V.k.Viraz 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 7 Jul 2023 · 1 min read (( इश्क़ का क़ातिल वो जालिम )) 【 उसने 'इश्क़' मार डाला, फिरभी क़ैद से बाहर है 】 【 मैंने 'वफ़ा' बचाई, फ़िरभी सज़ा हो गई 】 V.k.Viraz 1 110 Share V.k.Viraz 22 Jul 2022 · 1 min read ■// जुबां-ए-विराज़ //■ अहल-ए-दिल अबभी वही है मुझमे शख्स रहता अबभी वही है। उसने वक़्त न दिया तो उसे ग़लत समझूँ बात ये बिल्कुल भी सही नही है। न दे सके कोई बहुत... Hindi · Poem 3 2 178 Share V.k.Viraz 15 Jul 2022 · 1 min read !! झूठा इश्क़ !! झूठा इश्क़ करो ख़ुश रहोगे सबको इग्नोर करो ख़ुश रहोगे। लॉयल रहोगे तो रोओगे बहुत बेईमानी से इश्क़ करो ख़ुश रहोगे। वफ़ा करता नही कोई जमाने मे तुमभी मत करो... Hindi 2 164 Share V.k.Viraz 2 Jun 2021 · 2 min read ●■ मैं ख़ुद में बदलाव लाऊँगा ■● किसी और पे उम्मीद न जगाऊँगा न दुनिया से कोई आस लगाऊंगा। मैं उस दिन कहूँगा अपनी मदद करने को जिस दिन मैं भी किसी को सहारा लगाऊंगा। दुनिया को... Hindi · कविता 2 6 286 Share V.k.Viraz 5 May 2021 · 1 min read ■ सुर या असुर इंसान ■ तुम सुर हो के असुर मुझे बता दो इंसानों इस गहरे राज़ से पर्दा आज उठा दो इंसानों। खोल दो आज हक़ीक़त का चिट्ठा अपने, सच जो हैं सबके सामने... Hindi · कविता 3 2 517 Share V.k.Viraz 24 Apr 2021 · 1 min read दुनिया पूरी क़ायनात को बस ये ही बीमारी है कि दुनिया ही मुसीबतों की जड़ सारी है। ख़ुद को कभी कोई शामिल करता नही, बस बदनाम करने का काम जारी है।... Hindi · मुक्तक 1 2 626 Share V.k.Viraz 24 Mar 2021 · 1 min read *रंग बदलता शहर* रंग बदलते शहर में गुजारा कैसे होगा गैर होकर कोई हमारा कैसे होगा। मुझे उम्मीद नही किसी और से यहाँ टूटते तारे का कोई सहारा कैसे होगा। Hindi · मुक्तक 2 274 Share V.k.Viraz 9 Mar 2021 · 1 min read *ईमान के पहरेदार* हुक़ूमत-ऐ-नफऱत है प्यार कि मिनारों पर ईंटे पड़ रहीं भारी ऊँची दीवारों पर। निकल रहे बचकर काले पाप के ठेकेदार लग रहा इल्ज़ाम ‘ईमान’ के पहरेदारों पर। V.k.Viraz Hindi · मुक्तक 1 2 340 Share V.k.Viraz 3 Mar 2021 · 1 min read {◆काश जीवन से समझौता कर लेते◆} न गिरते अश्रु धारे,न चिंता मन को खाती न ह्रदय रोग उभरता,न ज़िंदगी कठिन कहलाती। गर अड़चनों से दृढ़ता का सौदा हम कर लेते। काश जीवन से समझौता हम कर... Hindi · कविता 3 2 358 Share V.k.Viraz 2 Mar 2021 · 1 min read उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है? मौत को शिकस्त दे पाया कौन है उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है। दो-चार क़दम का सभी का सफर है, पूरे रास्ते पे चल पाया कौन है।... Hindi · कविता 2 2 397 Share V.k.Viraz 13 Feb 2021 · 1 min read ∆■हसीं लम्हों तुम्हें लोटना होगा■∆ कोई अपना तुम्हारा ग़मों की भीड़ से घिरा है। तड़प रही है आत्मा उसकी वो बुरी सी किसी तक़दीर से घिरा है। थक गया है वो चूर हो होकर जी... Hindi · मुक्तक 2 5 293 Share V.k.Viraz 8 Feb 2021 · 1 min read 【◆जब सितारे गर्दिश में हों◆】 जब सितारे गर्दिश में हो तो चुभ जाते हैं फूल साफ़ पड़े कमरे में भी लग जाती है धूल। हट जाते हैं सर से अपनों के भी सहारे। किनारे में... Hindi · कविता 1 3 448 Share V.k.Viraz 6 Feb 2021 · 1 min read **मैं परेशानी हूँ** आना जाना है काम मेरा सुख दुख दिखाना है काम मेरा। बैरी नही किसी की मैं न ही किसी की साथी हूँ। सौंप के स्वयं को तुम्हें जीना सिखाना है... Hindi · कविता 3 4 272 Share V.k.Viraz 3 Feb 2021 · 1 min read *कुछ खत मोहोब्बत के * पैसों के दौर में हम ग़रीब लगे उसे। शायद इसलिए वो हमसे नज़रें चुराकर गई। निभा न सके हम उससे जिस्मानी मोहब्बत शायद इसलिए वो हमसे हाँथ छुड़ाकर गई। प्यार... