सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jan 2023 · 1 min read तड़प रहा बीमार दवा दुआ सब देख ली, आया नहीं सुधार | हे प्रभु अब कुछ कीजिये, तड़प रहा बीमार || सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Hindi 192 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read लोग आपन त सभे कहाते नू बा लोग सगरो पुरनका ओराते नू बा | रीति रिवाज सगरो भुलाते नू बा | चांद पर लोग दुनिया बसावे चलल, खत्म धरती हो जाई सुनाते नू बा | गाँव जबसे... Bhojpuri 292 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read मतलब के साथी गैर के बा के आपन कहाई | केहू हमरो के देइत बताई | बाप, भाई, मेहरि, महतारी- सब मतलब के साथी ए भाई | सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य' Bhojpuri 127 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Nov 2022 · 1 min read के देई दवाई हो सुनाईं पीर हम केकरा से, के देई दवाई हो| मुहब्बत के सितम लागऽता, ले के जान जाई हो| खता हमरो बता के जा, अगर जाए के बा तहके- वजह बा... Bhojpuri 139 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Aug 2022 · 1 min read नमन मेरा जो तन-मन से वतन के हो गए, उनको नमन मेरा | आजादी की नशे में खो गए, उनको नमन मेरा | खुशी से चूमकर फंदा, गले में डालने वाले- तिरंगा... Hindi 1 191 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Jun 2022 · 1 min read माँ ******************************* माँ धरा है, माँ है अंबर, माँ सकल संसार है | माँ खुदा भगवान माँ है, माँ हीं पालनहार है |1 पालती है गर्भ में जो, सींचती निज रक्त... Hindi 252 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jun 2022 · 1 min read बदरा कोहनाइल हवे बदरा कोहनाइल हवे, कवन बुझाई प्यास | समझे ना निर्मोहिया, धरती हई उदास || ऐ मेघा समझल करऽ, बहुत भइल अब देर | पछुआइल हऽ रोपनी, खेती भइलि अनेर|| Bhojpuri 1 334 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 20 Jun 2022 · 1 min read तुम गर्म चाय तंदूरी हो तुम हलवा हो, तुम पूड़ी हो| तुम गर्म चाय तंदूरी हो| सच कहता हूँ समझो जानूँ- इस दिल को बहुत जरूरी हो| सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Hindi 2 3 645 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 20 Jun 2022 · 1 min read हमदर्द २१२२ २१२२ २१२२ २१२ आ रहे हैं सब मेरी, मैयत उठाने के लिए। दिल दुखाने के लिए, मुझको जलाने के लिए। देखकर मेरी मुहब्बत जल रहे थे जो सदा- बनके... Hindi 2 260 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 20 Jun 2022 · 1 min read आईने की तरह मैं तो बेजान हूँ मैं तुम्हारे शहर में भी अनजान हूँ। देख लो इक नज़र मैं तो मेहमान हूँ। टूट जाऊं न आकर संभालो मुझे- आईने की तरह मैं तो बेजान हूँ। Hindi 2 1 318 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 May 2022 · 1 min read आदमी आजकल आदमी ना रहल गजल आदमी आजकल आदमी ना रहल। बैर टकराव में कुछ कमी ना रहल। छोडि दिहलू तू जहिया से दिल तोड़ि के, जिंदगी में कहीं रोशनी ना रहल। आज फैशन सजी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 154 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Apr 2022 · 1 min read बन जाओ इंसान मस्जिद में गीता रखवा दो, मंदिर बीच कुरान। मुल्ला जी हनुमान चलीसा, पंडित करें अज़ान। उलझो मत टीका, टोपी में, मिथ्या है संसार- जाति धर्म का चक्कर छोड़ो, बन जाओ... Hindi · मुक्तक 2 517 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Mar 2022 · 1 min read होली में रंग अबीर लगाओ भइया होली में। मन से बैर भुलाओ भइया होली में। करते हो हुड़दंग नशे में क्यों आकर, मदिरा मत छलकाओ भइया होली में। बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी छोड़ो तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read फागुन के महीना बा फागुन के महीना बा, मन मोर भइल हमरो। निर्मोही भइल साजन, दिल तोड़ गइल हमरो। सब ओर बा हरियाली, गदराय गइल सरसों। परदेस गइल बालम, अब बीत गइल बरसों। मधुमास... Bhojpuri · कविता 471 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read भइया सच्चाई हऽ सबके भभाले जनता डेराइलि हऽ, बोले ना चाले। मुसवा के रोजो बिलरिया चबाले। हँसे ले देखऽ बिलरिया ठठा के। सभे सपाइल हऽ बियली में जा के। बढल अमिरन गरिबन के खाई। रोटी... Bhojpuri · कविता 1 379 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read यार के नाम दिन-रात गावल करीं तहरा से हँसि हँसि बतियावल छोड़ब ना। जिनगी भर हम साथ निभावल छोड़ब ना। शर्त इहे बा तहरा से यदि मानऽ तू, एक बार बस कहि दऽ की मुँह मोड़ब... Bhojpuri · मुक्तक 352 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read तहके दिल में बसावल खता हो गइल तहके दिल में बसावल खता हो गइल। लोग हमरा से आपन खफा हो गइल। कइसे नैना मिलल बात आगे बढ़ल, हाय अचके में जाने इ का हो गइल। भाजपा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 426 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सेल चुनावी हऽ सब चोर हवें साथे, बस मेल चुनावी हऽ। नेता जी गइल बारन, ऊ जेल चुनावी हऽ। अब काम सभे पाई, मिट जाई गरीबी हो, सब मुफ्त मिले लागल, ई सेल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सूर्य का गंगा नहाए के सांस बा तऽ मुसकुराएके। मौत से काहें डेराएके। जिंदगी में लाख उलझन बा, का भइल तऽ हार जाएके। सत्य अंतिम मौत ही होला, बात ई काहें भुलाएके। गम भला नीयर... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Mar 2022 · 1 min read दिल यह बंजारा गीतिका समझ न पाया दुनियादारी, दिल यह बेचारा। न्योछावर कर डाला तुझपर, निज जीवन सारा।१ मचल रहा था बेटा कब से, एक खिलौना को, बाप बहुत लाचार हुआ तो, थप्पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 189 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read गंगा रोज नहाई लोग साँच कहब बाउर बन जाइब, झूठ कहीं पतियाई लोग। जियते केहू हाल न पूछी, मरते अश्क बहाई लोग। एके लेखा हाल बा सबकर, द्वेष जलन ईर्ष्या भरपूर, मन में खइचा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read ठिठुरता आदमी गजल आदमी को देखकर क्यों आज जलता आदमी। हाय क्यों ईर्ष्या जलन में रोज मरता आदमी।१ चार दिन की जिन्दगी है सांस भी अपनी नहीं, फिर भी देखो आदमी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read राह यही है सूर्य सभी को जाना है बह्र -बहरे मुतदारिक मुजाइफ़ मखबून मक़तूअ महजूफ़ वज्न-22,22,22,22,22,2 काफिया सुलझाना (आना की बंदिश) रदीफ -है। जोश जिगर में जिंदा है बतलाना है सरहद की रक्षा में शीश कटाना है //१... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 212 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Feb 2022 · 1 min read मुक्तक यहांँ की हर परिस्थिति में हमें ढ़लना ही है साथी। कड़कती धूप हो फिर भी हमें जलना ही है साथी। यही कर्त्तव्य अपना है नहीं इससे विमुख होना, कुहासा है... Hindi · मुक्तक 196 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Feb 2022 · 1 min read दोहे जबतक तन में प्राण है, और रगों में रक्त। राम राम जपते रहो, सुबह शाम हर वक्त।। मन बस में रहता नहीं, जर्जर देह मकान। कच्चे धागे सांस के, अम्बर... Hindi · दोहा 310 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Feb 2022 · 1 min read नेता बरसाती बरसाती मेंढक बने, नेता सारे आज। सर पर चढ़ा चुनाव तो, लगा रहे आवाज। लगा रहे आवाज, करें सब झूठे वादे। कब रखते ये लोग, कभी भी नेक इरादे। कहें... Hindi · कुण्डलिया 439 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Feb 