Laxman Singh Language: Hindi 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Laxman Singh 15 Feb 2018 · 1 min read जाने कब इस जिन्दगी की शाम हो जाए जाने कब इस जिन्दगी की शाम हो जाए मुंतजिर हूं ना जाने कब आराम हो जाए उजड़ जाया करते हैं शजर मौसमे खिंजा में फ़स्ल ए गुल की आली-शान हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 484 Share Laxman Singh 13 Feb 2018 · 1 min read झरना झरने पर ना जाने क्या लिखकर डाला पढ़ ना पाया जाने क्या लिखकर डाला पहाड़ों से यह क्या धरा पर उतर आया शरीर से हृदय तक मदमस्त कर डाला बेरंग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 460 Share Laxman Singh 4 Feb 2018 · 1 min read हर शख्स मय में शान ए महफिल हो गए हर शख्स मय में शान ए महफिल हो गए ना लिये थे वो दरबान ए महफिल हो गए गुफ्तगू वहां कि हम मय -ए- बहक हो गए नजदीक आकर देखें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share Laxman Singh 2 Feb 2018 · 1 min read मुलाकातों के चर्चे सरेआम क्या हुये मुलाकातों के चर्चे सरेआम क्या हुये हर जगहां निगाहों के कैदखाना हुये _____________________________ बुरी नजरों के जाल इस कदर हो गए तुम उस पार और हम इस पार हो गए... Hindi · शेर 414 Share Laxman Singh 30 Jan 2018 · 1 min read ये चर्चे सरे आम थे कभी दबाये जाते नहीं ये चर्चे सरे आम थे कभी दबाये जाते नहीं उसकी यादों के परिंदे छोड़ कर जाते नहीं अल-सुबह अंगडाई ले वो हाथ जो उठाते थे मिरे जहन से वो खुशनुमा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share Laxman Singh 29 Jan 2018 · 1 min read शब्दों का चुरा ले गया कोई शब्दों का चुरा ले गया कोई कागज़ को भीगो गया कोई आँखों से सपने ले गया कोई नज़र नहीं धुंधला गया कोई Laxman Singh Hindi · शेर 239 Share Laxman Singh 27 Jan 2018 · 1 min read अभी घर से मकां के बीच का है फासला बाक़ी अभी घर से मकां के बीच का है फासला बाक़ी तेरे आने न आने का है करना फैसला बाक़ी हैं मयख़ाने में जाम-ओ-मय-ओ-पैमाने बहुत लेकिन लबो तक जाम को लाना... Hindi · शेर 228 Share Laxman Singh 25 Jan 2018 · 1 min read आओ मिलकर गणतंत्र उत्सव मनाये किसी ने कपास बोया किसी ने पानी पिलाया किसी ने निराई गुडाई की किसी ने कपास का सूत काता किसी ने उलझे को सुलझाया किसी ने हाथों से बुना तब... Hindi · कविता 263 Share Laxman Singh 23 Jan 2018 · 1 min read क्यों है मुफलिसी में रोटी और भूख में तकरार क्यों है इबादत के लिए मंदिर मस्जिद अलहदा क्यों है सजदा जमीं पर वो देखता आसमान से क्योंं है आब नदी में मीठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 579 Share Laxman Singh 22 Jan 2018 · 1 min read बसन्त आने से ये सर्दी भी गुलाबी हो गई बसन्त आने से गर्मी भी अंगडाई ले रही सुप्त अवस्था से पीत रंग धरा धरा ने तेरे बसन्त आने से राजा रंक पुल्लकित हुए... Hindi · कविता 455 Share Laxman Singh 21 Jan 2018 · 1 min read मुझसे टकरा के बिखर जाते है नहाकर जब जुल्फ झटकते हैं दिल ए जज्बात उभर जाते हैं सज संवर सामने पड़ जाते है इश्क ए रंग भी गहरा जाते हैं सहर ए बाग को जब जाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share Laxman Singh 17 Jan 2018 · 1 min read शेर हमने टूट कर चाहना चाहा उसे जो चाहा हो गया और टूट गया लक्ष्मण सिंह Hindi · शेर 254 Share Laxman Singh 16 Jan 2018 · 1 min read एक शेर मत पूछ कि कैसे काली रात में उजाला हो गया ये दिल जला और उसके घर में उजाला हो गया लक्ष्मण सिंह Hindi · शेर 359 Share Laxman Singh 15 Jan 2018 · 1 min read कसक ...... वो सर्वोच्च है मेरा सहारा सर्वोच्च है ऐसा ही भान पल रहा था जनता में खम्बा जिस पर न्याय महल