Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sandeep Thakur 9 Nov 2024 · 1 min read बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है ये कहानी ही हर दफ़ा क्यों है कुछ भी मजबूरी तो नहीं दिखती मैं क्या जानूं वो बेवफ़ा क्यों है संदीप ठाकुर Hindi · Quote Writer · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 2 279 Share पंकज परिंदा 8 Nov 2024 · 1 min read नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...? नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...? किसी भी आंख में काजल नहीं है..! नकारा है ज़माने भर ने' जिसको...! वो' दीवाना है' पर..., पागल नहीं है। सलीक़े से...., छुपाए... Hindi · ग़ज़ल 1 50 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Nov 2024 · 2 min read वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है न जाने किन-किन तकलीफों से गुजर जाया करती है, नौ महीने दर्द सहकर मां होने का फर्ज़ अदा करती है!! नादां हैं हम जो समझ नहीं पाते हैं क़ीमतें उसकी,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मां ❤️ · मां की ममता 41 Share Dr. Rajeev Jain 6 Nov 2024 · 1 min read खोखले शब्द खुदा तू भी, बातें तो बड़ी अच्छी करता है, फिर भी मुझे मेरी क़िस्मत पर छोड़ देता है l मुझको बचा लेगा, इस आस से आया था तेरे पास ,... Hindi · कविता · खुदा · ग़ज़ल · राजीव · सांगरी 42 Share पंकज परिंदा 6 Nov 2024 · 1 min read नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे आशियाँ., फिर गरीबों.., के जलने लगे। एक पल को मैं बुत सा.., बना रह गया जब वो वादे से अपने....., मुकरने लगे। जो हुए थे... Hindi · ग़ज़ल 1 2 65 Share पंकज परिंदा 6 Nov 2024 · 1 min read गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने। गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने। मुझको मुझसे ज़रा सा मिला आइने। क्यों है खामोश कबसे तुझे सब पता, राज कुछ तो मुझे भी बता आइने। मुद्दतों से न... Hindi · ग़ज़ल 44 Share पंकज परिंदा 5 Nov 2024 · 1 min read वो सितारे फ़लक पर सजाती रही। वो सितारे फ़लक पर सजाती रही। चाँद का ही वो कुनबा बढ़ाती रही। ऐब जाने न उसमें भी कितने छुपे, आइना वो मुझे ही दिखाती रही। चाँद को ज्यों मुकर्रर... Hindi · ग़ज़ल 1 2 45 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 4 Nov 2024 · 1 min read *इश्क़ की आरज़ू* माना की हूरों की हूर है वो और ये भी सच है कि रहती अभी मुझसे दूर है वो है नहीं उसको परवाह मेरे दिल की जाने किस नशे में... Hindi · Hindi Kavita · Poetry · Sahity · कविता · ग़ज़ल 3 2 199 Share पंकज परिंदा 2 Nov 2024 · 1 min read सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.? सम्मुख आकर मेरे ये अंगड़ाई क्यों.? उधड़े रिश्ते पर फिर से तुरपाई क्यों? प्यार कहूँ या कह दूँ इसको पागलपन, जब जब आँखें चार हुईं सकुचाई क्यों? हमले सब सीने... Hindi · ग़ज़ल 37 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Nov 2024 · 1 min read हुआ मेरा मुझमें तनिक ना गुजारा हुआ जितना मैं था मेरा वो तुम्हारा हुआ जीत तुमको मुक़म्मल मुबारक रहे मैं सिकंदर हूँ खुद से ही हारा हुआ दूरियां बढ़ चलीं तो... Hindi · ग़ज़ल 63 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल अपनों की कोई काट नहीं। क्यों खाईं देता पाट नहीं।। सुंदर प्यारे माॅल खुले हैं, अब ढूँढे मिलते हाट नहीं। सोफा,कुर्सी, झूला सब है, घर में मिलती खाट नहीं। सैर-सपाटा... Hindi · ग़ज़ल 63 Share पंकज परिंदा 31 Oct 2024 · 1 min read आजकल तो हुई है सयानी ग़ज़ल, आजकल तो हुई है सयानी ग़ज़ल, दर्द दिल के बताती ज़ुबानी ग़ज़ल। ग़र पता है बता दो मुझे यार तुम, है कहाँ खो गयी वो दीवानी ग़ज़ल। जश्न होगा यक़ीनन... Hindi · ग़ज़ल 71 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read