Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

Rang zindigi ka

हमारा भी कल आएगा ,
नये नये रंग लायगा ,
ये दुनिया बदल रही है बहुत तेज़
क्या तू संभल पाएगा ,
कमाल की जिंदगी हो चली सब जगह करना पडता परहेज़ हैं ,
कभी कभी खुद पर सिर्फ दिखावे के लिए पहनना पड़ता भेस हैं ,
भरोसा करना होचला हैं मुश्किल आज कल की ज़िन्दगी मैं ,
माँ – बाप न होते तोह मेरा क्या होता ऐसे देश में ,
लगता था पहले कभी कभी रहलुंगा अकेला मजे से इस जिंदगी मैं ,
पर अब लगता है क्या होगा मेरा इस भेस मैं

1 Like · 104 Views

You may also like these posts

लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
दोहा पंचक. . . शीत शृंगार
दोहा पंचक. . . शीत शृंगार
sushil sarna
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
Rj Anand Prajapati
हम अपने घर में बेगाने
हम अपने घर में बेगाने
Manoj Shrivastava
2122/2122/212
2122/2122/212
सत्य कुमार प्रेमी
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
जागरूकता
जागरूकता
Neeraj Agarwal
इश्क़ हो गया।
इश्क़ हो गया।
Kuldeep mishra (KD)
दे दो
दे दो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
4691.*पूर्णिका*
4691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
#ਮੇਰੇ ਉੱਠੀ ਕਲੇਜੇ ਪੀੜ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गीत
गीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
Dr fauzia Naseem shad
मन के मीत
मन के मीत
Ramswaroop Dinkar
শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
हिन्दी‌ की वेदना
हिन्दी‌ की वेदना
Mahesh Jain 'Jyoti'
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
Neeraj kumar Soni
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
■ अनियंत्रित बोल और बातों में झोल।।
*प्रणय*
*
*" कोहरा"*
Shashi kala vyas
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
Suryakant Dwivedi
*अनमोल वचन*
*अनमोल वचन*
नेताम आर सी
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
Ravi Betulwala
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर त्याग सब सुख समृद्धि का आधार
पूर्वार्थ
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
अपवित्र मानसिकता से परे,
अपवित्र मानसिकता से परे,
शेखर सिंह
Loading...