टिका हो दरख गया विश्वास वो दरार देखकर भ्रष्टा और... Hindi · कविता 484 Share Laxman Singh 15 Jan 2018 · 1 min read प्यार खुदा की कीमती नेमत है दोस्त प्यार खुदा की कीमती नेमत है दोस्त इसे सरे राह शय में शुमार मत करना परवरिश ए मां बाप ही है तेरा ये वजूद अपने से दूर गैरों के हवाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 342 Share Laxman Singh 14 Jan 2018 · 1 min read पतंग वो लहरा रही थी वो उड़ान भर रही थी दिल पाने को मचल रहा था उसका घर आने का इंतजार था ना जाने कौन उसे थामे था उसकी राह में... Hindi · कविता 707 Share Laxman Singh 13 Jan 2018 · 1 min read कुछ दिल की तुम कहो कुछ दिल की तुम कहो कुछ दिल की मैं भी कहूं कुछ तुम मुझे पहचानों कुछ मैं भी तुम्हें जानूं कुछ पीड़ा मेरी तुम हरो कुछ पीडा मैं तुम्हामरी हरुं... Hindi · कविता 364 Share Laxman Singh 12 Jan 2018 · 1 min read बे वक्त ना आया जाया करो बे वक्त ना आया जाया करो मेरे खलल को टाल जाया करो सहर पर भी निकल जाया करो कदम से कदम भी मिलाया करो शाम को लोटूं तो मिल जाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 583 Share Laxman Singh 11 Jan 2018 · 1 min read दोहा दिल से निकरे दिल में रमे सो लेखनी दिमाग से उपजे चरणन रमे सो भक्ति लक्ष्मण सिंह जयपुर Hindi · दोहा 581 Share Laxman Singh 10 Jan 2018 · 1 min read आईना अगर तू बन जाये आईना अगर तू बन जाये सामने आ मैं भी संवर जाऊँ जब भी सामने तुम्हें देखूं मेरे सामने मैं ही दिख पाऊँ आसूं तुझमें भी महसूस करूं दर्द में अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 461 Share Laxman Singh 9 Jan 2018 · 1 min read बेटी का मान चल रहा एक अभियान मेरी बेटी मेरा अभिमान कह रहे नई शुरुआत श्रीमान क्यों हो रहा दिखावे का ज्ञान मेरी बेटी तो मेरा अभिमान उसकी बेटी का क्यों नहीं मान... Hindi · कविता 675 Share Laxman Singh 9 Jan 2018 · 1 min read इंतजार करता है अब फिर नहीं आऊंगा मन करता है पर एक दिन और इंतजार करता है बसंत से पतझड़ तक लगता जाता है क्यों एक दिन और इंतजार करता है सूरज की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 469 Share Laxman Singh 8 Jan 2018 · 1 min read नींद तुम यूं ही परेशान हो मुझसे वो मेरे नजर के सामने हो तो क्यूं कर बंद कर दो ये आँखे नींद तुम यूं ही परेशान हो मुझसे… वो मेरे नजर सामने ना हो तो क्यूं कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 520 Share Laxman Singh 8 Jan 2018 · 1 min read दोहा दिल से निकरे दिल में रमे सो लेखनी दिमाग से उपजे चरणन रमे सो भक्ति लक्ष्मण सिंह Hindi · दोहा 246 Share Laxman Singh 6 Jan 2018 · 1 min read लेकर ख्वाब आया कौन था वो अजनबी ना मिलकर भी मिल गया कैसी पहेली लेकर ख्वाब आया कौन था वो अजनबी .. सर्द ठुठरन भी क्यों कर लग रही भली भीड़ के कौलाहल में भी किसकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 523 Share Laxman Singh 5 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक दिल में हो अगर आग लगी तो जाहिर ना करना बाहर दिख जाय तो गैरों को आता है हाथ सेखना लक्ष्मण सिंह जयपुर Hindi · मुक्तक 414 Share Laxman Singh 5 Jan 2018 · 1 min read नववर्ष वर्ष तुम हर बार नववर्ष हो जाते हो अच्छीष बुरी स्मृ ति को इतिहास बना जाते हो नई ऊर्जा का संचार कर स्वप्नर दिखा जाते हो पीडाओं को भुलाने का... Hindi · कुण्डलिया 182 Share Laxman Singh 5 Jan 2018 · 1 min read कोई अहसास है जो कोई अहसास है जो दिल को धड़का जाता है चलती आहों और सांसों को रफ़तार दे जाता है कोरा कागज सी जिन्दंगी को इस कदर बिखेर जाता है स्यासही और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share