Jai krishan Uniyal Language: Hindi 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jai krishan Uniyal 7 Apr 2023 · 2 min read सिमट रही है धारणा हमारी! बदल दो नाम उन सबके ,, है जिनसे तुम्हे परहेज, पर है जो अपनी मातृत्व की परंपरा, उसे तो रख लो सहेज, वसुधैव कुटुम्ब कम सूत्र वाक्य है अपना, फिर... Hindi 1 253 Share Jai krishan Uniyal 18 Mar 2023 · 1 min read बहने दो जल धारा को स्वछंद! बहने दो जल धारा को स्वछंद, कब तक बांधते रहोगे तटबंध, करते रहोगे मलीन और मंद, कब तक करोगे इससे द्वंद्व! कहते हैं जल में जीवन है, या कहें जल... Hindi 116 Share Jai krishan Uniyal 28 Feb 2023 · 2 min read मेरा वह घर, जो अब बन रहा है खंडहर! मेरा वह घर, जहां पर, मैं पला बढा, पढा लिखा, वह घर, जहां पर, मेरी तरह, मेरे भाई बहन, जन्मे, जिस घर में, जहां पर, मेरे पिता, मेरी माँ को,... Hindi 1 1 239 Share Jai krishan Uniyal 25 Feb 2023 · 1 min read हमने ना जाने क्या क्या पूर्वाग्रह संभाल लिए हैं! हम जहाँ एक ओर, आधुनिक युग में आ रहे हैं, वहीं उतने ही, अंध विश्वासों में जकड़े जा रहे हैं, कभी कभी तो हम बेबस होकर, मंदिर मस्जिद में मथा... Hindi 127 Share Jai krishan Uniyal 21 Feb 2023 · 2 min read बात करते हैं उनकी, जो पतंग बनाते हैं! कुछ लोग बड़ी सिद्दत से पतंग बनाते हैं, कुछ लोग पतंग उडाते हैं, कुछ पतंग लडाते हैं, और कुछ पतंग काटते हैं, कुछ लोग कटी हुई पतंग को पाने के... Hindi 247 Share Jai krishan Uniyal 24 Jan 2023 · 2 min read गलती कहूं या लापरवाही! गलती कहूं या लापरवाही, या थी यह अपनी बेपरवाही! नन्ही परी के जन्म दिवस पर, गया था मैं संदीप के घर पर! पार्टी शार्टी का था इंतजाम ,आए हुए थे... Hindi 1 231 Share Jai krishan Uniyal 22 Sep 2022 · 1 min read बूढेंद की बेदना नी सहेंदी जी! नी मरेंदू नी मरेंदू नी मरेंदू जी, बूढेंद की बेदना नी सहेंदी जी, अब बचीक क्या करलू मी, कनकै रैलो मी, मौत भी लुकी गे कखी, औंन्दी नी छ जी,... Hindi 180 Share Jai krishan Uniyal 14 Sep 2022 · 2 min read है कौन!जो मेरे साथ खड़ा है? एक बाढ़ की विपदा क्या आई, पुरखों की संपत्ति मैंने गंवाई, जीवन जीने की जो सौगात मिली थी, मेरी गृहस्थी जिससे चली थी, अचानक बाढ़ का जलजला क्या आया, मुझसे... Hindi 1 351 Share Jai krishan Uniyal 7 Sep 2022 · 2 min read दादी दादा नाती पोते! नन्हे मुन्ने, नाती पोते, तुतलाते हुए, जब वह कहते, उनकी मासूमियत पर, बलिहारी कर, दादी दादा, मुग्ध तब होते ! ठुमक ठुमक कर जब वो चलते, गिरते पड़ते, हिलते डुलते,... Hindi 438 Share Jai krishan Uniyal 1 Sep 2022 · 2 min read बाढ़ की विभीषिका की वह काली रात! उन्नीस अगस्त की वह काली रात, जम कर हो रही थी बरसात, आसमान में बादल गुरा्र्ते रहे, तड़ित तडिका बिजुरिया चमकाते रहे, लोग थे कि जन्माष्टमी मनाते रहे! सोचा भी... Hindi 2 2 306 Share Jai krishan Uniyal 29 Jul 2022 · 1 min read प्रवृत्ति एवं परिवेश! वो कहते हैं ये बड़े दयालु हैं, कुछ ये भी कहते हैं वे बड़े कृपालु हैं, कुछ उन्हें ममता की मुरत मानते हैं, वो बड़े ही ममतालु हैं, ये लोग... Hindi 2 283 Share Jai krishan Uniyal 16 Jul 2022 · 2 min read जब मैं अकेला पड़ गया !! ये ऐसा अक्सर मेरे साथ हुआ, जब मैं अकेला पड़ गया रे, जीवन के संघर्ष में, जीने के तौर तरीके में, पठन पाठन से लेकर, खान पान के प्रबन्धन में,... Hindi 208 Share Jai krishan Uniyal 18 Jun 2022 · 1 min read अग्नि पथ के हे अग्नि वीर! अग्नि पथ के हे अग्नि वीर, क्यों हो रहे हो इतने अधीर, थे अभी तक तो धीर गंभीर, फिर क्यों अचानक ही हो गये अगंभीर, हे अग्नि पथ के अग्नि... Hindi 2 6 485 Share Jai krishan Uniyal 19 May 2022 · 2 min read रोजमर्रा की वस्तुओं के बढ़ते दाम की रोचक पैरोडी! नींबू:- बढ़ती गर्मी में, लौट के जब आते घर, थकान को करने को दूर, पानी में एक नींबू निचोड़, गट गट कर पी जाते थे, हट जाती थी, वह थकान,... Hindi · कविता 1 3 452 Share Jai krishan Uniyal 4 May 2022 · 1 min read पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस!(गढ़वाली बोली भाषा में) पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, देंदा ये उपदेश औरुं तैं सटासट, बाकी त सब काला बेला छा निपट, ये ही छां सबसे सठ। पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, त्यौं मा... Hindi · कविता 222 Share Jai krishan Uniyal 27 Apr 2022 · 1 min read बेटी ज्वान होई ग्या! मां:- नौनी ज्वान होई ग्या, कुई नौनू ढूंढ बुढ्या! पिता:- नौनी अभी बाली छः, कच्ची या डाली छ:! मां- बाली या उमर छः, छौरों की नजर छः, औंदा जांदा रिंगदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 295 Share Jai krishan Uniyal 19 Apr 2022 · 1 min read कब तक करेंगे हम हिंदू- मुस्लमान! कब तक करेंगे, हम हिंदू-मुस्लमान, अब तो बनके दिखाएं, हम सभ्य इंसान! कब तक बंटे रहेंगे, हम यों ही धर्म संप्रदाय में, कब तक विभक्त रहेंगे, हम जात-पांत में! कब... Hindi · कविता 1 2 209 Share Jai krishan Uniyal 18 Mar 2022 · 2 min read हमारे ये पर्व !जिनमें छिपा है हमारे लिए संदेश! सम्मानित पाठकों, आज हम होली के उल्लास में सराबोर हो रहे हैं, इस पर्व की पूर्व संध्या पर हम सबने होलिका को दहन किया है! ऐसे ही हम दशहरे पर... Hindi · लेख 3 3 251 Share Jai krishan Uniyal 17 Mar 2022 · 1 min read शब्दों की होली! हे आर्य पुत्र जागो, स्वयं को पहचानो, अपने दायित्वों को मानो, एक बार हिन्दू बन कर जानों, कहां रोजगार पर अटक रहे हो, दर दर को भटक रहे हो। हे... Hindi · तेवरी 1 460 Share Jai krishan Uniyal 1 Mar 2022 · 2 min read उन्मादी शासक! हर युग में, पैदा हो ही जाते हैं, उन्मादी शासक, उनके उन्माद का, दंस झेलती है, पूरी दुनिया, जनता, जनता में ही हैं, उनके पूजक, उपासक, भक्त-अंधभक्त, अनुयाई, उभर कर... Hindi · कविता 475 Share Jai krishan Uniyal 26 Feb 2022 · 1 min read दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी! मानवता के लिए यह संकट की घड़ी, दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी, अहम की यह लड़ाई