Dr. Kishan Karigar Language: Hindi 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Kishan Karigar 22 Dec 2024 · 1 min read सियासत खुद का पेट भरेगी सियासत पहले खुद का ही पेट भरेगी या फिर तुम्हारा? सबको मज़हब के भेद मे लड़वा दिया कसूर उसका या तुम्हार? शायर© किशन कारीगर Hindi · शेर 11 Share Dr. Kishan Karigar 20 Nov 2024 · 1 min read ये मुफ़्लिसी भी ये मुफ़्लिसी भी बेहद तकलीफदेह जो है? वेबज़ह भी लोग हम गरीबों को हिकारत से देखते. शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 31 Share Dr. Kishan Karigar 14 Nov 2024 · 1 min read मज़हबी आग मज़हबी आग सुलगा दी गई? हम सभी झुलसते गए? वो दलाल सियासी रोटींया सेकता रहा? सब देखते रहे? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 31 Share Dr. Kishan Karigar 19 Sep 2024 · 1 min read फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा सुना है की अब तो नई सरकार गरीबों का भला करेगा? वोट मिल जाते ही चुपके से फिर वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा. ©किशन कारीगर Hindi · शेर 53 Share Dr. Kishan Karigar 4 Nov 2023 · 1 min read बाबा भक्त हास्य व्यंग्य भक्त- हो बाबा भूइकंप घरी कतअ छेलह ग? बलू कते तकलिअ जे बाबा बंचले हइ आ की सोहा? बाबा- हौ भागेसरक पुरूस्कारी जोगार मे जूरी लग रही सबटा सेटिंग गेटिंग... Hindi · हास्य-व्यंग्य 1 388 Share Dr. Kishan Karigar 31 Oct 2023 · 1 min read आबरू ही उधेड़ दिया उससे थोड़ी मदद क्या मांग ली? उसने तो आबरू ही उधेड़ दिया. मुसीबत मे मदद करने के बजाय वो? इज्जत को हमारे सरेआम निलाम कर गया? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 415 Share Dr. Kishan Karigar 14 Oct 2023 · 1 min read आदमी ही आदमी से खौफ़ खाने लगे आत्मीय आवोहवाओं को छोड़कर जिसे देखो वही? अब दिखावे की ज़िंदगी जीए जाने लगे हैं. रिशते नाते भी नफा नुकसान की तराजू मे हिंचकोले खाते अब आदमी ही तो आदमी... Hindi · शेर 183 Share Dr. Kishan Karigar 13 Oct 2023 · 1 min read नए शहर नए अफ़साने नए शहर के कुछ नए अफ़साने खुश हूँ पर डर भी है थोड़ा की? न जाने कैसे दोस्त यार मिलेंगें? अब उस नए शहर में ढूँढ रहा नए आशियाने. शायर©किशन... Hindi · शेर 357 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2023 · 1 min read रिश्ते भी तो बजारू हो गए की आजकल रिश्ते भी तो बज़ारू हो गए. जिधर पूँजी दिखी लोग उधर ही रिश्ता बनाए रहते. अक्सर देखा है हक़ीकत में की ग़रीबी आ जाए फिर कौन भला? रिश्ते... Hindi · शेर 178 Share Dr. Kishan Karigar 15 Jul 2023 · 1 min read प्रकृति के फितरत के संग चलो बिकास के अंधी दौड़ मे जिसे देखो वही सब? अरे भाई क्यूं तुम दूर भागे जा रहे हो? प्रकृति पर्यावरण सब काम आएंगें प्रकृति के फितरत के संग चलो। कंक्रीट... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 812 Share Dr. Kishan Karigar 20 Jun 2023 · 2 min read वर्तमान समाज में बढ़ती संवेदनहीनता वर्तमान समाज में बढ़ती संवेदनहीनता प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हो जाने भर को ही सफलता कामयाबी कहने वाला समाज संवेदनहीन होते जा रहा. समाजिक सरोकारों के प्रति संवेदान, वैचारिक व्यबहारों... Hindi · लेख 2 1k Share Dr. Kishan Karigar 14 Jun 2023 · 1 min read मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता) माँ के पेट में ही छटपटा रही मैं बेटी हो के जन्म ले रही तो क्या हुआ? मुझे मत मारो पापा मुझे भी तो जीने दो पापा. बेटा ही हो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1k Share Dr. Kishan Karigar 24 May 2023 · 9 min read फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी) बिहार के छोटे से अंचल का एक छोटा सा गांव मंगरौना जहां रामू और श्याम का एक ही बस्ती में घर था. दोनो साथ ही खेलते कूदते और बगल के... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 875 Share Dr. Kishan Karigar 19 May 2023 · 1 min read हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता) उफ़ हाई रे मेरी तोंद ये कितनी हिलती डुलती है सेक्रेटरी से कितनी बार पूछा चल ये बता क्या, ये दिखती भी है? डरते डरते उसने इतना बताया जनता सालों-साल... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1k Share Dr. Kishan Karigar 16 May 2023 · 1 min read सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता) सफ़र थोड़ा और है बांकी कुछ दूर और चलले साथी मंज़िल दूर है तो क्या? रास्ते में कहीं तो मिल जाएगी. ग़मो से मत होना परेशान असफ़लताओ से तुम मत... Poetry Writing Challenge · कविता 3 2 385 Share Dr. Kishan Karigar 16 May 2023 · 1 min read ढूँढती है निगाहें (मार्मिक कविता) तुम्ही बताओ न जाने क्यूँ? दिलो जाँ से मुहब्बत करने वाले शायद अब कभी ना मिलेंगें पर कैसे बताऊँ तुम्हें? ढूँढती है निगाहें. हर एक सूरत में हर कहीं सिर्फ़... Poetry Writing Challenge · कविता 1 333 Share Dr. Kishan Karigar 15 May 2023 · 1 min read आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर? साहित्य के दलाल हो या फिर कोई बाजीग़र? तुझसे डरूँगा नहीं मैं कभी? यथार्थ दिखा बेनक़ाब कर दूँगा तुझे? आखिर हूँ जो मैं भी तो कारीगर? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 286 Share Dr. Kishan Karigar 15 May 2023 · 1 min read होली आ गई खुशियों की त्योहार होली सबने सजाई अपने घर रंगोली रंग गुलाल लेकर निकल पड़े देखो आई है मस्तों की टोली. रंगो से भर के पिचकारी एक दूसरे पर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 189 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read यादों में हम खो गए (मार्मिक गीत) आप मुझे छोड़कर कहीं चले गए सच्ची मुहब्बत में नादान कुछ पल रो लिए। इठलाती.बलखाती आपकी हँसी पैग़ाम.ए.मुहब्बत बन गए तस्वीर देखकर आपकी यादों में हम खो गए। आपकी जुदाई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 175 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read घोटालेबाजों की मेरीट लिस्ट (हास्य कविता) सभी एक दूसरे पे चिल्ला रहे थे आखिर क्यों नहीं मैं? बनी है घोटालेवाजों की मेरिटलिस्ट इस लिस्ट में मेरा नाम नहीं। एक ने दूसरे को धकियाआ चल हट जा... Poetry Writing Challenge · कविता 394 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read चैनों-अमन की बातें अब कौन करता? चैनों-अमन की बातें अब कौन करता? उसे तो उल-जलूल सा लगता हमदर्द अब रह गए ही कितने? क्या कहे “किशन” हर कोई झूठी आहे भरता. जमाना भी खुदगर्ज़ कितना हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 253 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read लुगाई और मँहगाई (हास्य कविता) अपने मित्र को देखते ही? मैं भड़क उठा और बोला छोटे भाई बन मेरी लुगाई को घूरने से अच्छा? की तूं उसे ले ही भाग. मेरे मित्र ने पूछा, अच्छा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 336 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 2 min read बँटवारा (मार्मिक कविता) आज भाइयों के बीच कहा सुनी हो रही क्योंकि बँटवारा जो हो रहा है लेकिन ये लड़ाई वो नहीं जब पिता कुछ खाने को लाते थे और ये लड़ते थे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 309 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read दिल किसी का दुखाया (मार्मिक कविता) दिल किसी का दुखाया मैंने दिल किसी का दुखाया मैने दिल किसी का दुखाया। नादान था बहुत ही नटखट नादानगी में उनको बहुत सताया।। जिसने झुलाया था हमें अपनी बाहों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 427 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read मैं भी चापलूस