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13 May 2021 · 1 min read

हँसना

हँसना-मुस्कुराना.
बित गए वो दिन जब
हँसना आम था,
ढूंढते थे बहाना, फिर
हँसना और हँसाना
वक्त बदला, जिसे बदलना ही है
पर वक्त के साथ इंसान और
मानसिकता भी बदल गयी,
मतलबी हो गए हम
भूलकर ओरों के खुशी-गम,
एक ही ध्येय बस,
पैसा-सिर्फ पैसा कमाना
कैसे आयेगा फिर,
हँसना-हँसाना.

Language: Hindi
1 Like · 265 Views
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