SATPAL CHAUHAN Tag: कविता 45 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SATPAL CHAUHAN 15 Sep 2024 · 1 min read रो रही है मॉं लाख लाहनता देना तुम सूना हो उसका ज़हां। खुशी के माहौल के अंदर जिसकी रो रही है माॅं।। सारी उम्र खुद दुःख सहकर तुमको मालामाल किया, जिंदगी की भागम भाग... Hindi · कविता 2 2 73 Share SATPAL CHAUHAN 6 Aug 2024 · 1 min read हरियाली तीज रंग बदला रूप बदला बदल गई हरियाली तीज । अब साथी पास नहीं इसलिए मन में उठी खीज ।। पुराने रीत बदल गई बदल गए पुराने सब रिवाज। पुराना समय... Hindi · कविता 1 74 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read कहानी कोई भी हो चांद सी चमक क्षितिज में जाकर भी चमकते रहना। विपरीत परिस्थितियों में यू ही हरदम दमकते रहना ।। कोई देखता क्या कभी मुरझाए हुए फूल की तरफ। खिले हुए फूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वाक़िफ़ तेरी नजाकत और उल्फत से वाकिफ हूं, मेरे सब्र का इंतिहान आजमाने की कोशिश ना कर। बिखर जाएगा तेरा गुरूर यूं पतझड़ की तरह तिनका तिनका।। आखिर कब तक छुपा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 79 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read नफरत की आग हाँ जरुरत नहीं है मुझे दावानल की तेरी रुसवाई ही काफी है मेरी हस्ती मिटाने को हाँ गैरो ने ही सँभाला है मुझको अँधेरो मे ठोकरे खाता रहा तेरे दीदार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 75 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read अकेलेपन का अंधेरा अफसोस नहीं है अकेले जाने का मुझे गम है इस जमाने का कहते हैं गिरगिट रंग बदलता है परंतु उसका यह ढंग है अपने आप को बचाने का अगर पैमाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 46 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read यादें जेहन में रहती है बातें अपनों की अपन्तव से, चाहे हम रहे ना रहे विचारों में जिंदा रहेंगे जरुर। जिंदगी की कसमाकस मे उलझे बेशक है हम, पर आंखों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 64 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read साल के आख़िरी किनारे पर नव वर्ष की वेला पर विगत वर्ष हो गया हू, सोचत हूं कब नया था कब पुराना हो गया हू। वक़्त की तासीर यही खुद ही पुराना हो गया, नया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 74 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read होली होली के रंग अपनों के संग और निखरआते हैं। निश्छल प्रेम और निस्वार्थ भाव से खेले जाते हैं।। दूर देश से आए विहंग जब अपना राग सुनाते हैं। मधुर ताल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 48 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read खेत खलियान खेत खलियान की पगडंडी मेढ हो गई विरान । पढ़े लिखे सब हो गए किया शहर को प्रस्थान।। बचपन में जब तुम आते थे करते थे यहां काम । आवाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 67 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बिछड़ गए साथी सब बिछड़ गए साथी सब स्कूल रौनकों का मेला था। हंसी- खुशी समय गुजरा आखिर तो यह होना था।। बात-बात पर खिल खिलाना समय को ना गवार था, गुस्सा कभी हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 54 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read प्रिय किताब मैं शुक्रगुजार हूं आपकी तरफ मैने हाथ बढ़ाएं मैंने हाथो के सहारे गगन को छू लिया मैंने अपने पुरखों का इतिहास पढ़ा मन में बहुत सारे विचारो का अंधकार तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 74 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read कागज कागज कागज ही होता है जब तक उस पर अल्फाज नहीं उकेरे जाते कागज का महत्व ही बदल जाता है अल्फ़ालो के बदलने के साथ किसी की अश्नु धारा बहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read पिता का प्रेम एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन-मन दिल के तार-तार में कंपन पैदा होती है बच्चे का जन्म होने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चंचल मोर सा मन चंचल मोर सा मन मेरा पंछी बन ऊड जाता है, आसमान के तारों में। कभी गुम हो जाता है, वादियों के नजारों में । ऊथल पुथल मच जाती, सागर- सी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 67 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read ग़म के सागर में किस्तियो का लहराना खलता है मन रूपी सागर में उथल पुथल मच जाती है दर्द होता है विचारों में यूं ही रैना बीत जाती है विचारों के भवसागर में फंस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read बात बढ़ाना ठीक नहीं बात बढ़ाना ठीक नहीं नजरे चुराना ठीक नहीं बात बनाना ठीक नहीं कोई बहाना ठीक नहीं कोई रीत ठीक नहीं क्या प्रीत ठीक नहीं क्या रिझाना ठीक नही यूं चले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 57 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read खुद से भाग कर कहां जाओगे जाने वाले दिल अपना तड़पाने वाले गमों के दौर यूं ही आते हैं पर क्या यूं भागे जाते हैं देख जरा तो पीछे मुड़कर अपनी धडकन को पकड़कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 56 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ ! भाई हाँ हाँमैं मुखिया हूँ किसी राष्ट्र या सरकारी तंत्र का प्रधान नहीं हूँ , ना ही किसी उच्च निजी संथान का मुखिया हूँ। कमर तोड़ मेहनत कर बाँटता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 54 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चमचा चमचा ही होता है....... एक चमचा सोने का होता, एक चमचा चांदी का होता है, एक चमचाअद्भुत -सा होता,एक चमचा अमूर्त भी