Sls-ns शायरी 1
पत्थर पर जो तेरा नाम हम लिखने गय
तेरी मुरत बना बैठे हम
सोचा तेरी मुरत को सज़ा दें हम
वह हमें पहचानने से इंकार कर बैठे ।।
हम क्या दें तेरा कसुर
जब हमें सब पता था
इश्क में मिलते हैं धोखे
बस यह धोखा नया था ।।
पत्थर पर जो तेरा नाम हम लिखने गय
तेरी मुरत बना बैठे हम
सोचा तेरी मुरत को सज़ा दें हम
वह हमें पहचानने से इंकार कर बैठे ।।
हम क्या दें तेरा कसुर
जब हमें सब पता था
इश्क में मिलते हैं धोखे
बस यह धोखा नया था ।।