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1 Sep 2022 09:20 PM

धन्यवाद! इस आपदा का मैं खुद हिस्सा हूं! मेरे रोजगार का सहारा ही बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया है! मेरे निकट के दर्जन भर लोग जान गंवा चुके हैं, घर खेत खलिहान,मंझोले कारोबार,राशन की दुकान, वाहन जाने क्या नहीं था जो नहीं रहा, बहुत ख़तरनाक मंज़र था! आपने रचना को सराहा आभार, यह अनुभव की झांकी है।

1 Sep 2022 05:32 PM

इस भयावह परिस्थिति से गुजरने वाले लोगो के दर्द के भाव को आपने अपनी रचना में बखूबी बयान किया है। बेहद मार्मिक रचना🙏🏻🙏🏻

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