Posts Tag: कविता 57k posts List Grid नेताम आर सी 19 May 2024 · 1 min read अंजानी सी गलियां अंजानी सी गलियां मुझे, न जाने क्यों, जानी पहचानी सी लगने लगी है। एक साया परियों के जैसी, आंखों में मेरे, झिलमिलाने लगी है। क्या इसी को मुहब्बत कहते हैं?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 0 Share Koमल कुmari 19 May 2024 · 1 min read गौर किया जब तक मौके तलब में थे और हस्ती हंसी में खो गई गौर किया जब तक समा जल चुका था परवाने सोच ना सकें सब धुआं कर आई मैं ~ कुmari कोmal Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन 0 Share Koमल कुmari 19 May 2024 · 1 min read यूं ही कह दिया यूं ही कह दिया शायद सोचना था पर यह समझ की बात ज़हन में आई कहां कभी मौके तलब में थे और हस्ती हंसी में खो गई गौर किया जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 0 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 May 2024 · 1 min read चल मोहब्बत लिखते हैं एहसास के पन्ने पर चल मोहब्बत लिखते हैं और बनाते हैं कुछ नोट कागज़ के खरीद फरोख्त के इस मौसमी दौर में मैं तुझे खरीदता हूँ तूँ मुझे खरीद दुनिया... Hindi · कविता 2 Share Dr fauzia Naseem shad 19 May 2024 · 1 min read शांत मन को शान्त मन को पुनः अशान्त सा करते हैं भ्रम में जीने वाले सत्य स्वीकार कहां करते हैं तुम से जीवन जीवन से तुम तुमसे जुड़े इस जीवन की हर बात... Hindi · कविता 1 3 Share Harinarayan Tanha 19 May 2024 · 1 min read प्यार है लोकसभा का चुनाव नही है अब तक न जाने कितना आजमाया है तुमने हरेक बार मुझ-पर ही इल्जाम लगाया है तुमने मै अगर मुंसिफ होता तो तुम्हें सजा-ए-मोहब्बत देता मेरे सपनों पर बुल्डोजर चलाया है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Adha Deshwal 18 May 2024 · 1 min read हम लड़की हो या लड़का, रास्ता हो या वास्ता, टुटते ही हैं| रोना हो या हसना, लड़ाई हो या पढाई, विदाई हो या जुदाई, सहना सबको है, अकेले रहना सबको है,... Poetry Writing Challenge-3 · My Lines My Thoughts · कविता 1 8 Share विक्रम कुमार 18 May 2024 · 1 min read शिवांश को जन्म दिवस की बधाई तारा तुम मां की आंखों का , पापा की मुस्कान हो तुम तुम सपना हो दादी मां का , दादाजी का अरमान हो तुम किलकारी से गूंजता आंगन स्वर्ग से... Hindi · Happy Birthday Shivansh · कविता 9 Share Skanda Joshi 18 May 2024 · 1 min read याराना जिंदगी के सफर में चलते चलते कई अंजान लोगो से मिलते मिलते किसी की रूह का , तुम्हारी रूह से जुड़ जाना यही तो होता है यारो याराना। बिन कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बाईसवीं सदी की दुनिया लगता है तकनीकी पहुंच गई चरम पर देखा जाए तो इसकी अभी और लंबी है डगर मानव चांद पर पहुंचा है किंतु मंगल पर नहीं खोजना अभी बाकी है बहुत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Koमल कुmari 18 May 2024 · 1 min read सफ़र ठहरी नहीं अभी पड़ाव और है मंजिल दूर है राही नेह ठहरे कहीं दिशाओं की हर इल्म खूबसूरत लगे पर अलहदा इस राह की स्नेही मंजर सखी यह वश मे नहीं इसके अदद और है मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share Dinesh Kumar Gangwar 18 May 2024 · 1 min read आहत हूॅ कष्ट बहुत था जीवन मे और धन का था अभाव पर ना थके कदम मेरे दुर्गम राहों पर चल कर पूर्ण हुए सब ख्वाब मेरे फिर भी आहत हूॅ मै... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Koमल कुmari 18 May 2024 · 1 min read ** लगाव नहीं लगाना सखी ** लगाव नहीं लगाना सखी मैं अभागा कृष्ण के कुल का हूं वह तो ईश्वर थे सह गए मैं मानव जाति का मारा हूं है प्रेम यशोदा मैया से ना छोड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 18 May 2024 · 1 min read चार बजे प्रात: चार बजे की तन्हाई में रजाई की नरम गरमाई में हमारी नींद से नयन हैं बोझिल उनकी मजलिस जमी हुई है!! सितारों की चमक और ख़्वाब में अनजाने रास्तों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Koमल कुmari 18 May 2024 · 1 min read सफल हुए *** सफल हुए *** विरक्ति मन में चाह बसी प्रिय! इस मनरूपी बंधन तोड़ तुम सफल हुए इसे निश्चलता से भिगोया आपने सागर पाकर भी जो सूखा था उसे सुकून... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share Neeraj Agarwal 18 May 2024 · 1 min read शीर्षक - सोच और उम्र शीर्षक - सोच और उम्र ******************* सच हमारी सोच और उम्र ही होती हैं। हम बचपन जवानी और बुढ़ापे सोचते हैं। सोच और उम्र ही तो बहुत कुछ कहती हैं।... Hindi · कविता 6 Share DrLakshman Jha Parimal 18 May 2024 · 1 min read "फेसबूक के मूक दोस्त" डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= कहाँ है उत्सुकता किसी को किसी को जानने की किसी को पहचानने की बस जुड़ गए हैं विशाल हस्तियों से कोई लेखक हैं कोई कवि... Hindi · कविता 7 Share Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता} 18 May 2024 · 1 min read विरक्ती क्या करे जीवन संचार – वह रक्त जो विरक्त हो, किस आस पर टिके संसार - रीढ़ ही न सशक्त हो, विरक्ति का अर्थ विपरीत , संघर्षरत सार विरक्त आत्मा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share भरत कुमार सोलंकी 18 May 2024 · 2 min read हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १ हमारी योग्यता पर सवाल क्यो रख तानो को मन पर ख्यालो को खोजते है छोड सवालो को लालची मन का पता नही शादी पर लडको की योग्यता पर सवाल क्यो... Hindi · कविता 7 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read मन भारी है बाहर के शोर पर मेरे मन का शोर भारी है, इसको शांत करने की नही कोई तैयारी है। जमाने की हर आँच मन पर जमी हुई गहरी, उस आँच से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read प्रेम रोको,टोको,चाहे मन पर बाँध लगाओ चाहे मन को सीमाओं में बाँधे जाओ, जाने अनजाने ह्रदय में प्रस्फुटित, प्रेम रूपी बीज का मन में अंकुरण पाओ। कभी ताकत बन सारे मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इजाजत है तुझे भी इजाजत अपने सपनों को जीने का, खुशियों के चंद लम्हें में गम को अपने पीने का, अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहे तो कर, रिश्तों के उधड़ते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इश्क अंजाम ए इश्क़ कहाँ कौन समझ पाया है, इश्क़ का नशा जिसके रूह में समाया है। ख़्वाबों ख्यालों में एक चेहरा होता अक्सर, जिसके लिए दिल में जज्बात गहराया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read कल्पना कल्पना के विस्तृत नभ में भागती फिरूँ मैं इधर उधर नही चाहती खो जाऊँ मैं अपने जीवन की हर सुहानी डगर। कल्पना की गहराई हो सदा ही, सागर से भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read जज्बात ये मेरे जज्बात मुझसे ही दगा कर जाते हैं, चाहती नही बयां हो फिर भी आँखों मे उतर आते हैं। न कोई सिलसिला न कोई वादा न कोई गिला, फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 8 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 18 May 2024 · 1 min read "UG की महिमा" उठि कै तड़के भोर से, रहे प्याज खुदवाय। मस्त मगन मन झूमि कै, खुरपी रहे चलाय।। धीरे-धीरे करि जतन, साबुत प्याज निराय। खोदि बाल्टी भरि