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 426 Share V.k.Viraz 2 Feb 2021 · 1 min read ** कुछ तो है ** ख़ुशी न सही ज़िन्दगी में ग़म तो है। कुछ न होने से बेहतर है के कुछ तो है। भौतिक चीजों की मुझे अब ज़रूरत नही। मेरे अंदर का एक महल... Hindi · कविता 1 8 291 Share V.k.Viraz 1 Feb 2021 · 1 min read **ये दुनिया छल की नगरिया** ये दुनिया छल की नगरिया यहाँ सब का अलग नज़रिया। हर चीज़ का यहाँ पर दाम है ये दुनिया महँगी बजरिया। यहाँ सब मुसाफ़िर इसके हैं संघर्ष में सब पिसते... Hindi · कविता 1 281 Share V.k.Viraz 31 Jan 2021 · 1 min read ■● तुम न करोगे तो कौन करेगा ●■ न टालो किसी और पर अपनी जिम्मेदारी का भार न रुको की कोई और होगा हर मुश्किल उठाने को तैयार तुम न रखोगे पहला पग तो अपना पग कौन धरेगा... Hindi · कविता 1 269 Share V.k.Viraz 29 Jan 2021 · 1 min read ■【चाहे हार हो चाहे जीत हो】■ अब हार हो चाहे जीत हो चाहे युद्ध हो चाहे प्रीत हो करना है हर दरिया पार अब चाहे सुख मिले चाहे टीश हो। चाहे फ्लॉप फ़िल्म सा पिट जाऊँ... Hindi · कविता 2 2 319 Share V.k.Viraz 22 Nov 2020 · 1 min read ■■ कलयुग अंत ■■ हद से ज्यादा द्वेष,पाप जब बढ़ जाएगा अंत कलयुग का तब आएगा। संभोग की लालसा स्त्री को सताएगी पुरुष बहनों तक से हवस मिटाएगा। दया धर्म सब मिट चुका होगा... Hindi · कविता 1 2 339 Share V.k.Viraz 20 Nov 2020 · 1 min read \मजबूर हूँ मैं// कुछ मै हूँ मजबूर,कुछ वक़्त मेरा है अच्छा हूँ इसलिए,सबने आ घेरा है। Hindi · शेर 1 3 432 Share V.k.Viraz 19 Nov 2020 · 1 min read #क़ाबिल /// मेहनत -ऐ- महफ़िल में शामिल हो जाइये। कुछ न कीजिए तो बस क़ाबिल हो जाइये। Hindi · शेर 2 480 Share V.k.Viraz 13 Nov 2020 · 1 min read माँ-बाप-और बेटा पार्ट 2 ◆ --------------------------- क्या हुआ के माँ बाप ने कुछ कह दिया तुझे इस बड़े संसार मे अमूल्य जीवन दिया तुझे। बातें आज उनकी तुझे बे-फिजूल लगती हैं जिन बातों से जीने... Hindi · कविता 514 Share V.k.Viraz 30 Oct 2020 · 1 min read ●■ मैं अगर भगवान हुआ तो ■● मैं अगर भगवान हुआ तो दुनिया नई बनाऊंगा। हर जाति बस जाएगी इंसान नही बसाउंगा। ये हैं मानव रूपी शैतान लेते सिर्फ़ हवस का ज्ञान। कई दफाइन्हें दियाजीवन पर अब... Hindi · कविता 1 461 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **मोम न बनो** पत्थर मोम बना तो पल में पिघल गया। इंसान मोम बना तो हरकोई निग़ल गया। Hindi · शेर 1 2 478 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **हमदर्द न बनो** बेवज़ह न किसी के हमदर्द बनो, दुनिया जीनी है तो खुदगर्ज बनो। Hindi · शेर 1 484 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **बात पैसों की** दोस्ती वहीं आकर अटक जाती है जहाँ पैसों की बात पड़ जाती है। Hindi · शेर 1 4 478 Share V.k.Viraz 28 Oct 2020 · 1 min read ◆◆मेरा सफ़र◆◆ मैं जिस राह चला