सुशील कुमार 'नवीन' Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुशील कुमार 'नवीन' 24 Jan 2022 · 1 min read क्या नफा क्या नुकसान समझ से है परे.. जिंदगी यारों कोरोना वैक्सीन सी हो गई है क्या नफा क्या नुकसान समझ से है परे, जो सोचते हैं ,वो हो नहीं पा रहा जो नहीं सोचते, वो पक्का हो... Hindi · कविता 1 1 441 Share सुशील कुमार 'नवीन' 29 Sep 2021 · 1 min read होगा वही, जो आलाकमान चाहेगा चीता बाघ शेर बब्बर शेर राजनीति के उछलते सितारे। गीदड़ सियार घोड़ा गधा राजनीति के फिसलते सितारे। फर्क दोनों में कुछ भी नहीं है,क्योंकि वक्त से बढ़कर दोनों भी कुछ... Hindi · कविता 422 Share सुशील कुमार 'नवीन' 4 Sep 2021 · 1 min read क्योंकि तुम मेरे गुरुवर हो... ज्ञान की गंगा विचार प्रवाह जिज्ञासापूरक उत्साहवर्धक। अप्राप्य के प्राप्य जीवन प्रकाश स्तम्भ अज्ञान संहारक सत्य-असत्य शोधक। अद्भुत प्रकाशपुंज अज्ञान तमनाशक विधि ज्ञानदाता सर्वग्राही सर्वज्ञ। हे जगतश्रेष्ठ तुम वंदनीय हो... Hindi · कविता 1 333 Share सुशील कुमार 'नवीन' 15 Aug 2021 · 1 min read एक और नई सुबह... एक और नई सुबह सुरभित गर्वित स्वतंत्र स्वछंद। उन्मुक्त गगन मन आतुर अधीर आसमान छूने को भरने नई उड़ान। जाना किधर किञ्चित विचलित, दिखेगी जो राह सरपट दौड़ेंगे कदम बिना... Hindi · कविता 2 1 454 Share सुशील कुमार 'नवीन' 14 Aug 2021 · 1 min read आपसे आपकी बात कर लूं... कशमकश उहापोह भरी जिंदगी आ तुझसे, हाथ दो-चार कर लूं। जो होगा,वो देखा जाएगा, उस पर अभी क्यों ध्यान धर लूं। अब तक निपटे हैं बिना डरे व्यर्थ न सोच,... Hindi · कविता 3 412 Share सुशील कुमार 'नवीन' 10 Aug 2021 · 1 min read स्वागतम् हिन्द का गौरव बढ़ाने वालों... स्वागतम् हिन्द का गौरव बढ़ाने वालों… स्वागतम् सुस्वागतम् हिन्द का गौरव बढ़ाने वालों गगनभेदी उद्घोषों में विजयी पताका चहुंओर फहराकर राष्ट्रगान का मान बढ़ाने वालों। स्वर्ण, रजत, कांस्य में कोई... Hindi · कविता 3 3 732 Share सुशील कुमार 'नवीन' 6 Aug 2021 · 1 min read जीत नहीं तो क्या हुआ, जीत से बढ़कर ये हार है... हारीं तुम नहीं चन्द्रिके, हारा वो हर शख्श है, जिसने सदा तुम्हें टोका बढ़ते कदमों को पीछे मोड़ा, प्रगति पथ पर बन कर रोड़ा। जमाना औरों के लिए सुखदायी था,... Hindi · कविता 3 1 511 Share सुशील कुमार 'नवीन' 3 Aug 2021 · 1 min read सौ फीसदी परिणाम की कैसे खुशी मनाऊं रामभरोसे थी ये गाड़ी, वक्त का गजब लगा ये धक्का देख परीक्षा परिणाम, हर कोई रह गया हक्का-बक्का। अनहोनी हो गई होनी, खुला बन्द अक्ल का ताला, बिन मांगे मिल... Hindi · कविता 2 1 669 Share सुशील कुमार 'नवीन' 2 Aug 2021 · 1 min read राह तभी, जब रूप धरोगे श्रीराम का करबद्ध हो समुंद्र से उसने मांगी जाने की राह। समुंद्र बोला- यूं सहज नहीं मुझसे पार हो जाना। हो अद्यत, धर ऋत। जयघोष महादेव का। राह तभी, जब रूप धरोगे... Hindi · कविता 3 436 Share सुशील कुमार 'नवीन' 9 Mar 2021 · 1 min read तुम पूछते हो मैं कौन हूं.... तुम पूछते हो मैं कौन हूं.... मैं अर्पण हूं,समर्पण हूं, श्रद्धा हूं,विश्वास हूं। जीवन का आधार, प्रीत का पारावार, प्रेम की पराकाष्ठा, वात्सल्य की बहार हूं। तुम पूछते हो मैं... Hindi · कविता 10 319 Share