Shobha Yadav Tag: कविता 66 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shobha Yadav 15 Jul 2021 · 1 min read मेरे इश्क़ पर न उठायें दुनिया उँगली मेरे अशआर नापसंद हो जाये इससे तो न लिखना ही अच्छा है दामन पर एकादा लग जाने दो दाग़ इश्क़ में दाग़ अच्छा है सुना था मोहब्बत में इंसान पाता... Hindi · कविता 2 1 231 Share Shobha Yadav 20 Jun 2021 · 1 min read कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान हैं पिता “कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता कभी धरती तो कभी आसमान है पिता जन्म दिया है अगर माँ ने जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता….” “कभी कंधे पे... Hindi · कविता 5 3 1k Share Shobha Yadav 14 Jun 2021 · 1 min read जीवन है जी लो न माना मन में मायूसियों का डेरा है माना हर ओर छाया अंधेरा है चोखट पर लटके तालों को मन के भीतर लटके जालों को जाने दो नं जीवन है जी... Hindi · कविता 2 1 421 Share Shobha Yadav 5 Jun 2021 · 1 min read मेरा हिसाब कर दे ए जिंदगी चल आज मेरा हिसाब कर दे कितना कमाया और गवाया कितना तैयार तू आज सारे कागजात कर दे ले आ एक तराजू तोल दोनों पलडो में कुछ वजन... Hindi · कविता 2 346 Share Shobha Yadav 15 May 2021 · 1 min read सांस टूट रही थी और अस्पताल दूर था सांस टूट रही थी और अस्पताल दूर था हम मर गए, इसमें भी हमारा क़सूर था मिल न पाई दवा, और ब्लैक में थी हवा आप बदनाम हों, ये इरादा... Hindi · कविता 4 329 Share Shobha Yadav 13 May 2021 · 1 min read हँसना हँसना-मुस्कुराना. बित गए वो दिन जब हँसना आम था, ढूंढते थे बहाना, फिर हँसना और हँसाना वक्त बदला, जिसे बदलना ही है पर वक्त के साथ इंसान और मानसिकता भी... Hindi · कविता 1 272 Share Shobha Yadav 10 May 2021 · 1 min read ये प्रश्न किसका है अख़बार पढ़ते हुए सोचती हूँ - " कितने मरे ? " ये प्रश्न गणित का है या मानवता का। ये प्रश्न है हमारी खोखली तरक्की का। ये प्रश्न है सरकारों... Hindi · कविता 1 271 Share Shobha Yadav 9 May 2021 · 1 min read मां बच्चों कि दीवानी मां मैं क्या लिखूँ खुद से आपके के लिए आपको दीवानी लिखूँ या भगवान पाला है जिस तरह से क्या भीगा विस्तर लिखूँ माथ का टीका लिखूँ याआंख का काजल... Hindi · कविता 1 254 Share Shobha Yadav 9 May 2021 · 1 min read मां का प्यार तुम एक गहरी छाव है अगर तो जिंदगी धूप है माँ धरा पर कब कहां तुझसा कोई स्वरूप है माँ अगर ईश्वर कहीं पर है उसे देखा कहां किसने धरा... Hindi · कविता 1 286 Share Shobha Yadav 6 May 2021 · 1 min read ये कैसा आभास है मेरे घर पर कोई आता जाता नही दहलीज़ पर कोई शोर मचाता नही ये कैसा आभास है मेरे घर की घण्टी उदास है।। बच्चें खेल नहीं पाते ये उधम नही... Hindi · कविता 1 228 Share Shobha Yadav 5 May 2021 · 1 min read एक अलग पहचान बनाने निकले हैं। हम खुद को इंसान बनाने निकले हैं। एक अलग पहचान बनाने निकले हैं। हर मुश्किल आसान बनाने निकले हैं। तुम्हें बग़ावत लगे बग़ावत समझो तुम, हम खुद को इंसान बनाने... Hindi · कविता 3 593 Share Shobha Yadav 5 May 2021 · 1 min read जीवन की चिंता है विकट ये प्रश्न हमारा अपने आप से करती हूँ , जीवन के खाली जगहों को बेवजह ही भरती रहती हूँ । जीवन किसका कितना होगा अपना भी तो ज्ञात... Hindi · कविता 1 1 