Juhi Grover Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Juhi Grover 29 May 2024 · 1 min read भगवान भी शर्मिन्दा है कितनों के तुम दिल तोड़ोगे, बस अब खत्म करो ये सिलसिला, बेवफाई भी तुम से शर्मिन्दा है। कितनों को तुम जीते जी मारोगे, बस अब रोको ये काफ़िला, अब तो... Poetry Writing Challenge-3 · इन्सान · कविता · पुलिन्दा · भगवान · शर्मिन्दा 98 Share Juhi Grover 27 May 2024 · 1 min read परत दर परत परत दर परत दिल में एहसास जम गए थे कई, अन्दर ही अन्दर बस बढ़ते गए थे ज़ख्म कई, ज़िन्दगी का एहसास ही खत्म हो गया हो जैसे, मौत का... Poetry Writing Challenge-3 · एहसास · कविता · ज़िन्दगी · परत दर परत · मरहम 108 Share Juhi Grover 27 May 2024 · 1 min read कोई तो मेरा अपना होता शहर बदला, लोग बदले, कोई तो घर आता, खिड़की से आते जाते देख,यही उम्मीद होती, ................आखिर कोई तो मेरा अपना होता। नया शहर,नई जगह,कोई तो मेरे तक पहुँचता, कहीं कोई... Poetry Writing Challenge-3 · अजनबी · अपना पराया · कविता · लोग · शहर 92 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read सूखा पेड़ सूखा पेड़ हूँ मैं, बस यों ही खड़ा रहूँगा, बूढ़ा हो गया हूँ,पर छाया तो देता रहूँगा, तुम मुझे काटो चाहे कितने ही कष्ट दो, तुम्हारी ज़रूरतें तो पूरी करता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · छाया · बेरहमी · लालच · सूखा 156 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read सहज - असहज सहज ही मिल जाती हैं जब खुशियाँ, उनकी कद्र ही गंवा देते हैं कुछ लोग, सहज ही खर्च कर देते हैंसब खुशियाँ, असहज हो जाते हैं ज़िन्दगी में लोग। ठोकरें... Poetry Writing Challenge-3 · असहज · उधार · कविता · खुशियां · सहज 1 132 Share Juhi Grover 26 May 2024 · 1 min read भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार,भ्रष्टाचार,भ्रष्टाचार, आखिर क्या है ये भ्रष्टाचार, जानते ही नहीं हैं हम, और, बिना जाने कैंसे हो उपचार। हम भी करते हैं भ्रष्टाचार, तुम भी करते हो भ्रष्टाचार, अब यही है... Poetry Writing Challenge-3 · उपचार · कविता · भविष्य · भ्रष्टाचार · व्यवहार 104 Share Juhi Grover 23 May 2024 · 2 min read नारी जाति को समर्पित बहुत सुना ली सब को अपनी व्यथा, अब न तू समाज में बस मज़ाक बन, अबला, असहाय, कमज़ोर न तू बन, तू खुद अपनी अब बस पहचान बन। अन्धे, गूंगे... Poetry Writing Challenge-3 · अग्निकुण्ड · इतिहास · कविता · नारी · समर्पित 76 Share Juhi Grover 23 May 2024 · 1 min read प्यार के ढाई अक्षर हम तुम्हारे लिए रातों की नींद खो बैठे, और तुम किसी और को ही दिल दे बैठे। हमारी चाहतों का क्या परिणाम दिया, जहाँ आगाज़,वहीं पे ही अन्जाम किया। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · अन्जाम · आगाज · इकरार · कविता · परिणाम 107 Share Juhi Grover 22 May 2024 · 1 min read ताजमहल पुख्ता बुनियाद पर टिकी थी इमारत, उस पर लिख दिए कई बड़े इबारत। प्रशंसा के कसीदे तो बहुत पढ़े गए, नेताओं ने कई भाषण भी पढ़ दिए। मगर नही दिखा... Poetry Writing Challenge-3 · अत्याचार · कविता · कारीग़र · ताजमहल · प्रतिकार 63 Share Juhi Grover 22 May 2024 · 1 min read याद आते हैं याद आते हैं बचपन के दिन, वो खेलना, कूदना, मम्मी पापा की डाँट, वो दोस्तों के साथ झगड़ा, झगड़ा और दोस्ती का खेल चलते रहना, बस रोज़................. बस रोज़.................. बात... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · झगड़ा · परवाह · बचपन · याद 66 Share Juhi Grover 20 May 2024 · 1 min read तुम्हारी दोस्ती पक्के दोस्त तो थे तुम मेरे, जीने की बस वजह थे मेरे, जीने की वजह बदल दी मैंने, तुम्हारी दोस्ती तोड़ दी मैंने। तुम कभी भी बुरे तो नहीं थे,... Poetry Writing Challenge-3 · अरमान · एहसास · कविता · दोस्ती · हमराज़ 1 58 Share Juhi Grover 20 May 2024 · 1 min read आधुनिकता का नारा आज शहर शहर में चल रहा है आधुनिकता का नारा, आधुनिकता क्या है नहीं जानते । घसीट रहे हैं घिसे पिटे रीति रिवाज़ों को, चले आ रहे हैं,बरसों से अन्धविश्वासों... Poetry Writing Challenge-3 · आधुनिकता · कविता · दक़ियानूस · नवयुग · नारा 1 53 Share Juhi Grover 19 May 2024 · 1 min read मत जागरूकता जागो कि तुम बार बार ही सो चुके, बार बार अधिकार अपने खो चुके, मानवता का यों हनन तुम कर चुके, अपनी ही अहमियत को भूल चुके। चुनौतियों को ही... Poetry Writing Challenge-3 · अहमियत · कविता · जागरूकता · मताधिकार · संविधान 1 88 Share Juhi Grover 19 May 2024 · 2 min read स्त्री का तो बस चरित्र ही नहीं ऐसे भी लोग होते हैं, अपनी माँ को देख कर भी, दूसरों की बहनों का सम्मान नहीं करते, बस अपनी बहन की कीमत जानते हैं, दूसरों का तो बस चरित्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चरित्र · मानसिकता · राजनीति · स्त्री 1 69 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी के निशां यहाँ ज़िन्दगी की धड़कनें थम सी गई हैं, चलो, दूसरे घर नहीं, तीसरे घर चलते हैं, कहीं तो ज़िन्दगी में साँसें मौजूद हीहोंगी, कि कहीं तो ज़िन्दादिली ही वजूदमें होगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहर · ख़्वाहिशें · ज़िन्दगी · ज़िन्दादिली 1 51 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ध्वनि प्रतिध्वनि वहाँ ध्वनि प्रतिध्वनि की गूँज, कण कण में विराजमान थी। गूँज रहा था लहरों का संगीत, और प्रतिध्वनि में थी मधुरता। चाहतों का बहता था समन्दर, और प्रतिध्वनि में थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ध्वनि · प्रतिध्वनि · विराजमान · विह्वलता 1 45 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read लहर लहर चल पड़ी है, नक्कालों की, चापलूसों की और चालाकों की। नकल करना ही भाता है उन्हें, नया करना नहीं लुभाता उन्हें। काम करने की आदत छूट गई, हदों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चमत्कार · लहर · व्यवधान 60 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 69 Share Juhi Grover 14 May 2024 · 1 min read अंक की कीमत मैं जब कमाने लगा, पैसों की कीमत समझने लगा, आमदनी एक अंक नज़र आने लगा। मग़र समझ न पाया, उस अंक की कीमत, जिसमें मैं बड़ा हुआ, और उस अंक... Poetry Writing Challenge-3 · अंक · आमदनी · कविता · कीमत · हिसाब 47 Share Juhi Grover 14 May 2024 · 1 min read रोशनी की किरण वक़्त का चिराग़ बुझते बुझते, ज़िन्दगी का सफ़र थमते थमते, एक रोशनी की किरण पास आई। ऊपर से मुस्कुराहट थी, अन्दर कुछ दर्द सा था, लगती वो बिल्कुल परी सी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किरण · चिराग़ · रोशनी · वक्त 52 Share Juhi Grover 13 May 2024 · 1 min read तुम मेरी यादों से उतर गये थे कब से तुम, फिर ख्वाबों में आ के क्यों सताते हो, जिन अल्फाज़ों को छोड़ चुकी थी मैं, बार बार कानों में तुम क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · आईना · इन्तजार · एहसास · कविता · तराना 1 57 Share Juhi Grover 13 May 2024 · 1 min read पल भर की दोस्ती पल भर की दोस्ती पल भर की ये सिर्फ दोस्ती, करीब ला देती है इतना, कि दोस्ती तोड़ने के सिवा, चारा नही रह जाता कोई। पल भर की ये सिर्फ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गहरा · ज़ख्म · दोस्ती 49 Share Juhi Grover 12 May 2024 · 1 min read पता ही न चला इस चुपचाप ज़िन्दगी में, चुपचाप ये क्या हो गया, पता ही न चला। कहने को तो, नसीब होता है अपना अपना मगर सपनों के चलते, रास्ता कैंसे वीरान हो गया,... Poetry Writing Challenge-3 · आंचल · कविता · जिंदगी · नसीब · रास्ता 1 60 Share Juhi Grover 12 May 2024 · 1 min read अच्छा नही लगता वो मुस्कुराना तेरा, दिल को धड़काना तेरा, वो नाराज़ हो करके दिल को तड़पाना तेरा, अच्छा लगता है, पास आना तेरा। यादों में बार बार आना तेरा, साँसों में समा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · दर्द · नाराज़ · पतझड़ · बेचैनी 1 73 Share