Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2022 · 1 min read

दहशतग़र्द क़त्लेआम कर दिया?

तेरा क्या? तेरा तो कुछ न हुआ दहशतगर्द.
उकसावे किसी के बहकावे में आकर, क़त्लेआम कर दिया
तू ही बता रोते बिलखते अब मैं कहाँ जाऊं?
पर “किशन” का तो आशियाना उजड़ गया.
शायर- किशन कारीगर
(कॉपीराइट@)

Language: Hindi
Tag: शेर
135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
जो महा-मनीषी मुझे
जो महा-मनीषी मुझे
*Author प्रणय प्रभात*
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जपू नित राधा - राधा नाम
जपू नित राधा - राधा नाम
Basant Bhagawan Roy
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
बेवफा
बेवफा
Neeraj Agarwal
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"प्रपोज डे"
Dr. Kishan tandon kranti
कांग्रेस की आत्महत्या
कांग्रेस की आत्महत्या
Sanjay ' शून्य'
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
Naushaba Suriya
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
2864.*पूर्णिका*
2864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं उन लोगो में से हूँ
मैं उन लोगो में से हूँ
Dr Manju Saini
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पुरानी पेंशन
पुरानी पेंशन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
अहमियत 🌹🙏
अहमियत 🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
मजबूरी नहीं जरूरी
मजबूरी नहीं जरूरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...