Dr. Rajeev Jain Tag: ग़ज़ल/गीतिका 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सब कुछ मिले संभव नहीं समेटो जितना भी,कोई हिस्सा छूट जाता है यादों के सफ़र में, कोई क़िस्सा छूट जाता है बड़ी हसरतों से, ये घर बनाये जाते हैं बसते बसाते, कोई कौना छूट जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कौना सिमैटना राजीव अधूरा · ग़ज़ल/गीतिका 78 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read छिपे दुश्मन आइने के पीछे , छिपे हुए साये कुछ हैं मेरे बारे में रहते बतलाते इंसान कुछ हैं सब इनको पता है मेरे दिमाग़ का खोज ही लिया है ठिकाना, मकान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · दहशत जासूस तिलिस्म जाल 68 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read बदलाव बारिश इस बार बरसती है खार सी तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए पानी में तब ख़लिश न थी इस बार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · तिजारत ईमान राजीव व्यापार 74 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 88 Share Dr. Rajeev Jain 24 May 2022 · 2 min read जहर कहां से आया नाम न बता पाओ तो मार देंगे आधार न दिखाओ तो मार देंगे भंवर लाल जैन याददाश्त को चुका था जब नाम पूछा , आधार मांगा, डर गया जेब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 551 Share Dr. Rajeev Jain 21 May 2022 · 1 min read बिक रहा सब कुछ जमीर बिक रहा है, इंसान बिक रहा है दो पैसे में यहां हर ईमान बिक रहा है ढूंढने की ज्यादा जरूरत नहीं है अब मंदिर, मस्जिदों में, राम रहमान बिक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 325 Share Dr. Rajeev Jain 25 Apr 2022 · 1 min read तलाश तलाश* भटकना रोज ही है अंदर भी बाहर भी कभी अपने को न पाया, किया तलाश कितना भी अंदर भी और बाहर भी वही मंजर, वही राहें वही इमारत, वही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 491 Share Dr. Rajeev Jain 17 Mar 2022 · 1 min read भागते लोग संदेश किसका है अब कुर्बान एक हो जाए बेटी मां की हिफाजत को बेटी का बाप, पत्नी का पति यूक्रेन में दफन हो जाए यह को विछोह है बच्ची का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 502 Share Dr. Rajeev Jain 15 Mar 2022 · 1 min read नया दर्द , इलाज पुराने दर्द का नए दर्द से ही पुरना दर्द कुछ कम होगा चारागर की दवा से भी अब क्या होगा खुद बेचकर उसूल बना जो मुंसिफ है मेरा फैसला इससे क्या मुंतख़ब होगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 402 Share Dr. Rajeev Jain 12 Mar 2022 · 1 min read फरेब है जमाने में अंधेरे चंद लोगों का गर मकसद नहीं होते यहां पर लोगों के बीच में फिर सरहद नहीं होते न भूलो ये ऊंचाई तुमने हम से छीनी हैं हमारा कद नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 537 Share Dr. Rajeev Jain 11 Mar 2022 · 1 min read बचपन गुल्लक मेरी तिजोरी गुजरा सफर था कि कोई किस्सा कहानी आगे भी सफर है, न कोई किस्सा कहानी नई बाइसकल पर सेल वाली घंटी की कहानी स्कूल के नए बस्ते पर चमकते बिल्ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share Dr. Rajeev Jain 9 Mar 2022 · 2 min read चुनावी चकरघिन्नी चुनाव एक ऐसा सरकारी प्रक्रम है जो लगातार चलता है लोगों को हंसने खिलखिलाने बाहर लाफ्टर क्लब हैं यहां चुनाव तो चुनाव होते हैं चुनाव हास्य धारावाहिक सा निरंतर चलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share Dr. Rajeev Jain 9 Mar 2022 · 1 min read सुराख कांधे पर देखो अपने,कुछ मुझको उठाए हुए है फूल, करीने से कितने, जनाजे पर सजाए हुए है जो भी दोस्त, आए हैं, जनाजे में मेरे, वो,जाम सब के सब ही,लगाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share Dr. Rajeev Jain 6 Mar 2022 · 1 min read मेरे जज्बात ढूंढते हैं सहारा नहीं मिलता डूबते को किनारा नहीं मिलता मिलते तो हैं बहुत से यहां पर बस कोई हमारा ही नहीं मिलता जुबानी केवल हमदर्दी न जताते आदमी यूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share