Roshni Sharma Tag: कविता 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Roshni Sharma 30 Apr 2024 · 1 min read खो गईं। वेदना तो बहुत है संवेदनाएं खो गई मौत तो दुगुनी हुई पर सांत्वनाएं खो गईं। स्वार्थ का है बोल बाला, हर तरफ संसार में प्रेम, ममता, स्नेह की संभावनाएं खो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीत 7 3 131 Share Roshni Sharma 16 Feb 2022 · 1 min read जाने क्यों,! ?️जाने क्यों?️ आज के मौसम में जाने धांधली कैसी मची है कोयलें सिर पीटती कव्वों की पनाह में पड़ी हैं अर्थ का अनर्थ हुआ शब्द की रूठी कड़ी है अहम... Hindi · कविता 2 3 916 Share Roshni Sharma 1 Feb 2022 · 1 min read ?️चाह?️ सांझ का दीपक जलाना चाहती हूं भाव मन के गुनगुनाना चाहती हूं चाहती हूँ दर्द को निस्तार कर दूं राग मैं मल्हार गाना चाहती हूँ। न रुका है न रुकेगा... Hindi · कविता 2 344 Share Roshni Sharma 1 Feb 2022 · 1 min read ?️भारत की बेटी?️ मैं बेटी भारत माता की इसका गौरव स्वाभिमान हूँ मैं मुझको कम नही आंकना तुम बढ़ता हुआ एक सम्मान हूँ मैं मैं ही दुर्गा,मैं कल्याणी सीता, सावित्री,अनुसूया तुम समझो न... Hindi · कविता 2 337 Share Roshni Sharma 1 Feb 2022 · 1 min read आओ मिलकर बदलें। जहाँ जहाँ फैला अँधियारा आओ दीपक एक जलाएं। जहाँ जहाँ आंसू बहते हो आओ मिलकर दर्द बटाएं। जीवन मे यदि खार मिलें तो उपवन उपवन फूल खिलाएं। सूरज से चमके... Hindi · कविता 2 2 261 Share Roshni Sharma 8 Jul 2021 · 1 min read चलो यूँ करें! अहम् छोड़ कर चलो एक हम हो जाएं, इक दूजे के दुःख में भागी हो जाएं। चलो तराशे हिल-मिल कर इस जीवन को.. समरसता, सद्भाव के साथी हो जाएं। जज्बा-ए-दिल... Hindi · कविता 3 2 326 Share Roshni Sharma 27 May 2021 · 1 min read यह बरखा और याद तुम्हारी(बरसात) दूर दिशा कजरारे बदरा मन का चैन चुराए दामिनी दमक रही घन माही हिय में शूल चुभाए तुम याद बहुत आए तन मन भिगो रही जलधारा शीतल हो गया आंगन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 310 Share Roshni Sharma 25 May 2021 · 1 min read आओ न मेघा(बरसात) आओ न मेघा बरस जाओ न मेघा प्यासी धरती नेह माँगती शीतल जल बरसाओ न मेघा आओ न मेघा बरस जाओ न मेघा धरती सूखी, सूखे ताल तुम बिन कृषक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 608 Share Roshni Sharma 25 May 2021 · 1 min read फिर आई बरसात(बरसात) फिर मेघाच्छन्न हुआ गगन फिर टप-टप बूंदे आई धरा नटी की खातिर नभ से नव संदेशा लाई पा जिसको खिल उठी वसुंधरा धानी चूनर लहराई दिल की कली प्रस्फुटित हुई... