Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला 1)रस्म-ए-उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला देता है , रूठकर मुझको वो हर बार सज़ा देता है 2)अब तमन्ना ही नहीं दिल में मेरे जीने की मर भी जाऊँ तो भला... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 24 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मैं रूठूं तो मनाना जानता है 1)मैं रूठूं तो मनाना जानता है वो मुझको मुझसे ज़्यादा जानता है 2)ज़रा सी ही तो है ये ज़िन्दगानी वो ख़ुश है जो के हॅंसना जानता है 3)मुहब्बत का है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 23 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे 1) ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे इस तरह उनको हम दुआ देंगे 2) जाने वाला भले सुने ना मगर आख़िरी साॅंस तक सदा देंगे 3)वो नज़र भर के देख लेंगे तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 22 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read बोल दे जो बोलना है 1)बोल दे जो बोलना है और लगा इल्ज़ाम भी दर्दे ग़म देकर जुदाई का पिला दे जाम भी 2)इक नज़र गर देख लोगे हम तो मर ही जाएंगे थाम कर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 19 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read न मुझको दग़ा देना 1)वीरान अंधेरे हों तुम मुझको सदा देना हर हाल में आऊँगी आवाज़ लगा देना 2)बर्बाद मुहब्बत की हर शय को भुला देना तडपाएं अगर यादें कुछ अश्क़ बहा देना 3)मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 23 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मेरे दिल ओ जां में समाते जाते 1)मेरी बेचैन सी धड़कन को मनाते जाते हमनफ़स मेरे दिलों जां में समाते जाते 2)दास्तां हम भी अगर अपनी सुनाते जाते तुमको पाबंद मोहब्बत का बनाते जाते 3)ख़्वाब की तुमने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 26 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तक़दीर का ही खेल 1)कहीं है सुख की शहनाई कहीं दुख घिर के आया है ये दुनिया है यहाॅं तक़दीर का ही खेल सारा है 2)यहाॅं के मंच पर किरदार अपने सब निभाते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 26 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं 1)वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं वो पल जो रो के गुज़ारे कहाॅं समझते हैं 2)मैं इंतज़ार में जगती रही हूं रातों को ये आस्मां के सितारे कहाॅं समझते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 16 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read राज़ बता कर जाते ) जाते जाते कोई तस्कीन दिला कर जाते दिल के वीरान से गुलशन को खिला कर जाते 2)गुनगुनाए थे जो चाहत में मिरे साथ कभी गीत फिर से वही इक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 2 23 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 1)खो गई जो कहीं वो हॅंसी चाहिए फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 2)फूल हर रॅंग के गुलसिताॅं में खिलें ख़ुश्बूएं सबकी फिर बाहमी चाहिए 3)दूर हों फ़ासले बैर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 21 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read कहर कुदरत का जारी है गर्म हवाओं का कहते है कहर चल रहा है लुटेरे बन यहाँ लुटे गए जंगल ,कहर कुदरत का जारी है काँटे पेड़ यहाँ बनाए आशियान-ए-जहा तूने जल रहे है आशियान-ए-जहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 20 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 27 May 2024 · 1 min read गुजरा जमाना गज़ल (गुजरा जमाना) कल को आज याद करके फायदा क्या है? गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है? अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती किताब... Hindi · ग़ज़ल 26 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 25 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read चेहरा चेहरा.. न जाने कब..कैसे ... अपनी मोहक छवि का परिचय देता कितनी ही आंखों का आकर्षण बन जाता है न जाने कब कैसे .. उन अपरिचित....अनभिज्ञ सी आंखों की पहली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा 2 20 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 26 May 2024 · 1 min read धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा, जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!! ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की, ना हमको कोई तलब होगी किसी... Hindi · ग़ज़ल 16 Share sudhir kumar 26 May 2024 · 1 min read *गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है* -------------------------------------------------- गुरूर जो तोड़े बानगी , अजब गजब शय है। ये आईना झूठी खुशी , अजब गजब शय है। सब इसको निहारते हैं , लेकिन ये घूरता है, लाजवाब है... Hindi · ग़ज़ल 20 Share sudhir kumar 26 May 2024 · 1 min read *मैं और मेरी चाय* ____________________________________ मैं और मेरी चाय करते हैं ,बहुत सी बातें अक्सर। इसके हरेक घूँट से,चित्त हो जाता है तर-ब-तर। ये जो मुझमें मिठास है,खुशबू है,जो जायका है, तुम भी अपनी... Hindi · ग़ज़ल 29 Share sudhir kumar 26 May 2024 · 1 min read *भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना* भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना। उसके लबों पे ज़हर है,कहीं चख न जाना। वो सच को दफना कर उत्सव मना रहे हैं, यह गीत भी रूदन है... Hindi · ग़ज़ल 20 Share Vishal Prajapati 26 May 2024 · 1 min read कि घमंड ना करना जिंदगी में कि घमंड ना करना जिंदगी में तकदीर बदलती रहती है शीशा वही रहता है..... Tasveer बदलती रहती है Hindi · ग़ज़ल · शेर 1 24 Share Dipak Kumar "Girja" 26 May 2024 · 1 min read इंतज़ार बड़ी मुद्दत पे आए हो, ज़रा दीदार करने दो। ठहरो ज़रा कुछ पल, नज़र दो चार करने दो। कुछ दिन जो तुम ठहरो यहाँ, बातें पुरानी कर लें हम। हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 42 Share Dipak Kumar "Girja" 26 May 2024 · 1 min read कैसे भूलूँ दिल मेरा भूल नहीं सकता जो वक़्त ने मुझपे ढाया है आँखों के पानी सूख गए आँसु को इतना बहाया है चार दिनों के जीवन में बस दुख ही दुख... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 34 Share Dipak Kumar "Girja" 26 May 2024 · 1 min read यादों की तस्वीर जो बसी है मेरी यादों में वो तस्वीर तुम हो, मेरे हर ख्वाब और हर अक्स में, एक तासीर तुम हो। तुम्हारे बिना ये जिंदगी अधूरी है मेरी, मेरे हर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 28 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल अब ये चर्चा आम बहुत है। राजनीति बदनाम बहुत है।। बढ़ती जनसंख्या के कारण, जगह-जगह पर जाम बहुत है। यदि सरकारी नौकर हैं तो, जीवन में आराम बहुत है। अम्मा... Hindi · ग़ज़ल 1 26 Share Sumangal Singh Sikarwar 25 May 2024 · 1 min read आइना हूं कभी लवों को तो कभी मुस्कुराहट बयान करता हूं, कभी जुल्फों को तो कभी नैन नक्श बयां करता हूं| कभी हंस देता हूं उनकी हंसी को देखकर कभी उनके खूबसूरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · हिंदी कविता 1 23 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read दोस्ती दर्द सीने में मोहब्बत के जागती है दोस्ती। साज बनाकर धड़कनों को महकती है दोस्ती। रातों में आंखों की नींद उड़ती है दोस्ती। नए-नए ख्वाब आंखों को दिखाती है दोस्ती।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 26 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जाने कब लौटकर आएगी मेरी चाहने बाली । नींद आंखों की दिल का सुकू चुराने बाली । एक लम्हा बो मेरे सामने अब आ जाए । मेरे ख्वाबों को अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 24 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read मोहब्बत जो सीने में मोहब्बत के घर नहीं रखते।। वो जिंदगी जीने के हुनर नहीं रखते। जो दिलों को तोड देते हैं आईनों की तरह । ऐसे शक्स पर हम अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 29 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read चाहत नफरतों में मोहब्बत को भुलाया नहीं जाता । इश्क़ में चाहतों को आज़माया नहीं जाता । दिल के हज़ार टुकड़े हुए इश्क़ में मगर । टूटा हुआ दिल किसी को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 27 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read मौहब्बत ये सफर इश्क़ का आखिरी पैगाम है । तू जिंदगी में मोहब्बत की हंसी शाम है । उसकी मदहोश जवानी के उदास लम्हों में। मैंने जो देखी लवों पर नयी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 27 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read मां किसको कहे हम अपना उस बिन नही गुज़ारा। मां नाम है उसी का मेरा है बो सहारा। आंचल के तले उसके सब चैन से सोते हैं। दुनिया में कोई मां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 17 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read हालात ज़माने का सितम दिल पर मेरे नासूर करता है। ये दुनिया का फ़साना लिखने को मजबूर करता है । वया कैसे करु इस देश के बिगड़े हालातों को । सभी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 25 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 24 May 2024 · 1 min read गज़ल जहाँ शब्दों की सीमा समेट लेती वाणी, वहाँ आँखें भर देती हैं मौन की कहानी। जब दिल भर जाता है, होंठ नहीं खुलते, आँखों की भाषा से मन के भाव... