Jai krishan Uniyal 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jai krishan Uniyal 24 Oct 2023 · 1 min read युद्ध! सनकी शासकों की सनक से उपजता है, युद्ध, जन जीवन का जीना होता है मुहाल, आबादियों की बस्ती में , हो रही है बमबारी बेहाल, मलवे के ढेर में, तब्दील... 1 177 Share Jai krishan Uniyal 11 Oct 2023 · 2 min read क्या करे ये गय्या मय्या! कदम कदम पर घुमती मिलती, आज कल ये गय्या मय्या, हे गोपाल क्यों है बदहाल, आज कल ये गय्या मय्या! बचपन में सुना था मैंने, पार कराती है बैतरणी,, बुढे... 166 Share Jai krishan Uniyal 5 Oct 2023 · 2 min read ये इंसान! ये इंसान, आज फक्त, है परेशान, जाने क्यों, रहता बेचैन, और करे, दूसरे को भी बेचैन! ये इंसान, जिसके पास, दिल दिमाग है, नयी नयी इबारतें, रचने का हुनर है,... 1 86 Share Jai krishan Uniyal 7 Sep 2023 · 1 min read घर घर कान्हा! बुना जब जब हमने ताना बाना, घर घर दिखे हमें नन्हे कान्हा, अमिट छाप है हम पर इनकी, उमड पडते हैं पाने को एक झलक इनकी, बाल्यकाल से ही रहे... 227 Share Jai krishan Uniyal 30 Aug 2023 · 1 min read गुरु महिमा! गुरु की महिमा, जब होती है तार-तार, हिल जाता है भरोसा, दिल होता है जार -जार, हमने तो सिखा भी है, गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पांव, बलिहारी गुरु... 183 Share Jai krishan Uniyal 30 Aug 2023 · 1 min read चन्द्र यान! इसरो ने चांद में, चन्द्र यान किया विराजमान, चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव पर, चल रहा है यह अभियान, खोज रहा है वो वहां, धरती जैसा आसियां, द्रव्य है, धातु है,... 123 Share Jai krishan Uniyal 29 Aug 2023 · 1 min read चीर हरण! जब कभी कहीं भी, हो चीर हरण, धृतराष्ट्र का , होगा वर्णन, किया किसने, चीर हरण, वह चाहे, रहे हों दुशासन, या तो दुर्योधन, या फिर कोई, और हो वो... 1 362 Share Jai krishan Uniyal 7 Aug 2023 · 1 min read पप्पू नही, दरिया दिल इंसान है वो! पप्पू नही, दरिया दिल इंसान है, वो हाथरस हो या मणिपुर मणिपुर, लोगों के दुख दर्द में आता जाता है वो, पप्पू कहते नहीं थकते थे जिसे, सभी खुलासे करता... 1 185 Share Jai krishan Uniyal 3 Aug 2023 · 1 min read अब समझ लिया है हमने तो! अब समझ लिया है, हमने तो, वो भाव तुम्हारा इन दस सालो में,, हमें तो किया खड़ा लाइन में, खुद बांटा धन अपने दलालों में, अब समझ लिया है हमने... 169 Share Jai krishan Uniyal 25 Jul 2023 · 1 min read तु इधर उधर की न बात कर, ये बता काफिला क्यों लूटा! तू इधर उधर की न बात कर, ये बता काफिला क्यों लुटा, मणिपुर जला तो क्यों जला, मातृत्व शर्मशार हुआ तो क्यों हुआ, देश जात धर्म में क्यों बंटा! तू... 125 Share Jai krishan Uniyal 18 Jul 2023 · 1 min read राज काज में लोक लाज! देश का ये राज काज, जैसे चल रहा आज, छोड कर लोक लाज, जुटा रहे हैं धन आज! नित बढ रहे हैं दाम, साग और भाजी के, नित बढ रहे... 1 2 96 Share Jai krishan Uniyal 12 Jul 2023 · 1 min read चांद तुम क्या हो! चांद तुम क्या हो, तारा मंडल की आभा हो, या नन्हे मुन्हों के मामा हो, नक्षत्रों का हिसाब हो, या महबूब का ख्वाब हो, चांद तुम क्या हो,जरा यह तो... 