Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 1 min read

Started day with the voice of nature

Started day with the voice of nature
Then silence surrounds
That led to ♾️ joy
So l led it for another voice

137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
*जीवन-सौभाग्य मिला उनको, जिनको पावन परिवार मिला (राधेश्यामी
*जीवन-सौभाग्य मिला उनको, जिनको पावन परिवार मिला (राधेश्यामी
Ravi Prakash
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
पिता के नाम पुत्री का एक पत्र
पिता के नाम पुत्री का एक पत्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#काकोरी_दिवस_आज
#काकोरी_दिवस_आज
*प्रणय*
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
जिंदगी के तूफानों में हर पल चिराग लिए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
"बता "
Dr. Kishan tandon kranti
कहो तो..........
कहो तो..........
Ghanshyam Poddar
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
काकाको यक्ष प्रश्न ( #नेपाली_भाषा)
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
गजल ए महक
गजल ए महक
Dr Mukesh 'Aseemit'
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
Dr fauzia Naseem shad
अब नहीं पाना तुम्हें
अब नहीं पाना तुम्हें
Saraswati Bajpai
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
singh kunwar sarvendra vikram
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
पंकज परिंदा
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
पूर्वार्थ
उसके बाद
उसके बाद
हिमांशु Kulshrestha
अभिमान
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऐ मोनाल तूॅ आ
ऐ मोनाल तूॅ आ
Mohan Pandey
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
Loading...