Satish Srijan Tag: कविता 220 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Srijan 3 May 2024 · 1 min read अपराह्न का अंशुमान कभी था प्रभात का बाल सूर्य, लालिमा रश्मि कोमल सुंदर। धीरे धीरे चढ़ता ही गया, प्रकाश उदित अतिशय अंदर। यौवन पल में परिपूरित था निदाघ में मेरे वेग प्रबल। मध्याह्न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read भारत की सेना हस्ताक्षर कर शपथ पत्र पर, प्रतिज्ञा ले लेता है। पूरा भारत एक जगह पर, जहां दिखाई देता है। कोई गोरखा कोई बिहारी, मद्रासी,सिख,जाट। कोई डोगरा,राजपुताना, सबके एक से ठाठ। एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read तू है तू है मेरा एक हवाला तू है, सब करवाने वाला तू है। मुझमें कोई ज्ञान नहीं है, शब्दों का अनुमान नहीं है, भावों का भी भान नहीं है, छंदों की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 13 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read ञ'पर क्या लिखूं ञ'पर क्या लिखूं -------------------- प्रतिदिन कुछ नया सिखता हूँ, कभी कभी अड़बड़ लिखता हूं। आज कविता लिखने में लाचार दिखूं, समझ में नहीं आता 'ञ' पर क्या लिखूं। न ञ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 12 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम की बातें सब करें, सार न जाने कोय। पगला सा जग दिखे, प्रेम प्रकट यदि होय। प्रेम पथिक न बन प्रिय, प्रेम हवन की आग। विरला पाता है तभी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read श्रमिक दिवस श्रमिक दिवस (01/05/24) तपते सूरज से यारी है, वर्षा भी लगती प्यारी है। जाड़ा में बाहर जाता हूँ, हर मौसम को मैं भाता हूँ। घर आटा चावल लाना है तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 8 Share Satish Srijan 1 May 2024 · 1 min read सिकन्दर बन कर क्या करना सिकन्दर बन कर क्या करना ––––––––––––––– मुहब्बत में हारता जो, फतह करता वही अक्सर। कभी तलवार के बूते, सिकन्दर न बना कोई। सही मायने सिकन्दर वो दिलों पर राज करता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share Satish Srijan 25 Mar 2024 · 1 min read तो जानो आयी है होली तो जानो आयी है होली --------------------------- गुन गुन करता भाख रहा हो, पकवानों को पाक रहा हो, घूंघट से कोई झाँक रहा हो, खोल किवाड़े ताक रहा हो। इतने पर... Hindi · कविता 1 1 43 Share Satish Srijan 25 Mar 2024 · 1 min read रंगों का त्योहार है होली। रंगों का त्योहार है होली। प्रेम भरा व्यवहार होली। कई रंग में रंग जाये तन, इन्द्रधनुष तब बन जाए मन। अपनों के संग हिलमिल जायें, जो रूठे है उन्हें मनाएं।... Hindi · कविता 47 Share Satish Srijan 20 Mar 2024 · 1 min read दस्तक बसा ली है दुनिया कहीं दूर जाकर, नहीं पास कोई भी बच्चे हमारे। कहाँ अब रही गीत गज़लों की रातें, बुढ़ापे की दस्तक हुई तन के द्वारे। दवाई बिना नागा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 47 Share Satish Srijan 19 Mar 2024 · 1 min read डिजिटल भारत रिश्ते-समाज से वो उदासीन हो गया, इंसान आज कल तो एक मशीन बन गया। मां जनम दे मशीन से, सहे क्यों प्रसव पीड़ा। बस यहीं से शुरू हुई, मशीन की... Hindi · कविता 45 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read जीवन में दिन चार मिलें है, जीवन में दिन चार मिलें है, बीत रहे बन सांझ सवेरे । चाहे जो भी कर ले उनका, आज का पल बस हाथ में तेरे । बीता कल तो चला... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 69 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read राह कठिन है राम महल की, राह कठिन है राम महल की, अति श्रम करके है पाना। भले मूर्ति की पूजा उत्तम, पर उससे भी आगे जाना। हनुमत को प्रसाद चढ़ाया, दुर्गा देवी मन से ध्याया।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 65 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read एक ही राम आब ए जम-जम पीकर देखा, गंगाजल भी पान किया। उसका रूप मिला जैसा भी, जी भर के गुणगान किया। वाहेगुरु,रब,राम,यहोवा, सबका एक सा काम मिला। अंदर झाँका एक नूर था,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 85 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 2 min read सब अनहद है जिसने सूरज चाँद बनाया, धरा गगन ब्रह्मांड बनाया। जिसने सुमन सुंगन्ध भरा है, जिससे तरु तृण हरा हरा हैं। अनन्तक्षितिज तक जो भी हद है। और नहीं कुछ सब अनहद... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 56 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read एक ही तारनहारा मंदिर,मस्ज़िद या गिरजाघर, या गुर का गुरुद्वारा। वही एक रब सब नीं थाई। एक ही तारनहारा। केवल मन में बहम भरा है, लगता तेरा मेरा। मानव बांट लिया उस प्रभु... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 49 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read बाइस्कोप मदारी। बाइस्कोप मदारी। आज की पीढ़ी को क्या मालूम क्या होती है राब। बहुत सी चीजें लुप्त हो गयी बन गयी एक दम ख्वाब। सनई पटुआ जोंधरी बर्रे, मोटरी हो गयी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read पुलवामा वीरों को नमन पुलवामा वीरों को नमन -------------------------------- ललकार के लड़ना सीखा है, कभी पीठ पर वार नहीं करते। हम भारत माँ के सेनानी, रण में मरने से नहीं डरते। जब हम हथियार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 2 min read कुत्ते का श्राद्ध फतेह बहादुर नाम है मेरा एस पी का हूँ बाबू । सारा आफिस मेरे अंडर, साहब भी मेरे काबू। जो मैं कहता वैसे करते, रॉन्ग हो या राइट। आय व्यय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 2 min read रामदीन की शादी आज सबेरे रामदीन को शिवमंदिर में देखा। पूजा करते बोल रहा था, देखो ब्याह की रेखा। मैंने पूछा कहो भगतजी क्या है कष्ट तुम्हारा। भोलेबाबा बड़े दयालू, करें तुरंत निपटारा।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · हास्य 83 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read तिमिर है घनेरा तिमिर है घनेरा दिशाओं दशों में तिमिर है घनेरा, उजालों के साधन जुटाना पड़ेगा। पुराने चिरागों की लौ नहीं काफी, नये दीप ढेरों जलाना पड़ेगा। है माला पुरानी हुआ जीर्ण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 98 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read रहो कृष्ण की ओट रहो कृष्ण की ओट जीवन मे जो भी मिला, निज कर्मों का खेल। जो किया सो पाया नर ने, भले बुरे का मेल। जीवन में जो भी मिले सीखो उसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 125 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read हे देश मेरे हे देश मेरे महबूब है तू, तुझसे मैं इश्क़ लगाया है। तेरी खातिर कई बार लड़ा, सरहद पर लहू बहाया है। नदियों पर्वत से है प्यार मुझे, वन लगते जिगरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read मोबाइल भक्ति काम क्रोध मद लोभ ज्यों नाथ नरक के पंथ। रामायण में लिख गए, तुलसी जैसे सन्त। तुलसी जैसे सन्त, आज त्यों और एक व्याधी। मोबाइल संग लग रही, जन की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read मैं चाँद पर गया पल सुहेला, रजनी बेला। न कोई मेला, मैं अकेला। अंतरिक्षयान भरा उड़ान। दौड़ता विमान, चीरे आसमान। तीव्र बेग से बढ़ता जाए, चांद की ओर चढ़ता जाये। यान गतिमान,मैं परेशान, सुना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 51 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read