प्रदीप कुमार "निश्छल" Language: Hindi 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप कुमार "निश्छल" 29 Sep 2019 · 1 min read ***इंसान बना देना*** ***इंसान बना देना*** ====================== हे प्रभू!सबके निज सपने पूरे कर देना, वीर्यवान को जंहा का नवाब बना देना। सारे तख्त-औ-ताज से उसे संवार देना, लेकिन मुझे बस एक इंसान बना... Hindi · कविता 258 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 29 Sep 2019 · 1 min read नवरात्र ================== नवरात्रो का शुभारंभ हो रहा है, निज मन मयूर-सा नाच रहा है। माँ बनाये रखना सदा कृपादृष्टि, भक्त अंकिचन कर जोड रहा है। दरबार अलबेला-सा सज रहा है, पग... Hindi · मुक्तक 256 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 24 Sep 2019 · 1 min read हाइकु वो काली रात, बेलगाम जज्बात, था तेरा साथ। सुंदर गात, मचाया चक्रवात, पकड़ हाथ। तीखी सी बात, दिल पर दे लात, था छोडा हाथ। छूटे ना वात, मत करो आघात,... Hindi · हाइकु 2 262 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 22 Sep 2019 · 1 min read ***छोटी सी जिंदगी*** ***छोटी सी जिंदगी*** =================== नित्य भौर संग उठ जाता हूं, दिनभर दौडधूप कर लेता हूं। उद्योग जठर के लग जाता हूं, यूं छोटी सी जिंदगी बिता लेता हूं। गर दौडधूप... Hindi · कविता 1 468 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 21 Sep 2019 · 1 min read **रेलगाड़ी-सी जिंदगी** ***रेलगाडी-सी जिन्दगी*** ====================== छिक पिक छिक पिक रेलगाडी-सी जान पडती है जिन्दगी, सीटी बजाकर सबको पुकार रही है रेलगाडी-सी जिन्दगी। रोज सांसो की पटरियो पर सरपट दौड़ लगाती है जिन्दगी,... Hindi · मुक्तक 2 2 370 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 21 Sep 2019 · 4 min read *** कीमत*** ***कीमत*** ====================== श्रीमान दीनदयाल शर्मा एक सहकारी बैंक मे प्रबंधक है।जो की सीधे साधे धार्मिक प्रवृति के इंसान है।जिनका एक छोटा सा खुशहाल परिवार है।परिवार मे पति-पत्नि और निकुँज नाम... Hindi · कहानी 589 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 20 Sep 2019 · 1 min read ***बच्चा*** ***बच्चा*** =============== जब भगवान अनन्य सी कृति रचाये, निज का ही साकार प्रतिरूप बनाये। सकल गुण ईश्वर के से उसमे समाये, समझलो भगवान एक बच्चा बनाये। बेनूर सी जिन्दगी मे... Hindi · कविता 252 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 20 Sep 2019 · 1 min read *** संविधान*** ***संविधान*** ====================== हरेक देश का एक विधान होता है, कानूनो का कोई सार सा होता है। कोई अदृश्य सा सारथि दिखता, जो शब्दो मे संविधान कहलाता है। यही राष्ट्र की... Hindi · कविता 1 479 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 19 Sep 2019 · 2 min read **हे राणा! प्रताप जागो** **हे राणा! प्रताप जागो** ====================== हे राणा!काल का चक्का घूम चूका है , चंहुऔर प्रभाव अपना दिखा चुका है। इसांन गिरगिट का चिर पहन चुका है, हे राणा! प्रताप जागो।... Hindi · मुक्तक 297 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 16 Sep 2019 · 2 min read ===माँ=== ***माँ*** ==================== आज एक माँ की महीमा सुनाता हु, चंद वर्णो को कलम मे पिरो देता हु। सामर्थ्य कहा मेरा इतना, फिर भी नाकाम सा जतन करता हु। पेट के... Hindi · कविता 294 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 16 Sep 2019 · 1 min read वाह! रे मिटी की किस्मत ***वाह!रे मिट्टी की किस्मत*** एक मिट्टी से इट्टे बनी है चार, रचे मन्दिर,मस्जिद,विद्याद्वार। रची उसी से मैखाने की दिवार, वाह!रे मिट्टी की किस्मत। एक मिट्टी से घडे बने है चार,... Hindi · कविता 435 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 1 min read ***बस तू ही तू*** तू दिल, दिमाग, विलोचन, सब जगह नजर आती है। तू चैन, चमक, मनोरथ, सब आराम उडा ले जाती है। तू नींद , चेतना, चपलता, सब आवेग चुरा ले जाती है।... Hindi · मुक्तक 1 1 460 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 2 min read ****शिकायत**** मेरे गांव की तगं गली मे एक बूढा जोडा रहता है, संग सजनी बेटा उनका बिदेश मे चांदी कमाता है। तीज, दिवाली व राखी पर महज फर्ज निभाता है, दिवस... Hindi · कविता 3 212 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 1 min read ***जियो जीने दो*** जब से जियो का उदय हुआ है, संचार क्षेत्र मे कोहराम मचा है। सिर अबांनी का हुआ ऊचा, एरटेल का तख्त उखडा पडा है। पहले तो नाम बदलाना पडा है,... Hindi · मुक्तक 1 229 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 14 Sep 2019 · 1 min read ****जागरण गीत**** सुनो रे!आर्यावर्त के रहवासियो,पुरातन काल के वीर साहसियो। चिर निद्रा मे सुप्त आलसियो,आज मैं तुम्हे जगाने आया हु। अत्याचार का व्यापार बढा है,पाप का सूरज आसमान चढा है। चहुंऔर रूदन... Hindi · गीत 1 324 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read ****एक बार फिर**** ***एक बार फिर*** एक बार फिर चलो अजनबी बन जाये, सब भूलकर दुनिया मे खो जाये हम। वक्त बेवक्त मधुर यादो के पिटारो से, कुछ सुनहरे मोती चुराकर लाये हम।... Hindi · मुक्तक 1 242 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read *****दिन वो बचपन के***** दिन वो बचपन के बड़े याद आये, जिंदगी के वो पन्ने आज मन छाये। कितने सरल सरस निश्चल थे वो दिन, काश! दिन वो आज कोई मोड़ के लाये। मिट्टी... Hindi · कविता 3 2 229 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read बेटी बेटी है तो जीवन में सब बहार ही बहार है , बेटी बिना लगता जीवन मिथ्या ही निसार है। अतीत में झांकू तो देखू मैं बेटी ही गुलजार है, वर्तमान... Hindi · कविता 536 Share प्रदीप कुमार "निश्छल" 13 Sep 2019 · 1 min read **याद** जब सावन में झुमके बरसे बदरा , दिल को तेरी माधुरी याद आई । नाच रहा मोर मदमस्त सावन में, तेरी बातें वह पुरानी याद आई देखा जब राह चलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share