हो रही है बड़ी, अपनी अपनी सबको है पड़ी, मानवता के लिए है... Hindi · कविता 2 6 417 Share Jai krishan Uniyal 17 Feb 2022 · 2 min read अटकलों का बाजार! जब से हुआ है मतदान, आने लगे हैं अनुमान, अपने अपनों को जिता रहे हैं, प्रतिद्वंद्वी को कम आंक रहे हैं! हैं कुछ लोग वो भी, जो सरकार बना रहे... Hindi · कविता 2 4 587 Share Jai krishan Uniyal 15 Feb 2022 · 2 min read मतदाता होने का अहसास! जैसे ही थमा चुनावों का शोर, घर में जमा होने लगा पर्चियों का ठौर, जितने दल, उससे अधिक प्रत्याशी, पर्चियां इक्कठी हो गई अच्छी खासी, आखिर आ ही गया वह... Hindi · मुक्तक 2 4 596 Share Jai krishan Uniyal 28 Jan 2022 · 2 min read देखो इनका रोना धोना! रोत हुए आते हैं जग में, रुला कर चले जाते हैं, ये ही है जीवन मरण का चक्र, कौन इससे बच पाते हैं! देकर ईश्वर ने हमको काया, मोह माया... Hindi · कविता 1 4 390 Share Jai krishan Uniyal 23 Jan 2022 · 3 min read सासू मां!! सासू मां, हां है तो मां, पर कोई समझे ना, स्वीकारने का संकट है, बस यही तो झंझट है! सास तो, पति-पत्नी दोनों की होती है, बस इनकी सोच, थोड़ी... Hindi · कविता 1 2 894 Share Jai krishan Uniyal 21 Jan 2022 · 2 min read वो भी क्या दिन थे! वो भी क्या दिन थे, जब पुरे परिवार को, एक ही दोपहिया वाहन में, ढोते थे, मोटर साइकिल हुआ करती थी, जिसकी टंकी पर छोटी बेटी बैठा करती, बेटे को... Hindi · कविता 475 Share Jai krishan Uniyal 18 Jan 2022 · 2 min read आंकड़े अमीरी-गरीबी के! एक बार फिर खबर यह आई, अमीरों की अमीरी बढ़ गई भाई, गरीबों के बारे में भी बताया, इनकी संख्या में हो गया इजाफा! अमीर और अमीर हो गये, गरीब-गरीब... Hindi · कविता 2 4 254 Share Jai krishan Uniyal 14 Jan 2022 · 1 min read आओ करें वोट की चोट! चुनावों का मौसम क्या आया, दल बदलूओं ने रंग दिखलाया! अवसर पाकर दल बदलते हैं, सिद्धांतों की बड़ी बातें करते हैं,! पर नहीं है सिद्धांतों से कोई वास्ता, ढूंढ रहे... Hindi · कविता 2 4 299 Share Jai krishan Uniyal 12 Jan 2022 · 2 min read तिल का ताड़! कैसे बन गया, तील का ताड़, जब पी एम अपने, गये पंजाब, वांछित स्थल पर, जब वह नहीं जा पाए, लौट कर वहां से वापस आए, आकर वहां से वह... Hindi · कविता 1 4 269 Share Jai krishan Uniyal 10 Jan 2022 · 1 min read सौर मंडल मेरे घर में! बचपन में मां ने, चांद मुझे दिखलाया था, दूर आसमान में, चंदा मामा कहलाया था, मैं भी उसको रोज देखने, खुले आसमान में जाया करता, चंदा मामा आ गया है,... Hindi · कविता 1 2 271 Share Jai krishan Uniyal 6 Jan 2022 · 1 min read लड़की हूं -लड सकती हूं! एक दिन अचानक, कही गई ये बात, लड़की हूं लड़ सकती हूं, यह बात है विशेष, इसमें छिपा है एक संदेश, ना समझो मुझे गुड़िया मोम की, रहूंगी ना अब... Hindi · कविता 2 1k Share Jai krishan Uniyal 1 Jan 2022 · 2 min read गांधी और गोडसे का फर्क! साबरमती के सन्त तुम, हमें क्या नहीं दे गये, फिर भी आज लोग, हैं तुझे कोस रहे! अहिंसा का पाठ पढ़ा कर, हम निहत्थों को सबल