Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! दो कौड़ी का भाव परिंदे..! राज़ खुले जब हाकिम के तो, मार पड़ी बेभाव परिंदे..! था अंधों में काना राजा, ले डूबा वो नाव परिंदे.!... Hindi · ग़ज़ल 71 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, होती है फिर जेल परिंदे। सच है इक दिन हारेगा तू, जीवन का यह खेल परिंदे। भूखे नंगों से, है ज़्यादा, आवश्यक राफेल परिंदे। सच... Hindi · ग़ज़ल 1 68 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। आजकल कुछ रुख़ है बदला सा हुआ। वक़्त ने समझा दिया सब कुछ उसे, कल तलक जो शख़्स था पहुंचा हुआ। कब मुकम्मल... Hindi · ग़ज़ल 68 Share मनोज कर्ण 29 Sep 2024 · 1 min read *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क मैंने देखा नहीं है ख़्वाबों को, कभी हँसते हुए, मैंने देखा है ख़्वाबों को, ख़्वाब से ही मरते हुए, तन्हाई में होता है... Hindi · इश्क़ · ख्वाब · ग़ज़ल · फ़ुर्सत 2 96 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read हाल हुआ बेहाल परिदे..! हाल हुआ बेहाल परिदे, जीवन है जंजाल परिंदे। जितने काले चिट्ठे उसकी, उतनी मोटी खाल परिंदे। भर भर आंसू रोता फिरता, लगता है घड़ियाल परिंदे। माँ ने डाँट दिया थोड़ा... Hindi · ग़ज़ल 57 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जन्म जला सा हूँ शायद..!! 🌻🌻 ग़ज़ल 🌻🌻 जन्म जला सा हूँ शायद, इक़ अंधियारा हूँ शायद। डग मग जीवन की नैया, दूर किनारा हूँ शायद। बर्तन खाली हैं यारो, वक़्त का मारा हूँ शायद।... Hindi · ग़ज़ल 64 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read बाहर मीठे बोल परिंदे..! बाहर मीठे बोल परिंदे, मन के अंदर झोल परिंदे। दुनिया में जीना है तुझको, मुख में मिश्री घोल परिंदे। कहना है जो, उसको पहले, हिय के भीतर तोल परिंदे। रिश्वत... Hindi · ग़ज़ल 63 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जीवन...!! एक उलझी किताब है जीवन। हाँ... मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 1 2 46 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां, जब कभी भी मुस्कुरातीं बेटियां। खुशनुमा माहौल होता हर तरफ, प्यार से जब खिलखिलाती बेटियां। हो जरूरत रोशनी की ग़र कहीं, चाँद तारे तोड़ लातीं... Hindi · ग़ज़ल 81 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, दे दो जो भी जवाब है साहिब। आँख मिलते ही चढ़ गया नश्शा, लग रही वो शराब है साहिब। चाँद कह तो दिया तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल 58 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..! ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं, इश्क़ में सब लुटा के बैठे हैं। बैर इन आँधियों से क्यूं आख़िर, आशियां खुद जला के बैठे हैं। अब न हों हादसे... Hindi · ग़ज़ल 50 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..! देखें खाब सुनहरे कब तक..? हाकिम अपने बहरे कब तक..? सब्र यहाँ अब रखना मुश्किल, बहता दरिया ठहरे कब तक.? मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है, ख़ौफ़ज़दा से चहरे कब तक.?... Hindi · ग़ज़ल 51 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!! लहज़ा रख कर नर्म परिंदे, करता रह निज कर्म परिंदे। झूठों की महफ़िल में देखी, सच को लगती शर्म परिंदे। मोड़ जरा सा घुटनों को फिर, ओढ़ रजाई गर्म परिंदे।... Hindi · ग़ज़ल 85 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सोना बन..., रे आलू..! मत बन तू, अब बुद्धू..! सीधा कर, बस उल्लू..! एम कहूँ, या डब्ल्यू.! बन बैठा, दल बदलू.! सोना बन, रे आलू..! जादूगर, है पप्पू..! तांडव कर, बिन डमरू..! प्याली में,... Hindi · ग़ज़ल 74 