S K Singh Singh 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid S K Singh Singh 14 Feb 2025 · 1 min read दोहा गजल बहुत दिनों के बाद भूल न पाया प्यार । नित्य महकता ही रहा,प्रेम-रतन घनसार ।। प्रेम धुनि उर में रमी,बनाया बहुत प्रवीण । निशिदिन बढता ही रहा,अंतर में व्यवहार ।।... Hindi 32 Share S K Singh Singh 14 Feb 2025 · 1 min read बहुत दिनों के बाद भी भूल न पाया प्यार बहुत दिनों के बाद भी भूल न पाया प्यार नित्य महकता ही रहा प्रेम-रतन घनसार डा. सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 34 Share S K Singh Singh 14 Feb 2025 · 1 min read भावो का अंजन किया ,दृग से दृग संधान । भावो का अंजन किया ,दृग से दृग संधान । प्रीति रंग गाढ़ी रँगी ,उतरी नहीं खुमार ।। डा. सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 25 Share S K Singh Singh 6 Feb 2025 · 1 min read जीवन एक चुनौती है , जीवन एक चुनौती है , मैंने यह स्वीकार किया । पग-पग अंगारों पर चल , नव प्रभात संस्कार किया डा. सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 1 23 Share S K Singh Singh 3 Feb 2025 · 1 min read हे वसंत, मधुकर मधुकरियाँ करती आज किलोलें। हे वसंत, मधुकर मधुकरियाँ करती आज किलोलें। मंजरियों,पर मदनशलाका डाल -डाल पर बोलें।। डा. सुनीता सिंह 'सुधा' Quote Writer 26 Share S K Singh Singh 21 Jan 2025 · 1 min read चलो चलें हम कुंभ नहाएँ भेद भाव के पथ को त्यागें चलो चलें हम कुंभ नहाएँ । संत जनों का पुण्य समागम, भगवत दर्शन तुम्हें कराएँ ।। गंगा यमुना सरस्वती से सारे जग की प्रीति... Hindi 55 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read बात थी छोटी मगर अपना बात थी छोटी मगर अपना तो याराना गया दोष था उसका मगर उसका कहाँ माना गया डा सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 1 31 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read वतन की सरहदों पर रोक वतन की सरहदों पर रोक ले जाने से वीरों को किसी पाजेब में भी इतनी कहाँ झनकार होती है डा सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 38 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read तुम न वक्त दे पाए तुम न वक्त दे पाए मन में रह गई बातें डा सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 29 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read इश्क़ का कुछ पता नहीं होता इश्क़ का कुछ पता नहीं होता वो जो हमसे मिला नहीं होता डा सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 32 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read इश्क़ का कुछ पता नहीं होता इश्क़ का कुछ पता नहीं होता वो जो हमसे मिला नहीं होता बात सच सच अगर बताता वो बीच यूँ फासला नहीं होता राह में वे कदम भटक जाते जिनको... Hindi · ग़ज़ल 41 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read कुंभ मेला को प्रयागराज के पथ पर आस्था की है लगी डुबकी सदा देखा भक्ति के नव रंग में सबको रँगा देखा कुंभ मेला को प्रयागराज के पथ पर संत नागा साधुओं से नित भरा देखा भीड़... Hindi · ग़ज़ल 42 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read आस्था की है लगी डुबकी सदा देखा आस्था की है लगी डुबकी सदा देखा भक्ति के नव रंग में सबको रँगा देखा कुंभ मेला को प्रयागराज के पथ पर संत नागा साधुओं से नित भरा देखा डा... Quote Writer 28 Share S K Singh Singh 19 Jan 2025 · 1 min read हो सके तो सहर शाम आते रहो हो सके तो सहर शाम आते रहो हाल सबका हमें तुम बताते रहो डा सुनीता सिंह सुधा Quote Writer 27 Share