PRATIK JANGID Tag: कविता 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read एक मुलाकात अनजान रास्ते और एक मुलाकात । दो पल की बाते और जन्मों का साथ ।। बने होंगे ऐसे भी रिश्ते जो इस क़दर मिले होंगे । किसी डगर पर दोनों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 51 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करना । यूं कब तक पुरानी बातों कि तकरार दिल में दबा कर रखोंगे । माना लड़कपन की थी वो गलतियां । क्या... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 49 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read कभी कभी जो मिलो , तो जाने की जल्दी ना करना । फ़ुरसत में तो हम भी नहीं होंगे , पर आंखो से ओझल हो जाएं तो फिर अफसोस मत करना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 47 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read पापा जैसी जिम्मेदारी बचपन में कितनी ज़िद्दी किया करते थे , कुछ को पूरा करते ओर कुछ को मजबूरियों के तंग जेबो में दबा लिया करते थे । हसना खेलना सब उनसे ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 54 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read हर शक्स की एक कहानी है । हर शक्स की एक कहानी है , किसी की अधूरी किसी की पूरी जुबानी है , खाली सा है कोई शक्स मुझ में , बेरंग से हो गये है सपने,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 46 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read कुछ देर तो ठहरो :- कुछ देर तो ठहरो :- बड़ी जल्दी में रहते हो अक्सर तुम , कुछ देर बैठ भी जाया करो , हाँ मालूम है , बड़ी जिम्मेदारियां है तुम पर अपनो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read एक तरफा एक तरफा जब में लिखूं तुम्हे , तब तुम मेरे अल्फाजों में महक जाना । जब तुम तन्हा महसूस करो तो चले आना ।। भटकता बावरा मन जब कहीं भटके... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 41 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read बेसब्री खुली फिज़ाओं में महकती एक शाम हो । तुम रहो मैं रहूं और हाथों में हाथ हो । फिर भटक आएंगे किसी डगर हम तुम । जहां सावन के झूले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन बचपन में छोटी छोटी ज़िद पर चोटी ही नहीं बनवाई । ऐसी लड़ाई मैंने माँ से ना जाने कितनी बार लड़ाई । लम्बी लम्बी आंहे भर के कितना सुकुड़ कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read चुनरी चुनरी सर पर लिए दबे पांव जब तू जाती है । घुघरू की खन खन से नींद मेरी उड जाती है ।। झट से उठ कर पांव मेरे, खिड़की तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 37 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read माँ की लाडो मेरी परछाई है तू , मां कहती है ऐसा । घर की खुशियाँ है तू , पापा कहते है ऐसा । एक सबसे अच्छी दोस्त है तू , भाई कहता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read वाराणसी की गलियां कितनी गलियां हैं उसके शहर में । जब भी जाता हूं, भटक ही जाता हूं ।। देर तक तलाशता हूं उसके घर को । पर ढूंढ़ नहीं पाता हूं ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कहानी 46 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read में स्वयं कल्पनओं की उड़ान बहुत ऊँची है । और सब्र हाथ पैर बांधे खड़ा हुआ है ।। किस सफर को तय करूँ अब मैं। मेरा हमसफ़र खुद रूठा पड़ा है ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read तन्हा आसमां आसमां में तारे गुम से हैं। कोई कसक शायद उसके दिल में है । ये मंज़र अचानक इतना कैसे बदल गया । वो कोन है जो आसमां से रूठ गया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 45 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read मेरा एक छोटा सा सपना है । मेरा एक छोटा सा सपना है । तुम्हारे संग तय करना, उस सपने का रस्ता है । गर्मियों की तिलमिलाती धूप हो जिसमे , और हो सर्दियों कि सर्द रातों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारी कहानी सुनाऊं कोई कहानी मैं ऐसी । जैसे बीती हो खुद तुम पर वैसी ।। सुनकर खुद को तुम महसूस कर ही लोगे । वादा हैं मेरा तुम खुद से मिल... Poetry Writing Challenge-2 · 7kavita · कविता 58 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read रुठ जाता हु खुद से मैं खुद से खुद ही रुठ जाता हूँ। जब खुद से किए वादों पर खरा उतर नहीं पाता हूँ। निराशाएं मुझे घेर लेती । जब कभी में खुद को तन्हा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 