होता है। एक चमचा कीमती होता,एक चमचा कीमती कम होता है। इन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read घर अंगना वीरान हो गया जिस घर में मां बाप का नहीं साया समझो वह जहां सुनसान हो गया घर अंगना विरान हो गया..... सुबह उठ अंगना मां साफ करती थी आज वह अंगना ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 64 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला कसम खाता है क्या कोई? दोस्ती के पाक नाम की, मैं बातें करता हूं सिर्फ ,अपने दोस्त के इमान की। हो जाता हूं मैं गर्व वाला।। मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो... मासूमों को ठूंस -ठूंस कर स्कूलों में ले जाते हैं , ऐसे हादसे हो जाते हैं काल का ग्रास बन जाते हैं। सिर्फ पैसा और पैसा यही तो सारा नाच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 71 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read मां से ही तो सीखा है। माला में ये मोती पिरोना, मोती बिखेर कर फिर रोना। मां के आंचल में दुबक कर सोना, मां से ही तो सीखा है।। सुई धागे से फुलकारी बनाना, बचपन का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 364 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। आओ कभी स्वप्न में मेरे, मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। मां तुम्हें पैगाम लिखूं , खत आप के नाम लिखूं । बदहाल मन का हाल लिखूं , आओ कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 223 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read खुशी -उदासी एक उपवन के थे हम निवासी, फूल व तितली दो ही साथी। समय भी बदला मौसम भी बदला, कभी खुशी थी कभी उदासी।। फूल व तितली प्यार जताते, इस संसार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 148 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read फिर कब आएगी ........... मेरी यादों की कच्ची कली, भरपूर यौवन पर कब आऐगी । आकर अपनी चमक- महक से, इस भंवरे का मन कब बहलाएगी।। फिर कब आएंगी. आ कर कर थाम ले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 186 Share SATPAL CHAUHAN 5 Feb 2024 · 1 min read अनचाहे फूल चल रहा था उधेड़बुन में अकस्मात , यू ही नजर पड़ गई विस्मित फूलो पर। सड़क के दोनों तरफ कैसी विडम्बना , चमन में एक फूल रास्ते के इस ओर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 112 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ओ! मेरी प्रेयसी ओ! मेरी प्रेयसी नादान जलवे दिखा रही है। बहार आने से पहले बहार जा रही है।। दब्बु पन में संकट यूं ही बना डाला , समझ कर भी न समझ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 1 209 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 146 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं। हलो हलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूं। बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूं।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन वाले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 164 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 202 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 147 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read बस हौसला करके चलना दूर-दराज क्षितिज में , मानो छिपते हुए सूर्य के। आगोश में लुप्त हो जाना , कतार मय उडते पंछियों का ।। दाना - दुनका चुगकर रैन बसेरे को , अपने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 139 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ नहीं मानता जिंदगी को बोझ नहीं मानता, बोझ तन पर मन पर l जिम्मेदारी का क्यों ना हो? अकेले ही चला जाना है l जिंदगी की कटीली पथरीली , कंकरीली राहों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 189 Share SATPAL CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 249 Share SATPAL CHAUHAN 5 Sep 2022 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Hindi · कविता 3 1 507 Share SATPAL CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं हेलो हेलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूँ । बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूँ।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन... Hindi · कविता 2 2 817 Share SATPAL CHAUHAN 6 May 2022 · 1 min read मां की महानता कैसा सुंदर प्यारा प्यारा , मां से ही तो है जग सारा l मां जन्म देती ममता को, मां ही बनती पालनहारा ।। मां के आंचल में ही पलते, शेर... Hindi · कविता 8 9 943 Share SATPAL CHAUHAN 1 May 2022 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Hindi · कविता 2 1 486 Share SATPAL CHAUHAN 20 Apr 2022 · 1 min read भूमि दिवस भूमि दिवस पर भूमि मां का , मिलकर सब गुणगान करें । हाथ जोड़कर दोनों हम सब , धरती माता को प्रणाम करें।। धरती माता ही हम सब का, पालन... Hindi · कविता 2 4 201 Share SATPAL CHAUHAN 18 Apr 2022 · 1 min read पिता एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन -मन दिल के तार -तार में होती है कंपन बच्चे के पैदा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 9 412 Share SATPAL CHAUHAN 17 Apr 2022 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Hindi · कविता 2 1 237 Share SATPAL CHAUHAN 7 Apr 2022 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Hindi · कविता 3 336 Share SATPAL CHAUHAN 6 Apr 2022 · 1 min read मन मन मानो मन- मन है , वास्तविकता जन- जन है । खोवत पावत रचत बिगाड़त, खेल विधाता का तन -तन है । सोचत सोचत तन -बन तिनका , मीत मिला... Hindi · कविता 2 213 Share