Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2021 · 1 min read

संवेदनहीन राजा

आपदा को अवसर बनाया।
आंक्सीजन और दवा बिदेशों मे बेच खाया।
देश की लाचार बिमार पीडित जनता को शमशान पहुंचाया।
अच्छे दिन के सपने दिखाकर आंक्सीजन के लिए तड़पाया।
वोटो के भुक्कड़, भावनाओं से खेलने वाले जनता को रुला के तूने क्या पाया।
तेरी एक आवाज पर हमने ताली थाली शंख घंटी और दीप भी जलाया।
तेरे हर जुमले, झूठ,सैनिकों के बलिदान, रफेल घोटाले पर तेरा साथ निभाया।
गोदी मीडिया, अंधभक्तों, ने जो विश्वास दिया हमने सभी को समझाया।
नौकरियां गई, व्यापार गया, भूखा रहा डंडे खाए,हर चुनाव तुमको जिताया।
सबकुछ गंवा के अपनो को तडपता मरता देखा,तूने कितना लाचार बनाया।
हे प्रभु रहम कर दया कर,
हमने एक संवेदनहीन को राजा क्यों बनाया।

Language: Hindi
2 Likes · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इबादत
इबादत
Dr.Priya Soni Khare
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गाली / मुसाफिर BAITHA
गाली / मुसाफिर BAITHA
Dr MusafiR BaithA
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होली आई रे
होली आई रे
Mukesh Kumar Sonkar
ज़रूरी तो नहीं
ज़रूरी तो नहीं
Surinder blackpen
हमारी हार के किस्सों के हिस्से हो गए हैं
हमारी हार के किस्सों के हिस्से हो गए हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-316💐
💐प्रेम कौतुक-316💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लड़की किसी को काबिल बना गई तो किसी को कालिख लगा गई।
लड़की किसी को काबिल बना गई तो किसी को कालिख लगा गई।
Rj Anand Prajapati
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
कवि रमेशराज
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
Shankar N aanjna
महसूस खुद को
महसूस खुद को
Dr fauzia Naseem shad
■नया दौर, नई नस्ल■
■नया दौर, नई नस्ल■
*Author प्रणय प्रभात*
मरासिम
मरासिम
Shyam Sundar Subramanian
अपनी स्टाईल में वो,
अपनी स्टाईल में वो,
Dr. Man Mohan Krishna
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
संविधान का पालन
संविधान का पालन
विजय कुमार अग्रवाल
"ग़ौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
Ajad Mandori
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
Minakshi
3133.*पूर्णिका*
3133.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी एक ख़्वाब सी
जिंदगी एक ख़्वाब सी
डॉ. शिव लहरी
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
Loading...