2022 · 1 min read मुश्किल जीना हाय, यहाँ पर जो है निर्बल निर्बल पर चलता सदा, सामर्थी का जोर। जायज है उसके लिए, गलत सही सब ओर। गलत सही सब ओर, सदा करता मनमानी। हाँ करते सब लोग, कहे यदि पय को... Hindi · कुण्डलिया 230 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 8 Feb 2022 · 1 min read दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है प्यार, मुहब्बत, झगड़ा होता रहता है। आपस का यह लफड़ा होता रहता है। पहली बार नहीं जी सौ-सौ बार हुआ, दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है। कभी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Feb 2022 · 1 min read कुहासा है घना बेशक हमें चलना ही है साथी यहांँ की हर परिस्थिति में हमें ढ़लना ही है साथी। कड़कती धूप हो फिर भी हमें जलना ही है साथी। यही कर्त्तव्य अपना है नहीं इससे विमुख होना, कुहासा है... Hindi · मुक्तक 1 250 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 2 Feb 2022 · 1 min read वरना गैरों पर यहाँ करे कौन विश्वास बेशक हँसना चाहिए, रखकर इतना ध्यान। अतिशय हँसने से हुआ, अपना ही नुकसान।। जीने की ख्वाहिश नहीं, मरना नामंजूर। जीवन इक संग्राम है, लड़ना है भरपूर।। जिनका हर निर्णय मुझे,... Hindi · दोहा 212 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Jan 2022 · 1 min read शहरिया निगल जाई देहात के गिरावे ल आंसू बिना बात के // निकालऽ समइया मुलाकात के // समस्या हवे तऽ समाधान बा, करऽ सब्र निकले द बस रात के // बदल जाला मौसम छने छन... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 260 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Jan 2022 · 1 min read क्या मिलेगा आपको तकरार से देखना है देखिए जी प्यार से // क्या मिलेगा आपको तकरार से //१ खून ही दुश्मन बना है खून का, क्या शिकायत अब करूँ संसार से //२ दल-बदल करता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jan 2022 · 1 min read दल-बदलू नेता बिनु पेंदी के लोटा नियन, एने ओने ढिमिलाला। जहँवे माल मलाई पावे, नाक डूबा के खाला। पाँच साल पर पाला बदले, भइल स्वार्थ में आन्हर। पाटी-पाटी कुदत बाटे, जइसे कूदे... Bhojpuri · कविता 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jan 2022 · 1 min read इधर गैरों की बस्ती कौन रुकना चाहता साहब खुदा मिलता तो करता सिर्फ इतना याचना साहब// कभी तो आपका भी सत्य से हो सामना साहब// बड़ी मुश्किल है अपनों को यहां पर खोजना साहब// दिखाना है मुझे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 368 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Jan 2022 · 1 min read हुई सत्य की हार गीतिका :- ---------- झूठ मलाईदार बहुत था, हुई सत्य की हार। समरथ की इच्छाओं पर यह, चलता है संसार। सदा स्वार्थ में लिपटा रहता, मन में रहता पाप, सुधर नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 510 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Jan 2022 · 1 min read आदमी था मगर देवता हो गया ((( ग़ज़ल ))) मैं जिसे उम्र भर चाहता रह गया कह न पाया यही इक खता रह गया//१ कब्र पर लोग चादर चढ़ाते रहे, एक भिक्षुक वहीं काँपता रह गया//२... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 318 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jan 2022 · 1 min read ना ना अइसन ना होई बिना वजह तहके भुलवा दीं, ना ना अइसन ना होई। जियते धड़कन सांस भुला दीं, ना ना अइसन ना होई। प्यार मुहब्बत से भी आगे, दुनिया में कुछ अउरो बा,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 200 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read पतझड़ के मौसम भा गइल बहर-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आ रदीफ-गइल हाय! फिर मौसम चुनावी आ गइल। गाँव के माहौल सब गरमा गइल।