Slap day पर मुक्तक
Slap day
हाथ की थाप लगे माँ की ,गुरु की मार मिले पटरी।
डांट की मार बड़ों की ही ,बाप की मार बड़ी तगड़ी।
और की मार नही अच्छी,खानी भी भला क्यो किसी की,
प्यार की मार लगे न लगे ,लग जाये तो है सबसे गहरी।
कलम घिसाई
Slap day
हाथ की थाप लगे माँ की ,गुरु की मार मिले पटरी।
डांट की मार बड़ों की ही ,बाप की मार बड़ी तगड़ी।
और की मार नही अच्छी,खानी भी भला क्यो किसी की,
प्यार की मार लगे न लगे ,लग जाये तो है सबसे गहरी।
कलम घिसाई