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read एक उलझी किताब है जीवन एक उलझी किताब है जीवन। हाँ.. मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! बे-बजह का बवाल., रहने दो..! मुझको बेघर न कर., ख़ुदा मेरे, सबको होगा मलाल, रहने दो..! आशियाँ ख़ाक हो गये, जिनके, वो करेंगे कमाल.....!... Hindi · ग़ज़ल 49 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read जब जब हमको याद करोगे..! जब जब हमको याद करोगे, रोओगे फ़रियाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ कैद़ रहे इन आँखों में जो, अश्क़ों को आजाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ ख़ाक हुई ग़र बस्ती दिल की, कैसे फिर आबाद करोगे।... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read मैं बेबस सा एक "परिंदा" जिस दिल में ईमान नहीं है कुछ भी हो इंसान नहीं है। नामाक़ूल रहोगे, जब तक नीयत में पैमान नहीं है। क्या लाये जो खोया तुमने शायद गीता ज्ञान नहीं... Hindi · ग़ज़ल 63 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read हर मुश्किल का हल निकलेगा..! आज नहीं तो कल निकलेगा। हर मुश्किल का हल निकलेगा। ठान लिया गर मन में अपने, मरुथल से भी जल निकलेगा। अधजल गगरी छलकत जिनकी, उनका सूरज ढल निकलेगा। नेकी... Hindi · ग़ज़ल 1 34 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? या वही तेज धार है प्यारे.? कौन जाने कि कब, कहाँ कैसे..? कौन किसका शिकार है प्यारे...? तैरने का नहीं हुनर जिसको, वो भी दरिया... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read बग़ावत की लहर कैसे..? बग़ावत की लहर कैसे..? उठी आख़िर नज़र कैसे..? कहाँ कब और, किधर कैसे..? मचा है ये ग़दर, कैसे..? बड़ी ज़ालिम ये दुनिया है यहाँ अब हो गुज़र कैसे..? मुझे मत... Hindi · ग़ज़ल 33 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read गर्दिशों में हैं सितारे.....!! जान लेती है कसम से ये नज़ाकत प्यार की खेलना जुल्फों से' तेरा है कयामत प्यार की।। हो रहे मदहोश सब क्यूँ देखकर आवो-हवा, ग़ौर कर मगरूर इंसा है शरारत... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...! सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है, माँ.., कहानी और लोरी, सब सुनाना याद है। रोज आते हैं फरिश्ते, नींद के आगोश में, इस तरह कहना तुम्हारा, था बहाना... Hindi · ग़ज़ल 48 Share Kalamkash 24 Sep 2024 · 1 min read मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, कहता हूँ इस जहाँ से मुझे दर्द चाहिए Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · लेख · शेर 77 Share Vijay kumar Pandey 24 Sep 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ। छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ। रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ, होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ। मात पिता कुल के... Bhojpuri · ग़ज़ल 69 Share Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya" 23 Sep 2024 · 1 min read कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को अंधे लोग बहरा राजा, कुदरत का हैं फेर । बीच सड़क पर हत्या होवे, ऐसा हैं प्रदेश ।। बीबी बेवा बच्चे अनाथ, कोई नहीं सुनवाई । गुंडागर्दी बीच सड़क पर,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · दोहा · मुक्तक 64 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हम अकेले अनमने से हो गये.....!! हम अकेले अनमने से हो गये, धुंध में सब ख़्वाब जैसे खो गये। बोलियाँ जब लग रहीं थीं हुस्न की, देख मंजर आशिकी का रो गये। नींद में सब सो... Hindi · ग़ज़ल 69 