Nazir Nazar 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nazir Nazar 25 Dec 2017 · 1 min read तुम्हारी ही आँखों से हम देखते हैं ग़ज़ल ये काबा ये काशी हरम देखते हैं कि अपना ख़ुदा तुझमें हम देखते हैं ज़माने के सब ख़ूबसूरत नज़ारे तुम्हारी ही आँखों से हम देखते हैं नहीं कुछ भरोसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 328 Share Nazir Nazar 6 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल - अपनी यादों में मुब्तिला कीजे इस तरह हमको जा ब जा कीजे अपनी यादों में मुब्तिला कीजे || सब ही मतलब के यार हैं जानाँ कोई अपना नहीं है क्या कीजे।। अहले- इश्कां की शर्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share Nazir Nazar 22 Aug 2016 · 1 min read मुझसे कब बात करोगी तुम..... मन उदास है आज मेरा अजब बेकली है आज तारी लफ्ज़ गूंगे हो गए मेरे क़लम भी चुप-चुप है आज तुम जो रूठ गयी हो मुझसे सब नज़ारे फीके लगते... Hindi · कविता 1 349 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read शे'र मेरे मालिक तिरा मुझपे एहसान है मैं था मिट्टी मुझे कूज़ागर मिल गया @ नज़ीर नज़र Hindi · शेर 365 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read इंतिज़ार इंतिज़ार आज फिर मेरी आँखें रौशन हुई जब तेरी यादों के फ़ानूस जल उठे कमरा भर गया...... तेरे अहसास की ख़ुशबू से लगा तुम यहीं आस पास ही हो कहीं... Hindi · कविता 503 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read राज़ की बातें रात छत पर टहलते हुए देखे मैंने दो चाँद आपस में बतियाते हुए एक जिसकी रौशनी सारा आलम भिगो रही थी दूसरा धड़क रहा था शायद साँसे चल रही थी... Hindi · कविता 246 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read मेरा जन्म एक हादिसा मेरा जन्म एक हादिसा हाँ !! हादिसा ही होगा शायद अगर हादिसा नहीं होता तो क्यूँ मारते... मुझे तुम कोख ही में लेने देते मुझे भी जन्म खुदा की बनाई... Hindi · कविता 286 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read वही तो लोग ज़माने में हो रहे रौशन वही तो लोग ज़माने में हो रहे रौशन चराग़ इल्मो-हुनर का जो कर गये रौशन तुम्हारी याद से दिल ये उजाल रहता है तुम्हीं से ज़हन के होते है बल्ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 307 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read कभी वो बेरुखी करता कभी वो आजिज़ी करता कभी वो बेरुखी करता कभी वो आजिज़ी करता यही मेरी तमन्ना थी वो मुझसे आशिक़ी करता वो जिसको देखकर सांसें हमारी थम सी जाती थी नहीं थे दोस्ती लायक़ तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read तिरी नाज़-बरदारी कैसे करूँ मैं दीवाना है तेरा जो प्यासा बहुत है कि फरहाद जंगल में भटका बहुत है वो दिलबर है मेरी कि अय्यार जानो कि आँखों का उसकी इशारा बहुत है तिरी शख्सियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read मिरा ऐब सबने गिनाया तो होगा मिरा ऐब सबने गिनाया तो होगा ज़माने ने उत्सव मनाया तो होगा क़दम बढ़ चले जब अंधेरों की जानिब उमीदों ने दीपक जलाया तो होगा खुदाया कि हो अब उमीदों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 188 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read किताबे-ज़ीस्त का उन्वान हो तुम किताबे-ज़ीस्त का उन्वान हो तुम मुझे लगता है मेरी जान हो तुम मिरी हर बात का मफ़हूम तुमसे खुदाया अब मेरी पहचान हो तुम अगर गीता के हैं कुछ पद्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read तुझे अपने घर पे बुलाने से पहले तुझे अपने घर पे बुलाने से पहले सजा लूँ ये कमरा दिखाने से पहले यहाँ अहतियातन जुरुरी बहुत है परख लूँ मैं रिश्ता निभाने से पहले वो फीका तबस्सुम वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read काम आ ही गई बंदगी दोस्तों