Comments (5)
13 Feb 2021 11:25 AM
??थक गया है वो चूर हो होकर, जी रहा है ज़िन्दगी मजबूर हो होकर । उसे हँसाने का कोई रास्ता तुम्हें खोजना होगा। हसीं लम्हों में तुम्हें लोटना होगा। गजब लिखे हो विराज भाई जबरदस्त?? मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मैं आपकी प्रतियोगिता वाली रचना को वोट कर चुका हूँ । ध्यान रहे । आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदय ।?????
13 Feb 2021 10:16 AM
सुंदर प्रस्तुति।*लिखे थे खत हमने तो हजार का अवलोकन कर प्रतिक्रिया देने का कष्ट करे अच्छी लगे तो वोट देकर अनुग्रहित करें धन्यवाद।
13 Feb 2021 09:23 AM
वाह..बहुत सुंदर रचना आदरणीय।कृपया मेरी कविता “अमर प्रेम (सवैया) ” का अवलोकन कर एक वोट देकर सहयोग की कृपा करें।।
13 Feb 2021 08:44 AM
आपकी ये रचना बहुत ही अच्छी लगी? कृपया ‘मैं इश्कबाज़ नहीं’ को पढ़ें और प्रतिक्रिया दे मेरा उत्साहवर्धन करें?
बहुत सुंदर रचना विराज जी। आपसे मेरी रचना ” अधूरा पर पूर्ण प्यार” का अवलोकन अपेक्षित है और यदि ठीक लगे तो अपनी यथा उचित समीक्षा टिप्पड़ी व वोट अवश्य प्रदान करें। सादर।