Acharya Rama Nand Mandal Language: Hindi 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Acharya Rama Nand Mandal 8 Oct 2024 · 1 min read सभी अच्छे। सभी अच्छे। -आचार्य रामानंद मंडल। कोई बुरा नहीं होता। कभी गांधी अच्छे थे। आज गोडसे अच्छे लगने लगे। कभी राम अच्छे थे। आज रावण अच्छे लगने लगे। कभी दूर्गा अच्छी... Hindi · कविता 31 Share Acharya Rama Nand Mandal 31 Jan 2024 · 1 min read तूं राम को जान। तूं राम को जान तूं राम को जान। तूं बुद्ध को पहचान।। तूं तुलसी को जान। तूं कबीर को पहचान। तूं मनु को जान। तूं अम्बेडकर को पहचान।। तूं शास्त्र... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 101 Share Acharya Rama Nand Mandal 31 Jan 2024 · 1 min read मैं हिन्दी हूं। मैं हिन्दी हूं। मैं हिन्दी हूं। मादरे वतन, हिंद की भाषा हूं। मैं हिन्दी हूं। भारत माता की बिन्दी हूं। मैं हिन्दी हूं। मैं हिन्दू की भाषा हूं। मैं हिन्दी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 87 Share Acharya Rama Nand Mandal 31 Jan 2024 · 1 min read चेहरा । चेहरा चेहरा चेहरा पर चेहरे लगा रखे हैं लोग। नियत या बदनियत से चेहरा को चेहरे से सजा रखे हैं लोग। देव या दानव भी चेहरा पर चेहरे लगा रखे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Acharya Rama Nand Mandal 31 Jan 2024 · 1 min read प्रेमिका और पत्नी। प्रेमिका और पत्नी तुम प्रेमिका है पत्नी नहीं। पत्नी बनना चाहती है तो एसिड से जलायी जाती है। तुम प्रेमिका है प्रेमिका ही बनी रहो। तुम पत्नी है प्रेमिका नहीं।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 113 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read देश में क्या हो रहा है? देश में क्या हो रहा है! देश में ये क्या हो रहा है! राजनीति का स्तर गिर रहा है! पक्ष विपक्ष गरिमा गिरा रहा है! देश की गरिमा गिरा रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 271 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read देश में क्या हो रहा है? देश में ये क्या हो रहा है ? राजनीति का स्तर गिर रहा है! पक्ष विपक्ष गरिमा गिरा रहा है! देश की गरिमा गिरा रहा है! प्रजातंत्र का लुटिया डुबा... Hindi · कविता 105 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read राजनीति की गरमी। राजनीति की गरमी। कड़ाके की ठंढ है। दिन रात सर्द है। आग ही मर्ज है। राजनीति ही आग है। सरदी में कोरोना है। राजनीति से भगाना है। सब कुछ बंद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 124 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read राजनीति की गरमी राजनीति की गरमी। कड़ाके की ठंढ है। दिन रात सर्द है। आग ही मर्ज है। राजनीति ही आग है। सरदी में कोरोना है। राजनीति से भगाना है। सब कुछ बंद... Hindi · कविता 60 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read राजनीति की गरमी राजनीति की गरमी। कड़ाके की ठंढ है। दिन रात सर्द है। आग ही मर्ज है। राजनीति ही आग है। सरदी में कोरोना है। राजनीति से भगाना है। सब कुछ बंद... Hindi · कविता 141 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read जातीय गणना। जातीय गणना। -आचार्य रामानंद मंडल जाति के सर्जक। जाति के हिमायक/नायक। जाति के रक्षक। बने हैं आज, जातीय गणना विरोधक। जाति के संहारक। जाति के खनायक/खलनायक। जाति के भक्षक। बने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 191 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read जातीय गणना। जातीय गणना। -आचार्य रामानंद मंडल जाति के सर्जक। जाति के हिमायक/नायक। जाति के रक्षक। बने हैं आज, जातीय गणना विरोधक। जाति के संहारक। जाति के खनायक/खलनायक। जाति के भक्षक। बने... Hindi · कविता 83 Share Acharya Rama Nand Mandal 27 Jan 2024 · 1 min read बुद्ध पर वार है। बुद्ध पर वार है। बुद्ध पर