काम आ ही गई बंदगी दोस्तों ज़िंदगी खुशनुमा हो गयी दोस्तों मोजिज़ा हो गया मिरी फ़िक्र में लफ्ज़ करने लगे शाइरी दोस्तों उसकी सौदागरी में ग़ज़ब बात थी ज़िंदगी लेके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read बता रहा है मिरे ऐब को हुनर मेरा रिवाज देश का मेरे ज़रा निराला है ज़मीर बेचने वालों के घर उजाला है तमाम मुश्किलों से उसने ही निकाला है मिरा ख़ुदा मिरा ख्याल रखने वाला है बता रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read बताये क्या तुम्हें क्या क्या हमारे घर नहीं होता बताये क्या तुम्हें क्या क्या हमारे घर नहीं होता वो हम जो सोचते है वो यहाँ अक्सर नहीं होता तुम्हें धन-धान्य प्यारा हो हमें माँ-बाप दे दो तुम बिना माँ-बाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 487 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read हमें उनसे मुहब्बत हो रही है हमें उनसे मुहब्बत हो रही है ज़मीने-दिल भी जन्नत हो रही है किसी का हुस्न ऐसा आइना है जिसे देखूं तो हैरत हो रही है ख़ुदा से माँगना है रोज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read गले का हार होना चाहता हूँ गले का हार होना चाहता हूँ मैं उसका प्यार होना चाहता हूँ सुना है सोच में तब्दीलियाँ हैं मिज़ाजे-यार होना चाहता हूँ उसे दुन्यावी चीज़ों से बचाकर मैं ख़ुदमुख्तार होना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 343 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read आप हमसे यूँ मिले है शह्र में आप हमसे यूँ मिले है शह्र में गुल ही गुल के सिलसिले है शह्र में अपनी सूरत आप ही देखा किये आईने ही आईने हैं शह्र में पांव के छाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read फिर दिये सा जगमगाना ज़िंदगी फिर दिये सा जगमगाना ज़िंदगी ख्वाहिशों का ताना-बाना ज़िंदगी बस यही तौफ़ीक़ उसकी है मुझे रूठ जाऊं तो मनाना ज़िंदगी तुझसे बिछड़ा दर-ब-दर हो जाऊँगा तू मिरा है आशियाना ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 200 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read बयान ए क़लम क्या लिखूं कैसे लिखूं मैं एक विश्वास लिखना चाहती हूँ काल के कपाल पर मैं इतिहास लिखना चाहती हूँ लिखना ही मेरा शौक़ है लिखना ही मेरी जिंदगी बिन लिखे... Hindi · कविता 470 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read जीत कर भी फिर से हारी जिंदगी जीत कर भी फिर से हारी ज़िंदगी पूछिए मत क्यूँ गुजारी ज़िंदगी इक महाजन सबके ऊपर है खड़ा जिसने हमको दी उधारी ज़िंदगी चूना-कत्था लग रहा है आये दिन पान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read अगर वो हादिसा फिर से हुआ तो !!! अगर वो हादिसा फिर से हुआ तो मैं तेरे इश्क में फिर पड़ गया तो कि उसका रूठना भी लाज़मी है मना लूँगा अगर होगा ख़फ़ा तो मिरी उलझन सुलझती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read किया तुमने भी है कल रतजगा क्या ? किया तुमने भी है कल रतजगा क्या तुम्हें भी इश्क़ हमसे हो गया क्या तुम्हें ही देखना चाहे निगाहें इजाज़त देगा मेरा आइना क्या मिरा तू मुद्द’आ तू मस’अला थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 548 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read अंतर्मन में जब बलवा हो जाता है अंतर्मन में जब बलवा हो जाता है रो लेता हूँ मन हल्का हो जाता है कैरम की गोटी सा जीवन है मेरा रानी लेते ही ग़च्चा हो जाता है रोज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share Nazir Nazar 21 Aug 2016 · 1 min read वो शे'र सुन के मिरा हो गया दिवाना क्या वो शे’र सुन के मिरा हो गया दिवाना क्या मैं सच कहूँगा तो मानेगा ये ज़माना क्या कभी तो आना है दुनियाँ के सामने उसको अब उसको ढूँढने दैरो-हरम में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share