Tag: कविता/गीतिका
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मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD CHAUHAN
तन्हाँ-तन्हाँ सफ़र
VINOD CHAUHAN
प्यार जताना न आया
VINOD CHAUHAN
एक रात का मुसाफ़िर
VINOD CHAUHAN
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
VINOD CHAUHAN
अगर तू नही है,ज़िंदगी में खालीपन रह जायेगा
Ram Krishan Rastogi
सदा सुहागन रहो
VINOD CHAUHAN
बेताब दिल
VINOD CHAUHAN
बेताब दिल की तमन्ना
VINOD CHAUHAN
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
तुम्हारी शोख़ अदाएं
VINOD CHAUHAN
रूठे रूठे से हुजूर
VINOD CHAUHAN
कितने सावन बीते हैं
VINOD CHAUHAN
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
मुकद्दर तेरा मेरा
VINOD CHAUHAN
करवा चौथ
VINOD CHAUHAN
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
इश्क़ का दस्तूर
VINOD CHAUHAN
मैं ख़ुद से बे-ख़बर मुझको जमाना जो भी कहे
VINOD CHAUHAN
तेरी बाहों के घेरे
VINOD CHAUHAN
फ़साने तेरे-मेरे
VINOD CHAUHAN
घूँघट की आड़
VINOD CHAUHAN
वो नयनों के दीपक
VINOD CHAUHAN
अंदाज मस्ताना
VINOD CHAUHAN
महकती फिज़ाएँ लौट आई
VINOD CHAUHAN
दो कदम साथ चलो
VINOD CHAUHAN
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फ़रियाद
VINOD CHAUHAN
मजबूर दिल की ये आरजू
VINOD CHAUHAN
कैसे तेरा दीदार करूँ
VINOD CHAUHAN
ये हवाएँ
VINOD CHAUHAN
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
तक़दीर की उड़ान
VINOD CHAUHAN
तूँ मुझमें समाया है
VINOD CHAUHAN
दो किनारे हैं दरिया के
VINOD CHAUHAN
हाथों में उसके कंगन
VINOD CHAUHAN
इन जुल्फों के साये में रहने दो
VINOD CHAUHAN
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
मजदूर का स्वाभिमान
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा