मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 28 Feb 2021 · 9 min read ‘‘मुझे एक बोतल खुशी चाहिए।’’ भाग - 2 उस दिन से मुकुल और उसकी मम्मी की हर खुशी और हर गम में साझेदार बन गये थे, होटल मालिक रफीक। और हर रोज मुकुल और उसकी मम्मी से मिलने... Hindi · कहानी 1 621 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 28 Feb 2021 · 14 min read ‘‘मुझे एक बोतल खुशी चाहिए।’’ भाग - 1 स्कूलों की छुट्टी हो चुकी थी, दोपहर के यही कोई 2ः30-3ः00 बज रहे थे। मुकुल अपने स्कूल से जब घर वापस लौटा तो वो सीधे रसोईघर में चला गया, बहुत... Hindi · कहानी 1 2 556 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 5 min read सरकारी दफ्तर में भाग (11) कुछ देर बाद संजीव चयन समीति केे कक्ष में पहुुँचा और सभी चयन कर्ताओं को अपने जीवन का हाल बताया। संजीव केे जीवन का हाल सुुुनकर पाँचों अधिकारियों ने कहा,... Hindi · कहानी 321 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 5 min read सरकारी दफ्तर में भाग (10) आविद और संजीव के बीच ये संवाद चल ही रहा था, कि चपरासी ने आविद का नाम पुकारा, ‘‘ अभ्यर्थी क्रमांक 47 आविद खाँ। अपना नाम सुनकर आविद ने अपनी... Hindi · कहानी 327 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (9) संजीव ने सोचा कि बाबू मेरी तरक्की से खुश होकर मिठाई मांग रहे है। इसलिए वह उत्साहित हुआ और इससे पहले कि बाबू आगे कुछ कह पाते संजीव तुरन्त बाहर... Hindi · कहानी 290 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 5 min read सरकारी दफ्तर में भाग (8) समीर के बाद अगला क्रम संख्या-2 का बुलावा आया, तो उस अभ्यर्थी ने साक्षात्कार कक्ष में जाने से पहलेे अपनेे मोबाइल से किसी को फोन किया और लगभग 2 से... Hindi · कहानी 356 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (7) आविद के कहने पर संजीव, आविद के साथ उस मुख्य द्वार से आगे की ओर बढ़ा तो द्वार के भीतर घुसते ही दाहिनी ओर एक शिलान्यास जैसा पत्थर लगा था... Hindi · कहानी 318 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (6) आविद आकर संजीव की बगल वाली सीट पर बैठ गया। आविद जैसे ही बैठा, तभी आॅटो वाले ने पूछा, ‘‘आज प्रताप भवन में क्या है। सुबह से बहुत लोग आये।... Hindi · कहानी 276 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (5) पूजा करने के बाद संजीव ने अपने उन शिक्षकों को फोन किया, जिन्होने उसकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करायी थी। संजीव ने अपने गुरूओं के मार्गदर्शन में पूरी ईमानदारी, निष्ठा... Hindi · कविता 378 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 5 min read सरकारी दफ्तर में भाग (4) यहाँ आकर मेरी मुलाकात रहीम भाई से हुई, उन्होने मेरे उस बुरे वक्त में, मेरे बडे भाई की तहर मेरी मदद की। रहीम भाईजान से मेरी मुलाकात एक साहूकार के... Hindi · कहानी 351 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (3) संजीव की मां ने उसको बताया कि उनके इस तरह समझाने पर भी उनकी समझ में कुछ नही आया, उन्होने उसे बताया कि तुम्हारे पिता कुछ समझने को तैयार नही... Hindi · कहानी 373 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (2) संजीव उस दिन बहुत खुश था उसके पैर जमीन पर नही पड़ रहे थे, उस दिन उसका मन और उसका दिल बार-बार तहेदिल से अपने ईष्ट देव को धन्यवाद दे... Hindi · कहानी 308 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 18 Feb 2021 · 4 min read सरकारी