KRISHNA SHARMA 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid KRISHNA SHARMA 25 Jun 2020 · 3 min read “दिशाहीन होती युवापीढ़ी” एक विश्लेषणात्मक अध्ययन जब किसी के ह्रदय की वेदना अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाती है तो साधारण व्यक्ति हो या कितना भी गंभीर इंसान ही क्यों न हो हर कोई अपनी अभिव्यक्ति... Hindi · लेख 4 2 398 Share KRISHNA SHARMA 19 Jun 2020 · 7 min read संत कोरियकोस चावरा जब भगवान महान व्यक्ति को इस धरा पर भेजता है तो जन्म के साथ ही उसके माथे पर लिख देता है क्रांतिकारी, और फिर क्रांतिकारी के पथ में विश्राम कहाँ... Hindi · लेख 4 418 Share KRISHNA SHARMA 8 May 2020 · 5 min read जन्म दिन का हार एक शर्मा दम्पति बच्चों के साथ बैंगलोर शहर में रहते थे उनके परिवार में दो नन्हे-नन्हे फूल यानि दो पुत्र थे, एक की उम्र लगभग १२ साल और दूसरे बेटे... Hindi · कहानी 1 1 368 Share KRISHNA SHARMA 24 Apr 2020 · 11 min read दो-बूंद आज राजेंद्रनगर की तंग गलियों में एक बी एम् डब्लू के अचानक आकर रुकने से गलियों के बच्चों के लिए मानो एक अजुग्ग चीज देखने को मिल गई थी, वे... Hindi · कहानी 1 1 603 Share KRISHNA SHARMA 22 Apr 2020 · 13 min read बटी हुई माँ आज सुनीता का बैग उसकी छोटी बहू जल्दी-जल्दी तैयार कर रही थी क्योंकि आज से अगले छ: महीने के लिए सुनीता अपने बड़े बेटे के पास जाकर रहने वाली थी... Hindi · कहानी 2 2 627 Share KRISHNA SHARMA 20 Apr 2020 · 1 min read कोरोना नाजुके दौर यह कोरोना का, कदापि हितकारी नहीं है | मतिमारी गई उनकी,जो समझे इसे बीमारी नहीं है || दानव सा विकराल रूप, नित ही बढ़ता जाता है | जब... Hindi · कविता 2 237 Share KRISHNA SHARMA 20 Apr 2020 · 5 min read फल परिश्रम का अमनपुर गाँव में एक किसान का घर था उसके दो बेटे थे दोनों बेटे की शादी हो चुकी थी उन दोनों के बीच में चार नाती और तीन नातिने थी... Hindi · कहानी 1 1 216 Share KRISHNA SHARMA 19 Apr 2020 · 1 min read गुमान मैं टीले पर खड़ा, खुद को ऊँचा समझता रहा | कारवां आया चला भी गया, खोया गुमानो में अहम् की रंगरलियों में, थोड़ी सी सफलता में, थोड़ी सी चपलता में,... Hindi · कविता 1 3 284 Share KRISHNA SHARMA 19 Apr 2020 · 1 min read चीर-हरण छा गया अँधेरा धुँआ उठ रहा है, हाल ये ही मेरे भारत हो रहा है | नैतिकता पे भारी अनैतिकता हो रही है, संतरी से मन्त्री सभी मूक दर्शक है... Hindi · कविता 1 1 346 Share KRISHNA SHARMA 17 Apr 2020 · 1 min read यादें बचपन की कोई लौटा दे ओ मेरे बचपन की यादें, मिट्टी के घरौंदे बनाना ओ कागज की नावें चलाना | ओ गुल्ली-डंडे का अपना खेल निराला, ओ छुपान-छुपाई, झाबर,कब्बडी,अखाड़े को तरस जाना... Hindi · कविता 1 2 444 Share KRISHNA SHARMA 17 Apr 2020 · 3 min read दिशाहीन होती युवापीढ़ी जब किसी के ह्रदय की वेदना अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाती है तो साधारण व्यक्ति हो या कितना गंभीर इंसान ही क्यों न हो हर कोई अपनी अभिव्यक्ति प्रकट... Hindi · लेख 1 1 211 Share KRISHNA SHARMA 16 Apr 2020 · 1 min read मानव मानव मनुष्य भी क्या जीव है, सपने ही संजोता वो उम्र भर | बालक,भाई,प्रियतम,पिता वो, कभी दुश्मनी निभाता क्रूर बन || कभी प्रियतमा का प्रीतम, कभी वैभवशाली जन मानस का... Hindi · कविता 1 416 Share KRISHNA SHARMA 16 Apr 2020 · 12 min read सुन्दर की शाम सुबह तक़रीबन पौने चार बज रहे होंगे कि सुन्दर की आंख खुल गई उसे उसके प्लाटून कमांडर हरी सिंह जगा रहे थे और जगा कर कहा दो मिनट में तैयार... Hindi · कहानी 2 3 555 Share KRISHNA SHARMA 15 Apr 2020 · 1 min read भारत में कोरोना मनु नहीं मनुपुत्र तू, तेरे मन की न हार है | माना ये अदमें मौसम, प्रतिकूल अपार है || मानव पर आज 'कोरोना' लिए दानवातार है | अदृश्य शत्रु यह... Hindi · कविता 2 2 282 Share KRISHNA SHARMA 14 Apr 2020 · 1 min read अस्तित्व भारत का हम तपे-खपे जल भट्ठी में, ओ गला सकें औकात नहीं | उगता सूरज रोक सकें वे, उनके बस की बात नहीं || समय चक्र है,घना अँधेरा, पल है उनका कुछ... Hindi · कविता 2 352 Share KRISHNA SHARMA 14 Apr 2020 · 4 min read चिड़िया घर की 'ह्रदय को छू लेने वाली पूर्ण काल्पनिक कहानी " इलाहबाद बीच शहर के एक पुराने मोहल्ले की तंग गली में बने आलीशान मकान की छत पर धूप सेक रहे बूढ़े... Hindi · कहानी 2 1 641 Share KRISHNA SHARMA 14 Apr 2020 · 1 min read समय महान १. किसे सुनाऊॅ कौन सुनेगा, इस मौसम में मेरे मन की बात प्रिये | सभी मूक हैं, पर दर्द एक सा, सबके अपने-अपने झंझावात प्रिये || २. खुदा की खुदी... Hindi · कविता 1 500 Share KRISHNA SHARMA 13 Apr 2020 · 1 min read कोरोना सुनौ मनस वैश्विक महामारी , आज बनी कोरोना नाथ | कबहुँ न आवे पास जीव, मास्क मुँह औ साबुन धोवे हाथ || बैठ जीव अनोखो घर में, करो नए नित... Hindi · दोहा 2 256 Share KRISHNA SHARMA 13 Apr 2020 · 1 min read कटुक-वचन कटुक-वचन दुनिया वालों,तुम मिल दीप जलाओ | कटुक वचन तुम छोड़ो, समय हमारे पास नहीं | जीवन बीत रहा मुट्ठी बंद रेत सा, चादर तानो प्यार की, कुढ़ने को कुछ... Hindi · कविता 2 2 491 Share