लिहे, लेहु तनिक सुस्ताय।। प्रेम... Hindi · कविता 3 3 6 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2024 · 1 min read खुली किताब एहसास के पन्नों पर लिखी हुई एक खुली किताब हूँ, गुज़री हक़ीक़त का सिलसिलेवार हिसाब हूँ , यादों की धूल भी कुछ लगी हुई है, साज़िशों से कुछ पन्ने भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read उठो भवानी उठो भवानी शंखनाद कर, चंडमुंड फिर आया है। रणभूमि में असंख्य रक्तबीज ने, फिर जग में उपलाया है। तुझे है समझा अबला नारी, कोमल तन मन की एक बेचारी। शिशुपालन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read मनुज न होता तो ऐसा होता मनुज न होता तो ऐसा होता, न उड़ान मेरे सपनों में होता, पर्वत- निर्झर- सागर- तरुवर, उड़ता- फिरता इधर- उधर फुर्र, प्रात कलरव की देता सौगात, ले मलय पर्वत से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Kanchan Gupta 18 May 2024 · 17 min read आँख भर जाये जब यूँ ही तो मुस्कुराया कर आँख भर जाये जब यूँ ही तो मुस्कुराया कर मनाना छोड़ कर क़िस्मत से रूठ जया कर सुरमयी शाम कभी काली घटायें बन कर ऐ तमन्ना तू मेरे द्वार पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 8 Share नवीन जोशी 'नवल' 18 May 2024 · 1 min read भारत के सैनिक मैं भारत का सैनिक हूँ, भारत माँ मुझको प्यारी है। अडिग खड़ा हूँ सीमा पर दुश्मन को मार भगाऊंगा, अंतिम क्षण तक भारत माँ मैं तेरे ही गुण गाऊंगा। देश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 9 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 18 May 2024 · 1 min read आज की हकीकत सच को दबाकर झूठ को उछाला जा रहा है, ये वो दौर है जब रावण को भी राम बनाया जा रहा है, एक चेहरे के नीचे दस चहरों को छिपा... Hindi · कविता 1 16 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read वृक्षारोपण ज्यों ज्यों होता रहेगा *वृक्षारोपण* त्यों त्यों शुद्ध होता रहेगा पर्यावरण प्रदूषण द्विजारेय (CO2) का होगा अवशोषण स्वस्थ रहेगा *ओम्* जन-जन का तन मन ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट मध्यप्रदेश Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 8 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बचपन बनाम पचपन किस्सा सुनिए बचपन का और साथ ही पचपन का खेलो खाओ बचपन में बेफिक्री है बचपन में बच्चों सा है पचपन में अच्छों सा है पचपन में माता-पिता का लाड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read मैं सफ़ेद रंग हूं मैं सफ़ेद रंग हूं, निर्मलता का प्रतीक हूं, शुद्धता और शांति का संदेशक हूं, कपास की मलमल हूं, धर्म की नींव हूं, वैराग्य का प्रतीक हूं, पवित्रता और त्याग की... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता · रंग 2 8 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read मिट्टी में मिल जाना है क्यों है घमंड तुझको इस काया का जिसे मिट्टी में मिल जाना है, ये दौलत, ये शोहरत, ये रिश्ते नाते सब एक दिन छूटकर यहीं रह जाना है। - सुमन... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता 2 8 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read शायरी दुख-दर्द से घिरी जिंदगी में भी खुशियां पास चली आएंगी बस एक आस जगा लो दिल में, और मुस्कुराहट सजा लो चेहरे पे। Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता 2 8 Share Bodhisatva kastooriya 18 May 2024 · 1 min read गांव अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कूलर-फ्रिज़ की याद न आई!! दिनचर्या कुछ ऐसी भाई, जीवन मे छाई अरुणाई !! अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कोयल की जब दी कूक सुनाई, तज खटिया,मस्तक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Bodhisatva kastooriya 18 May 2024 · 1 min read गांव अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कूलर-फ्रिज़ की याद न आई!! दिनचर्या कुछ ऐसी भाई, जीवन मे छाई अरुणाई !! अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कोयल की जब दी कूक सुनाई, तज खटिया,मस्तक... Hindi · कविता 8 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 18 May 2024 · 1 min read किसी का साथ देना सीखो किसी का साथ देना सीखो, धोखा तो आजकल सब देते हैं!! बुरा वक्त कभी बताकर नहीं आता, अच्छे वक्त में साथ तो सब देते हैं!! बेवजह किसी होठों की हसीं... Hindi · कविता 9 Share Pratibha Pandey 18 May 2024 · 1 min read आप ही बदल गए #दिनांक:-18/5/2024 #शीर्षक:-आप ही बदल गए। हम अपने जंजालो में और फंसते चले गए, उन्हे लगा यारों, हम बदल गए । करके नजदीकी, ये दूर तलक भरम गए, कुण्ठा के मस्तक... Hindi · कविता 6 Share Surinder blackpen 18 May 2024 · 1 min read घड़ी का इंतजार है बेसब्री से उस घड़ी का इंतजार है। जब तुम कहोगे, हां तुमसे प्यार है। राह तकते तकते थक जाते हैं नैना तेरी दीद के बिना,आये न चैना। क्यों गंवा रहे... Hindi · कविता 5 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी के निशां यहाँ ज़िन्दगी की धड़कनें थम सी गई हैं, चलो, दूसरे घर नहीं, तीसरे घर चलते हैं, कहीं तो ज़िन्दगी में साँसें मौजूद हीहोंगी, कि कहीं तो ज़िन्दादिली ही वजूदमें होगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहर · ख़्वाहिशें · ज़िन्दगी · ज़िन्दादिली 1 6 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ध्वनि प्रतिध्वनि वहाँ ध्वनि प्रतिध्वनि की गूँज, कण कण में विराजमान थी। गूँज रहा था लहरों का संगीत, और प्रतिध्वनि में थी मधुरता। चाहतों का बहता था समन्दर, और प्रतिध्वनि में थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ध्वनि · प्रतिध्वनि · विराजमान · विह्वलता 1 6 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 18 May 2024 · 1 min read वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, तू ही बता क्या करूं के चैन की जिंदगी जी सकूं।। साडी पहनती हूं तो तुझे मेरी कमर दिखती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ बचपन की शरारते जवानी में खोए होश खोए होश के सफर की कहानी लिखना चाहता हूँ मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ दिखावे दोस्त दोस्ती स्वरथ की प्यार बर्बादी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 8 Share Naman kumar Jaswal 18 May 2024 · 1 min read वो दिन वो दिन वो भी क्या ज़िंदगी थी छोटी सी उम्र थी ना कोई समझ थी हस्ते ही रहते थे अपनी मस्ती में ही रहते थे फिर एक दिन अम्मी ने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read नूतन वर्ष अभिनंदन नूतन वर्ष तुम्हारा सादर वंदन है अभिनंदन है मलयागिरि की मंद सुगंध बयार शीतल चंदन है मन का राग द्वेष छल छद्म वेश अभिमान त्याग नव उमंग उत्साह *ओम्* प्रकृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read होली बुरा ना मानो होली है यह हमरे दिल की बोली है लेकर आई होली , जब वसंत के रंग क्यों न खेलें हम सभी , प्रकृति के संग छोड़ें रासायनिक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read कविता कविता भी होती सरल जैसे जल होता तरल पढ़ मन न होता विह्वल दिल करे पढ़ने हर पल मिलन हो जाता सरल गर कविता न होती सरल *ओम्* कैसे पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Page 1 Next