Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2021 · 1 min read

जय मां शारदे

छलदंभ, द्वेष, कपट के मैल को मन से धुला रहा हूँ।
अन्याय, अनीति के सारे माँ आज भेद भुला रहा हूं।
अक्षर-अक्षर जोड़कर नया शब्द बनाना सीखकर
रस, छन्द, अलंकारों का उन्हें पालना झुला रहा हूँ।।
आकर बिराजों माँ शारदे तुम मेरे अन्तःकरण में
करके करूण पुकार माँ आज मैं तुमको बुला रहा हूँ।।
स्वतंत्र गंगाधर

Language: Hindi
1 Comment · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
"कितना कठिन प्रश्न है यह,
शेखर सिंह
प्रथम शैलपुत्री
प्रथम शैलपुत्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
Er. Sanjay Shrivastava
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
"फेड्डल और अव्वल"
Dr. Kishan tandon kranti
3182.*पूर्णिका*
3182.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
पिता
पिता
Shweta Soni
माया
माया
Sanjay ' शून्य'
अधूरा घर
अधूरा घर
Kanchan Khanna
भोजपुरी गायक
भोजपुरी गायक
Shekhar Chandra Mitra
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
हर दुआ हमेशा और हर हाल में
*Author प्रणय प्रभात*
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
चन्द्रयान पहुँचा वहाँ,
चन्द्रयान पहुँचा वहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपना सफ़र है
अपना सफ़र है
Surinder blackpen
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
धर्मराज
धर्मराज
Vijay Nagar
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
कीमत क्या है पैमाना बता रहा है,
Vindhya Prakash Mishra
आओ कृष्णा !
आओ कृष्णा !
Om Prakash Nautiyal
💐प्रेम कौतुक-501💐💐
💐प्रेम कौतुक-501💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
नीम
नीम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...