वार है। अशोक के बहाने वार है। चक्र पर वार है। अशोक के बहाने वार है। तिरंगा पर वार है। अशोक के बहाने वार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share Acharya Rama Nand Mandal 23 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम ही जीवन है। प्रेम ही मृत्यु है। प्रेम ही आनंद है। प्रेम ही दु:ख है। प्रेम ही उत्साह है। प्रेम ही निराशा है। प्रेम ही आकर्षण है। प्रेम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 97 Share Acharya Rama Nand Mandal 23 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम ही जीवन है। प्रेम ही मृत्यु है। प्रेम ही आनंद है। प्रेम ही दु:ख है। प्रेम ही उत्साह है। प्रेम ही निराशा है। प्रेम ही आकर्षण है। प्रेम... Hindi · कविता 96 Share Acharya Rama Nand Mandal 23 Jan 2024 · 1 min read गरीबी में सौंदर्य। गरीबी में सौंदर्य ! -आचार्य रामानंद मंडल गरीबी में सौन्दर्य है! तभी तो धनी भी फटी जिंस पहनता हैं! गरीबी का अधखुलापन लोगों को भाता है तभी तो फोटो खींचा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 155 Share Acharya Rama Nand Mandal 23 Jan 2024 · 1 min read गरीबी में सौंदर्य। गरीबी में सौंदर्य ! -आचार्य रामानंद मंडल गरीबी में सौन्दर्य है! तभी तो धनी भी फटी जिंस पहनता हैं! गरीबी का अधखुलापन लोगों को भाता है तभी तो फोटो खींचा... Hindi · कविता 106 Share Acharya Rama Nand Mandal 12 Jan 2024 · 1 min read श्रीराम मंगल गीत। श्रीराम मंगल गीत। -आचार्य रामानंद मंडल। मेरे राम आये हैं। मेरे सरकार आये हैं। बजाओ ढ़ोल नगाड़े। प्रभु श्रीराम आये हैं।।१।। मेरे भर्तार आये हैं। मेरे प्रभुराम आये हैं। सजा... Hindi · गीत 1 351 Share Acharya Rama Nand Mandal 5 Jan 2023 · 1 min read जातीय गणना जातीय गणना। -आचार्य रामानंद मंडल जाति के सर्जक। जाति के हिमायक/नायक। जाति के रक्षक। बने हैं आज, जातीय गणना विरोधक। जाति के संहारक। जाति के खनायक/खलनायक। जाति के भक्षक। बने... Hindi · कविता 1 115 Share Acharya Rama Nand Mandal 14 Jan 2022 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम ही जीवन है। प्रेम ही मृत्यु है। प्रेम ही आनंद है। प्रेम ही दु:ख है। प्रेम ही उत्साह है। प्रेम ही निराशा है। प्रेम ही आकर्षण है। प्रेम... Hindi · कविता 795 Share Acharya Rama Nand Mandal 11 Jan 2022 · 1 min read बुद्ध पर वार है। बुद्ध पर वार है। अशोक के बहाने वार है। चक्र पर वार है। अशोक के बहाने वार है। तिरंगा पर वार है। अशोक के बहाने वार है। राष्ट्रीय चिह्न पर... Hindi · कविता 1 461 Share Acharya Rama Nand Mandal 10 Jan 2022 · 1 min read राजनीति की गरमी। कड़ाके की ठंढ है। दिन रात सर्द है। आग ही मर्ज है। राजनीति ही आग है। सरदी में कोरोना है। राजनीति से भगाना है। सब कुछ बंद है। खुला तो... Hindi · कविता 2 337 Share Acharya Rama Nand Mandal 7 Jan 2022 · 1 min read देश में क्या हो रहा है! देश में ये क्या हो रहा है! राजनीति का स्तर गिर रहा है! पक्ष विपक्ष गरिमा गिरा रहा है! देश की गरिमा गिरा रहा है! प्रजातंत्र का लुटिया डुबा रहा... Hindi · कविता 3 1 275 Share Acharya Rama Nand Mandal 23 Nov 2021 · 1 min read प्रेमिका और पत्नी तुम प्रेमिका है पत्नी नहीं। पत्नी बनना चाहती है तो एसिड से जलायी जाती है। तुम प्रेमिका है प्रेमिका ही बनी रहो। तुम पत्नी है प्रेमिका नहीं। प्रेमिका बनना चाहती... Hindi · कविता 527 Share Acharya Rama Nand Mandal 22 Nov 2021 · 3 min read सौतेली मां सौतेली मां। आज श्यामानंद को मधुवन से अगुआ देखने आए हुए हैं। श्यामानंद विधुर और दो बच्चे के पिता हैं। दोनों बच्चे बड़े ही मासूम और सुंदर है। देखने वाले... Hindi · कहानी 865 Share Acharya Rama Nand Mandal 5 Nov 2021 · 1 min read गरीबी में सौन्दर्य है। गरीबी में सौन्दर्य है! तभी तो धनी भी फटी जिंस पहनता हैं! गरीबी का अधखुलापन लोगों को भाता है तभी तो फोटो खींचा जाता है! गरीबी के देह दर्शन का... Hindi · कविता 1 545 Share Acharya Rama Nand Mandal 2 Nov 2021 · 1 min read चेहरा चेहरा चेहरा पर चेहरे लगा रखे हैं लोग। नियत या बदनियत से चेहरा को चेहरे से सजा रखे हैं लोग। देव या दानव भी चेहरा पर चेहरे लगा रखे थे... Hindi · कविता 1 270 Share Acharya Rama Nand Mandal 20 Oct 2021 · 4 min read विवाहोत्सव साधना से सखी सहेलियां होने वाले जीजा जी को लेकर हंसी ठिठोली कर रही है।