हूँ वो राह अलग है। हर तरफ काँटे हर तरफ मौत ही मौत है। दु:ख है दर्द है और हैं काली रातें, सन्नटा है, अंधेरा है... Hindi · कविता 1 267 Share V.k.Viraz 26 Oct 2020 · 1 min read ज़िन्दगी से डरा गया कोई आग जीवन मे लगा गया कोई दिल को मेरे दुखा गया कोई। लहराता हुआ मैं इक़ फूल था, रूखी बातोंसे जिसे मुर्झा गया कोई। देखे थे मैंने भीऊँचे महलों के... Hindi · कविता 2 1 237 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read 【■ शराबी ■】 हालातों ने मुझको बनाया शराबी वरना थी न मुझमें तनिक खराबी। अब जो मैं पीता नजर आता हूँ, समझों केबस गम भुलाए जाता हूँ। बिन पिये रहे मेरे क़दम लड़खड़ाते... Hindi · कविता 1 299 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read ●◆दर्द का हिसाब◆● दर्द का मेरे कोई हिसाब नही लगाता बुरे वक़्त में मेरे कोई पास नही आता। दूर से निकल जाते हैं राम-राम करके नज़दीक से कोईभी हाँथ नही मिलाता। चमक जबतक... Hindi · कविता 1 379 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read // क़िस्मत // तन्हाईयाँ भी तन्हाइयों को रास नही आतीं। कुछ तो खता होगी वर्ना काली घटाएँ यूहीं उजालों के पास नही आती। मंज़र यूहीं नही बदलता बुरी नजरों के देख लेने से।... Hindi · कविता 3 2 250 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read ●【--मैं क़तरा ज़मी का--】● चमक चहरे पे मग़र दिल मे दर्दों के साए रहते हैं। मैं ज़मी का ऐसा क़तरा हूँ जिसके सर पे सदा बादल छाए रहते हैं। एक पल भी सुकूँ का... Hindi · कविता 2 2 341 Share V.k.Viraz 18 Oct 2020 · 1 min read कम में भी ज़िन्दगी चल जाया करती है। चिंगारियों से भी आग जल जाया करती है, छोटेबदलावों सेभी ज़िंदगी बदल जाया करती है। ज़्यादा की तमन्ना हर बार अच्छी नही होती, कम में भी ये ज़िन्दगी चल जाया... Hindi · मुक्तक 2 264 Share V.k.Viraz 17 Oct 2020 · 1 min read ■///【बदलता दौर】■ दौर उल्फ़त का ख़तम हो गया है। मतलबी अबहर सनम हो गया है। पहले इंसानियत हीधरम था,अब पैसा सभी का मजहब हो गया है। कागज़ के नोटों पे चलती है... Hindi · कविता 3 2 329 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \लोग काम नही आते// आदतों से लोग अपनी अब बाज नही आते। इंसानियत वाले लोग लोगों को रास नही आते। गुनगान करते हैं सिर्फ बुरी फ़ितरत वालों के काम आने वालों के भी लोग... Hindi · मुक्तक 2 2 463 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \जलता नर्क है// दुनिया की हर चीज़ में तर्क है बस सब के समझ मे फ़र्क है। किसी के लिए स्वर्ग है ये धरती तोकिसी केलिए जलता नर्क है। Poet V.k.viraz Hindi · मुक्तक 3 2 269 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read धूल भी कब्र बना देती है// यादों में यार कि अब सारे दिन कटते हैं साँसों के प्यारे गुब्बारे हर रोज़ सिमटते है। मिट्टी कि नन्ही सी धूल भी कब्र बना देती है जिसमे हर रोज... Hindi · मुक्तक 3 2 438 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \कुछ गहरे घाव// उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव। टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे, है इस पर फिर यादों का दबाव। Hindi · मुक्तक 3 2 433 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read \ लोग भी अजीब हैं // ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● गुनाहों की गठरी सर रखे चलते हैं दूसरों को अच्छे काउपदेश देते हैं। अपनी तो रखते हैंसँभाल करसदा दूसरों की इज़्ज़त को बेच देते हैं। ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● V.k.Viraz ''''''''''''''"""""""" Hindi · मुक्तक 3 2 297 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read ::(लोग मतलबी):: --------------------------------------------------- केवल धोका है सब यहाँ अपनों के नाम पर देता है ध्यान हर कोई बस अपने काम पर। किसी को क्या किसी की मन्ज़िल की फ़िक्र रखता है नज़र... Hindi · मुक्तक 3 365 Share V.k.Viraz 25 Sep 2020 · 1 min read 【■ हालात ज़िन्दगी के ■】 ------------------------------------------ हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के। सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी, ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के। ------------------------------------------ By... Hindi · मुक्तक 3 2 305 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read {【ब्याज़ पे मदद 】} अपनों से ही तो बस ,अपनीयता दिखाती है। दूसरों पर तो दुनिया मदद,ब्याज पे उठाती है। By vk viraz Hindi · शेर 4 539 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read ( नमकहरामी ) # खून में सबके नमकहरामी ही तो है। दुनिया के पास दुनिया की बदनामी ही तो है। Hindi · शेर 3 297 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !!!! अंदरूनी लिबास !!!! कहाँ देखती है दुनिया अंदरूनी लिबास को। लत्तों से पहचानती है ये सबकी औक़ात को। By vk viraz Hindi · शेर 4 2 294 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !:::बुरी राहें चलना मत:::! तारीफ़ों की आंच से पिघलना मत चिनगारियों से कभी जलना मत। बुरी राहें मंज़िल तक क्यों न जाएं, साथ उनके कभी तुम चलना मत। By-वि के विराज़ Hindi · मुक्तक 4 498 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ((())) ग़मों के डेरे ((())) घर के आगे मेरे भी ग़मो नेडेरे बहुत लगाए हैं। तुम्हारी ही तरह हमे भी कभी अपनों ने सताए हैं कभी ग़ैरों ने सताए हैं। इम्तिहान तो हम भी बचपन... Hindi · कविता 2 2 268 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ||||◆लोग बहुत सारे◆|||| अपने शहर में रहते हैं लोग बहुत सारे, कुछ वक्त के सताए हुए कुछ अपनों के मारे। तिल तिल कर बिखरा है जिनका जीवन ये सारा, सहारों में रहकर भी... Hindi · कविता 1 4 278 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ●【नक़ाब हटाया जाए】● चेहरों से नकाबों को अब हटाया जाए झूठ का सामना हक़ीक़त से कराया जाए। बहुत रह लिए दो मुए साँप बनकर क्यों न अब एक रूप में ज़िंदगी को बिताया... Hindi · कविता 2 4 268 Share V.k.Viraz 31 Aug 2020 · 1 min read // रात // ये रात भी क्या कुछ दे जाती है थके हुए इंसान को प्यारी नींद सुलाती है। चिंताओ के बोझ से भय मुक्त करवाती है ये रात भी क्या कुछ दे... Hindi · कविता 3 2 620 Share V.k.Viraz 29 Aug 2020 · 1 min read ||●||साथी||●|| एक साथी बिछड़ गया है उसे ढूंढ रहा हूँ। खोज रहा हूँ पूछ रहा हूँ। यादों में उसकी तड़प रहा हूँ सिसक रहा हूँ। मिलने को उससे तरस रहा हूँ... Hindi · कविता 4 6 325 Share Page 1 Next