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20 Mar 2024 · 1 min read

“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca

“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It can get ugly, it can get confusing. It’s gritty, it’s hard. It’s difficult to confront yourself sometimes; it’s difficult to be the person who does things differently, who doesn’t settle. But it’s the greatest gift you will ever give yourself. It will push you towards figuring out what your own personal version of happiness looks like; and when you grow on your own terms, when you figure out what actually matters to you, and when you carve out your own path, you live on your own terms. You love on your own terms. You become the person you have always wanted to be, rather than the person you were always told to be, and that is beautiful. Because when it comes down to it, life is about making yourself proud on your own terms. It’s about finding a happiness that works for you.”

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झूठ का दामन चाक किया,एक हकीकत लिख आए। चाहत के मोती लेकर एहसास की कीमत लिख आए। प्यार की खुशबू,इश्क ए कलम से,खत में लिखकर भेजा है। "सगीर" तितली के पंखों पर हम अपनी मोहब्बत लिख आए।
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