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6 Feb 2017 · 1 min read

शायरी

तुझ पर हक़ जमाने का , मैं करार नहीं कर सकता !!
दिल तुझ से लगा के ,फिर में तकरार नहीं कर सकता !!
दिल को इतना पास लाकर फिर बेकरार नहीं कर सकता !!
याद तेरी न आये पल पल, इसका में इन्तेजार नहीं कर सकता !!
सींचता हूँ, अपने अरमानो से अपनी दुनिया के ख्याल ए दोस्त !!
तूं नजर में न पड़े तो बुरा लगता है,इस का में इन्तेजार कर नहीं सकता !!
तूं आये न आये पास मिलने को, तेरी याद को खुद से दूर कर नहीं सकता !!
अजीत

Language: Hindi
Tag: शेर
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