Sapna K S Tag: कविता 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sapna K S 6 Aug 2023 · 1 min read कुछ नही हो... दर्दों से जुड़ा मेरे जजबातों का समंदर, दिल के तालाब में कहाँ सिमट कर रहेगा.. कुछ अपने ही रिश्ते थे इतने करीब, के अब नजर हर रिश्तों से नजर चुरायेगा..... Hindi · कविता 489 Share Sapna K S 15 Jun 2022 · 2 min read कबीरा... एक कबीरा... मिल गया था मुझे भी भटकी इन राहों पर एक कबीरा.. मस्त कलंदर .. मन .. मस्त कलंदर..... बड़ा ही शांत सा समुद्र था वो अपने अंदर कई... Hindi · कविता 4 2 462 Share Sapna K S 2 May 2022 · 2 min read मुझे तुम्हारी जरूरत नही... हाँ.. तुम्हें शायद होगा ना तुम जब काम में या कहीं और बीझी हुआ करते थे न तब मेरे बार -बार कॉल करने से परेशान हुआ करते थे इतना परेशान... Hindi · कविता 2 2 1k Share Sapna K S 2 May 2022 · 2 min read किस्मत एक ताना... किस्मत .. अजीब सा एक ताना हैं न.... तुम आये थे लगा सबकुछ मिल गया लगा मेरे साज सिंगार के लिए सिर्फ तुम ही ..तुम हो.. याद हैं न अक्सर... Hindi · कविता 1 571 Share Sapna K S 1 May 2022 · 2 min read कैसे समझाऊँ तुझे... कैसे समझाऊँ तुझे के, मेरी खामोशी क्या कहती हैं तुमसे... तुम हर बार जो लफ्जों के बाणों का प्रहार कर के निकल जाते हो न बहुत अंदर तक चूब जाते... Hindi · कविता 1 1 724 Share Sapna K S 25 Apr 2022 · 2 min read तुम मेरी हो... यकिन रख मैं तेरा ही हूँ, पर कैसे भरोसा करूँ कि, तू किसी और सी नहीं.. तुमसे मिलने से पहले अपनी हाथों की लकीरों में हर पल तेरा ही नाम... Hindi · कविता 472 Share Sapna K S 20 Apr 2022 · 1 min read प्रेमिका.. मेरी प्रेयसी.... सुनो कैसे कहूँ, तुम मेरी प्रेमिका मेरी प्रेयसी हो, तुम को भी अजीब लगा ना हाँ मुझको भी लगा था, कुछ समझ पाता ,खुदको सँभाल पाता , तब तक तुम... Hindi · कविता 1 3 553 Share Sapna K S 16 Apr 2022 · 2 min read प्यार, इश्क, मुहब्बत... सुनो, तुम से कुछ कहना हैं, इश्क, मुहब्बत, प्यार बस एक तरफा ही जान पाये हो ना .. हाँ जरूँर ही कहोगे तुम, बहुत खुबसुरत बलाओं से जो मिले थे... Hindi · कविता 2 1 312 Share Sapna K S 13 Apr 2022 · 1 min read तुम मेरे वो तुम हो... तुम मेरी कोई, उम्मीद या तमन्ना नहीं हो, हाँ .. तुम मेरी वो प्रेरणा हो.. जैसे जिंदा रहने के लिए साँस लेते हैं ना उसी तरह.. तुम मेरी कोई, बचकानी... Hindi · कविता 774 Share Sapna K S 13 Apr 2022 · 1 min read लत... लत ... लग चुकी हैं तुम्हारी मुझे, और मेरी तुम्हें नहीं समझे ना, हाँ .. शायद ये समझने में मुझे भी जरा वक्त लगा, अजीब सा नशा हैं, जो दूर... Hindi · कविता 481 Share Sapna K S 13 Apr 2022 · 1 min read तुम... सुनो न, कैसे कहूँ, सब कुछ अजीब सा लग रहा हैं, तुम .. हाँ तुम न जाने कैसे इतने अपने से बन गए, सुबह जगने पर तुम ही आते हो... Hindi · कविता 485 Share Sapna K S 12 Apr 2022 · 1 min read प्रेम... प्रेम, कितना उलझा सा शब्द हैं ना, और तुम, कितना अनसमझा सा एक सवाल हो.. तुम पास थे, तब तुमसे दूर रहने के बहानों में अटकी थी, और जब तुम... Hindi · कविता 1 1 279 Share Sapna K S 15 Mar 2022 · 1 min read रंग बेवफाई का... देखो ना, रंग का मौसम आ गया हैं, फिर भी बेरंग सी जिंदगी हैं तुम्हारे बिना, सफेद रंग सा अतित था मेरा, तुम ने आकर कुछ रंग भर तो दिए,... Hindi · कविता 236 Share Sapna K S 9 Mar 2022 · 1 min read तुम.... सुनो, कुछ माँगू तुमसे तो दे सकोगे तुम... हाँ ... तुम अपना वक्त मुझे दो, उस वक्त में तुम कहीं भी रहों, बस मेरे होने का एहसास तुम्हारें अंदर बसा... Hindi · कविता 425 Share Sapna K S 6 Mar 2022 · 1 min read साथ..... सुनो, तुम्हारी ये जो खामोशियाँ हैं ना, बहुत तरसाती हैं मुझे, जानती हो तुम, तुम्हारें होंठो से हरपल की ये जो तकरारें हैं ना , पसंद हैं मुझे, लेकिन तुम्हारा... Hindi · कविता 1 225 Share Sapna K S 4 Mar 2021 · 1 min read आज फिर तेरे शहर से.... आज फिर तेरे शहर से मेरे नाम का पैगाम आया, भूले बिसरे पल फिर वो नाम कर गया.... . मन बहका....तन महका... फिर कोई अधूरी ख्वाहीश जगा दिया.... आज फिर... Hindi · कविता 268 Share Sapna K S 1 Mar 2021 · 1 min read खाली बोटलों सी... खाली बोतलों से बन के रह गयी हैं अब जिंदगी, जिसके हाथ लगी बस उसीने गजब ढ़ाया.... . बड़े अरमानों से बनाया था बनाने वाले ने, क्या-क्या न किया था... Hindi · कविता 1 480 Share Sapna K S 18 Feb 2021 · 1 min read काश ! बनाने वालेे ने..... बनानेवाले ने गर मुझे दो बूँद, शराब की ही बना दिया होता.. तो लगकर उसके होंठो से, जिस्म में उसके समा जाती मैं... तनहाई मेरे नाम से ही बाँट लेता... Hindi · कविता 234 Share Sapna K S 16 Feb 2021 · 1 min read बस ये याद रख लेना.... वो किश्तों में आने लगे हैं मिलने आजकल शायद बहुत ही मँहगा हैं, जो फुरसत का बटवा उनको न मिल रहा कहीं... अब हम भी कैसे लापरवाह बन हैं बैठे,... Hindi · कविता 537 Share Sapna K S 14 Feb 2021 · 1 min read कश्त... यादों के कश्त में सुलग कर रह गये, आँखों का दर्द जुबान पी गये, जिंदगी की तलब में भटके जो दरबदर, खुदके पते से भी अंजान रह गये, अब की... Hindi · कविता 1 1 251 Share Sapna K S 13 Feb 2021 · 1 min read कौन हूँ मैं..... प्रणयम(मुहब्बत) अपनी जिंदगी लूटाकर शर्म ना महसूस हो ऐसे बेशर्म लोगों के गाँव में हैं मेरा प्रणयम..... . हृदयम(मन) ह्रदय होने का दिखावा करे, पर दया की जहाँ भावना भी... Hindi · कविता 2 3 340 Share Sapna K S 12 Feb 2021 · 1 min read मैं तनहाई का साथी हूँ.. मैं तनहाई का साथी हूँ... तेरी याद में अब बस जीता हूँ..... कहीं मिटता हूँ... कहीं मिटाता हूँ... कुछ ऐसे पल में जीता हूँ.... . एक क्षितिज तक मैं भी... Hindi · कविता 256 Share Sapna K S 8 Feb 2021 · 1 min read अनचाहा सवाल.... आज फिर एक अनचाहा सवाल हैं.. और उसका ना मिलने जवाब हैं,जो सामने आ खड़ा... . समझा चुका था मैं खुदको के वो छोड़ चुकी हैं मुझको, मेरे चाहकर भी... Hindi · कविता 1 1 287 Share Sapna K S 7 Feb 2021 · 1 min read पर मेरा कोई जवाब न आया.... खत तो मैंने भेजा था उनको,पर मेरा कोई जवाब ना आया, हर खत पर अपना नाम लिखा था, पर मेरा कोई जवाब ना आया...... खत तो मैंने भेजा था उनको......... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 35 397 Share Sapna K S 7 Feb 2021 · 1 min read पिया बावरा... मोरा मन काहे माने ना, पिया बावरा रे पिया बावरा रे... अखियन से काहे तुने प्रेम पिलाया, मीरा सी बनके जोगन ... बन - बन में नाचू, रीत यहीं सदा... Hindi · कविता 1 2 677 Share Sapna K S 7 Feb 2021 · 1 min read भाई हैं ...पर पुरूष कहाँ हैं ? कलयुग से ही ये गाथा हैं, बहन के सिर एक भ्राता हैं, वफा करो पुरूष से पर भी, वो तेरी इज्जत कहाँ सँभाल पाता हैं, भाई तो एक ही पुकार... Hindi · कविता 1 4 546 Share Sapna K S 7 Feb 2021 · 1 min read मेरा समझौता... मेरा समझौता... . हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारीं आँखों से... जो उन में आँसू नहीं देखे जाते... हाँ, मेरा समझौता हैं तुम्हारे होंठों से... जो उन पर सिर्फ मुस्कान पसंद... Hindi · कविता 1 1 222 Share Sapna K S 7 Feb 2021 · 1 min read आइना मुझसे मेरी... आइना मुझसे मेरी पहले सी सूरत माँगे, मेरा मुझमें जिंदा होने का सबूत माँगे..... . वो बहार आयी थी कभी फूलों पर, चाँद तारों की बातें भी हुआ करती थी... Hindi · कविता 2 281 Share