डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण बन्धे में घिरती हुयी, नालों में तब्दील. सई, गोमती, घाघरा, होती सबको फील. होती सबको फील,गलत है सबकी नीयत. करें प्रदूषण दूर,न समझें मिली वसीयत. कहें प्रेम कविराय, बन्द हों... Hindi · कुण्डलिया 1 28 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण यमुना कल कल बह रही, झेल प्रदूषण वार. श्वेत फेन से है भरी, दूषित जल की धार. दूषित जल की धार, शहर के नाले गिरते . शोधित जल हर बार,... Hindi · कुण्डलिया 32 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण गंगा जल के पान से, खुले स्वर्ग के द्वार. उल्टी दस्त जुलाब से, मिले मोक्ष हर बार. मिले मोक्ष हर बार, कानपुर हो या पटना. बहे प्रदूषित गंग , नित्य... Hindi · कुण्डलिया 28 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण मलवा सामुद्रिक भरा, दूषित जल संसार. जीव जंतु मरने लगे, करते हाहाकार. करते हाहाकार, लुप्त होते कुछ प्राणी. संरक्षित हो जीव, समय की दुर्लभ वाणी. कहें प्रेम कविराय, कभी मत... Hindi · कुण्डलिया 21 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण सागर कचरे से भरे, मलवे से बीमार. बायो कचरे से हुए, साहिल अब दुश्वार. साहिल अब दुश्वार, ज्वार भाटा जब आता. कचरे का अम्बार, बहा सागर ले जाता. कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 32 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2024 · 1 min read मान हो माता मेरी कहती है,शारदे का मोल नहीं, बुद्धि शुद्ध करो अम्ब , सत्य वाला ज्ञान हो | श्वेत वस्त्र धारिणी मां, जय वीणा वादिनी मां, ज्ञान का प्रकाश फैले ,... Hindi · घनाक्षरी 31 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Sep 2024 · 1 min read हिन्दी भारत का उजियारा है हिंदी भारत का उजियारा है. अपनी भाषा को जानों तुम, अंग्रेजी का मारा है. यह जीवन कितना अमूल्य है, वह जीवन से हारा है. भीनी भीनी खुशबू आती, प्रादेशिक भाषाओं... Hindi · मुक्तक 34 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Sep 2024 · 1 min read हिन्दी सूरज नील गगन का हिंदी सूरज नील गगन का जो अवधी है चांद चमन का, कहे मैथिली राज लगन का. बंगाली असमी जन गण का, मलयाली लालित्य लगन का, कन्नड़ और तमिल भी कहते,... Hindi · मुक्तक 61 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Sep 2024 · 1 min read हिन्दी मन की पावन गंगा हिंदी मन की पावन गंगा. जन भाषा होती स्वदेश की, सबके मन को रखती चंगा. हिंदी माथे की बिंदी है, हिंदी मन की पावन गंगा. जैसे मातृभूमि होती है, स्वर्ग... Hindi · गीत 58 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Sep 2024 · 1 min read भाल हो जंजीरा घनाक्षरी देख देख गिने दंत, वीरता प्रचंड कंत. वीर -धीर काल सम, ऐसा वीर बाल हो. बाल होवे वीर व्रती,नाम हो अमर कृति. आन बान शान रीति, ऐसा वीर... Hindi · घनाक्षरी 40 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2024 · 1 min read चंद्र मौली भाल हो सिंहावलोकन भाल हो चरण शिव, नीलकंठ नटराज. करुणा कृपालु हर,जय महाकाल हो. काल हो बिनत नत, महादेव रुद्रावत. त्रिकालग्य शिव शंभू, जगत की ढाल हो. ढाल हो कैलाश नाथ,आशुतोष भोलेनाथ.... Hindi · घनाक्षरी 56 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Aug 2024 · 1 min read Reaction on RGKAR medical college incident शर्मसार है मानवता अब, मानव ह्रदय विहीन कहो. दानवता को प्रश्रय देता, मानव ह्रदय मलीन कहो. जान के बदल जान मांगती, न्याय व्यवस्था बेबस है. राजनीति के षड़यंत्रों से ,... Hindi · मुक्तक 97 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2024 · 5 min read जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव भारतीय प्राचीन जीवन शैली का विकास दुर्गम जीवन शैली से सरल जीवन पद्धति की ओर हो रहा है| जीवन शैली में परिवर्तन कई स्वास्थ्य... Hindi · लेख 