161 Share Jai krishan Uniyal 25 Jun 2023 · 1 min read लो हो गई बात, दो हजार चौबीस कि! उधर दुल्हे पर सवाल किया, इधर शादी का सुझाव मिला, हो रही थी गठबंधन की तैयारी, कह रहे थे सब अपनी बारी, लालू का जब नंबर आया, तुरंत उन्होंने यह... 1 206 Share Jai krishan Uniyal 19 Jun 2023 · 1 min read किस बात के कॉमरेड किस बात के धर्मनिरपेक्ष!! किस बात के कॉमरेड, बे फालतू के धर्मनिरपेक्ष, किस के शहीद, कहाँ के गरीब, सिर्फ कहने सुनने को नसीब! वर्ना, मतदान के समय, सब एक कैसे हो जाते, सिर्फ हिंदू-मुस्लमान... 260 Share Jai krishan Uniyal 18 Jun 2023 · 1 min read किस नाम से पुकारुं तुम्हे, कृष्ण कन्हैया! किस नाम से पुकारुं तुम्हे, कृष्ण कन्हैया, यशोदा के नन्दलाला, हे देवकी जन्नैया, कोई कहे चितचोर, कोई मुरली बजैया, कोई कहे माखन चोर, कोई नाग नथैया, किस नाम से पुकारुं... 255 Share Jai krishan Uniyal 4 Jun 2023 · 1 min read देश की गौरव हैं ये बेटियां!क्यों हैं आंदोलन पर आमदा!! खेली हैं ये देश की खातिर, और देश का मान बढाया भी, ये नहीं सिर्फ, हरियाणे की छोरियां, इन्हें देश ने अपनाया भी! जिसने जब मैडल जीता, तिरंगे को फहराया... 83 Share Jai krishan Uniyal 30 May 2023 · 2 min read निराश हताश ये बेटियां! मेडल लेकर जब लौटी तो, वाह वाही सब लूट रहे थे, गर्वित हुए हम सभी हिंदुस्तानी, तब सब यही तो कह रहे थे, पी एम -सी एम न्यौता देकर, पास... 330 Share Jai krishan Uniyal 25 May 2023 · 2 min read उम्र का पड़ाव और भागदौड़! जहां एक ओर भीडभाड बढी है, वहीं नौजवावों की रफ्तार बढी है, रफ्तार है ऐसी की चलना दूभर, आफत आ जाती है जैसे अपने ऊपर, कैसे खुद को बचाऊं इनसे,... 2 233 Share Jai krishan Uniyal 7 Apr 2023 · 2 min read सिमट रही है धारणा हमारी! बदल दो नाम उन सबके ,, है जिनसे तुम्हे परहेज, पर है जो अपनी मातृत्व की परंपरा, उसे तो रख लो सहेज, वसुधैव कुटुम्ब कम सूत्र वाक्य है अपना, फिर... Hindi 1 222 Share Jai krishan Uniyal 18 Mar 2023 · 1 min read बहने दो जल धारा को स्वछंद! बहने दो जल धारा को स्वछंद, कब तक बांधते रहोगे तटबंध, करते रहोगे मलीन और मंद, कब तक करोगे इससे द्वंद्व! कहते हैं जल में जीवन है, या कहें जल... Hindi 91 Share Jai krishan Uniyal 28 Feb 2023 · 2 min read मेरा वह घर, जो अब बन रहा है खंडहर! मेरा वह घर, जहां पर, मैं पला बढा, पढा लिखा, वह घर, जहां पर, मेरी तरह, मेरे भाई बहन, जन्मे, जिस घर में, जहां पर, मेरे पिता, मेरी माँ को,... Hindi 1 1 194 Share Jai krishan Uniyal 25 Feb 2023 · 1 min read हमने ना जाने क्या क्या पूर्वाग्रह संभाल लिए हैं! हम जहाँ एक ओर, आधुनिक युग में आ रहे हैं, वहीं उतने ही, अंध विश्वासों में जकड़े जा रहे हैं, कभी कभी तो हम बेबस होकर, मंदिर मस्जिद में मथा... Hindi 100 Share Jai krishan Uniyal 21 Feb 2023 · 2 min read बात करते हैं उनकी, जो पतंग बनाते हैं! कुछ लोग बड़ी सिद्दत से पतंग बनाते हैं, कुछ लोग पतंग उडाते हैं, कुछ पतंग लडाते हैं, और कुछ पतंग काटते हैं, कुछ लोग कटी हुई पतंग को पाने के... Hindi 201 Share Jai krishan Uniyal 24 Jan 2023 · 2 min read गलती कहूं या लापरवाही! गलती कहूं या लापरवाही, या थी यह अपनी बेपरवाही! नन्ही परी के जन्म दिवस पर, गया था मैं संदीप के घर पर! पार्टी शार्टी का था इंतजाम ,आए हुए थे... Hindi 1 206 Share Jai krishan Uniyal 22 Sep 2022 · 1 min read बूढेंद की बेदना नी सहेंदी जी! नी मरेंदू नी मरेंदू नी मरेंदू जी, बूढेंद की बेदना नी सहेंदी जी, अब बचीक क्या करलू मी, कनकै रैलो मी, मौत भी लुकी गे कखी, औंन्दी नी छ जी,... Hindi 151 Share Jai krishan Uniyal 14 Sep 2022 · 2 min read है कौन!