Posts Tag: कविता 58k posts List Grid Previous Page 2 Next Ruchika Rai 27 May 2024 · 1 min read आलिंगन गोधूलि बेला मद्धम होती रोशनी, सूर्य का पश्चिम दिशा में जाते -जाते, धीरे-धीरे आसमां में खो जाना, जैसे धरा और गगन करते आलिंगन। पहाड़ों से झरते झरने झर-झर कर, मधुर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Saraswati Bajpai 27 May 2024 · 1 min read तुम बिन जीवन तुम बिन मेरा जीवन ऐसा जैसे कोई कारा काली हो । ईर्द गिर्द यू तमस का फेरा ज्यों रजनी से राका हारी हो । दिवस, मास फिर वर्षों में यदि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Saraswati Bajpai 27 May 2024 · 1 min read क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये जिस पर मैं बलि बलि जाती हूँ ? तुमको आना है जिस पथ से, उस पथ पर नयन बिछाती हूँ । तुम भिन्न नहीं जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Harinarayan Tanha 27 May 2024 · 1 min read तेरे इकरार का बहुमत चाहिए इससे पहले की तुझे कोई चोट दे दे तेरे प्यार को ही एक नया खोट दे दे अपने फैसले से परिणाम बदल दे मेरा तू मेरे प्यार को ही अपना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Buddha Prakash 27 May 2024 · 1 min read आज नहीं तो कल मै जागू आज नहीं तो कल मै जागू, जीवन मे शांति ही पा लूँ । अपनी कृपा मुझमे तुम करना, सदकर्मो की झोली भरना, मांगू कुछ ना दाता तुझसे, तुम बिन अब... Hindi · कविता · प्रकाश बोधि 2 7 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read नम आंखे बचपन खोए उम्र महज दस की मेरी पर देख कर्म मेरा कई गणितग गणित लगते नित नए नए नामों से मुझको कह कर लोग बुलाते कोई अनाथ कोई गरीबी का कीड़ा कोई... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · कविता बचपन · बचपन का दर्द 2 7 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read मैं नारी हूं भावनाओं में जीती हूं , भावनाओं में मरती हूं , कितनी सीढ़ी पार हुई हूं , मंजिल देखा करती हूं। हिंदुस्तान की बेटी हूं, उर से अदम्य साहसी हूं, समस्याओं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read न मुझको दग़ा देना 1)वीरान अंधेरे हों तुम मुझको सदा देना हर हाल में आऊँगी आवाज़ लगा देना 2)बर्बाद मुहब्बत की हर शय को भुला देना तडपाएं अगर यादें कुछ अश्क़ बहा देना 3)मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 5 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 27 May 2024 · 1 min read आजकल का मानव दुनिया के लोगों की गाथा विचित्र है, जन्मे एक कोख से आचरण भिन्न है। संत होय कोई - कोई होते बलबीर, होते कोई दानी करत आचरण पुनीत। राम ही ब्रह्म... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मेरे दिल ओ जां में समाते जाते 1)मेरी बेचैन सी धड़कन को मनाते जाते हमनफ़स मेरे दिलों जां में समाते जाते 2)दास्तां हम भी अगर अपनी सुनाते जाते तुमको पाबंद मोहब्बत का बनाते जाते 3)ख़्वाब की तुमने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 5 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तक़दीर का ही खेल 1)कहीं है सुख की शहनाई कहीं दुख घिर के आया है ये दुनिया है यहाॅं तक़दीर का ही खेल सारा है 2)यहाॅं के मंच पर किरदार अपने सब निभाते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 6 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं 1)वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं वो पल जो रो के गुज़ारे कहाॅं समझते हैं 2)मैं इंतज़ार में जगती रही हूं रातों को ये आस्मां के सितारे कहाॅं