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · ग़ज़ल 1 24 Share Dipak Kumar "Girja" 24 May 2024 · 1 min read यादों की सफ़र" वो हुस्न का शराब पिलाकर चले गए, मासूम दिल दीवाना बनाकर चले गए। नजरों से अपने हमको जो गिरा न सके, दिल से मुझको आज भुलाकर चले गए। ज़िंदगी की... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 26 Share Phool gufran 23 May 2024 · 1 min read बचपन याद है मुझको अभी तक वो फ़साना याद है। बचपन का बीता हुआ मुझको ज़माना याद है। पास बैठकर जब हम गीत सुना करते थे । तेरे होठों से गाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 19 Share Dipak Kumar "Girja" 23 May 2024 · 1 min read दीवाना दिल पागल हूं दीवाना हूं मोहब्बत के जमाने में जरा रुख कर दो मुझपे भी कमी क्या इस दीवाने में मैं पागल हूं.... जरा समझो मेरी धड़कन क्यों तुम बेचैन करते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 25 Share विजय कुमार नामदेव 22 May 2024 · 1 min read व्यथा क्या व्यथा कहते बुलाकर चार को। तोड़ते है चार ही घरबार को।। क्यों दवा में भी मिलावट कर रहे। मार ही डालोगे क्या बीमार को।। वक़्त पैसा प्यार सब कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 19 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जीवन पथ तबाही का भी जलसा मनाते चलिए पराये को भी अपना बनाते चलिए हमदर्दी की, किसी से, उम्मीद मत करना ज़ख़्म अपने हैं, इन्हें भी अपनाते चलिए तकलीफ़ों से बहुत वाक़िफ़... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · दर्द राजीव टकराना अपनाना 25 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता चाँदनी हो हर रात के हिस्से में , ऐसा नहीं होता शूल भी मिलेंगे अगर आगे बढ़ना है फूलों का ही सफ़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 25 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read तेरा ग़म आप वो ख्वाब जिंदगी में दिखाते न कभी हम भी फिर आप पे हक़ यूँ जताते न कभी हमने तो आपको इक नूर -ए- फरिश्ता समझा वर्ना हमराज़ तुम्हे हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 28 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read में बेरोजगारी पर स्वार विसय. बेरोजगारी पर सवार विधा. मुक्तक दिनांक. २०:५:२०२४ 212 212. 212. 22 जिन्दगी का एक पल अब हावि हैं". बन्दगी की सादगी आजादी है ! बरस कई बीत गये यही... Hindi · ग़ज़ल 24 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read खामोस है जमीं खामोस आसमां , खामोस है जमीं खामोस आसमां , दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ | खामोस है जमीं खामोस आसमां खामोस है जमीं खामोस आसमां खुद को खुद में ढूढते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 24 Share Vinit kumar 19 May 2024 · 1 min read हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar सरेआम हक़ उन पर जताएँ किस तरह दिल की बात अपनी बताएँ किस तरह जुल्फें हैं कि उड़ उड़ के आती है आँख पे पूनम पे छाया बादल हटाएँ किस... Hindi · ग़ज़ल · शेर 28 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 19 May 2024 · 1 min read मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी, तुम ख़्वाब मेरे बन जाना!! मैं बन कर रहूंगा राज़ तुम्हारा, तुम हमराज़ मेरे बन जाना!! आँखें खोजती है तुम्हारा पता, बस तुम मंज़िल मेरे... Hindi · ग़ज़ल 26 Share भरत कुमार सोलंकी 19 May 2024 · 1 min read मन के सवालों का जवाब नाही " मन के सवाल का जवाब नहीं विचारशील मै बैठकर कागज कलम की तन्हाई पर कुछ सवाल उभरे हैं। एकान्त की पराकाष्ठा पर इस मन की गहराई के सवाल का... Hindi · ग़ज़ल 21 Share Neelam Sharma 17 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बह्र - 2122 1212 22 काफ़िया - ओं रदीफ़ - का #मतला हुस्न की आब नूर ख्वाबों का। सिर से पा तक शजर गुलाबों का। #हुस्मन-ए-तला ना ही मेलों का... Hindi · ग़ज़ल 1 34 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 25 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 26 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Hindi · ग़ज़ल 27 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज की जरूरत नहीं लोगो की परम्परा को तोड़ उस अमानत की दर को जोड़ खुद से कहूंगा मुझे दहेज की जरूरत नही भाग्य ने मुझे वो खुशहाली सोप मेरे बदनसीब को रोक मुझसे... Hindi · ग़ज़ल 24 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read जमाने से विद लेकर.... आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा | रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा रिस्ता क्या तेरा मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 52 Share Previous Page 3 Next