किया, हिंसा से परहेज़... Hindi · कविता 3 3 245 Share Jai krishan Uniyal 31 Dec 2021 · 3 min read बातें हैं बातों का क्या! लो यह साल भी बीत गया, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और बीस, बीत गया था, इस बीते वर्ष में भी, खूब बातें हुई, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और... Hindi · कविता 1 2 368 Share Jai krishan Uniyal 27 Dec 2021 · 1 min read हे परमेश्वर -हे प्रभो! हे परमेश्वर-हे प्रभो! मन दिग्भ्रमित है, समाधान करो, मन मस्तिष्क में है मची ऊहापोह, हे ईश्वर इस पर ध्यान धरो, हे परमेश्वर-हे प्रभो, मेरी शंकाओं को दूर करो, मैं आया... Hindi · कविता 2 4 338 Share Jai krishan Uniyal 20 Dec 2021 · 2 min read नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! गल्ती कर दी,गल्ती कर गयी, नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! बना के ये आधार भूत ढांचा, पढ़ने को खुलवाई पाठशाला, हुनर सीखने को बनाई कार्यशाला, अन्न धन को उर्बरा खेत बनाए,... Hindi · कविता 1 2 448 Share Jai krishan Uniyal 15 Dec 2021 · 2 min read धुन के पक्के होते हैं किसान! घर-खेत हो या खलियान , या फिर हो वह कोई मैदान, ना कभी रुके-ना कभी थके, धुन के पक्के होते हैं किसान! खेत को बनाकर,बीज बो आते, गर्मी-शर्दी से ना... Hindi · कविता 1 2 354 Share Jai krishan Uniyal 9 Dec 2021 · 1 min read ऐ वीर तुम्हें करते नमन! उत्तराखंड का कह कर मैं, कद तुम्हारा कम कर दूं, सारा राष्ट्र,जिस पर बहा रहा है अश्रु उसका कद मैं कैसे कम कर दूं,! हां जब उत्तराखंडी कहलाते हो, तो... Hindi · कविता 1 2 437 Share Jai krishan Uniyal 5 Dec 2021 · 2 min read तपस्या!! अब तक,साधु संतों का, माना जाता रहा, तपस्या पर एकाधिकार! लेकिन, इस बार के प्रकाश पर्व पर, माननीय प्रधानमंत्री जी ने, अपनी तपस्या में, रह गई है कोई कमी, कह... Hindi · कविता 2 6 464 Share Jai krishan Uniyal 29 Nov 2021 · 2 min read जनता जनार्दन के अजब-गजब फैसले! जन प्रतिनिधि ने जो खर्च मांग लिया, तो ,वह जनप्रतिनिधि बेकार है, कर्मचारी व अधिकारी ने काम के बदले में, कुछ नजराना जता दिया तो वो ,उनका अधिकार है, जनता... Hindi · कविता 450 Share Jai krishan Uniyal 22 Nov 2021 · 3 min read मुल्यों का अवमूल्यन! मैं अक्टूबर इक्कीस से अड़सठ वें वर्ष में प्रवेश कर गया हूं, मैंने अपने बाल्य काल से लेकर युवा वस्था से होकर प्रौढ़ावस्था होते हुए अब बुजुर्वा वस्था तक का... Hindi · लेख 342 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read धारणा! ये तो दूध के धुले हैं, वे तो गंगा मैया से नहा कर निकले हैं, ये तो एक दम साफ़ सुथरे हैं, ये स्वच्छ, सुंदर और उजले हैं! वो गन्दे... Hindi · कविता 1 2 353 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! जिंदगी के अनसुलझे पहलुओं को, सुलझाते सुलझाते, उम्र ढल गई, वो इतने थे उलझे हुए कि, उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! ऐ जिन्दगी तुझे क्या थी ऐसी पड़ी, जो तु... Hindi · कविता 1 584 Share