545 Share Shobha Yadav 5 May 2021 · 1 min read खुनी है अस्पताल समुद्र मन्थन सा लग रहा है कोरोना काल इतना विष निकल रहा है धरा भी है लाल बस्ती बीरान है सड़के सुनी है सभ्यतायें बंधक है और अस्पताल खुनी है... Hindi · कविता 2 454 Share Shobha Yadav 4 May 2021 · 1 min read वो एक मजदूर है चिलचिलाती धूप भी जिसकी आंखों में झांक नहीं पाती , वो एक मजदूर है जिसके हिस्से में कभी छांव नहीं आती , वो थकता है , सांस लेता है ,... Hindi · कविता 1 265 Share Shobha Yadav 4 May 2021 · 1 min read नाराज़ है कलम नाराज़ है कलम, और ये हाथ भी नाराज़ है, अल्फ़ाज़ भी हैं रूठे से, काग़ज़ का भी बिगड़ा मिजाज़ है, दौर है ये कश्मकश का, मुठ्ठी भर कीमत और ख्वाहिशों... Hindi · कविता 1 373 Share Shobha Yadav 4 May 2021 · 1 min read वक्त है ,गुजर जाएगा वक्त है, गुज़र जायेगा! माना गर्दिश में सितारे हैं, और हम सब ख़ुद से हारे हैं, हम टूट चुके हालातों से, एक वब़ा के ज़ख़्म के मारे हैं, कितनी जाने... Hindi · कविता 3 278 Share Shobha Yadav 28 Apr 2021 · 1 min read महामारी पर चंद सवाल इधर शव जल रहे थे उधर भाषण चल रहे थे महामारी पर चंद सवाल आका को खल रहे थे नया किला जीतने के अरमान मचल रहे थे ऑक्सीजन नहीं था... Hindi · कविता 1 253 Share Shobha Yadav 27 Apr 2021 · 1 min read संवेदनहीन राजा आपदा को अवसर बनाया। आंक्सीजन और दवा बिदेशों मे बेच खाया। देश की लाचार बिमार पीडित जनता को शमशान पहुंचाया। अच्छे दिन के सपने दिखाकर आंक्सीजन के लिए तड़पाया। वोटो... Hindi · कविता 2 252 Share Shobha Yadav 26 Apr 2021 · 1 min read पहचान जरूरी है हर वो ख्वाब पुरी होगी पर पहचान जरूरी होगी आपका मंज़िल हो जाएगी मेरी मंजिल अगर तुम्हारा साथ मिला सब कुछ हाँसिल हो जाएगा अगर तुम्हारा साथ मिला और कहूँ... Hindi · कविता 1 264 Share Shobha Yadav 26 Apr 2021 · 1 min read नहीं है आँक्सीजन का इंतजाम जब तक करोगे अंधभक्ति मत सोचो, भूल जाओ धंधा और काम चुनावी रैलियां होती रहेंगी सूबह शाम मगर कैंसल कर दिए जाएंगे आपके एग्जाम कहा थे आप जब किसानों को... Hindi · कविता 1 244 Share Shobha Yadav 22 Apr 2021 · 1 min read लाशों का हिन्दुस्तान लाशों का हिंदुस्तान बनाओगे क्या, अपनों को अपनों से अंजान बनाओगे क्या, उम्मीदें दफ़न हो रही सारी बचने वाली, अब इस देश को शमशान बना दोगे क्या !! ऐसा मंजर... Hindi · कविता 2 382 Share Shobha Yadav 20 Apr 2021 · 1 min read टूटती जा रही डोर जब साँस की हालात को समझे????? नेता नहीं है हम, स्वयं अनुसाशन अपनाए लो, जलाए सभी में ही हम आस की, टूटती जा रही डोर जब साँस की। मूंद लें आँख, पर सच... Hindi · कविता 1 199 Share Shobha Yadav 20 Apr 2021 · 1 min read हमसफर हमसफर किसी ने बड़े कमाल की बात कही है जिंदगी हम सफर के बिना कट नहीं सकती,कट सकती तो हमसफर की इतनी अहमियत नहीं होती एक छोटी सी कविता है,... Hindi · कविता 2 1 525 Share Shobha Yadav 19 Apr 2021 · 1 min read ऊँची उड़ान भरो आशा है तुम खूब तरक्की करो पंछियों से भी ऊंची उड़ान भरो । वहां जाओ जहां मैं न जा सकी वह करो जो मैं न कर सकी। तुमसे जुड़ी हम... Hindi · कविता 2 1 493 Share Shobha Yadav 13 Apr 2021 · 1 min read मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के घर बेटी एक आई दाएं हाथ में त्रिशूल