गिलहरी तीन लकीरें पीठ पर इसके, चुस्त दुरुस्त छरहरी। दिखने में प्यारी भोली सी, नन्ही प्रिय गिलहरी। अन्न फूल सब्जी फल खाती, आम अनार व केले। लम्बी पूंछ बदन पर रोंये,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 84 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read सब सूना सा हो जाता है जब दूर कहीं चले जाते हो, सब सूना सा हो जाता है। आंखे मलूल हो जाती हैं, दिल चैन कहीं न पाता है। सब सूना सा हो जाता है। दिल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 36 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 1 min read कितने पन्ने कितने पन्ने फाड़े मैंने, तुझ पर गीत बनाने को। समुचित उपमा ढूंढ न पाया, रूप तेरा दर्शाने को। दशन दाड़िम से प्यारे तेरे, अधर मुधर सी लाली है। बोली लिख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 95 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 1 min read मेरी कविताएं पढ़ लेना फिक्र सताए हो अशांत मन, अपने थोड़े पल कढ़ लेना। जब सुकून की ख़्वाहिश हो तब, मेरी कविताएं पढ़ लेना। गीत में मेरे राग मिलेगा, थोड़ा सा अनुराग मिलेगा। कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 92 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 2 min read सजनी पढ़ लो गीत मिलन के अक्सर आकर दस्तक देती यादें अपने बचपन की, सजनी पढ़ लो गीत मिलन के कसमें तुमको यौवन की । मेरे संग तुम होते थे तो दिन खुशियों में गाता था,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Satish Srijan 24 Jan 2024 · 1 min read तेरे जन्म दिवस पर सजनी घड़ी-घड़ी हर घड़ी तुम्हारी, धन वैभव सुख लाये। मन में जो अभिलाषा उपजे, जीवन में सब पाये। हर रातें हो पूनम जैसी, दिन हो ज्यों मधुमास। अपनो सपनों का संग... Hindi · कविता · जन्मदिन विशेष 140 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read सौदागर हूँ सौदागर हूँ तुलसी सुर कबीर विधा को, करता नित्य उजागर हूँ। स्वर व्यंजन का व्यापारी हूँ, मैं शब्दों का सौदागर हूँ। स्वर सुरा सुराही पैमाना, व्यंजन मेरी मधुशाला है। साकी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 78 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read चल अंदर चल अंदर सूरज बाहर,तारे बाहर, पवन अगन जल चंदा बाहर। महल अटारी, नौकर चाकर, धन और दौलत का धंधा बाहर। बप्पा बाहर अम्मा बाहर, नाना नानी मम्मा बाहर। बेटी बेटा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 64 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read सृजन तेरी कवितायें जो तू लिखता, किसके मन को भाती हैं। सृजन तेरी कविताएं क्या क्या गाती हैं। हंसी ठिठोली करती हैं क्या? पायल छम छम करती है क्या? सुत संग जननी की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read गुमनाम रहने दो मुझे। हूँ मिजाजी सूफियाना, एक्दम सच कहता तुझे। नामवर बनना नहीं, गुमनाम रहने दो मुझे। दिल में ख़्वाहिश न रही अब, मेरे भी चर्चे बने। इश्तहारी के लिए बेनाम के पर्चे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read विजय या मन की हार विजय या मन की हार एक विजेता होता सदैव, समाधान का अंग। निर्बल मन हारे मानव में दुविधा चलती संग। सफल मनुज रखता है युक्ति, उलझन में भी सुलझन की।