जो मेरे साथ खड़ा है? एक बाढ़ की विपदा क्या आई, पुरखों की संपत्ति मैंने गंवाई, जीवन जीने की जो सौगात मिली थी, मेरी गृहस्थी जिससे चली थी, अचानक बाढ़ का जलजला क्या आया, मुझसे... Hindi 1 283 Share Jai krishan Uniyal 7 Sep 2022 · 2 min read दादी दादा नाती पोते! नन्हे मुन्ने, नाती पोते, तुतलाते हुए, जब वह कहते, उनकी मासूमियत पर, बलिहारी कर, दादी दादा, मुग्ध तब होते ! ठुमक ठुमक कर जब वो चलते, गिरते पड़ते, हिलते डुलते,... Hindi 369 Share Jai krishan Uniyal 1 Sep 2022 · 2 min read बाढ़ की विभीषिका की वह काली रात! उन्नीस अगस्त की वह काली रात, जम कर हो रही थी बरसात, आसमान में बादल गुरा्र्ते रहे, तड़ित तडिका बिजुरिया चमकाते रहे, लोग थे कि जन्माष्टमी मनाते रहे! सोचा भी... Hindi 2 2 253 Share Jai krishan Uniyal 29 Jul 2022 · 1 min read प्रवृत्ति एवं परिवेश! वो कहते हैं ये बड़े दयालु हैं, कुछ ये भी कहते हैं वे बड़े कृपालु हैं, कुछ उन्हें ममता की मुरत मानते हैं, वो बड़े ही ममतालु हैं, ये लोग... Hindi 2 241 Share Jai krishan Uniyal 16 Jul 2022 · 2 min read जब मैं अकेला पड़ गया !! ये ऐसा अक्सर मेरे साथ हुआ, जब मैं अकेला पड़ गया रे, जीवन के संघर्ष में, जीने के तौर तरीके में, पठन पाठन से लेकर, खान पान के प्रबन्धन में,... Hindi 170 Share Jai krishan Uniyal 18 Jun 2022 · 1 min read अग्नि पथ के हे अग्नि वीर! अग्नि पथ के हे अग्नि वीर, क्यों हो रहे हो इतने अधीर, थे अभी तक तो धीर गंभीर, फिर क्यों अचानक ही हो गये अगंभीर, हे अग्नि पथ के अग्नि... Hindi 2 6 401 Share Jai krishan Uniyal 19 May 2022 · 2 min read रोजमर्रा की वस्तुओं के बढ़ते दाम की रोचक पैरोडी! नींबू:- बढ़ती गर्मी में, लौट के जब आते घर, थकान को करने को दूर, पानी में एक नींबू निचोड़, गट गट कर पी जाते थे, हट जाती थी, वह थकान,... Hindi · कविता 1 3 375 Share Jai krishan Uniyal 4 May 2022 · 1 min read पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस!(गढ़वाली बोली भाषा में) पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, देंदा ये उपदेश औरुं तैं सटासट, बाकी त सब काला बेला छा निपट, ये ही छां सबसे सठ। पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, त्यौं मा... Hindi · कविता 185 Share Jai krishan Uniyal 27 Apr 2022 · 1 min read बेटी ज्वान होई ग्या! मां:- नौनी ज्वान होई ग्या, कुई नौनू ढूंढ बुढ्या! पिता:- नौनी अभी बाली छः, कच्ची या डाली छ:! मां- बाली या उमर छः, छौरों की नजर छः, औंदा जांदा रिंगदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share Jai krishan Uniyal 19 Apr 2022 · 1 min read कब तक करेंगे हम हिंदू- मुस्लमान! कब तक करेंगे, हम हिंदू-मुस्लमान, अब तो बनके दिखाएं, हम सभ्य इंसान! कब तक बंटे रहेंगे, हम यों ही धर्म संप्रदाय में, कब तक विभक्त रहेंगे, हम जात-पांत में! कब... Hindi · कविता 1 2 171 Share Jai krishan Uniyal 18 Mar 2022 · 2 min read हमारे ये पर्व !जिनमें छिपा है हमारे लिए संदेश! सम्मानित पाठकों, आज हम होली के उल्लास में सराबोर हो रहे हैं, इस पर्व की पूर्व संध्या पर हम सबने होलिका को दहन किया है! ऐसे ही हम दशहरे पर... Hindi · लेख 3 3 172 Share Jai krishan Uniyal 17 Mar 2022 · 1 min read शब्दों की होली! हे आर्य पुत्र जागो, स्वयं को पहचानो, अपने दायित्वों को मानो, एक बार हिन्दू बन कर जानों, कहां रोजगार पर अटक रहे हो, दर दर को भटक रहे हो। हे... Hindi · तेवरी 1 415 Share Jai krishan Uniyal 1 Mar 2022 · 2 min read उन्मादी शासक! हर युग में, पैदा हो ही जाते हैं, उन्मादी शासक, उनके उन्माद का, दंस