Posts Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next साहेबलाल दशरिये सरल 25 Jan 2017 · 2 min read ये बेटियां 1 लक्ष्मी काली दुर्गा का अवतार है ये बेटियाँ, शेर पर जो जैसे कि सवार है ये बेटियाँ।। हाथों में लिए तलवार और कटार को, दुष्टों के संहार को प्रहार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 789 Share डॉ शिखा कौशिक नूतन 25 Jan 2017 · 1 min read चमकी - चमकी बेटियाँ चमकी (साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता) चमकी - चमकी बेटियां चमकी, चारों दिशाओं में चर्चा है उनकी ! ढूंढ लाई हैं समंदर से सच्चे मोती , चूम ली है एवरेस्ट की ऊँची छोटी , खिलखिलाकर कलियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 423 Share Anju Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read मेरी बिटिया मेरी बिटिया घुटनों बल चलती, ठुमकती - थिरकती, कभी आँचल में छिपती, कभी कान्धे पर चढ़ती ! वो नन्ही परी पंख फैलाने लगी है.... मेरी गुड़िया मेरे कान्धे तक आने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 2 378 Share suman taneja 25 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ बेटियाँ होती हैं प्यारी बेटों से भी !! गर्भ से बाहर नहीं आना चाहतीं जकड़ लेतीं माँ को अभी और कुछ दिन!!! पल भी जातीं आसानी से कहते पुराने बताते... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 508 Share शिवम राव मणि 25 Jan 2017 · 1 min read नन्ही-सी जान देखो एक खिलखिलाती मुस्कान जन्म लेती हुई नन्ही-सी जान चमकती हुई आँखे है उन आँखो मे है तहजीब का ग्यान चेहरे पर एक खुशी है लेकिन उस जननी की आँखे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 471 Share Kishor Srivastava 25 Jan 2017 · 1 min read अम्मा मुझको आने दो... अम्मा मुझको आने दो... अम्मा मुझको आने दो गीत खुशी के गाने दो मैं कुछ कर दिखलाऊंगी मन को मत भरमाने दो। अम्मा मुझको आने दो... बेटी नहीं पराई है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 310 Share Sharda Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read बचपन जीने का नाम है बेटी बचपन जीने का नाम है बेटी कितनी रातें जागी थी मैं तुझे सुलाने में | कितने सपने बुने थे मैंने लोरियां गानेमें | वो तेरा मुहँ में अंगूठा लेना, और... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 645 Share kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियां हर जगह अपना नाम कमा रही हैं बेटियां। घर की ज़िम्मेदारी उठा रही हैं बेटियां। ब्याह के जब यह मायके को छोड़ जाती हैं; ससुराल में भी फर्ज़ निभा रही... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 744 Share manju gupta 25 Jan 2017 · 1 min read सृष्टि की सृजनहार बेटियाँ अब दब नहीं सकती आधी आबादी की ये बेटियाँ , जो दबाएँ इन्हें बन जाएँगी संहार की चिंगारियाँ , नहीं हैं अब भोग , विलास , वासना की ये कठपुतलियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2 493 Share शक्ति राव मणि 25 Jan 2017 · 1 min read वो बेटी ही तो है,जो हसना सिखाती है. वो बेटी ही तो है,जो हसना सिखाती है, चेहरे की मुस्कान पापा को भा जाती है, लाडली होती है बेटियॉ पिता के लिए,सम्मान यही दिलाती है, घर किसी का भी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 2 577 Share KR wanika 25 Jan 2017 · 1 min read वृक्ष और बेटी -:वृक्ष और बेटी:- तुम फलते हो मैं खिलती हूँ, तुम कटते हो मैं मिटती हूँ; तुम उनके स्वार्थ की खातिर, मैं उनके सपनों की खातिर। मैं बनकर माँ बेटी पत्नी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 446 Share Parul Sharma 25 Jan 2017 · 2 min read कन्या भ्रूण (मैं तुम्हारा ही अंश हूँ ) क्या मेरी मौजूदगी का अहसास है तुम्हें क्या मेरे अस्तित्व काआभास है तुम्हें क्या मेरी धङकनौं से जुङे है तुम्हारे दिल के तार क्या मेरी साँसों से धङकते है तुम्हारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 516 Share Santosh Khanna (world record holder) 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियां जब से बता दिया है उसे नही है भेद लड़का हो या लड़की वह चहकने लगी है स्कूल मे , कालेज में सेना में, कार्यलय में ज्ञान के बड़े बड़े... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 603 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ,बेटियाँ हैं जो हैं सूत्रधार सृजन की,ममत्व की- और वैश्विक सौन्दर्य की । संभव नहीं इनके बिना- सृष्टि का अस्तित्व और यहाँ तक- 'परिवार'की पूर्णता। कितना अधूरा लगता है, बेटियों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2 1k Share डॉ. अनिता जैन "विपुला" 24 Jan 2017 · 1 min read बेटी.... कन्या को जन्म दूँगी .... ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ हाँ मैं कन्या को जन्म दूँगी एक जीवन को खिलने दूँगी .... कौन होते हो तुम निर्दयी जो मेरी कोख का फैसला करोगे बेटों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 414 Share Dr. Vivek Kumar 24 Jan 2017 · 1 min read बेटिया बेटिया समय के साथ समझने लगती है इस रहस्य को क्यों असमय बूढ़े होते जा रहे हैं उसके पिता। वह जानती है, उसकी बढ़ती उम्र ही है पिता के बार्धक्य... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 842 Share Madhuri Pauranik 24 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटो की चाह में क्यों मार रहे बेटियाँ काँटे नही ये फ़ूल है बेटिया भैया की कलाई का प्यार है बेटियाँ जमीं से आसमाँ तक आज छाईं है बेटियाँ नही... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 731 Share Kamini Golwalkar 24 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बहुत प्यारी लगती है बेटियाँ बहुत दुलारी लगती है बेटियाँ बेटियाँ लागे सारा संसार हमे बहुत न्यारी लगती है बेटियाँ अपनी होती परछाई है बेटियाँ इस धरा की अच्छाई है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 794 Share स्वाति सोनी 'मानसी' 24 Jan 2017 · 1 min read रुलाती है बेटियां पीहर कभी ससुराल सजाती है बेटियां । दोनों कुलों का मान बढ़ाती है बेटियां । होती है बिदाई तो रुलाती है बेटियां । बाबुल का अरमान सजाती है बेटियां ।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 448 Share किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा' 24 Jan 2017 · 1 min read क्यूँकि हम बेटियाँ हैं रचनाकार-किरणमिश्रा विधा-कविता "क्यूँकि हम बेटियाँ हैं" महकाऊंगी कोख तुम्हारी, बोवोगे गर बेटियाँ! बंजर हो जायेगी सारी दुनिया, मारोगे गर बेटियाँ !! अमूल्य निधि हूँ,मुझको पहचानो दोनों कुल की आन हूँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2k Share सविता मिश्रा 24 Jan 2017 · 1 min read मेरी बिटिया बड़ी नाजो से पली मेरी बिटिया बड़ी नाजो से है पली इतने लोगों की रसोई उससे कैसे बनी।| सास-ननद चलाती हैं हुक्म दिनभर बिटिया तू क्यों रहती है यूँ सहकर करती नहीं ननद जरा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share sudha bhardwaj 24 Jan 2017 · 1 min read कलियां बेंटियां(कलियां) हर आँगन में खिली कली है। कुछ मुरझायी कुछ अधखिली है। हृदय में अभिलाषा के मोती। प्रतिकली जीवन भर संजोती। बिखरतें सपने टूटते दर्पण। करती तन-मन-धन-अर्पण। स्वभाव है इसका... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 349 Share Narendra Shrivastav 24 Jan 2017 · 1 min read बिटिया मेरी एक कहानी बिटिया। मेरे दिल की रानी बिटिया।। उसकी चंचल बातें हर-इक। याद मुझे जुबानी बिटिया।। हर पल उसके साथ जिऊँ मैं। वही मेरी जिंदगानी बिटिया।। वो ही मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 828 Share बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 24 Jan 2017 · 1 min read ये बेटियाँ हमारी "ये बेटियाँ हमारी" (22 12122 22 12122 बह्र की रचना) ममता की जो है मूरत, समता की जो है सूरत। वरदान है धरा पर, ये बेटियाँ हमारी। मा बाप को... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 356 Share sudha thakur 24 Jan 2017 · 2 min read बेटी के अंतर्मन की व्यथा कल तक मैं एक अंश मात्र थी,पर आज साकार हूँ, आकर इस दुनिया में और देख के इसके रंग, मैं दुविधा में पड़ गयी हूँ और यह सोचने को मजबूर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 714 Share Ravinder Singh Sahi 23 Jan 2017 · 1 min read बीटीया बाहों में झुलाया, गोदी में खीलाया । सिने पर सुलाया, पीठ पर खिलाया । खुद रो कर , तुझको हसाया । कांटों से बचाया, मल-मल पर सुलाया । बेटी होकर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Nitin Sharma 23 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ खुश रहे ये दुआ दीजिये सर सभी का यहाँ अब झुका दीजिये नातुआ हम नहीं ये दिखा दीजिए प्यार सब के दिलो में बढ़ा दीजिये नफरतें आज सारी घटा दीजिये ? बेटियाँ खुश रहे ये... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 566 Share Dinesh Saini 23 Jan 2017 · 1 min read मेरी मुस्कान मेरी जान है वो मेरी मुस्कान है वो मेरे जीवन में सजी महान है वो भगवान ने दिया वरदान है वो कभी ना छोड़ना साथ उसका क्योंकि जीवन की शान... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 518 Share Ayub Khan Bismil 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ अच्छी लगती हैं तेरी मासूम आँखों में शरारत अच्छी लगती है मेरी बेटी मुझे तेरी हर आदत अच्छी लगती है जो सर से पाँव तक है वो नज़ाक़त अच्छी लगती है परी जैसी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 786 Share avadhoot rathore 23 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ठुमकत अँगना,तुतले- तुतले बोल, छम-छम पैंजन की छमक,छिन कितने अनमोल।१। जग में तीरथ बेटियाँ,तारत दो परिवार, है पहिला तो मायरा,दूजा है ससुरार।२। मनोयोग से बेटियाँ,सम्हाले घर-बार, रँग-बिरँगी राँगोलियाँ,साजत अँगना-द्वार।३... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 732 Share Kavita Padmmaj 23 Jan 2017 · 2 min read मॉ क्यों? मॉ क्यों लगती है मेरी किलकारी तुझको अपनी लाचारी मॉ क्यों करती हो तुम अपनी बिटिया से ही गद्दारी मॉ आ जाने दो ना मुझको भी अपने घर-ऑगन में खुशबू... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 754 Share शाम्भवी मिश्रा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ कभी मंदिर में उसको पूजा था,घर आई तो ठुकराया हैं। क्यों समाज के डर से उसको बलिवेदी पे चढ़ाया है। वरदान ईश का अंश तेरी ऋंगार है तेरे मधुवन की।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share डॉ. नितेश धवन 23 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटियाँ, मेरा जीवन ! वो तुतलाकर बोलना पापा पापा , घर जल्दी आना नटखट अदाओं से कांधो पर लटकना जो डांटा कभी तो , मुस्कुराकर मनाना , फरमाइशों की कतार, और माँ जैसा श्रृंगार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share उमा शर्मा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं मन का मृदंग हैं, भाव हैं, तरंग हैं, कल्पनाओं की पतंग हैं निर्झर, निर्मल, नेह भरी, ये वात्स्ल्य पूर्ण रवानियाँ हैं फिर भी बोलो आखिर क्यों ये, सबकी पहली परेशानियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2k Share Mamta Devi 23 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी मेरी रचना, देहांश हो तुम। मेरे मन का पूर्णांश हो तुम। मेरी अनुकृति! मेरी बेटी ! मेरे होने का सारांश हो तुम। अपनेपन का लिबास पहने, रिश्तों का चेहरा चिपकाये।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 3 704 Share jyoti singh 22 Jan 2017 · 2 min read सशक्त बेटियाँ बहुत जी लिए दूसरों की खातिर अब खुद के लिए जीना होगा। बहुत जी लिए बनकर - किसी की बेटी ,किसी की बहन, किसी की पत्नी,किसी की माँ,. अब तो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Sarita Bhatia 22 Jan 2017 · 1 min read रहमत से भरपूर ,खुदा की नेमत हैं रहमत से भरपूर,खुदा की नेमत हैं "ये बेटियाँ" ------------------------------- जब भी गुड्डे गुड्डीओं के खेल में अपनी गुड़िया को मैने डोली में बिठाया था उसका हाथ बड़े प्यार से गुड्डे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Tarun Singh Pawar 22 Jan 2017 · 1 min read बेटियां एक सहस बेटी ही लाती है घर में, खुशियों का अनुपम उपहार। बेटी से ही होता निर्मल, पावन सकल ये घर संसार।।