Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Aug 2016 · 1 min read

आप हमसे यूँ मिले है शह्र में

आप हमसे यूँ मिले है शह्र में
गुल ही गुल के सिलसिले है शह्र में

अपनी सूरत आप ही देखा किये
आईने ही आईने हैं शह्र में

पांव के छाले अभी तक कह रहे
पै ब पै हम तुम चले है शह्र में

उम्र भर को आश्ना हमसे हुए
अजनबी ऐसे मिले है शह्र में

जिनकी किस्मत मंजिलें पाना नहीं
ऐसे भी कुछ रास्ते है शह्र में

कल कोई फिर ख्वाब पीकर मर गया
आज उसके तज़किरे है शह्र में

दम ब दम साया जो देते थे कभी
पेड़ वो काटे गये है शह्र में

नज़ीर नज़र

Loading...