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14 Sep 2019 · 1 min read

***बस तू ही तू***

तू
दिल,
दिमाग,
विलोचन,
सब जगह
नजर आती है।

तू
चैन,
चमक,
मनोरथ,
सब आराम
उडा ले जाती है।

तू
नींद ,
चेतना,
चपलता,
सब आवेग
चुरा ले जाती है।

तू
जान,
जहान,
मकसद,
सबकुछ ही
जान पडती है।
©®तूलिकार
प्रदीप कुमार “निश्छल

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 457 Views
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