82 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2024 · 1 min read वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ. वर्तमान साहित्यिक कालखंड को क्या नाम दूँ? विभिन्न साहित्यिक काल खंडो पर मंथन करने के उपरांत यह निष्कर्ष निकलता है,कि, विचार कभी नहीं मरते| विचारों का शाश्वत अस्तित्व युगो- युगो... Hindi · लेख 76 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2024 · 4 min read राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें राष्ट्रभाषा -स्वरूप,चुनौतियां और संभावनाएं. भाषा मानव सभ्यता का अभिन्न अंग है और राष्ट्र को एक पहचान देती है राष्ट्रभाषा राजनीतिक आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से राष्ट्र को सुदृढ़ बनती है,और,... Hindi · लेख 99 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2024 · 3 min read संविधान में हिंदी की स्थिति "संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का योगदान" भारतीय भाषाएं बोलने वालों की संख्या के आधार पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय भाषा (2011 की जनगणना के... Hindi · लेख 51 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Aug 2024 · 1 min read ओलम्पिक खेल का उद्देश्य प्रतियोगी हों विश्व में, ओलंपिक का खेल. सर्वश्रेष्ठ देकर करें, स्वर्ण पदक से मेल. स्वर्ण पदक से मेल, तेज सबसे कहलाए. सबसे ऊंचा कूद, साहसी जब इतरायें. खेल कराता मेल,... Hindi · कुण्डलिया 76 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Aug 2024 · 1 min read हास्य कुंडलिया आगे पीछे देखते,मियां मनसुखा लाल. मस्ती में पीते तभी, हो जाते बेहाल. हो जाते बेहाल,,करें मत यारी उससे. हैं बेढब इंसान , लड़ाई लड़ते, सबसे . सवा शेर से रार,... Hindi · कुण्डलिया 84 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Aug 2024 · 1 min read हास्य कुंडलिया उनका आया फोन जब, पत्नी बैठीं पास, कविता के मीठे वचन, करें हास परिहास। करें हास परिहास , तभी घरवाली बोली, यह कविता है कौन, बड़ी लगती है भोली। हुये... Hindi · कुण्डलिया 84 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Jul 2024 · 2 min read पर्यावरण जल जमीन जंगल रहे, पर्यावरण सुधार| होते जंगल नाश जब,श्वासें गिने उधार |(1) वसुधा जल से हो रहित,झेले गर्मी मार | धरती की छाती फटी,मानवता बीमार |(2) पीपल बरगद आम... Hindi · दोहा 83 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Jul 2024 · 1 min read नेता जी नेता जी की हो रही,कठिन परीक्षा आज | इस चुनाव मैदान में , कौन करेगा राज | कौन करेगा राज, करें जनता की सेवा | स्वस्थ सुखी संपन्न, हुये वो... Hindi · कुण्डलिया 71 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jul 2024 · 1 min read सेवा निवृत काल जीवन काल रहे सुखी ra, दूर हटे सब भार | दुष्कर पथ के पथिक अब,भूलो पथ की मार | भूलो पथ की मार, किया है निर्मल सेवा | स्वस्थ सुखी... Hindi · कुण्डलिया 70 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Jun 2024 · 1 min read मां शारदा की वंदना माता मेरी कहती है,शारदे का मोल नहीं, बुद्धि शुद्ध करो अम्ब , सत्य वाला ज्ञान हो | श्वेत वस्त्र धारिणी मां, जय वीणा वादिनी मां, ज्ञान का प्रकाश फैले ,... Hindi · बाल कविता · मनहर घनाक्षरी छंद 79 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 5 min read जीवन शैली का स्वस्थ्य पर प्रभाव जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव भारतीय प्राचीन जीवन शैली का विकास दुर्गम जीवन शैली से सरल जीवन पद्धति की ओर हो रहा है| जीवन शैली में परिवर्तन कई स्वास्थ्य... Hindi · निबंध 106 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read जय हो जनता राज की जय हो जनता राज की, नेता सब है व्यस्त | बस चुनाव के बाद ही, नेता होते मस्त | नेता होते मस्त, भूल जाते सब वादे | जनता