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13 Sep 2019 10:11 PM

घर के आंगन का वो शोर-शराबा,
निज कोई आज फिर डांटने आये।
रूठकर वो रातों को भूखे सो जाना,
काश!कोई आज गोद मे भूख मिटाये।

सादर वंदे

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