Rang zindigi ka
हमारा भी कल आएगा ,
नये नये रंग लायगा ,
ये दुनिया बदल रही है बहुत तेज़
क्या तू संभल पाएगा ,
कमाल की जिंदगी हो चली सब जगह करना पडता परहेज़ हैं ,
कभी कभी खुद पर सिर्फ दिखावे के लिए पहनना पड़ता भेस हैं ,
भरोसा करना होचला हैं मुश्किल आज कल की ज़िन्दगी मैं ,
माँ – बाप न होते तोह मेरा क्या होता ऐसे देश में ,
लगता था पहले कभी कभी रहलुंगा अकेला मजे से इस जिंदगी मैं ,
पर अब लगता है क्या होगा मेरा इस भेस मैं