बन गया (हास्य कविता) आखिर क्या करता मैं? कहाँ मारा फिरता? किसको समझाता कहाँ नहीं धक्के खाता? ईमानदारी से हश्र एसा हुआ की? अब मैं भी चापलूस बन गया? इन चापलूसों की ही तो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 662 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता) सुना बै बहुत फाइदें है? चुनाव ही तो जीतना है. बहुत जल्द मालामाल हो जाउँगा? फिर तो मैं भी चुनाव लड़ूँगा? धर्म जाति के नाम पर लोगों को लड़बाउँगा? लगे... Poetry Writing Challenge · कविता 2 630 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read सच्चा प्रेम कहाँ है? कौन ढूँढेगा? किसको ख़बर है? सच्चा प्रेम ना जाने अब किधर है? दिल क्यूँ ना मिलते अब? हृदय मे प्यार अब किधर है? प्यार में इतनी शर्तें आहें भी न... Poetry Writing Challenge · कविता 294 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read ईमानदार की मौत हो जाती है (मार्मिक कविता) जहाँ सौ मे नब्बे लोग झूठें हो? स्वार्थ से भरा झूठ ही झूठ हो? फिर कौन करेगा ईमानदारी की बात? झूठ के आगे ईमानदार की मौत हो जाती है? इस... Poetry Writing Challenge · कविता 374 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read अदबो ईल़्म सी उर्दू ज़शन ए उर्दू. अदबो इल़्म सी उर्दू . चैनो अमन की क़हक़शां है उर्दू . हर मुक़्तिलिफ़ की गंगा जमुनी तहज़ीब हो उर्दू. जबसे मालूमात हुआ की मीठी जबां है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 291 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read दलाल ही दलाल (हास्य कविता) दलाल ही दलाल (हास्य कविता) मीडिया भी दलाल मुल़्क के हुक़्मरान भी दलाल कौन करेगा इनके काले कारनामों का पर्दाफाश? न्यायपालिका कार्यपालिका भी बन गए दलाल सुना है मोटी कमाई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 780 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता) जिम्मेदारीयों के बोझ तले दबा हुआ पिता बच्चों की ख़ातिर फिर भी खुश रहता है पिता. बीबी से भी कभी शिकायत नहीं कर पाता? बीबी बच्चों के लिए हर पल... Poetry Writing Challenge · कविता 2 511 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read पिता (मर्मस्पर्शी कविता) घर परिवार की जिम्मेदारीयों को निभाता रहता हर घर में वो जो है पिता. बच्चो बीबियों की खुशियों के ख़ातिर अपना हर ग़म छुपा लेता है पिता. जी तोड़ मेहनतक़शी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 318 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read बच्चों के पिता रूठें हैं बच्चें आज उनको मनाने, ढेर सारे खिलौने लेकर आया है पिता. अच्छा तुम्हें और क्या चाहिए? बताओ ना? बच्चों को मनाते हुए पुछ रहा है पिता. बच्चों की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 461 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता) कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता) मुझे तो बस यही चिंता सत्ता रही की बजी अब चुनाबी घंटी मैं कैसे अपना वोट बैंक बढ़ाऊँ सत्ता की गलियारों में फिर कैसे... Poetry Writing Challenge · कविता 2 516 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read चंदा मामा (बाल कविता) चाँदनी रात में खिलखिला के हँसते हो कितने उजले दाँत हैं आपके प्यारे मामा? मैं आपके लिए नया टूथ ब्रश खरीदूँगा मेरे घर भी आओ ना चंदा मामा. मेरी माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 541 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read किसे फुर्सत है? (मर्मस्पर्शी कविता) किसे फुर्सत है? हर कोई भाग रहा किसे फुर्सत है? शहर बन गया है तमाशाबीन कोई दर्द से चीखता-कराहता पर कोई करता तक धिनाधीन. कोई दौलत के पीछे तो हर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 234 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता) बूढा बरगद का पेड़ बोला मेरी ही टहनियों को काटकर छाँव की तलाश में भटक रहे लोग कराहते हुए कहीं यहीं पर जैसे बूढा बरगद का पेड़ बोला. कुछ याद... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1k Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read जमाना नहीं शराफ़त का (सामायिक कविता) तुम किसी के साथ विनम्रता से पेश आओ वे तुम्हें बुद्धजिल कमज़ोर समझेंगें वेबज़ह चलती ट्रेन से दे देंगें धक्का अब तो जमाना नही रहा शराफ़त का. अपने फायदे के... Poetry Writing Challenge · कविता 394 Share Dr. Kishan Karigar 14 May 2023 · 1 min read ज़िस्म के लुटेरे (मार्मिक कविता) जिस्म के लुटेरे यहाँ भी वहाँ भी कुछ उधर भी सफेदपोश चादर ओढ़े कुछ लोग ये खरोंच डालेंगे तेरे जिस्म हर कहीं बैठें हैं जिस्म के लुटेरे क्या कर लोगे... Poetry Writing Challenge · कविता 190 Share Dr. Kishan Karigar 3 Jan 2023 · 1 min read कौन जिता है अब ना वो सितम, ना कोई अफसाने? तू ना सही, कोई और भी तो है, मेरी मकबुलियत के कद्रदान हमारे. कौन जिता है अब?तेरी जुल्फों के सहारे? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 354 Share Dr. Kishan Karigar 1 Jan 2023 · 1 min read मिले वो सारी खुशियाँ नए साल में मिले वो सारी ख़ुशियाँ, जो हर पल तुम्हें खुश रखे? थोड़ी सी ख़ुशी उन मेहनतक़शो संग बाँट लेना, जो दो वक्त की रोटी के लिए जी तोड़... Hindi · शेर 139 Share Dr. Kishan Karigar 27 Dec 2022 · 1 min read ज़िस्म के लुटेरे जिस्म के लुटेरे यहाँ भी वहाँ भी कुछ उधर भी सफेदपोश चादर ओढ़े कुछ लोग ये खरोंच डालेंगे तेरे जिस्म हर कहीं बैठें हैं जिस्म के लुटेरे क्या कर लोगे... Hindi · कविता 209 Share Dr. Kishan Karigar 16 Dec 2022 · 1 min read दहशतग़र्द क़त्लेआम कर दिया? तेरा क्या? तेरा तो कुछ न हुआ दहशतगर्द. उकसावे किसी के बहकावे में आकर, क़त्लेआम कर दिया तू ही बता रोते बिलखते अब मैं कहाँ जाऊं? पर "किशन" का तो... Hindi · शेर 166 Share Dr. Kishan Karigar 14 Dec 2022 · 1 min read वीडियो वायरल हो गई बचाने के बजाय घायल की वीडियो बनाते रहे? उस राहगीर की तड़पते हुए जान चली गई? क़ाश कोई हाॅस्पीटल तक पहुँचाया भी नहीं? सभी कहते ना थकते की वीडियो वायरल... Hindi · शेर 1 176 Share Dr. Kishan Karigar 28 Nov 2022 · 1 min read दिलजले हैं कितने? इस शहर में दिलजले हैं कितने क़रीब से उन्हें देखा है कभी? क़त्ल हुई उनके मासूमियत कि, पर खुद उन्हें इसकी ख़बर तक ना हुई. सर्वाधिकार सुरक्षित©किशन कारीगर Hindi · शेर 127 Share Dr. Kishan Karigar 9 Nov 2022 · 1 min read ईंसानियत के कायदे इंसां की औलाद हो तो फिर, इंसानियत के कायदे भी सीख. मजहब के नाम पे फिर क्यूँ? खून-खराबे सी हालात करते?? शायर- ©किशन कारीगर Hindi · शेर 2 210 Share Dr. Kishan Karigar 25 Oct 2022 · 1 min read कुछ दुआ करो चेहरे पे मुस्कान है, मुस्कुराहट बनी रहेगी. कुछ दुआ करो, ख़ुदा से मेरे लिए भी मेरे हर कामयाबी की ख़बर, सभी शामयीन को मिलती ही रहेगी. शायर- किशन कारीगर (कॉपीराइट@) Hindi · शेर 193 Share Dr. Kishan Karigar 21 Oct 2022 · 1 min read बेवज़ह उसी ने सोचा मददगार होगा वो? उसे अपनी तकलीफ़ तो बता दी? बेवज़ह उसी ने फिर भरी बाज़ार, मेरी ईज़्जत जो उछाल दी? शायर ©किशन कारीगर Hindi · शेर 2 378 Share Dr. Kishan Karigar 18 Oct 2022 · 1 min read रिशतों का एहसास कितने भी गहमागहमी हो जाए? कुछ सलिक़े फिर भी बचाए रखो? कहीं हो फिर से रिशतों का एहसास, की गले मिल जाओ? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 1 291 Share Dr. Kishan Karigar 14 Oct 2022 · 1 min read तल्ख़ सी अल्फाज़ फ़ायदे की ख़ातिर मीठे बोल न सीख पाया? ना मै बोला कभी? सच्ची बातों की तक़ल्लुफ मे फिर, मेरी तल्ख़ सी अल्फाज़ ही सही? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 1 135 Share Page 1 Next