33 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read आओ एक गीत लिखते है। आओ एक गीत लिखते है। और एक संगीत बुनते है।। मैं शब्दों की मालाएं बुनुंगा, तुम उन्हें गुनगुनाना, इस तरह दिल की बात कहते है। आओ एक गीत लिखते है।... Poetry Writing Challenge-2 · Geet · कविता 1 55 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read अब मैं बस रुकना चाहता हूं। अब मैं बस रुकना चाहता हूं। भटक रहा था जो अब तक मैं। अब बस ठहरना चाहता हूं। थका नहीं हूं अभी भी मैं, कुछ अधूरा सा है। जिसे पूरा... Poetry Writing Challenge-2 · 7kavita · Hindi · कविता 77 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read मन का मेल मेरे मन का तुम्हारे मन से जब मेल होगा। तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।। मैं तब तक तुम्हारा मन नही पढ़ पाऊंगा। इजाजत नहीं होगी , दहलीज कैसे आऊंगा।।... Poetry Writing Challenge-2 · 7kavita · कविता 39 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे… मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे… जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हु मैं। यूं तो बहुत बोलता हूँ मैं, बस एक तेरे सामने ही चुप रहता हूँ मैं। अब कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 48 Share PRATIK JANGID 5 Apr 2022 · 1 min read मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे... मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे... जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हु मैं। यूं तो बहुत बोलता हूँ मैं, बस एक तेरे सामने ही चुप रहता हूँ मैं। अब कोई... Hindi · कविता 5 1 209 Share PRATIK JANGID 3 Jan 2022 · 1 min read मन का मेल मेरे मन का तुम्हारे मन से जब मेल होगा। तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।। मैं तब तक तुम्हारा मन नही पढ़ पाऊंगा। इजाजत नहीं होगी , दहलीज कैसे आऊंगा।।... Hindi · कविता 2 337 Share PRATIK JANGID 5 Jun 2021 · 1 min read विश्व पर्यावरण दिवस अगर तुम्हे अपनी आने वाली पीढ़ी का भविष्य बनाना है। तो तुम्हे पर्यावरण को बचाना है।। अगर तुम्हे कुदरती अन्न जल खाना है। तो तुम्हे गावों को शहर होने से... Hindi · कविता 303 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read अब मैं बस रुकना चाहता हूं। अब मैं बस रुकना चाहता हूं। भटक रहा था जो अब तक मैं। अब बस ठहरना चाहता हूं। थका नहीं हूं अभी भी मैं, कुछ अधूरा सा है। जिसे पूरा... Hindi · कविता 1 338 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read मैं एक किस्सा हूं मैं एक बीते हुए कल का किस्सा हूं । तू मेरे आने वाले कल का इक सपना ।। मैं ज़रिया हूं, बया तुझे करने का । तु मेरी कहानी का... Hindi · कविता 1 522 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read कुछ बातें पुरानी मैं कहूं कुछ बातें पुरानी। बीते दशक के कुछ किस्से कहानी ।। गुड्डे गुड़िया की शादी है जिसमें। और है पापा की जेब से गिरे हुए सिक्के ।। छोटी छोटी... Hindi · कविता 277 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read ये अकेला पन मुझे अब ये जीवन, रास नहीं आता। सब कुछ बिखरा हुआ है, जो समेटा नहीं जाता ।। घंटो सा सफर लगता है, अब चंद दूरी का भी। सफर- ए -... Hindi · कविता 446 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read एक तेरी कमी है । कितना प्यासा हूँ मैं। और हूँ कितना अधूरा।। बिन तेरे बंजर सा हो गया हूँ। और रह गया हूं मैं आधा ।। मेरे पन्नो में तेरा जिक्र अब भी होता... Hindi · कविता 403 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read तुम्हारी कहानी सुनाऊं कोई कहानी मैं ऐसी । जैसे बीती हो खुद तुम पर वैसी ।। सुनकर खुद को तुम महसूस कर ही लोगे । वादा हैं मेरा तुम खुद से मिल... Hindi · कविता 666 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read रंगो से रंगीन तुम रंगों से रंगीन तुम। ख्वाबों में बनी तस्वीर तुम । किस रूप रंग में तुझे बयां करूं । सब रंगों का रंग चढ़ा है तुममें । फूलो सी ख़ुशबू तुम्हारी... Hindi · कविता 489 Share PRATIK JANGID 17 May 2021 · 1 min read मानव गलतियां और पश्चाताप करे गलती जब मानव जात, और भुगते तब सारा संसार । हम सब है इसके भागीदार, जग में मच रही जो हा हा कार ।। ले निर्णय जब भारत सरकार,... Hindi · कविता 290 Share PRATIK JANGID 4 Feb 2021 · 1 min read मेरा एक छोटा सा सपना है । मेरा एक छोटा सा सपना है । तुम्हारे संग तय करना, उस सपने का रस्ता है । गर्मियों की तिलमिलाती धूप हो जिसमे , और हो सर्दियों कि सर्द रातों... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 41 420 Share PRATIK JANGID 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना अच्छे खासी ज़िन्दगी में कुछ दिन ऐसे आये । देश हो गया बंद ओर सब हाय हाय कर घबराएं ।। हर घर में थी चर्चा उसकी, और टीवी में हर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 88 105 3k Share PRATIK JANGID 22 Nov 2020 · 1 min read तन्हा आसमां You sent Today at 13:16 Wow Wow 23:50 You sent Today at 23:50 आसमां में तारे गुम से हैं। कोई कसक शायद उसके दिल में है । ये मंज़र अचानक... Hindi · कविता 5 1 394 Share PRATIK JANGID 23 Jul 2020 · 1 min read में स्वयं कल्पनओं की उड़ान बहुत ऊँची है । और सब्र हाथ पैर बांधे खड़ा हुआ है ।। किस सफर को तय करूँ अब मैं। मेरा हमसफ़र खुद रूठा पड़ा है ।।... Hindi · कविता 4 1 352 Share PRATIK JANGID 23 Jul 2020 · 1 min read बरसने लगे जो कभी ये बादल I बरसने लगे जो कभी ये बादल, और तड़पने लगे ये चंचल मन । ख्वाहिशों की गठरी को तुम अपनी खोल देना। और भीगा देना खुद यू आसमां के तले, जैसे... Hindi · कविता 5 2 296 Share PRATIK JANGID 5 Jul 2020 · 1 min read वाराणसी की गलियां कितनी गलियां हैं उसके शहर में । जब भी जाता हूं, भटक ही जाता हूं ।। देर तक तलाशता हूं उसके घर को । पर ढूंढ़ नहीं पाता हूं ।।... Hindi · कविता 3 2 466 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read माँ की लाडो मेरी परछाई है तू , मां कहती है ऐसा । घर की खुशियाँ है तू , पापा कहते है ऐसा । एक सबसे अच्छी दोस्त है तू , भाई कहता... Hindi · कविता 2 2 273 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read ये कौन लोग है ये कौन लोग है , जिनमें इंसानियत ना रही । जिसे अच्छे - बुरे की पहचाना ना रहीं । अधर्म को धर्म अपना बताते , करके गुनाह खुद को इंसान... Hindi · कविता 2 2 316 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read चुनरी चुनरी सर पर लिए दबे पांव जब तू जाती है । घुघरू की खन खन से नींद मेरी उड जाती है ।। झट से उठ कर पांव मेरे, खिड़की तक... Hindi · कविता 2 614 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read बचपन बचपन में छोटी छोटी ज़िद पर चोटी ही नहीं बनवाई । ऐसी लड़ाई मैंने माँ से ना जाने कितनी बार लड़ाई । लम्बी लम्बी आंहे भर के कितना सुकुड़ कर... Hindi · कविता 3 2 317 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read कलम कलम भी चलने को बेताब है, और लब्ज होंठों से फिसलने को l अब तो कागज़ का पन्ना भी थम सा गया है, कलम की नोक को चूमने को l... Hindi · कविता 2 293 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read झील सी इन आँखो झील सी इन आँखो में, कितने अनगिनत ख़्वाब पलते है। होठों से बयाँ होती हुई ,ये हल्की हंसी के पीछे कितने राज छुपे होते है। बंदिशों की ये बेड़ियाँ तुम्हे... Hindi · कविता 3 260 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read : बेसब्री :- : बेसब्री :- खुली फिज़ाओं में महकती एक शाम हो । तुम रहो मैं रहूं और हाथों में हाथ हो । फिर भटक आएंगे किसी डगर हम तुम । जहां... Hindi · कविता 2 316 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read कोई शक्स रूठा है मुझसे । कोई शक्स रूठा है मुझसे । कोई चुप सा बैठा है यही पर । मन शांत सा होकर भी , लड़ रहा है, दिल से । कोई आकर बैठ, पास... Hindi · कविता 2 223 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read तेरे मेरे दर्मियान दूरियां बहुत हो गई है अपने दरमियान , क्यों ना मिटाया जाए । थोड़े तुम थोड़े हम क्यों ना चला जाए ।। वक्त ने शायद अब तो कम कर दी... Hindi · कविता 2 480 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read वो अधूरी सी इक कहानी है.! नज़्म एक बात मुझे बतानी है । वो अधूरी सी इक कहानी है ।। जो छोड़ गया था साथ मेरा । वो बात तो बहुत पुरानी है ।। पर वो... Hindi · कविता 2 412 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read स्थिति परिस्थिति स्थिति को सुधारना है तो । परिस्थितियों से लड़ना पड़ेगा ।। जीने की चाह है अगर मन में । तो गिर कर भी उठना पड़ेगा।। आयेगी राह में मुसीबतें हजारों,... Hindi · कविता 2 2 270 Share PRATIK JANGID 27 Jun 2020 · 1 min read यूं ना तुम यूं ना तुम, रूठ कर बैठ जाया करो । जो भी मन की व्यथा हो बतलाया करो ।। ख़ामोश बैठ तुम खुद को इतना क्यों कोसती हो । जो भी... Hindi · कविता 2 230 Share Page 1 Next