झेलती है, पूरी दुनिया, जनता, जनता में ही हैं, उनके पूजक, उपासक, भक्त-अंधभक्त, अनुयाई, उभर कर... Hindi · कविता 434 Share Jai krishan Uniyal 26 Feb 2022 · 1 min read दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी! मानवता के लिए यह संकट की घड़ी, दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी, अहम की यह लड़ाई हो रही है बड़ी, अपनी अपनी सबको है पड़ी, मानवता के लिए है... Hindi · कविता 2 6 386 Share Jai krishan Uniyal 17 Feb 2022 · 2 min read अटकलों का बाजार! जब से हुआ है मतदान, आने लगे हैं अनुमान, अपने अपनों को जिता रहे हैं, प्रतिद्वंद्वी को कम आंक रहे हैं! हैं कुछ लोग वो भी, जो सरकार बना रहे... Hindi · कविता 2 4 507 Share Jai krishan Uniyal 15 Feb 2022 · 2 min read मतदाता होने का अहसास! जैसे ही थमा चुनावों का शोर, घर में जमा होने लगा पर्चियों का ठौर, जितने दल, उससे अधिक प्रत्याशी, पर्चियां इक्कठी हो गई अच्छी खासी, आखिर आ ही गया वह... Hindi · मुक्तक 2 4 548 Share Jai krishan Uniyal 28 Jan 2022 · 2 min read देखो इनका रोना धोना! रोत हुए आते हैं जग में, रुला कर चले जाते हैं, ये ही है जीवन मरण का चक्र, कौन इससे बच पाते हैं! देकर ईश्वर ने हमको काया, मोह माया... Hindi · कविता 1 4 349 Share Jai krishan Uniyal 23 Jan 2022 · 3 min read सासू मां!! सासू मां, हां है तो मां, पर कोई समझे ना, स्वीकारने का संकट है, बस यही तो झंझट है! सास तो, पति-पत्नी दोनों की होती है, बस इनकी सोच, थोड़ी... Hindi · कविता 1 2 814 Share Jai krishan Uniyal 21 Jan 2022 · 2 min read वो भी क्या दिन थे! वो भी क्या दिन थे, जब पुरे परिवार को, एक ही दोपहिया वाहन में, ढोते थे, मोटर साइकिल हुआ करती थी, जिसकी टंकी पर छोटी बेटी बैठा करती, बेटे को... Hindi · कविता 447 Share Jai krishan Uniyal 18 Jan 2022 · 2 min read आंकड़े अमीरी-गरीबी के! एक बार फिर खबर यह आई, अमीरों की अमीरी बढ़ गई भाई, गरीबों के बारे में भी बताया, इनकी संख्या में हो गया इजाफा! अमीर और अमीर हो गये, गरीब-गरीब... Hindi · कविता 2 4 226 Share Jai krishan Uniyal 14 Jan 2022 · 1 min read आओ करें वोट की चोट! चुनावों का मौसम क्या आया, दल बदलूओं ने रंग दिखलाया! अवसर पाकर दल बदलते हैं, सिद्धांतों की बड़ी बातें करते हैं,! पर नहीं है सिद्धांतों से कोई वास्ता, ढूंढ रहे... Hindi · कविता 2 4 270 Share Jai krishan Uniyal 12 Jan 2022 · 2 min read तिल का ताड़! कैसे बन गया, तील का ताड़, जब पी एम अपने, गये पंजाब, वांछित स्थल पर, जब वह नहीं जा पाए, लौट कर वहां से वापस आए, आकर वहां से वह... Hindi · कविता 1 4 233 Share Jai krishan Uniyal 10 Jan 2022 · 1 min read सौर मंडल मेरे घर में! बचपन में मां ने, चांद मुझे दिखलाया था, दूर आसमान में, चंदा मामा कहलाया था, मैं भी उसको रोज देखने, खुले आसमान में जाया करता, चंदा मामा आ गया है,... Hindi · कविता 1 2 233 Share Jai krishan Uniyal 6 Jan 2022 · 1 min read लड़की हूं -लड सकती हूं! एक दिन अचानक, कही गई ये बात, लड़की हूं लड़ सकती हूं, यह बात है विशेष, इसमें छिपा है एक संदेश, ना समझो मुझे गुड़िया मोम की, रहूंगी ना अब... Hindi · कविता 2 982 Share Jai krishan Uniyal 1 Jan 2022 · 2 min read गांधी और गोडसे का फर्क! साबरमती के सन्त तुम, हमें क्या नहीं दे गये, फिर भी आज लोग, हैं तुझे कोस रहे! अहिंसा का पाठ पढ़ा कर, हम निहत्थों को सबल किया, हिंसा से परहेज़... Hindi · कविता 3 3 215 Share Page 1 Next