बाएं हाथ में कमल लाई वृषभ है वाहन इसका इसलिए वृषारूढ़ा कहलाई प्रथम नवरात्रि पर जगत ने शैलपुत्री की... Hindi · कविता 1 291 Share Shobha Yadav 11 Apr 2021 · 1 min read प्रतिक्षा बस यूँ समझ अन्याय का अंतिम पहर है यह, ध्यान रख! समय-चक्र पर है भोर का स्थान भी आरक्षित, तू बस विवशता की चादर उतारकर बना दे तह। शुष्क रख... Hindi · कविता 1 1 414 Share Shobha Yadav 10 Apr 2021 · 1 min read दिल की कीमत मेरे दिल की कीमत वो बेमिसाल दे गया सोते जागते अपना हीं ख्याल दे गया न स्वीकारा न ठुकराया वो मुझे गम दे गया ताउम्र जवाब खोजती रहू वो सवाल... Hindi · कविता 422 Share Shobha Yadav 9 Apr 2021 · 1 min read पैसों के मतवाले जिसके पास मानवता होंगे , उनके कर्म भी अच्छे होंगे । ख़ामोशी से सब जुल्म सहे हैं , वो भी क्या दिलकश इंसान होंगे ? अब बहुत धनवान बने फिरते... Hindi · कविता 2 307 Share Shobha Yadav 7 Apr 2021 · 1 min read मेरी गुड़िया रानी सबसे सुन्दर प्यारी-प्यारी , मेरी गुड़िया रानी है। संग सोती उठती गुड़िया रानी , मेरी हर बात समझती है। न खाती न पीती है, मम्मी जैसी मुस्काती है। सबसे सुन्दर... Hindi · कविता · बाल कविता 1 582 Share Shobha Yadav 5 Apr 2021 · 1 min read बीजापुर के वीर बीजापुर के वीरों को शत शत नमन ... कितने प्रहलाद जल गये इस होली की आग में।। सताधारी डूबे हुए हैं बस, चुनावों की मौसमी फाग में।। मांओं की कोख... Hindi · कविता 1 634 Share Shobha Yadav 30 Mar 2021 · 1 min read इंसान वही हूँ लेकर हम दीवाना दिल फिरते हैं मंजिल मंजिल।। जिसकी तलाश में आज तक भटकी थी वो मिला तो मुझे घूम घूमा रहा है कभी कोलकाता कभी कैरो कभी दिल्ली तो... Hindi · कविता 363 Share Shobha Yadav 29 Mar 2021 · 1 min read रंगों की बात *आज रंगों की बात* *बड़ों का दिया हुआ *आशीर्वाद* *व* *अपनों की दी हुई* *शुभकामनाओं* *का कोई रंग नहीं होता* *पर जब ये रंग लाते हैं तो* *जीवन में रंग... Hindi · कविता · बाल कविता 1 420 Share Shobha Yadav 29 Mar 2021 · 1 min read पिचकारी राधारानी बन मैं बन जाऊँ , तुझे राधे का श्याम बनाऊँ । बरसाने का प्रेम मिला , यमुना का जल मिला । वृन्दावन का रास , इस होली का आस... Hindi · कविता 300 Share Shobha Yadav 28 Mar 2021 · 1 min read प्रेम का रंग अपनी रंग में तुम्हें रंग दूँ तेरी रंग में खूद रंग जाऊँ रंग बिरंगी के खेल में प्रेम का नया रंग बनाऊँ लाल रंग मैं तोहे रंग दूं मैं पीत... Hindi · कविता 4 398 Share Shobha Yadav 27 Mar 2021 · 1 min read होली आई होली आई होली आई मम्मी मुझको घर ले आई रंगों से भरी पिचकारी लाई होली आई होली आई होली संग छुट्टियां ले आई पकौड़े संग पकवान बनवाई नए नए कपड़ा... Hindi · कविता · बाल कविता 2 242 Share Shobha Yadav 27 Mar 2021 · 1 min read बेरंग होली माँ तेरे बिन तेरी बगिया वीरान हो गयी अब बेटी तेरे घर में हीं मेहमान हो गयी खुश्बू तेरे प्यार की जो फैली थी फ़िज़ां में आज जो फिजां में... Hindi · कविता 1 1 413 Share Shobha Yadav 22 Mar 2021 · 1 min read खिलौना जान से प्यारी है खिलौना खिलौने संग गुड़िया सोती गिर जाती जब चलते चलते झट से जाती रोते रोते कहती अपनी अम्मा से नई खिलौना ला तु बाजार से आज... Hindi · कविता · बाल कविता 242 Share Shobha Yadav 20 Mar 2021 · 1 min read सफरनामा एक हाथ लेती है