समझते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 4 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read राज़ बता कर जाते ) जाते जाते कोई तस्कीन दिला कर जाते दिल के वीरान से गुलशन को खिला कर जाते 2)गुनगुनाए थे जो चाहत में मिरे साथ कभी गीत फिर से वही इक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 2 6 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 1)खो गई जो कहीं वो हॅंसी चाहिए फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 2)फूल हर रॅंग के गुलसिताॅं में खिलें ख़ुश्बूएं सबकी फिर बाहमी चाहिए 3)दूर हों फ़ासले बैर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 5 Share नवीन जोशी 'नवल' 27 May 2024 · 1 min read कलम का क्रंदन कलम को कलम रहने दो, तलवार मत करो ! लेखन एक सन्देश हो खर-पतवार मत करो !! सबके अपने-अपने मत हैं, सबके अपने-अपने पथ हैं, अगणित शिष्टजन समाज में, मानव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Surinder blackpen 27 May 2024 · 1 min read चाहत अभी बाकी हैं चाहत अभी बाकी है ,माना बहुत फासले हैं। दिल में अभी बेबाकी है,माना बहुत मसअले है। कहां टूट पाते हैं ये बंधन,जो बंध जाते हैं रूह से। इंतहा अभी बाकी... Hindi · कविता 1 6 Share Seema Garg 27 May 2024 · 1 min read हिंदी हमारी मातृभाषा -- *हिंदी हमारी मातृभाषा--* *काव्य सृजन--* भारत की मातृभाषा हिंदी है। माँ शारदे की वाणी हिंदी है। साहित्य का सौरभ हिंदी है। भारत का गौरव हिंदी है। सप्तसिंधु विशाल हिंदी है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share BINDESH KUMAR JHA 27 May 2024 · 1 min read भिखारी का आशीष भिखारी का आशीष कहां जा रहे हो, फटे हाल धूमिल तन और बिखरे बाल हाथ में एक कटोरा चमकीला ओढ़ के चिथरे और जेब ढिला जितनी लंबी दुख की लकीर... Hindi · कविता 1 6 Share BINDESH KUMAR JHA 27 May 2024 · 1 min read डाकिया से डाकिया से तुझसे बड़ा दगाबाज शायद कोई ना होगा जो दे तसल्ली झूठी बार-बार निगाहों में यूं ही लगातार अरमान जगाए बोले, होगी रूठी वह इस बार, डाकिया इतना ही... Hindi · कविता 1 6 Share Jai Prakash Srivastav 27 May 2024 · 1 min read कुछ अभी शेष है प्रतीक्षारत हैं कुछ सांसें, कुछ सपने जीवित हैं। यद्यपि हार गये हैं हम, पर जीत की इच्छा, कुछ अन्तर्मन में जीवित हैं।। थे कुछ सपने कल के, कुछ आज के... Hindi · कविता 11 Share Santosh kumar Miri 27 May 2024 · 1 min read बर्फ *बर्फ* पानी बर्फ की ठोस अवस्था गर्मी से बचने की है व्यवस्था खूब खेले बाल्यावस्था उपयोग में लाए युवावस्था। पानी की है ठोस अवस्था 0'Cसे नीचे ताप पर, जमने की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 12 Share नेताम आर सी 27 May 2024 · 1 min read हारता वो है हारता वो है, जो शिकायत बार बार करता है। और जीतता वो है, जो कोशिश हर बार करता है। हारता वो है . . . . . . फैसला तुमको... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read जीवन ऐसे ही होता है कोई हँसता है कोई रोता है, जीवन ऐसे ही होता है। कोई रात में भी जगता रहता, कोई दिन में चैन से सोता है। जीवन ऐसे ही होता है। अपने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read मानसून को हम तरसें आग चहुँदिश बरस रही, इस गर्मी से हम बेहाल। कब बरसेंगे बादल हमपर, मानसून का हम करें इन्तजार। टप-टप करके बहे पसीना, गीली पीठ है गीला सीना। इस गर्मी की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Karuna Goswami 27 May 2024 · 1 min read सडा फल मेरे पापा ने भी एक आम का वृक्ष लगाया था । अपने अनुभव के जल से पल-पल उसे सजाया था। फिर अब फल आने की बारी थी मन उनका हरषाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read चेहरा चेहरा.. न जाने कब..