1।। मात-पिता की सेवा करना, उनके जीवन का आधार। बेटी है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share rekha mohan 22 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ पीहर से प्यार मांगती[कविता ] बेटियाँ पीहर से प्यार मांगती, अपनापन भरा इकरार नापती। बेटी समपर्ण से धन घटता नही , बड़प्पन सजी सौगात ताकती है| बेटियाँ पीहर आती ज़ड़े सींचती हैं, सुन सभी भाई-... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 22 Jan 2017 · 1 min read बेटियों से ही जहाँ बेटियों से ही तो सारा जहान है बेटियां ही घर आँगन की शान हैं बेटियां न होती होते कहाँ नादानो ये जमीं वो आसमां सारा जहाँ वीरान है बीवी बहन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 725 Share मितुल एम जुगतावत 22 Jan 2017 · 1 min read दामिनी चीख थी वो उसकी, पर किसी ने ना सुनी, जिसने सुनी ,उसने कर दी अनसुनी. जिसकी थी जीने की तमन्ना, वही हम सबको छोड चली क्यों एक लडकी फिर से,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 457 Share सतीश चोपड़ा 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी बिना आँगन सूना लगता है कितना भी बड़ा हो, चन्दा बिना आकाश सूना लगता है कितने भी फूल हों, बेटी बिना आँगन सूना लगता है बेटी नहीं है बोझ ये तो होती है गुमान परिवार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5k Share Basant Nayak 22 Jan 2017 · 1 min read जूही-गुलाबों सी बेटियाँ (०-१ साल ) मेरे घर चिड़ियाँ आई, सबके चेहरे पे खुशियाँ लाई, सब हँसते, वो दमदम रोती , ये देख नज़ारा,आँखे नम होती , ये मेरा कोरा कागज, मेरी अमिट... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 301 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटा होता घर का लाडला तो बेटी लाडली होती है। बेटा मानो फूल है घर का तो खुशबू बेटी होती है। उछल कूद गर बेटा करता वह चिड़िया सी चीं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 837 Share प्रदीप कुमार दाश "दीपक" 22 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ प्रदीप कुमार दाश "दीपक" बेटियाँ ----------- बेटियाँ बाती स्वयं को वे जलातीं उजास लातीं महकातीं आँगन घर खुशियाँ लातीं नन्हीं कलियाँ चहकतीं पंछियाँ हँसतीं गातीं फूल बनीं बेटियाँ घर महका... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 652 Share Sachin Yadav 22 Jan 2017 · 1 min read भयानक स्वप्न सूनी सूनी राहों पर देखा ,बड़ा क्रूर था मंजर वो, अपनी ही बेटी के सीने में ,भोक रहा था खंजर वो। देख के उसकी मानसिकता,दया आ गयी मुझको, मैं बोला... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 488 Share पियुष राज 'पारस' 22 Jan 2017 · 1 min read अनमोल है बेटियां...(कवि-पियुष राज) अनमोल है बेटियां अगर बेटे हीरा है तो हीरे की खान है बेटियां अपने घर-गांव-देश की पहचान है बेटियां अगर बेटे सूरज है तो गंगा की अविरल धारा है बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 5k Share salman khan 22 Jan 2017 · 1 min read प्यारी बेटी प्यारी बेटी ना दुनियां से, ना दोलत से, ना घर आबाद करने से, ! तसल्ली दिल को मिलती है! बेटी को याद करने से, !! दुनियां में उसके जैसा कोई... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी का हक़ बेटी का हक़ कवियों ने बेटी पर कईं कविताएं लिखी किसी ने बेटी की महिमा किसी ने व्यथा लिखी मैंने सोचा क्या कविता लिखने से बेटी को... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 761 Share MAHIPAL SINGH 22 Jan 2017 · 1 min read बेटी साल अठारह गुजरे जब से मेरे घर मे आई बेटी जीवन की फुलवारी बनकर, घर आंगन मे छाई बेटी महक उठी जीवन की बगिया नन्ही सी किलकारी से पग पग... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 695 Share Previous Page 2 Next