Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2021 · 1 min read

पिचकारी

राधारानी बन मैं बन जाऊँ ,
तुझे राधे का श्याम बनाऊँ ।

बरसाने का प्रेम मिला ,
यमुना का जल मिला ।

वृन्दावन का रास ,
इस होली का आस ।

प्रेम के रंग से भरो पिचकारी ,
स्नेह से रंग दो दुनिया सारी ।

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

Language: Hindi
298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
मुद्दा मंदिर का
मुद्दा मंदिर का
जय लगन कुमार हैप्पी
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वक्त एक हकीकत
वक्त एक हकीकत
umesh mehra
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझे अंदाज़ है
मुझे अंदाज़ है
हिमांशु Kulshrestha
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
शेखर सिंह
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच
Ram Krishan Rastogi
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
प्रकृति ने अंँधेरी रात में चांँद की आगोश में अपने मन की सुंद
Neerja Sharma
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
गर्जन में है क्या धरा ,गर्जन करना व्यर्थ (कुंडलिया)
गर्जन में है क्या धरा ,गर्जन करना व्यर्थ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
कितने बेबस
कितने बेबस
Dr fauzia Naseem shad
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"संघर्ष "
Yogendra Chaturwedi
"लक्ष्मण-रेखा"
Dr. Kishan tandon kranti
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यह जनता है ,सब जानती है
यह जनता है ,सब जानती है
Bodhisatva kastooriya
2867.*पूर्णिका*
2867.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चौथ का चांद
चौथ का चांद
Dr. Seema Varma
If.. I Will Become Careless,
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
Loading...