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..? आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?? चाँदनी का नूर मद्धिम हो रहा है क्यूँ भला..?? धूल की परतें जमी हैं आदमी की सोच पर नफ़रतों की फस्ल... Hindi · ग़ज़ल 60 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आग जो रूह को जलाती है... आग जो रूह को जलाती है, कम्बख़त हुस्न से ही' आती है। आज महफ़िल बता रही हमको, क्यों ये' शम्मा जलाई' जाती है। मय बड़ी चीज़ है कहो कैसे, सब... Hindi · ग़ज़ल 56 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हर ज़िल्लत को सहकर हम..! हर ज़िल्लत को सहकर हम, काट रहे हैं हर मौसम। सौदागर थे खुशियों के, लेकिन हैं गठरी में ग़म। यूँ आंखों में क़तरे हैं, ज्यों फूलों पर हो शबनम। जख़्म... Hindi · ग़ज़ल 42 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...! क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से ग़र पिलाया यूँ जाम नज़रों से। लब थे खामोश जिसके मुद्दत से लिख दिया उसने नाम नज़रों से। सुर्ख आँखों में थी हया उनके क्यूँ... Hindi · ग़ज़ल 77 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 2 min read आपके दिल में क्या है बता दीजिए...? आपके दिल में क्या है बता दीजिए? इस मुहब्बत का कुछ तो सिला दीजिए। हमने ज़ुर्मे-मुहब्बत तो कर ही दिया, आप इस ज़ुर्म की अब सज़ा दीजिए। इश्क़ के मर्ज़... Hindi · ग़ज़ल 76 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read जन्म जला सा हूँ शायद...! जन्म जला सा हूँ शायद इक़ अंधियारा हूँ शायद। डग मग जीवन की नैया दूर किनारा हूँ शायद। बर्तन खाली हैं यारो वक़्त का मारा हूँ शायद। रिश्ते नाते बेमानी... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..! नफ़रतों को मैं.., मिटाना चाहता हूँ लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ। इम्तिहां मुश्किल बड़ा है इश्क़ का ये इक इसे भी आजमाना चाहता हूँ। कोई तो आकर के पूछे... Hindi · ग़ज़ल 69 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आखिर तो हूँ एक "परिंदा" कब तक यूँ दीदार करूँगा, आ जाओ श्रृंगार करूँगा। एक नज़र ग़र देख लिया तो, कुछ पल आँखे चार करूँगा। दुनिया के सब छोड़ झमेले, जी भर तुमसे प्यार करूँगा।... Hindi · ग़ज़ल 51 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...! देखकर तुम न यूँ अब...., नकारो मुझे अक़्स हूँ मैं तुम्हारा......, सँवारो मुझे। दाग दामन पे' मेरे.., लगे हैं..., अगर हक तुम्हारा है तुम ही.., निखारो मुझे। हूँ परेशां बहुत..,... Hindi · ग़ज़ल 69 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,! काम तुम बेहिसाब....., कर दो ना छूके मुझको गुलाब.., कर दो ना। ================= ग़र मुहब्बत है इक बुरी..., आदत मेरी आदत खराब...., कर दो ना। ================= आरज़ू इक........, यही है... Hindi · ग़ज़ल 66 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read अब बदला हिंदुस्तान मियां..! बूझो तो जानें...😋 है वक़्त बहुत बलवान मियां, यह ऊंची कब तक शान मियां..? जिसकी लाठी भैंस उसी की, यह बात पुरानी मान मियां..! आंखों से रुसबा पहले ही, अब... Hindi · ग़ज़ल 33 Share पंकज परिंदा 22 Sep 2024 · 1 min read आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..? कसमें वादों को, तोड़ दोगे क्या? मुझको तन्हा यूँ, छोड़ दोगे क्या? एक पत्थर, हजार टुकड़े हैं, आइना फिर से जोड़ दोगे क्या? ये मुहब्बत बड़ी बुरी शै है, इस... Hindi · ग़ज़ल 70 Share Kalamkash 22 Sep 2024 · 1 min read पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है, पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है, कहता हूँ मैं जहाँ से, मुहब्बत अजीब है Hindi · कविता · ग़ज़ल · दोहा · लेख · शेर 49 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Sep 2024 · 1 min read कुछ ज़ब्त भी कुछ ज़ब्त भी कमाल है। कुछ दर्द बे'मिसाल है। कुछ जिस्म की ज़रूरतें, कुछ रूह का सवाल है। कुछ ख़्वाहिशों की बेबसी, कुछ दिल का भी ख़्याल है। कुछ ख़ुद... Hindi · ग़ज़ल 4 1 53 Share पंकज परिंदा 21 Sep 2024 · 1 min read दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!! दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं हम तो शम्आ पर जलते परवाने हैं। महफ़िल मेरी झूम रही है यारों से इनके बिन तो कोसों तक वीराने हैं। एक नज़र ना... Hindi · ग़ज़ल 1 2 56 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 21 Sep 2024 · 1 min read *दिल का कद्रदान* देखता रहता हूं मैं चेहरा तेरा रात दिन अब तेरे दिल में उतरने की इजाज़त चाहिए बहुत देख ली है ये दुनिया इन आंखों से अब तेरी आंखों से देखने... Hindi · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Kavya · कविता · ग़ज़ल 6 1 315 Share Shivkumar Bilagrami 16 Sep 2024 · 1 min read आतिश पसन्द लोग अपने लिए कोई न कोई ख़ैरख़्वाह रखते हैं आतिश पसन्द लोग भी बारिश की चाह रखते हैं लेकर वचन किसी से न मांगे किसी की प्राण कभी हंसते हुए दधीच... Hindi · ग़ज़ल 1 52 Share Harinarayan Tanha 16 Sep 2024 · 1 min read तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार दिल की धड़कनों में बसाया है, प्यार तुम्हारे बिना जीवन अधूरा सा लगे मै ने जिंदगी भर निभाया है, प्यार तुम्हारी मुस्कान में मैं... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 59 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 Sep 2024 · 2 min read "हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण" "हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण" हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण, जिसमें झलके संस्कृति का हर अर्पण!! शब्दों में यूं बसती है जन-जन की पीड़ा, रस भावों... Hindi · अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस · कविता · ग़ज़ल · गीतिका · हिंदी 73 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 Sep 2024 · 1 min read इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है "इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है" इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है, दिल को दर्द से भरमाया करता है!! चुपचाप निगाहों में खो जाता है, आंसुओं से रिश्ता... Hindi · इश्क मोहब्बत · ग़ज़ल · ज़हर · तन्हाई 75 Share Sandeep Thakur 16 Sep 2024 · 1 min read छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर छोड़ तो आये गांव इक दम सब पर जड़ें अपनी भूले कब हम सब फूलते हैं किवाड़ बारिश में कट के भी पेड़ में हैं मौसम सब संदीप ठाकुर Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 227 Share Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya" 15 Sep 2024 · 1 min read हिंदी दिवस को प्रणाम हिंदी हैं जान, हिंदी हैं शान । हिंदी हैं अब, हमारी पहचान। । कश्मीर से लेकर, हिमाचल के पांजर । जीवन के रंग में हैं, हिंदी का सार ।। गंगा... Hindi · Quote Writer · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 1 49 Share Chunnu Lal Gupta 13 Sep 2024 · 1 min read //••• हिंदी •••// //••• हिंदी •••// ------------------ सूर,तुलसी,रसखान से मनके,सूत्र पिरोती हार सी है सप्त स्वरों से आच्छादित 'हिंदी' वीणा की झंकार सी है शब्दों के मधुरस की प्याली,बहती गंग की धार सी... Hindi · ग़ज़ल · चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ 106 Share Previous Page 3 Next