गांव में जब हम पुराने घर गये, गांव में जब हम पुराने घर गये, देखकर मंज़र वहाँ का डर गये। गूँजा करती थीं जहाँ किलकारियाँ, क्यूं वहाँ हालात हो बदतर गये। एक थी दीवार आँगन में खड़ी,... Hindi · ग़ज़ल 56 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read झूठे परदे जो हम हटाने लगे, झूठे परदे जो हम हटाने लगे, लोग आँखें हमें दिखाने लगे। जब हकीकत बयां गज़ल में की, वो क़लम ही मेरा चुराने लगे। पल दो पल की खुशी मिली थी... Hindi · ग़ज़ल 50 Share मधुसूदन गौतम 30 Oct 2024 · 1 min read दीपावली पर बेबहर गज़ल दीपों की रौशनी में उम्मीद जल उठी, अंधेरों की हर गली में शमा ( दीप )जल उठी। खुशियों के रंग भर दें हर एक मोड़ पर, दीपावली की लौ से... Hindi · ग़ज़ल 1 45 Share पंकज परिंदा 30 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया। रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया। बिजलियाँ यूँ गिराना मजा आ गया। बात जाने न हमने क्या कह दी मगर, देखकर मुस्कुराना मजा आ गया। तोड़कर बंदिशें इस ज़माने... Hindi · ग़ज़ल 72 Share Sandeep Thakur 30 Oct 2024 · 1 min read बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर बहते पानी पे एक दरिया ने अपनी लहरों से लिक्खे अफ़्साने बादलों में समेट के बारिश अश्क धरती के लाई लौटाने काग़ज़ी फूल की महक का सच ये देहाती परिंदा... Hindi · Quote Writer · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Kalamkash 29 Oct 2024 · 1 min read अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख, अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख, है ज़िन्दगी क्या ये सोचता हूँ, खुदसे क़लह है, ख़लिश है ऐसी, खुद चेहरा अपना नोचता हूँ। Hindi · Poem · Quotation · कविता · ग़ज़ल · दोहा 70 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बोलता है न बात करता है जाने किस बात पर वो गुस्सा है इश्क़ जब दर्द रंज़ सहता है तब निखरता ये और ज़्यादा है कैसे दीदार माहरू का... Hindi · ग़ज़ल 72 Share Dr. Rajeev Jain 27 Oct 2024 · 1 min read प्यार और धोखा Dhokha aur pyar प्यार का धोखा इक हिसाब से अच्छा लगा कुछ देर का मिलना उस यार से अच्छा लगा कोई बात रही होगी कह कर मुकर जाने की इंकार... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · नज़्म · राजीव 71 Share पंकज परिंदा 26 Oct 2024 · 1 min read गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका। गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका। याद मुझको है आती वो अट्टालिका। पूछता कौन किसकी वो अट्टालिका? घर के ऊपर अभागी वो अट्टालिका। खेत खलिहान सबने लिए चाव से, मेरे... Hindi · ग़ज़ल 51 Share पंकज परिंदा 24 Oct 2024 · 1 min read मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!! जाने कबसे लटका हूँ, फांसी का इक फंदा हूँ। देख रहे वो नब्ज़ मेरी, ज़िन्दा हूँ या मुर्दा हूँ। हर चहरे पर पर्दा है, पर सबको पढ़ लेता हूँ। माँ... Hindi · ग़ज़ल 43 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 24 Oct 2024 · 1 min read *इश्क़ की फ़रियाद* हम तो तेरी यादों में खोये रहते हैं दुनियादारी से हमें क्या लेना बस तू ही रहे हमेशा सामने मेरे खूबसूरत नज़ारों से हमें क्या लेना तेरी ख़ुशी से खुश... Hindi · Poetry · कविता · ग़ज़ल · गीत 6 2 267 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल (1) तुम गले से न लगाओ तो कोई बात नहीं और ऑंखें भी चुराओ तो कोई बात नहीं (2) नाम ले ले के तुम्हारा मैं गुज़ारूँगा दिन तुम मुझे भूल... Hindi · ग़ज़ल 59 Share Nitu Sah 21 Oct 2024 · 1 min read आंसूओ को इस तरह से पी गए हम आंसुओं को इस तरह से पी गए हम बात ये भी सच है,मर के जी गए हम।। चाहता है दिल नज़र से बात तो हो चुप रहे वो ऐसे कि... Hindi · ग़ज़ल 2 2 31 Share पंकज परिंदा 20 Oct 2024 · 1 min read ओ आदम! तू चल आहिस्ता। ओ आदम! तू चल आहिस्ता। हो सब रोशन, जल आहिस्ता। जब जब तड़पेगी ये धरती, बरसेंगे बादल आहिस्ता। सागर की लहरें अंबर तक, नदिया की कल कल आहिस्ता। डरना मत... Hindi · ग़ज़ल 77 Share दीपक झा रुद्रा 20 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल होती है। अश्क आंखों में जो आए तो, ग़ज़ल होती है.... मेरी सांसों में तू छाए तो, ग़ज़ल होती है। लफ़्ज़ पर दस्तरस कइयों को है मगर जानाँ। आह,मिसरे में सजाए, तो... Hindi · ग़ज़ल · दीपक झा रुद्रा · हिंदी ग़ज़ल 1 1 76 Share पंकज परिंदा 16 Oct 2024 · 1 min read पर्वत, दरिया, पार करूँगा..! *बह्र -- फेलुन*4* कब तक यूं दीदार करूँगा, आ जाओ श्रृंगार करूँगा। एक नज़र ग़र देख लिया तो, कुछ पल आँखे चार करूँगा। दुनिया के सब छोड़ झमेले, जी भर... Hindi · ग़ज़ल 30 Share पंकज परिंदा 15 Oct 2024 · 1 min read मोहब्बत में ग़र बेज़ुबानी रहेगी..! मोहब्बत में ग़र बेज़ुबानी रहेगी, तो इन्सां की दुश्मन जवानी रहेगी। गुज़ारिश है तुमसे खफ़ा ना रहो तुम, अदावत ये कब तक पुरानी रहेगी। यूं नफ़रत करोगे अगर तुम जो... Hindi · ग़ज़ल 54 Share पंकज परिंदा 15 Oct 2024 · 1 min read हुनर का ग़र समंदर है..! *बह्र- 1222 1222* हुनर का ग़र समंदर है, भला फिर क्यूं तुझे डर है..? ज़माने को बतायें क्या, लगी कंकड़ से ठोकर है। यक़ीनन वक़्त बदलेगा, अभी तो हाल बदतर... Hindi · ग़ज़ल 79 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 15 Oct 2024 · 1 min read "लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल" (महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी) सरदार वल्लभ का नाम था महान, भारत की आज़ादी का था जिनमें अरमान। लौह पुरुष का दिया उन्हें सम्मान, बने आज़ादी के सच्चे प्रहरि-दान। देश को जोड़ा उन्होंने संजीवनी सा,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · सरदार वल्लभ भाई पटेल पर कविता 27 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read चाहे हो शह मात परिंदे..! चाहे हो शह मात परिंदे। मत ले तू खैरात परिंदे। वक़्त बुरा है आज मगर कल, बदलेंगे हालात परिंदे। डर मत, रख उम्मीद खुदा पर, किसकी क्या औक़ात परिंदे..? नेकी... Hindi · ग़ज़ल 37 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read रतन टाटा जी..!! आसमां में छा गया, टाटा रतन। पंछियों जैसा उड़ा, टाटा रतन। दाद हिम्मत की रही है मिल उसे, प्यार में गिर गिर उठा, टाटा रतन। थीं हज़ारों मुश्किलें भारी मग़र,... Hindi · ग़ज़ल 46 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल चाहत का ऐसा नज़राना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। रोज़ गली में आना जाना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। इश्क-ए-अंदाज़ समझती है,वैसे ये दुनिया सारी, दर्पण से घंटों बतियाना ,सच कहता हूँ... Hindi · ग़ज़ल 81 Share Vinit kumar 12 Oct 2024 · 1 min read शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर कल तक तो कहते थे उन्हे मुझसे मुहब्बत है आँखों में उनकी आज फिर ये क्यों बगावत है बहकता तो नहीं था मैं कभी भी जाम से इतना साक़ी तेरे... Hindi · ग़ज़ल 41 Share Vijay kumar Pandey 11 Oct 2024 · 1 min read ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई एक ग़ज़ल चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई । चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई। जो कहना हमें था सभी आदमी से, जिसे है सुधरना सुधर जाओ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 33 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…! जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी, सल्तनत तब झूठ की घबरा गयी। बे-ख़बर थे वक़्त की जो मार से, ज़िन्दगी उनकी क़फ़स में आ गयी। मुफ़लिसी को पालता हूँ आज... Hindi · ग़ज़ल 53 