होती त्रस्त,सभी... Hindi · कुण्डलिया 1 77 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read गिरमिटिया मजदूर गिरमिटिया मजदूर जो,बने देश की शान । खून पसीना एक कर , करते सृजन महान।। करते सृजन महान,सनातन के रखवाले | भाषा बोली एक, हिंद के थे मतवाले ।। शोषण... Hindi · कुण्डलिया 94 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read ग्रीष्म ऋतु गर्मी मौसम ताप का, त्रस्त हुआ संसार | पौधे आतप से जले , सूखी जल की धार | सूखी जल की धार,नदी की धारा गाती | दिनकर करते कोप,फटी धरती... Hindi · कुण्डलिया 47 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jun 2024 · 1 min read नारी और चुप्पी नारी और उसकी चुप्पी को समर्पित कुण्डलिया: नारी जब चुप बैठ कर, साधे रहती मौन| अचरज तब लगता यही, है नारी यह कौन | है नारी यह कौन, ऑन मोबाइल... Hindi · कुण्डलिया 1 123 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read पत्रकारिता सामाजिक दर्पण दर्पण सामाजिक कहें,लिखते सच है बात | पत्रकार का काम यह,रोचक हो शह- मात | रोचक हो शह -मात,उचित अभिव्यक्ति करेंगे| पीड़ित सँग मजदूर, पत्र आवाज बनेंगे | चाटुकार जो... Hindi · कुण्डलिया 103 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read रक्तदान पर कुंडलिया दानी बन के नाम का,करते थे जो बात | पंसारी का काम है , जैसे थे जज़्बात | जैसे थे जज़्बात,चाहते दान न करिये | छलते छलिया नित्य, बचाते इनसे... Hindi · कुण्डलिया 164 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2024 · 1 min read जनता जनता से जो मांगते, वोट नोट का प्यार | प्यारी जनता कर रही, जी भर कर दुत्कार | जी भर कर दुत्कार, वोट की खातिर रोते | जाति जाति में... Hindi · कुण्डलिया 1 153 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Apr 2024 · 1 min read सत्य साधना -हायकु मुक्तक साधना रत, हम पथिक जन, सत्यपथ के. सत्य साधक, सभी आविष्कारक, तथ्यपथ के. मन मयूरा, नाचता बेशर्म हो, अनवरत. शांत चित्त हों, हम पथिक जन, नृत्य पथ के. डॉ प्रवीण... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · हाइकु 2 115 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 31 Mar 2024 · 1 min read जमाना है मुक्तक कमायें यार सब मिलके, बहाने से कमाना है. रहें सब यार मिलजुल के, जमाने में समाना है. हंसाने गुनगुनाने का, सलीका सीख लो यारों, मनाने औ रुलाने को, यही... Hindi · मुक्तक 1 111 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Mar 2024 · 1 min read जय हो माँ भारती जय हो मां भारती, जय माँ वागेश्वरी, माँ जय जग राता हूं. जय हो माँ भारती,जय माँ ही गाता हूं. बलखाते झरनों के,निर्झर प्रवाह में, इठलाती सरिता के,उत्कल प्रभाव में,... Hindi · गीत 73 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Mar 2024 · 1 min read गौरैया दिवस पर हायकु धूल में नहा, चहकती गौरिया, थी सुहावन. आंगन में थी फुदकती गौरैया, हर सावन. झारोखों में है, घोंसला थी बनाती, गौरैया आती. चीं चीं करके, चुन चुन चुगती, दाना... Hindi · हाइकु 64 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Mar 2024 · 3 min read संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी का योगदान, तात्विक विश्लेषण "संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का योगदान" भारतीय भाषाएं बोलने वालों की संख्या के आधार पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय भाषा (2011 की जनगणना के... Hindi · निबंध 71 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2024 · 1 min read ऋतुओं का राजा आया पतझड़ का मौसम पतझड़ का मौसम आया, वृक्षों ने ली अंगड़ाई. अब मौसम हुआ सुहाना, सूरज में गर्मी आयी. लगी पत्तों की अब ढेरी, करती भू से अठखेली. बासंती मौसम... Hindi · गीत 131 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2024 · 4 min read राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियाँ और संभावनाएं राष्ट्रभाषा -स्वरूप,चुनौतियां और संभावनाएं. भाषा मानव सभ्यता का अभिन्न अंग है और राष्ट्र को एक पहचान देती है राष्ट्रभाषा राजनीतिक आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से राष्ट्र को सुदृढ़ बनती है,और,... Hindi · निबंध 94 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read राम चरित 20 दोहे रामचरित मातु शारदा दीजिए, ज्ञान चक्षु वरदान। सुष्मित लेखन से करूं, कृपा सिंधु का ध्यान।