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 582 Share Roshni Sharma 22 May 2021 · 1 min read मेघा (बरसात) घन घन मेघा बरसते मन हो गया विभोर प्रकृति नटी नाचन लगी शीतलता चहुँ ओर सर सर बहती है हवा झर झर बहता नीर मन तरंगित हो उठा विलसित हुआ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 6 391 Share Roshni Sharma 21 May 2021 · 1 min read आओ जलाएं दीप️ मंदिर निर्माण की बेला में भावों के पुष्प चढ़ा दें हम आओ कुछ दीप जला दें हम है अवधपुरी सज गयी आज नव नूतन अतुलित आभा से कण कण श्री... Hindi · कविता 1 2 315 Share Roshni Sharma 21 May 2021 · 1 min read भोर वंदन जीवन अंतहीन संभावना क्यों इससे घबराए रे विपरीत बना है समय यदि स्वर्णिम अवसर भी आये रे। छोड़ निराशा दृष्टि बदलो अवसर को पहचानो रे दिवस निशा अनुभूति जरूरी मूल... Hindi · कविता 1k Share Roshni Sharma 21 May 2021 · 1 min read जिंदगी ज़िन्दगी तेरा कोई हिसाब नही तू लाजवाब है तेरा कोई जवाब नही सच कहूँ तुमको जब से देखा है तुम हकीकत हो ,कोई ख्वाब नही मैंने अल्फ़ाज़ सदा यूँ लिखे... Hindi · कविता 311 Share Roshni Sharma 21 May 2021 · 1 min read हे माधव। ?????? हे माधव,मोहन गिरधारी पद्मनाभ,विष्णु अवतारी हे अखिल विश्व के दुखत्राता हे जगत नियंता,सुख दाता हे अगम,अनूप,अच्युत जगदीशा हे माधव,सुर नर,सुरपति,ईशा हो तीन लोक के तुम स्वामी घट घट वासी... Hindi · कविता 495 Share Roshni Sharma 19 May 2021 · 1 min read हर हर महादेव हे त्रिपुरारी,हे शिव शंकर अजर,अमर अविनाशी तुम महाकाल उज्जैन के हो तुम विश्वनाथ शिव काशी तुम तुम सृष्टि के संकट हर्ता पर दुःख हंता, मंगल कर्ता लीला तेरी अदभुत हरिहर... Hindi · कविता 1 2 597 Share Roshni Sharma 19 May 2021 · 1 min read सुनो है जीवन इक पहेली,बूझना ही पड़ेगा, राह की रुसवाइयों से,जूझना ही पड़ेगा। क्यों भला फूलों की खुशबू ढूंढते हो तुम, दामन के काँटो से तो उलझना ही पड़ेगा। मत कदम... Hindi · कविता 2 382 Share Roshni Sharma 19 May 2021 · 1 min read आओ दीपक जलाएं आओ दीपक एक जलाएं सुमन,कुसुम से करें अर्चना आनंद की सरिता बरसायें दिव्य ज्योत्स्ना फैले चहुँ दिस सुनीति का मार्ग अपनाएं संतोष भाव से अलंकृत हो मन अज्ञान तिमिर को... Hindi · कविता 1 469 Share Roshni Sharma 19 May 2021 · 1 min read बारिश की बूंदे (बरसात) रिमझिम फुहार पड़ी बूंदों की लगी झड़ी नयन हुए रतनारे गालों पर लाली चढ़ी। वृक्षों के पात फूल बरखा में नहाए हैं मानों सजधज के मिलने को आए है फूलों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 446 Share Roshni Sharma 7 Feb 2021 · 1 min read मेरा देश चंदन सा पवित्र है,वो देश हिंदुस्तान है। पुष्प सी सुगंध सा,मेरा देश हिंदुस्तान है सूर्य सबसे पहले जिसकी आरती उतारता, चाँद अपनी चाँदनी से रूप को सँवारता नदियां धोती आँगना,... Hindi · कविता 2 6 306 Share Roshni Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read खो गईं वेदना तो बहुत है,सम्वेदनाएँ खो गई मौत तो दुगुनी हुईं,पर सांत्वनाएँ खो गईं स्वार्थ का है बोलबाला,हर तरफ संसार में प्रेम,ममता,स्नेह की संभावनाएं खो गईं। बेईमानी और रिश्वत ने कुछ... Hindi · कविता 5 527 Share