दफ्तर में भाग (1) जून की धधकती गर्मी के दिन थे, जून की गर्मी के उन दिनों में गर्मी का आलम कुछ यूँ था कि सूर्य की तेज किरणें अपनी तपिश से सभी लोगों... Hindi · कहानी 257 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 16 Feb 2021 · 1 min read जय मां शारदे छलदंभ, द्वेष, कपट के मैल को मन से धुला रहा हूँ। अन्याय, अनीति के सारे माँ आज भेद भुला रहा हूं। अक्षर-अक्षर जोड़कर नया शब्द बनाना सीखकर रस, छन्द, अलंकारों... Hindi · मुक्तक 1 273 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 8 Feb 2021 · 1 min read फुटपाथ की जिंदगी (कविता) फुटपातों पर अस्तित्व अपना ढूंढती जिंदगी। खुद में खुद को ही फिरती ढूंढती जिंदगी।। मिल जाता किसी कचरे में जब रोटी का टुकडा। उस पल ही मुस्करा लेती फुटपात की... Hindi · कविता 3 1 261 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 1 min read कोई तुमसा नहीं (कविता) कुछ नहीं लिख पाया तुम पर जब तो बस मन से मन की प्रीत लिखी मैंनें अपनी हार लिखकर प्रिय बस खुद पर तुम्हारी जीत लिखी सूर्य की पहली किरण... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 43 640 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 1 min read जातिवादी मानव (कविता) एक था मानव जो बन बैठा हिन्दू, मुस्लिम, सिख्य और ईसाई। आकर जग में खो गई कहाँ मानवता यह सोचों जरा मेरे भाई। मजहवी दंगों का बज रहा ऐसा अजब... Hindi · कविता 1 537 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 1 min read युग निर्माण(कविता) युग निर्माण का वक्त आ गया, सब मिलकर कदम बढाओ। छाई जग में असत्य की रात, सब मिल सत्यदीप जलाओ।। सुख-दुख, धन और दौलत, ये तो सदा आते-जाते रहते, मोह-माया... Hindi · कविता 1 491 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 1 min read बेटी........ एक प्रेरणा (कविता) दुनिया का एक ऐसा आदर्श होती है बेटी। मानवता की एक नई पहचान होती है बेटी।। छोड़ देते अकेला जब-जब माँ-बाप को बेटे बुढापे का उनके एक सहारा होती है... Hindi · कविता 1 365 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 2 min read सशक्त नारी (कविता) वीरांगना जैसे गुणों से करो परिपूर्ण नारी को। हर इंसा करे सम्मान वो पहचान दो नारी को।। नारी का अपमान न कर पाये कोई दुष्ट, दानव। दुर्गा, काली जैसे गुणों... Hindi · कविता 1 566 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 1 Feb 2021 · 1 min read हार नही मानूँगा (कविता) भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को समर्पित कुछ पंक्तियाँ......... सच की दुल्हन का झूठे गहनों से श्रृंगार नही मानूँगा करूँगा हर मुश्किल का सामना पर हार नही... Hindi · कविता 311 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 29 Jan 2021 · 1 min read एक याद बचपन की(कविता) निःस्वार्थ भरी नियत मिल जाए बचपन की। खट्टी-मीठी कोई चोट मिल जाए बचपन की।। मुझे तलाश है उस मीठी सी पीपली छाँव की, मुझे तलाश है बचपन वाले छोटे उस... Hindi · कविता 1 346 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 28 Jan 2021 · 4 min read शहीद का गृह प्रवेश (कविता) तिरंगे की चूनर ओढ़े बनकर ऐसे शहजादे आये हो। घर के चहके आँगन में मातम पुष्प सजाने आये हो। पत्नी संवाद भूल गये तुम मेरे गुलाबी होंठों की लाली भूल... Hindi · कविता 662 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 2 min read आजादी की दुल्हन (कविता) वीरों की लाशों की जयमाल माँ भारती के चरणों में चढ़ायी है। आजादी की दुल्हन तब जाकर अपना पूर्ण श्रृंगार कर पायी है।। नही लौटा इक माँ का दुलारा कभी... Hindi · कविता 1 807 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 1 min read श्रीराम - सबरी मिलन (कविता) विश्वास विजय करने को रघुराम आ गये। सब्र के बेर चखने सबरी के श्रीराम आ गये।। मुस्करा उठीं देखो चेहरे की छुर्रियाँ झूमकर नाच उठी पुष्पों की कलियाँ बढ़ाया मान... Hindi · कविता 1 583 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 1 min read जमीनदार बचपन (मुक्तक) जीवन के रंगमंच का एक किरदार है बचपन। थोड़े गम जरा सी खुशी है दोनों का हकदार बचपन। बैठता जब किसी चौपाल पर सजाकर अपने खेल खिलौने पूरी कायनात का... Hindi · मुक्तक 1 265 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 1 min read जीवन हवन (कविता) जीवन कर्मशीलता का एक हवन है संघर्ष की यहाँ चलती रोज पवन है तू ठहरना मत पीछे कभी मुडना मत सफलता का यही अडिग नियम है काटना सीख तू विफलता... Hindi · कविता 1 618 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 9 min read जिन्दगी की तलाश में (कहानी) सुबह के 9ः30 बजे थे वक्त सड़कों पर दौड़ा चला जा रहा था आफिस के लोग आफिस की तरफ, स्कूली बच्चे स्कूल की तरफ, दुकानदारों को अपनी दुकान का शटर... Hindi · कहानी 1 609 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 4 min read कब्रस्तान के किनारे (कहानी) नबम्वर का महीना था। दीपावली को निकले लगभग सप्ताह भर बीत चुका था इसलिए कुछ ठण्ड भी पडने लगी थी यहि कारण था, कि राजीव उन दिनों अपने घर से... Hindi · कहानी 1 389 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 20 Jan 2021 · 6 min read मम्मी जग नहीं रही (कहानी) सुबह के 07ः30 बजे थे भीखू अपने स्कूल जाने की तैयारी करने की वजाय अपने घर के पास वाले थाने में चला गया उसने देखा कि एक पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति... Hindi · कहानी 1 714 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 19 Jan 2021 · 3 min read मस्त बचपन (कहानी) सुबह के 04:00 बजे थे, रोहन अपनी स्कूल की छुट्टियाँ खत्म करके लखनऊ लौट रहा था टिकट घर से टिकट लेकर चण्डीगढ़ सुपर फास्ट एक्सप्रेस में चढ़ गया भीड़ अपने... Hindi · कहानी 1 914 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 19 Jan 2021 · 1 min read माँ से मनुहार (कवितां) आओ, आ जाओ इक बार फिर लौट माँ तुम आओ न। अपने आँचल के शामयाने मे मुझको माँ सुला जाओ न। फिर मन की हुयी चाहत आंचल में तुम्हारे सोने... Hindi · कविता 6 751 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 19 Jan 2021 · 1 min read राम लव-कुश मिलन (कविता) मर्यादाओं का अपना धर्म श्रीराम-सीता निभाते हैं। मातृ-पितृ कथा मिल दो भाई लव-कुश सुनाते हैं।। लुटेरे रत्नाकर ने पाई संतन सुनीति मरा-मरा रट रटकर पाई राम प्रीति काव्य की धारा... Hindi · कविता 2 979 Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 19 Jan 2021 · 6 min read मस्त मौला (कहानी) रात के लगभग 11ः30 बज रहे थे, मोहित शर्मा दिल्ली के एक रिजाॅर्ट में अपनी कालेज फ्रेंड ममता बोहरा के विवाह समारोह में शामिल हुआ था, विवाह के सभी काम... Hindi · कहानी 1 2k Share मोहित शर्मा स्वतंत्र गंगाधर 19 Jan 2021 · 2 min read मजबूरी (कहानी) सुबह के 8ः30 बजे थे राहुल ने बजरंग ढाबा बरेली से पीलीभीत का सफर तय किया कई दिनों से मन में बहुत उथल पुथल चल रही थी इसलिए अपनी दादी... Hindi · कहानी 1 782 Share