साधना लज्जा मिश्रित मुस्कान के साथ बोली-धत्। अब चुप रह। बड़ बोली सहेली अनीता बोली-मैं नहीं... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 655 Share Acharya Rama Nand Mandal 20 Oct 2021 · 4 min read विवाहोत्सव साधना से सखी सहेलियां होने वाले जीजा जी को लेकर हंसी ठिठोली कर रही है।साधना लज्जा मिश्रित मुस्कान के साथ बोली-धत्। अब चुप रह। बड़ बोली सहेली अनीता बोली-मैं नहीं... Hindi · कहानी 227 Share Acharya Rama Nand Mandal 18 Oct 2021 · 3 min read मृत्योत्सव रामवन गांव में एक सरल चित आदमी राम भजन रहते थे।वे एक गृहस्थ थे। परिवार में पत्नी राम सखी के अलावा एक बेटा देवानंद, पुत्र वधू शांति, पोते विरू और... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 830 Share Acharya Rama Nand Mandal 18 Oct 2021 · 3 min read मृत्योत्सव रामवन गांव में एक सरल चित आदमी राम भजन रहते थे।वे एक गृहस्थ थे। परिवार में पत्नी राम सखी के अलावा एक बेटा देवानंद, पुत्र वधू शांति, पोते विरू और... Hindi · कहानी 1 1 333 Share Acharya Rama Nand Mandal 13 Oct 2021 · 4 min read वसंतोत्सव वसंतोत्सव गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं- मासानां मार्गशीर्षोहं,ऋतुनां कुसुमाकर:। अर्थात मैं महीनों में अगहन। ऋतुओं में वसंत हूं। वसंत ऋतु में ठूंठ में भी प्राण आ जाते हैं। मानव... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 740 Share Acharya Rama Nand Mandal 13 Oct 2021 · 4 min read वसंतोत्सव वसंतोत्सव गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं- मासानां मार्गशीर्षोहं,ऋतुनां कुसुमाकर:। अर्थात मैं महीनों में अगहन। ऋतुओं में वसंत हूं। वसंत ऋतु में ठूंठ में भी प्राण आ जाते हैं। मानव... Hindi · कहानी 707 Share Acharya Rama Nand Mandal 12 Oct 2021 · 1 min read धर्म भी अजूबा है। धर्म भी अजूबा है! शक्ति की पूजा है। शाक्त की आराधना है। धर्म भी अजूबा है। संत की विरागना है। गृहस्थ की कर्मणा है। धर्म भी अजूबा है। संन्यासी की... Hindi · कविता 225 Share Acharya Rama Nand Mandal 11 Oct 2021 · 6 min read पर्वोत्सव से सीख महादेव प्रसाद प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव पिपरा में ही रहने लगे थे।वे मुजफ्फरपुर के जिला उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे। उन्हें दो... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 777 Share Acharya Rama Nand Mandal 11 Oct 2021 · 6 min read पर्वोत्सव से सीख। महादेव प्रसाद प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव पिपरा में ही रहने लगे थे।वे मुजफ्फरपुर के जिला उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे। उन्हें दो... Hindi · कहानी 3 337 Share Acharya Rama Nand Mandal 5 Oct 2021 · 1 min read मैं हिन्दी हूं। मैं हिन्दी हूं। मादरे वतन, हिंद की भाषा हूं। मैं हिन्दी हूं। भारत माता की बिन्दी हूं। मैं हिन्दी हूं। मैं हिन्दू की भाषा हूं। मैं हिन्दी हूं। मैथिली,मगही, भोजपुरी... Hindi · कविता 1 570 Share Acharya Rama Nand Mandal 3 Oct 2021 · 1 min read तूं राम को जान तूं राम को जान। तूं बुद्ध को पहचान।। तूं तुलसी को जान। तूं कबीर को पहचान। तूं मनु को जान। तूं अम्बेडकर को पहचान।। तूं शास्त्र को जान। तूं संविधान... Hindi · कविता 3 2 469 Share