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है..! नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है, अन्जुमन में हर तरफ बस तीरगी है। पूछता मैं फिर रहा हर इक बशर से, मुफ़लिसी में कैद क्यों लाचारगी है। राह चलते... Hindi · ग़ज़ल 1 32 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…! बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है मज़लूम सर-ए-महफ़िल नज़रों से गिराया है। यह बात सितम की है बदनाम किया हमको हर फ़र्ज़ मुहब्बत का शिद्दत से निभाया है। गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल 42 Share प्रीतम श्रावस्तवी 10 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द का जिसको सिलसिला न मिला इश्क़ का उसको ज़ाइक़ा न मिला सबके दामन थे दाग़दार वहाँ कोई महफ़िल में पारसा न मिला फोन पर मिलने को कहे लेकिन एक... Hindi · ग़ज़ल 47 Share लवकुश यादव "अज़ल" 8 Oct 2024 · 1 min read सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल" हर किसी के वादे पे अब एतबार न होगा, मुश्किल बड़ी है यहां सूनी डगर पड़ी है। हर दिल अजीज अब खुशमिजाज न होगा, सुन लो प्रिय अब किसी से... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 50 Share अंसार एटवी 7 Oct 2024 · 1 min read सदा दे रहे ये जीने का इक हौसला दे रहे कई लोग मुझको दुआ दे रहे ये तिनके का घर अब बचेगा नहीं वो शोलों को इतनी हवा दे रहे जिन्हें ना ख़ुदा... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 47 Share मधुसूदन गौतम 6 Oct 2024 · 1 min read जाने जां निगाहों में ***गज़ल***** बह्र 221 1222 221 1222 ******************************* बादल भी उठे हो शायद आज फिजाओ में। क्यों एक नमी लगती फिर आज हवाओं में।*0* उठती हे कसक गहरे जाने जां निगाहो... Hindi · ग़ज़ल 36 Share पंकज परिंदा 6 Oct 2024 · 1 min read लुट गया है मक़ान किश्तों में। लुट गया है मक़ान किश्तों में। फंस गई मेरी जान किश्तों में। है नवाज़िश तेरी ही शायद,जो चल रही है दुकान किश्तों में। दस्तख़त ले लिए जो मुंसिफ ने, रोज़... Hindi · ग़ज़ल 47 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 5 Oct 2024 · 1 min read एक अनार, सौ बीमार बड़ी प्रचलित है ये लोकोक्ति एक अनार और सौ बीमार भटका रहा सबको दर बदर नंगे पांव अपने पीछे रोज़गार। भविष्य की चिंता में डूबे शिक्षा की डिग्री हाथ में... Hindi · SilentEyes · ग़ज़ल · मुहावरे 1 47 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 3 Oct 2024 · 1 min read *दुनियादारी की समझ* उसकी तारीफ़ों के पुल नहीं बांधता जो कहता है उस पर भी कभी टोक देता हूं मैं जो भी करता हूं उसकी ख़ुशी के लिए करता हूं फिर भी उसे... Hindi · Best Hindi · Best Poetry · Hindipoem · कविता · ग़ज़ल 2 1 228 Share पंकज परिंदा 3 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। मुझको मुझसे जरा मिला दे अब। ज़ख्म भरने लगे हैं सब मेरे, भर के मुट्टी नमक लगा दे अब। आशियां ख़ाक हो रहा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 65 Share मधुसूदन गौतम 2 Oct 2024 · 1 min read 222. प्रेम करना भी इबादत है। गिले शिकवे भुला कर के प्रेम करना इबादत है। बड़े लोगो की भी अक्सर यही होती रवायत है। गिला शिकवा कभी होना,मुनासिब गैर हो सकता। हमेशा माफ करना पर ,... Hindi · ग़ज़ल 144 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2024 · 1 min read चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चांदनी ने ही कुछ कहा होगा। वो परेशां सी है की क्या होगा, जब मेरा उस से सामना होगा। आजकल मुस्कुरा रहा है वो,... Hindi · ग़ज़ल 2 65 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? आज आंगन में चारपाई क्यूँ.. .? छोड़ जाना था रास्ते में तो, आग पानी में फिर लगाई क्यूँ.? दौरे हाज़िर का फ़लसफ़ा कैसा, कर... Hindi · ग़ज़ल 73 Share Previous Page 2 Next