१ चाय पर चर्चा चले दिन-रात अब, दिन पियकड़न के लवटि के आ गइल।२... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा अब बचल बा भलाई कहाँ मरदवा। केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा। तीर हमरी करेजा में लागल हवे, दर्द तहरा बुझाई कहाँ मरदवा। जख्म आपन देखावल खता हो गइल, लोग देला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Dec 2021 · 1 min read एक दिन छोड़ी के खतोना चलि जइबू चिरई एक दिन छोड़ी के खतोना चलि जइबू चिरई। एहि माया के नगरिया फेरु ना अइबू चिरई। महल अटारी कुछऊ साथ नाहिं जाई। रह जाई इहवें माल दउलत कमाई। देखिहऽ अंत... Bhojpuri · गीत 1 319 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Dec 2021 · 1 min read स्वर्ण भी सम घास हे प्रभो तेरे चरण के, हम सभी हैं दास। एक तेरा ही सहारा, बस तुम्हीं से आस। है समय का चक्र कब, किसका बदल दे भाग्य, भूख, लाचारी, गरीबी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 341 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Dec 2021 · 1 min read आदमी लाचार बा २१२१ २१२२ २१२ आदमी देखीं बड़ी लाचार बा। हौसला राखल इहाँ दरकार बा। बा खजाना माल दौलत झूठ सब, प्रेम ही तऽ जिंदगी के सार बा। देह बा माटी क... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Dec 2021 · 1 min read गिद्ध मँड़राने लगे बह रही शीतल हवाएं, अरु भ्रमर गाने लगे। आजकल शायद उसे हम याद अब आने लगे। देखकर ढ़लती जवानी पुष्प मुरझाने लगे। छोड़कर मझधार में क्यों तुम मुझे जाने लगे।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Nov 2021 · 3 min read दोहा बिलख-बिलख रोता सदा, मैं बालक नादान। दर्शन क्यों देता नहीं, ऐ निष्ठुर भगवान।। बिलख बिलख मत रो सदा, होकर सूर्य अधीर। फिक्र जिसे तेरी नहीं, क्या समझेगा पीर।। बिलख बिलख... Hindi · दोहा 1 373 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Nov 2021 · 1 min read आईना देखता कहाँ कोई दर्द किससे करूँ वयाँ कोई। आज अपना नहीं यहाँ कोई।१ हर तरफ आज जो धुआँ सा है, जल रहा है उधर मकाँ कोई।२ हर कदम पर मिला मुझे ठोकर, जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 468 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Nov 2021 · 1 min read सूर्य ये कौन है जो बाल सुखाने आयी वज्न-2122 1122 1122 22 काफ़िया-ठिकाने(आने की बंदिश) रदीफ़-आयी मौत की नींद मुझे आज सुलाने आयी देखिए बेवफा भी प्यार जताने आयी//१ आज फिर मुझसे मुहब्बत वो निभाने आयी अपने हाथो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 313 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read देख लीं लोभ में आन्हर भइल बाटे जमाना देख लीं। लोग चाहत बा दहेजे में खजाना देख लीं। ऑकसीजन के बिना तड़पत मरल हऽ लोग सब, मौत भी खोजत हवे नीमन बहाना... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read के बतावऽ खास बा गजल मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ के इहाँ आपन पराया के बतावऽ खास बा। मतलबी दुनिया हवे जी ना केहू से आस बा। जे रहेला दूर उनसे प्यार भी गहिरा रहे,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read दहेज भगावलि जाति हऽ बेटी। मुआवलि जाति हऽ बेटी। दहेजे की चिता पर अब- जरावलि जाति हऽ बेटी। कहीं आज बेटी जरावलि गइलि। कहीं दे के माहुर मुवावलि गइलि। दहेजे क... Bhojpuri · मुक्तक 215 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Nov 2021 · 1 min read चाल ढाल बदले नहीं, विषधर, गिरगिट, श्वान। विधा- दोहागजल *************** द्वेष जलन की भावना, रखता जो इंसान। पग-पग पर मिलता उसे, तिरस्कार अपमान। माटी की इस देह में, क्षणभंगुर है सांस, यद्यपि सब इस बात की, दिखलाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 193 Share Page 1 Next