एक हाथ देती है दोस्त है या दुश्मन समझने नहीं देती है कभी इतना खो देते हैं सफर में चलते-चलते देर लग जाती है एक ठोकर... Hindi · कविता 1 3 267 Share Shobha Yadav 18 Mar 2021 · 1 min read सौ सलाम करती हूँ "जो तुमने लिख दिया उसको मैं सौ सलाम करती हूँ, तुम ऐसे लिखते हीं जाओ यही अरमान करती हूँ, बसे हो सबके दिल मे तुम , तुम्हे सब चाहते हैं... Hindi · कविता 1 1 473 Share Shobha Yadav 17 Mar 2021 · 1 min read नारी का सम्मान देख बदल रही है दुनिया नजरों का बस फेर है खुद को अँधेरे से निकालो ऱौशनी की ढेर है नकारात्मकता से दूर चलो अपने सम्मान पहले खुद करो पुरूष भी... Hindi · कविता 1 1 420 Share Shobha Yadav 16 Mar 2021 · 1 min read मैं तेरी हीं हूँ कैसे यकीन दिलवायुं कि तेरी हीं हूं मै मेरे कहने पर भी ना माने कि तेरी हीं हूं मै जो पहले मस्त मोला था अब तेरी परवाह करती है अब... Hindi · कविता 2 1 270 Share Shobha Yadav 28 Feb 2021 · 2 min read आजकल का युवा नेता #आजकल_का_युवा_नेता अन्ततः जब नहीं रहा गया तो कड़प दिए लीलण के सफेद कुर्ते ने युवा नेता को कहा। मुझे पहन कर फिर एक बार जचे घने हो, बताओ न आज... Hindi · कविता 1 338 Share Shobha Yadav 23 Feb 2021 · 1 min read नजर आता है नज़र आता है जिसको देखो वो दूध का धुला नजर आता है दूर से हर शख्स शरीफ नजर आता है।। एक ही चेहरे पे अनगिनत नकाब परखो तो असली चेहरा... Hindi · कविता 1 1 234 Share Shobha Yadav 23 Feb 2021 · 1 min read आगाज किसान राज की मंहगाई आबाद हो रही है, गरीब जनता, परेशान, बरबाद हो रही है। देखो,भाई सरकार कुंभकर्ण की नींद सो रही है, भाई,सरकार बदलने की निव पड़ रही है। देखो, किसान राज... Hindi · कविता 1 291 Share Shobha Yadav 23 Feb 2021 · 1 min read मिथ्या अभिमान हर पल गवाँ रही हूँ मिथ्याअभिमान संजोने में, दो पल हीं तो है जिंदगी, होना हीं क्या है मेरे 'होने' से 'न होने' में! फिर भी लड़ती हूँ झगड़ती हूँ... Hindi · कविता 1 473 Share Shobha Yadav 23 Feb 2021 · 1 min read हिसाब क्या रखें जिंदगी ने दिया है जब इतना बेशुमार यहाँ, तो फिर जो नहीं मिला उसका हिसाब क्या रखें .... खुशी के दो पल काफी हैं, खिलने के लिये, तो फिर उदासियों... Hindi · कविता 1 413 Share Shobha Yadav 19 Feb 2021 · 1 min read जिंदगी ज़िन्दगी एक किताब सी, किस्सों की कहानी है। कुछ उलझी सी, कुछ-कुछ बिखरी। जो ना समझा, वो कुछ बहका-बहका सा। जो थोड़ा भी समझा, वो कुछ सम्भला-सम्भला है। ज़िन्दगी एक... Hindi · कविता 277 Share Shobha Yadav 18 Feb 2021 · 1 min read कोशिश गिरने के बाद भी उठती हूँ ये इरादा नहीं ...तो क्या है, उठकर फिर से चलती हूँ ये कोशिश नहीं ..तो क्या है, चलते चलते मुस्कुराती हूँ ये उत्साह नहीं...... Hindi · कविता 1 186 Share Shobha Yadav 17 Feb 2021 · 1 min read व्यंग "घर-घर नाली" "घर-घर गैस" , "जिसकी लाठी उसकी भैंस, " "बनेगा पकौड़ा, बनेगी चाय" "स्कूल कॉलेज भाड़ में जाए" "आम आदमी से मन की बात" "#उद्योगपति से #धन की बात"... Hindi · कविता · बाल कविता 1 361 Share Shobha Yadav 17 Feb 2021 · 1 min read मैं भी एक किसान हूँ मैं भी हूं एक किसान मैं भी हूं एक इंसान मेरा भी हो मान सम्मान क्यूं ले रहे हो मेरी जान करती हूं खेती, बोती हूं धान चंद पैसे कमाना... Hindi · कविता 2 2 232 Share Page 1 Next