कैसे ... अपनी मोहक छवि का परिचय देता कितनी ही आंखों का आकर्षण बन जाता है न जाने कब कैसे .. उन अपरिचित....अनभिज्ञ सी आंखों की पहली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा 2 9 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read छत पर हम सोते एक रात जब हम सोते थे, छत पर अपनी आंखे मूंदे। पत्थर सी लगती थी सर पर, बारिश की वो गिरती बूंदें। बिस्तर लेकर सरपट भागे, घर में ढूंढें हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 10 Share गुमनाम 'बाबा' 27 May 2024 · 1 min read चित्र आधारित चौपाई रचना *चौपाई* सुंदर गौर सुकोमल अंगी, तन पर साड़ी सिर से नंगी। भावभंगिमा बिखरी-बिखरी, यौवन धन है, धन से तंगी।। उच्च माथ पर स्वेद बह रहा, मन में उपजे भेद कह... Hindi · कविता · गीतिका · हास्य 9 Share Harinarayan Tanha 27 May 2024 · 1 min read नेताजी को लू लग गई खबर बड़ी है गर्मी चढ़ी है समस्या खड़ी है चुनाव अभियान मे चर्चा है हर घर में हर दुकान में किसी ने कहा झुठे को सजा मिली है कोई कह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 27 May 2024 · 1 min read पिता बैठा लेता था अपने कंधो पर, थक जाता जब चलते चलते। बांह पकड़ कर मुझे संभाला, ठोकर खाकर गिरते गिरते। बारिश में छतरी बन जाता, धूप में वो बन जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share ABHA PANDEY 27 May 2024 · 1 min read *नानी के आशीष* *नानी के आशीष* चांद तारों सी चमको, सूरज सी दमको तुम। गुलाब सी खिलकर, चंदन सी महको तुम। अपनी मृदुल स्मित से, हर मन मोह लो तुम। कर्मों की दिव्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share Dr.sima 26 May 2024 · 1 min read कलियुग सीमित बुद्धि ,अहंकार युग चल रहा हैं। व्यक्ति अपना ही विध्वंस रच रहा है । हर घर क्लेश व्यक्ति में द्वेष हो रहा है। ईर्ष्या मन से ग्रस्त है, व्यक्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2024 · 2 min read पर्वत और गिलहरी... एक दिवस कुछ बहस छिड़ी, पर्वत और गिलहरी में। पर्वत विशाल था बोला, ए तुच्छ ! किस हेकड़ी में ? बोली गिलहरी सच कहा, निस्संदेह तुम्हीं बड़े हो। स्थिर होकर... Hindi · कविता · भावानुवाद 10 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 May 2024 · 1 min read छोटे दिल वाली दुनिया दुनिया है बहुत बड़ी , मगर सबके दिल है छोटे । बाहर से दिखते तो है भलेमानस , मगर भीतर से दिल के खोटे। दिखावा तो करते अपने पन का... Hindi · कविता 1 17 Share Ghanshyam Poddar 26 May 2024 · 1 min read मई दिवस (१) उत्तरी -अक्षांश के बर्फीले देशों में मई दिवस हैं लोगो का, बासंती महीना दिन होता है जहां, मौज- मस्ती का शीतलता की जड़ता से विमुक्ति का जब देखते ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share sudhir kumar 26 May 2024 · 1 min read *पर्वतों की सैर* ~~~~~~~~~~~~ चल पर्वतों की सैर करें। ठंडी बर्फ में जाकर ठरें। इस आग उगलते शहर में, हम क्यों घुट घुटकर मरें। चल शुद्ध हवा में हम झूमें। बल खातीं सड़कों... Hindi · कविता 8 Share Neeraj Agarwal 26 May 2024 · 1 min read मुस्कराना शीर्षक - मुस्कान ************ एक तेरी यादों में होंठों पर मुस्कान आतीं हैं। न हमें जिंदगी और जीवन जीने की चाहत हैं। बस एक मुस्कान जो दुनिया के लिए रखते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share Neeraj Agarwal 26 May 2024 · 1 min read साथ शीर्षक - साथ ********** साथ ही तो एक शब्द नहीं हैं। जिंदगी में सच साथ ही तो हैं। हम तुम संग साथ निभाते हैं। मुश्किल और खुशी बांटते हैं। एक... Hindi · कविता 7 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 26 May 2024 · 1 min read परीलोक से आई हो 🙏 परीलोक से आई हो🙏 💙💙💙💙💙💙💙 प्रकृति माँ की हरियाली हो रंग बिरंगी श्रृंगारित हो नारी नव किसलय आनन कानन रंग भरी रंगोली हो आंगन की सौंदर्य सुंदरता परीलोक की सुंदर... Hindi · कविता 22 Share Bodhisatva kastooriya 26 May 2024 · 1 min read ग्रहस्थी हर बार तुम्ही से पूछू क्या करना है? यह प्यार है फकत नही ये डरना है!! पूछो साडी मुझ पर कैसी लग रही? कहता हू'अच्छी!' मुझे क्या मरना है? यही... Hindi · कविता 10 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read सूखा पेड़ सूखा पेड़ हूँ मैं, बस यों ही खड़ा रहूँगा, बूढ़ा हो गया हूँ,पर छाया तो देता रहूँगा, तुम मुझे काटो चाहे कितने ही कष्ट दो, तुम्हारी ज़रूरतें तो पूरी करता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · छाया · बेरहमी · लालच · सूखा 12 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read सहज - असहज सहज ही मिल जाती हैं जब खुशियाँ, उनकी कद्र ही गंवा देते हैं कुछ लोग, सहज ही खर्च कर देते हैंसब खुशियाँ, असहज हो जाते हैं ज़िन्दगी में लोग। ठोकरें... Poetry Writing Challenge-3 · असहज · उधार · कविता · खुशियां · सहज 1 10 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 26 May 2024 · 1 min read बैठो दो घड़ी पेड़ों की छांव में रवि ने बरसाई अग्नि, भू तल जल रहा है हर प्राणी भीषण गर्मी में झुलस रहा है गर्मी की छुट्टी में ,आ गया हूं मेरे गांव में पापा बोले बैठो... Hindi · कविता 15 Share Seema Garg 26 May 2024 · 1 min read वीर जवान -- *भारतीय वायु सेना को समर्पित विशेष प्रस्तुति --* *भारतीय वीर जवान---* ******************************* आज चलो सम्मान करेंगे, सेना के वीर जवानों का। जान हथेली रखकर चलते, भारत के वीर जवानों का।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Seema Garg 26 May 2024 · 1 min read पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में.. *काव्य सर्जन --* *पढ लेना मुझे किताबों में-* **************************** जब याद मेरी आने लगे , बदली बनकर छाने लगे! धडकन तन थरथराने लगे , तब पढ लेना तुम, मुझे किताबों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 15 Share राकेश पाठक कठारा 26 May 2024 · 1 min read राही आंगे बढ़ते जाना सुख दुःख की परवाह न करना राही आंगे बढ़ते जाना मीत मिलेंगे, गीत मिलेंगे उपवन में सुन्दर पुष्प खिलेंगे पर तुम मत ललचाना राही आंगे बढ़ते जाना लाभ हानि की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share BINDESH KUMAR JHA 26 May 2024 · 1 min read दादा जी दादाजी चांदी से भी सफेद बाल असमतल मिट्टी से गाल मुस्कान बता रही है, थकी हुई गाथा सुन रही है फीके पड़े दुनिया भर के इत्र दादाजी जो हैं मेरे... Hindi · कविता 5 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे, मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे, धर्म के झगड़ों को इस देश से रुकसत कर दे, मुशल्मा न कोई हिंदू कोई सिक्ख न ईसाई हो, मेरे ईश्वर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read वीर अभिमन्यु– कविता। सौ बार धन्य वह रण भूमि, जिस पर वह लड़ा काल जैसा। सौ बार धन्य वह माता, जिसने जना लाल अभिमन्यु सा। तेरहवें दिन का युद्ध रहा, वह कुरुक्षेत्र की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share Previous Page 2 Next