड़ना छोड़ दे ( मुक्तक)
Rajesh vyas
इतराता है।
Phoolchandra Rajak
शुभकामना
Phoolchandra Rajak
शिव मुक्तक
Bhartendra Sharma
क्षणिकाएं!
Manu Vashistha
तुम
Sunil Suman
मुक्तक -- खिली थी कलियां --
Rajesh vyas
चौपाई
भविष्य त्रिपाठी
बस! इतना सोचो।
Phoolchandra Rajak
ग़ज़ल/मुक्तक -- बेतुका अलाप
अनिल कुमार
जवाँ दिलों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
काबू में रख हमें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आहिस्ता - आहिस्ता उसे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इस प्रकृति को सौन्दर्य से सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आईना देखकर वो कुछ इस तरह मुस्कराने लगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो क्या ख़ाक लड़ेंगे, मादरे वतन के लिए
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जमीं पर रह. जमीं की बात कर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मनोरंजन की निगाह से इस दुनिया को न देख
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सिंहासन पर विराजेगा तू
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आधुनिकता की ज़ंजीर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वादा करके मुकर गए वो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेवजह जन्नत की आरज़ू किये जा रहे हैं वो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
निर्बल क्या इतिहास रचेंगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गर्दिश में भी तू , हौसला बरकरार रख
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*ईमान के पहरेदार*
V.k.Viraz
वो अल्फ़ाज कहाँ से लाऊँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विचारों के समंदर जरा डूब कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तारीख , तारीख न हो जाए , कुछ तो कर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तोहफा जो तूने दिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तरकीब पर कर भरोसा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुद का ख्याल नहीं हो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर एक रूह को जन्नत अता कर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नीयत तो मेरी पाक - साफ़ थी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आत्ममंथन
Phoolchandra Rajak
नारी!
Phoolchandra Rajak
लिख लिख के थकगया।
Phoolchandra Rajak
मुक्तक
Bhartendra Sharma
बहुत चाहा था --- रिश्ता प्यार का ----- ( मुक्तक)
Rajesh vyas
बारिश की बूंदों से पावन जो जिन्दगी हो जाती ,तो कैसा होता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गर जिन्दगी धुप सी खिल जाती तो कैसा होता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चला हूं नेक राहों में,निभाऊंगा मेरा वादा (मुक्तक)
Rajesh vyas
रुबरु हो जायेगा।
Phoolchandra Rajak