Kavi Ramesh trivedi 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi Ramesh trivedi 11 Dec 2023 · 1 min read कविता कविता --------- कभी इधर कभी उधर कभी पैदल कभी सड़क पर सरपट दौड़ना कभी बांस झाड़ी पर चढ़कर बेर जामुन फलों को ढूंढना कभी खजूर तले बैठकर छांव शीतलता की... 1 131 Share Kavi Ramesh trivedi 17 Mar 2022 · 1 min read बसंत गीत मलय वात पिक संग लिए मधुमास आ गया। ठिठुर रहीं थी बूढ़ी दादी कम्बल ओढ़ें खेल रहीं बूढ़े दादा के संग में होली बृद्वाबस्था में तरूणी सा भाव पा लिया।... Hindi · गीत 376 Share Kavi Ramesh trivedi 15 Mar 2022 · 1 min read बसंत गीत मदन बन बाग आया पिक प्रिया साथ लाया। पिक मिलन गीत गाती पथिक का मन बहलाती। सुगन्धित पवन बह रही हृदय में प्रणय भर रही। आम्र नवगात पाया मदन बन... Hindi · गीत 680 Share Kavi Ramesh trivedi 9 Feb 2022 · 1 min read क्या करूं क्या करूं अफसोस कितना हो रहा है। जिन्दगी के शांत पथ पर नेह का उत्पात सर्प बनकर डस रहा है बिष का मीठा जहर तन की सारी नाड़ियों में बह... Hindi · गीत 336 Share Kavi Ramesh trivedi 9 Feb 2022 · 1 min read मन ब्यथित है मन ब्यथित है तन ब्यथित है आत्मा चिन्तन ब्यथित है। शान्त हूं एकांत हूं और बिबशता की कैद में हूं नेह का भृम तोड़कर बिस्वास को मृत छोड़कर मौन का... Hindi · कविता 266 Share Kavi Ramesh trivedi 9 Feb 2022 · 1 min read सनम ओ सनम क्यों फेर ली फिर से निगाहें नेह नयनों मे पिघलकर अश्रु बनकर पूछता चुपचाप कैसे सो रहे हो? अर्द्धरजनी में बेचारा करवटें ले प्रेम की मीठी सुखद सी... Hindi · कविता 455 Share Kavi Ramesh trivedi 16 Jan 2022 · 1 min read आजकल कोहरा घना है। आजकल कोहरा घना है है कड़कती ठंड हर निशा से हर दिवस तक ओस कण के साथ शीत का पाला घना है। वो मिले थे उस समय कोहरा घना था... Hindi · कविता 241 Share Kavi Ramesh trivedi 10 Nov 2021 · 3 min read निर्धनता एवं विलासिता हमारा नारायणदास तंगी, गरीबी से सफेद फटी चादर ओढ़े पेट सिकुड़कर जली चमड़ी के समान प्रभा की वेला मवेशियों गाय भेड़ बकरियों के पीछे टुक टुक चलता मोटी बाजरे की... Hindi · कविता 210 Share Kavi Ramesh trivedi 14 Sep 2021 · 1 min read आधुनिक प्रेम आप सभी को हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई आज हिन्दी दिवस पर एक कविता प्रेषित कर रहा हूँ- आधुनिक प्रेम ------------------ मैने बर्षो पुरानी प्रेमिका से कहा मै आपसे... Hindi · कविता 458 Share Kavi Ramesh trivedi 8 Aug 2021 · 1 min read आज और अतीत कठिन परिश्रम का प्रतीक मंगू मजदूर प्रति दिन अपने परिवार की भूख के लिए जेठ की तपती दोपहरी तक श्रम करता था फिर भी कभी कभी अपना निवाला बच्चों को... Hindi · कविता 1 647 Share Kavi Ramesh trivedi 22 Jul 2021 · 1 min read सावन की फुहारें सावन की रिमझिम फुहारें स्याम मेघों से ढका अम्बर हरियाली बसुधा का श्रंगयौवन बारि बूंदों की सरसराहट श्रंगारी धुन के साथ उनकी यादें मानस मे विरह गीत गाकर नृत्य कर... Hindi · कविता 2 616 Share Kavi Ramesh trivedi 25 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक मै महल तू झोपड़ी दूरी मिटाकर देख लो | मै बड़ा तू ठीगना यारी निभाकर देख लो | ले सकोगे तब अमीरी का मजा झुग्गियों मे कल बिताकर देख लो|... Hindi · मुक्तक 2 2 275 Share Kavi Ramesh trivedi 16 Jun 2021 · 1 min read भारतीय संस्कृति एवं आधुनिकता ब्रद्बावस्था का अंतिम पड़ाव चिंता उदासी बेचैनियों की गठरी खोलते हुए दादाजी मुझे अकेला पाकर वोले- बेटा ये पछुआ हवा पूस माह में तुफानी होकर चल रही है पूरे शरीर... Hindi · कविता 1 8 421 Share Kavi Ramesh trivedi 14 Jun 2021 · 1 min read श्रंगार मुक्तक नेह से मीत सा नेह क्यों कर लिया| रेत से नीर सा प्रेम क्यों कर लिया | प्रीत की पीर से अश्रु बहते रहे र्दद से देह का मेल क्यों... Hindi · मुक्तक 1 2 386 Share Kavi Ramesh trivedi 13 Jun 2021 · 1 min read बूढ़ी माँ गौरैया चोंच से चुंग कर स्वयं भूखी रहकर अपने नन्हें चूजों की चोंच में उड़ेल देती उसे क्या पता? ग्रीष्म ऋतु में पंख फैलाकर उड़कर दूर देश पहुँचकर भूल जायेगे... Hindi · कविता 1 2 330 Share Kavi Ramesh trivedi 13 Jun 2021 · 1 min read मिलन कैसे हो चांद रहता गगन मे मिलन कैसे हो| मन बिरह गीत गाये सनम कैसे हो| गेह मे हूँ अकेला बसर कैसे हो| रैन लाती सबेरा कहर जैसे हो| चांद रहता गगन... Hindi · गीत 2 4 320 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात सावन की बरसात मेघ करें गड़-गड़| स्याम रंग बदली से बूंद गिरें झम- झम| कामरूप पुरवा भी नृत्य करे छम-छम| हरित अंग फसलों के ईख करे सर-सर| सावन की बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 10 304 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बादल गीत आजा बादल आजा बादल घुमड़ – घुमड़ के छा जा बादल| दादुर झींगुर तुझे बुलाते पीपल पात लगे मुरझाने| ईख खड़ी खेतों में रोती अश्रु धरा के रज पी लेती|... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 9 431 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर मेघ बदली से आये नहा धोकर| मेघ के बीच दामिनी के खिलते सुमन ले हिलोरें चले शीत लहरी पवन| नदी नाले भी भर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 11 492 Share Kavi Ramesh trivedi 10 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात सावन की बरसात मेघ करें गड़-गड़| स्याम रंग बदली से बूंद गिरें झम- झम| कामरूप पुरवा भी नृत्य करे छम-छम| हरित अंग फसलों के ईख करे सर-सर| सावन की बरसात... Hindi · गीत 3 10 705 Share Kavi Ramesh trivedi 7 Jun 2021 · 1 min read बादल गीत आजा बादल आजा बादल घुमड़ - घुमड़ के छा जा बादल| दादुर झींगुर तुझे बुलाते पीपल पात लगे मुरझाने| ईख खड़ी खेतों में रोती अश्रु धरा के रज पी लेती|... Hindi · गीत 3 4 687 Share