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 58 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read यायावर यायावर अभिलाषा रहती है मन में, दुनिया भर में मैं जाऊं। यायावरी स्वभाव हमारा, एक जगह न रह पाऊं। कभी समंदर के साहिल पर, कभी विपिन में मैं होता हूँ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read दशमेश के ग्यारह वचन दशमेश के ग्यारह वचन ग्यारह अनमोल वचन अमृत, आओ सँगतजी चित लायें। दशमेश पिता गोविंद गुरू, किरपा करके जो बतलायें। जीविका कमाएँ मेहनत की, उसमें दशांश का दान करें कंठस्थ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read चल विजय पथ चल विजय पथ ------------------ कुशलतम प्रज्ञान है गर, सार्थक अभियान है गर, फिर कहीं रुकना नहीं तू, विघ्न में झुकना नहीं तू। अनवरत चलता रहे रथ, सफल होंगे बस यही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 57 Share Satish Srijan 1 Jan 2024 · 1 min read नौ वर्ष(नव वर्ष) 02.01.24 (02+01+24=9 ) नौ वर्ष(नव वर्ष) एक एक के साथ में, दो को भी नौ वर्ष। एक एक के संग संग, दो को भी करो हर्ष। नव वर्ष में नौ... Hindi · कविता 87 Share Satish Srijan 24 Dec 2023 · 1 min read राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान मिट्टी पानी से वह खेले, जाड़ा गर्मी बरखा झेले। दरअसल फसल की आश है, लेकिन कृषक बहुत निराश है। होता पस्त जुताई बुवाई में, समय खपता सिंचाई निराई में। कभी... Hindi · 23 दिसम्बर · कविता · राष्ट्रीय किसान दिवस 131 Share Satish Srijan 23 Dec 2023 · 1 min read गीता जयंती गीता ऐसा ग्रन्थ है जिसे उचरा भगवान। पढ़कर सुनकर देख लो, मिले अलौकिक ज्ञान। मिले अलौकिक ज्ञान, दिशा पाओ उजियारी। मिटे तीन सन्ताप, है गीता इतनी न्यारी। हरि की शिक्षा... Hindi · कविता · गीता जयंती 129 Share Satish Srijan 16 Dec 2023 · 1 min read दशमेश पिता, गोविंद गुरु दशमेश पिता गोविंदगुरु तेरे चरणों में शत कोटि नमन। तेरे उपकार से उऋण नहीं, भारत अवनी का हर जन जन। तुम सत्यपुरुष के प्रिय पुत्र, आये थे जीवों को तारन।... Hindi · कविता · दशमेश 152 Share Satish Srijan 7 Dec 2023 · 3 min read हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव दो मई पन्द्रह सौ तिरसठ, पंजाब धरा गोइंदवाल। गुरु रामदास माँ भानी घर, सचखंड से उतर एक लाल। सब धर्मों से था प्यार उसे, सिख पंथ का घर घर प्रचारी।... Hindi · कविता · हरमन प्यारा 1 1 206 Share Satish Srijan 18 Nov 2023 · 1 min read छठ पूजा छठ पूजा छठ की पूजा की सारी महिमा शास्त्र हमें बतलाते हैं। छठ देवी का अर्चन कर जन मनवांछित फल पाते हैं। वैदिक काल से चला आ रहा है यह... Hindi · कविता · छठ पूजा विशेष 181 Share Satish Srijan 15 Nov 2023 · 1 min read चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन प्राणहीन चट्टानों को मुस्काते देखा। मूक राग अनकहे तराने गाते देखा। कोई अपनी प्रियसी को टहलाय रहा है। बिना हंसी के कोई बस मुस्काय रहा है। किसी का जन्म दिवस... Hindi · कविता · चंडीगढ़ विजिट विशेष 207 Share Satish Srijan 8 Nov 2023 · 1 min read करवाचौथ हे! प्यारी माताओं बहनों, पूरा अपना फर्ज करो। करवा चौथ का पूजन करके, श्री गनपत से अर्ज करो। भक्ति करो राम को सेवो, सद्गुण को अपनाओ। पति को ऊंचा दर्जा... Hindi · करवाचौथ · कविता 154 Share Satish Srijan 28 Oct 2023 · 1 min read शरद पूर्णिमा पर्व है, शरद पूर्णिमा पर्व है, जो है वरद पूर्णिमा। विष्णु जी को मनायकर, पूजिये लक्ष्मी मां। खीर बनाकर रात में, रख शशिप्रभा तले। प्रातः जो सेवन करे, व्याधि विपद सब टले।... Hindi · कविता · शरदपूर्णिमा विशेष 246 Share Satish Srijan 26 Oct 2023 · 1 min read वही पर्याप्त है वही पर्याप्त है ~~~~~~~ उलझन में दिन, अनिद्रा में रात है। क्योंकि मानव मन में, लोभ का सन्ताप है। झूठी शान में, परेशानी इंशान में। खुशी का राज छिपा, रोटी... Hindi · कविता 139 Share Satish Srijan 17 Oct 2023 · 1 min read थोड़ा थोड़ा एक दिन सब कुछ तज के जाना, अभी से थोड़ा थोड़ा छोड़। मन मर्कट भागे बेतहाशा, इसको थोड़ा थोड़ा मोड़। बचपन में खूब खेला कूदा, जीवन क्या कुछ पता नहीं।... Hindi · कविता 305 Share Page 1 Next