हाकिम तेरा ये अंदाज़ अच्छा नही है।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
उम्र
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-10🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
चाँद के माथे पे शायद .......
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*