(1) मति मेरी अति मंद मां ,किस विधि करूं बखान। कृपा आपकी चाहिए, विधिवत... Hindi · दोहा 1 109 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read अष्टांग योग दोहा मुक्तक विषय- अष्टांग योग मां शारदा की प्रार्थना , पूज्या हैं माता सभी , हृदय शारदा ध्यान। मति मेरी अति मंद मां , तदपि चाहता ज्ञान। ज्ञान चक्षु देकर... Hindi · मुक्तक 1 238 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2023 · 1 min read कर्म पथ कर्म पथ पर जो बढ़े,कर्म योग को मान। ज्ञान पथ पर जो चले ,ज्ञान योग को जान। कहते कृष्ण पुराण में ,भांति भांति के योग। धेय सभी का एक है,... Hindi · मुक्तक 1 140 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2023 · 1 min read संजय ने धृतराष्ट्र से कहा - संजय ने धृतराष्ट्र से कहा - कौरव पांडव सेनापति अब, बार-बार कर शंखनाद। रथ सेना के बीच ले चलें ,करना है किससे विवाद। वादी मैं हूं या भीष्म हैं ,करना... Hindi · गीत 1 227 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Dec 2023 · 2 min read पात्रता विद्या ददाती विनयम , विनयाद याति पात्र ताम। पात्रत्वात धन मापनोती धनात धर्म तत: सुखम् । विद्या हमें विनम्रता प्रदान करती है विनम्रता से योग्यता आती है और योग्यता से... Hindi · लेख 216 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Dec 2023 · 1 min read दान योग्य सुपात्र और कुपात्र दान योग्य सुपात्र और कुपात्र । धार्मिक पूजा स्थल हमारी आस्था का केंद्र हैं ।सनातन धर्म में धन संग्रह का निषेध किया गया है, अतः दोष निवारण हेतु दान दक्षिणा... Hindi · लेख 210 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Oct 2023 · 1 min read युद्ध घोष युद्ध घोष शोकाकुल व्याकुल तरूणी मुख, देख देख अकुलाऊं। जला रही शोकाग्नि है तन मन, मुख कैसे दिखलाऊं । मृत्यु भयावह नर्तन करती , रण मुद्रा में भारी । खंड-खंड... Hindi · गीत 1 167 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read लखनऊ शहर हसरतों को लिए लखनऊ का शहर। झुग्गियों से भरा बाग तक का सफर। गोमती तीर पर आ बसी झुग्गियां। नींद से जागिये अब फँसी मुर्गियां। शोहदे ,मनचले अब जो टकरा... Hindi · कविता 1 138 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read घुटने का दर्द उम्र बढे तो साथ में, बढे जोड़ का दर्द । साथ छड़ी ले हाथ में ,चलें टेक बेदर्द। घुटनों की मालिश करा , स्वस्थ हो रहे लोग । वजन करें... Hindi · दोहा 1 236 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read हरतालिका तीज सावन का माह मान, शिव का विवाह करें। करें हरी चूड़ियों में, शिव का श्रृंगार है। हरियाली तीज में जो , रखें व्रत निर्जला जो । करें मनोकामना को ,पूर्णता... Hindi · कविता 172 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2023 · 6 min read एकाकीपन दुनिया की भागम भाग में रिश्तों की निकटता कहीं खो रही है। पति को पत्नी के लिए, पत्नी को पति के लिए ,और माता-पिता को बच्चों के लिए समय निकालना... Hindi · कहानी 1 242 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Aug 2023 · 1 min read मोबाइल फोन मोबाइल फोन कभी घंटो लगाते थे जहां , कापी किताबों में । गणित में हम उलझ करके, गिने जाते नवाबों में। हमें गूगल पढ़ाकर आज दुनिया भर घुमाता है ।... Hindi · मुक्तक 4 1 240 Share Page 1 Next